उत्तराखंड के चमोली शहर में नमामि गंगे परियोजना हादसे की मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट शुक्रवार को जिला मजिस्ट्रेट को सौंपी गई थी। इसके बाद आज जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष को सार्वजनिक किया गया। इस मजिस्ट्रीयल जांच में एसटीपी संचालन में कई खामियां पायी गई हैं।
इसके लिए प्लांट के संचालन के लिए जिम्मेदार फर्म ज्वांइट वेंचर के जयभूषण मलिक कंस्ट्रक्शन पटियाला और कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि. कोयम्बटूर को दोषी मानते हुए इसका अनुबंध निरस्त करते हुए इसे प्रदेश भर में ब्लैक लिस्ट किये जाने की संस्तुति की गई है। साथ ही अन्य संस्तुतियां भी जांच रिपोर्ट में की गई हैं।
चमोली शहर में नमामि गंगे परियोजना के एसटीपी में बीती 19 जुलाई को करंट दौड़ने से 16 लोगों की मौत हुई थी और 12 लोग घायल हो गये थे। इस घटना की मजिस्ट्रीयल जांच अपर जिलाधिकारी चमोली को सौंपी गई थी। शुक्रवार को लगभग पौने दो सौ पेज की जांच रिपोर्ट जांच अधिकारी अपर जिलाधिकारी डा. अभिषेक त्रिपाठी ने डीएम को सौंपी।
जांच रिपोर्ट का संक्षिप्त विवरण जिला सूचना अधिकारी कार्यालय के माध्यम से आज जारी किया गया। इसमें दुर्घटना का विश्लेषण, संभावित कारण और निष्कर्ष में उल्लेख किया गया है कि एसटीपी की विद्युत व्यवस्था के लिए किये गये अनुबंध, विद्युत सुरक्षा के मानकों के अनुरूप न होना पाया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि परिसर में अर्थिंग मानकों के अनुसार नहीं की गई थी, जिससे करंट लोहे से बने स्ट्रक्चर में फैल गया। एसटीपी तक पहुंच वाले मार्ग का संकरा होना भी इस घटना के लिए जिम्मेदार माना गया है। अनुबंध फर्म की ओर से किये गये कार्यों के अनुश्रवण और समीक्षा का अभाव, विद्युत विभाग और जल संस्थान के कार्मिकों के मध्य आपसी सामंजस्य का अभाव भी जांच में पाया गया है।
दुर्घटना के लिए जिम्मेदार प्रतिष्ठान, विभाग और कार्मिक-
मजिस्ट्रीयल जांच में ज्वाइंट वेंचर के जयभूषण मलिक कंस्ट्रक्शन पटियाला और कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि. कोयम्बटूर के साथ उत्तराखंड पेयजल निगम/जल संस्थान के मध्य हुए अनुबंध का भी उल्लंघन पाया गया है। विभाग के साथ फर्म की ओर से किये अनुबंध के अनुरूप कार्मिकों की भी तैनाती नहीं की गई थी। दिल्ली निवासी एक्सिस पावर कंट्रोल्स के डायरेक्टर भाष्कर महाजन का ज्वाइंट एडवेंचर फर्म का अधिकृत कार्मिक न होने के बाद भी कार्य करना पाया गया। एसटीपी के रखरखाव और संचालन के लिए फर्म की ओर से जल संस्थान को दिए गये बिलों में भी संदिग्धता पायी गई है।
मजिस्ट्रीयल जांच में दी गई संस्तुति-
चमोली हादसे के जांच अधिकारी अपर जिलाधिकारी चमोली डा. अभिषेक त्रिपाठी ने अपनी जांच में जो संस्तुति दी है उसके अनुसार नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत ज्वांइट वेंचर के जयभूषण मलिक कंस्ट्रक्शन पटियाला और कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्रा.लि. कोयम्बटूर के अनुबंध को निरस्त करने, फर्मों को उत्तराखंड राज्य, भाष्कर महाजन की फर्म एक्सिस पावर कंट्रोल्स दिल्ली को उत्तराखंड में ब्लैक लिस्ट करने के साथ ही तीनों फर्मों को को पूरे भारत वर्ष में ब्लैक लिस्ट किये जाने की संस्तुति की गई है।
ज्वाइंट एडवेंचर फर्म की ओर से उत्तराखंड पेयजल निगम को दी गई 110.75 बैंक गारंटी को जब्त करने, एसटीपी में घटित 19 जुलाई की घटना के लिए मुख्य जिम्मेदार ज्वाइंट वैंचर के विरुद्ध विधि अनुकूल दंडात्मक कार्रवाई, संबंधित विभागीय कार्मिकों/अधिकारियों जो ज्वाइंट वेंचर फर्म के साथ शर्तों की अनुपालन करवाने में असफल रहे और नियमित निरीक्षण तथा अनुश्रवण करने में असफल रहे उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की भी संस्तुति जांच रिपोर्ट में दी गई है। साथ प्रदेश भर के सभी एसटीपी और अन्य ऐसे प्लांट जहां पर विद्युत सुरक्षा में चूक होने की संभावना हो का विद्युत सुरक्षा का आडिट कराये जाने की संस्तुति की गई है। ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो के साथ ही अन्य संस्तुति भी दी गई है।