प्रदेश में आठ माह पूर्व हुए निवेश सम्मेलन का असर धरातल पर दिखने लगा है। सम्मेलन के दौरान किए गए समझौतों के बाद 98 योजनाओं पर काम होना शुरू हो गया है। इनमें तकरीबन 13261.83 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इन योजनाओं के धरातल पर उतरने से लगभग 28686 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
प्रदेश में बीते वर्ष अक्टूबर में दो दिवसीय निवेश सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में लगभग एक करोड़ बीस लाख करोड़ रुपये निवेश के प्रस्तावों पर हस्ताक्षर हुए। इससे सरकार खासी उत्साहित भी थी। आठ माह बाद जो तस्वीर सामने आई है उसके मुताबिक प्रदेश में अभी तक 98 प्रस्तावों पर काम शुरू हो गया है। इनमें सबसे अधिक कार्य उद्योग के क्षेत्र में हुआ है। इसमें 32 योजनाओं पर काम चल रहा है, जिसमें 3692 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद जताई गई है। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं और परिवार कल्याण के क्षेत्र में 26 योजनाओं पर काम चल रहा है और इसमें 861 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। रोजगार के लिहाज से देखें तो सूचना प्रौद्योगिकी में सबसे अधिक उम्मीदें हैं। इसके तहत यहां पांच योजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें 3217 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है और इससे 11730 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना जताई गई है। निवेश के लिहाज से सबसे ज्यादा उम्मीदें पशुपालन क्षेत्र में हैं। इसके तहत तीन योजनाओं पर काम हो रहा है, जिसके अंतर्गत 3850 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।
मुख्य सचिव उद्योग मनीषा पंवार ने मंत्रिपरिषद के सामने ये आंकड़े प्रस्तुत किए। यह भी बताया गया कि निवेश सम्मेलन में हुए करार के अलावा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के 211, सूचना प्रौद्योगिकी के दो बड़ी योजनाओं पर भी काम हो रहा है, जिनमें 2700 करोड़ का निवेश और 10832 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।