जो तुमको हो पसंद, वही बात करेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे
जो तुमको …
चाहेंगे, निभाएंगे, सराहेंगे आप ही को
आँखों में दम है जब तक, देखेंगे आप ही को
अपनी जुबान से आपके जजबात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे
जो तुमको हो पसंद …
कदाचित् इस गीत की पंक्ति आज हर सुहागिनी महिला को अपने पति की ओर से सुनने को मिली होगी। करवा चौथ की सांझ को सुहागिनियों ने चांद का दीदार कर पति की दीर्घायु और सर्व गुण संपन्न होने की कामना की। तो वहीं, पतियों ने भी उन्हें हर समय साथ रहने और प्रत्येक परिस्थिति में साथ निभाने का वायदा किया। आज तीर्थनगरी के बाजारों में सिर्फ जोड़े ही देखने को मिले। एक साथ तीर्थनगरी के बाजारों में सुहागिनी महिलाओं को यूं सजा संवरा देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा था मानों देवी और देवता एक साथ आ पहुंचे। इस मौके पर फोटोग्राफरों की भी धूम रहीं। ग्रुप फोटों खींच कर देकर उन्होंने भी चांदी बटोरी।
कोरोना काल पर सुहागिनियों की जीत हुई। तीर्थनगरी में वही जज्बे, उत्साह और उत्सव की भांति करवा चौथ का पर्व मनाया गया। सुबह से ही महिलाओं ने स्नान आदि कर निर्जल व्रत धारण किया। दोपहर बाद सामूहिक रूप से करवा चौथ की कथा, पार्वती माता, चैथ माता की कथा का श्रवण किया।
शाम ढलते ही सुहागिनियों ने दुल्हन की भांति तैयार और उनके पतियों ने दुल्हे की तरह परिधान पहने। इसके बाद गंगा तट पर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया। यहां सामूहिक रूप से ग्रुप फोटो खिंचवाई। इसके बाद चांद आने पर छलनी की मदद से पति का चेहरा देखा। इसके बाद पतियों ने अपनी पत्नियों को जल पिलाकर व्रत खुलवाया। इसके बाद पूर्ण रूप से व्रत खोला गया। व्रती महिलाओं ने पति सहित परिवार के सभी बड़े लोगों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। साथ ही चांद से पति की लंबी उम्र की कामना भी की।