राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थानों में लंबे समय से कार्य कर रहे उपनल के आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित किए जाने को लेकर प्रदेश सरकार हिमाचल की तर्ज पर नियमावली बनायेगी। प्रदेश सरकार ने हिमाचल सरकार में लागू नियमावली मंगाई है, जिसका अध्ययन करने के बाद एक प्रस्ताव तैयार होगा और इसे कैबिनेट में लाया जाएगा। यह आश्वासन मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने उपनल कर्मचारियों के समर्थन में आये प्रतिनिधिमंडल को दिया।
बता दें कि भाजपा के वरिष्ठ विधायक पुष्कर सिंह धामी और स्वामी यतीश्वरानंद के नेतृत्व एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मुलाकात की। उन्होंने मुख्य सचिव को बताया कि प्रदेश में करीब 20 हजार उपनल कर्मचारी आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। न्यायालय से भी उनके चरणबद्ध नियमितीकरण का आदेश हो चुका है। उन्हें नियमित करने पर विचार होना चाहिए।
मुख्य सचिव ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है। हिमाचल में लागू नियमावली को मंगाया गया है। नियमावली का अध्ययन करने के बाद सरकार नियमावली का प्रस्ताव तैयार करके कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत करेगी। दोनों विधायकों ने उपनल कर्मियों का वेतन बढ़ाये जाने पर सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उपनल की महिला कार्मिकों को (सीसीएल) बाल्य देखभाल अवकाश तथा पितृत्व अवकाश देने का अनुरोध किया।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव को उन उपनल कर्मचारियों के नामों की सूची भी सौंपी, जिन्हें नौकरियों से हटाया गया है। सीएस ओम प्रकाश ने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार के शासनादेश के तहत हटाए गए उपनल कर्मचारियों को वापस लिया जा रहा है।
वहीं, प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण राधा रतूड़ी से भी मुलाकात की। उनसे शिकायत की गई कि 10 अगस्त के आदेश के बाद भी विभाग हटाए गए कर्मचारियों की बहाली नहीं कर रहे हैं। एसीएस ने कहा कि शासनादेश का कड़ाई से पालन कराने को लेकर जल्द ही विभागाध्यक्ष को एक पत्र जारी किया जाएगा। सदस्यों ने एसीएस को उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति उपलब्ध कराई।