राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण अपने साथ हुए दुव्र्यवहार के बाद धरना दे रहे आठ सांसदों को चाय पिलाने पहुंचे। हालांकि उनकी लाई हुई चाय को सांसदों ने पीने से मना कर दिया। आरोपित आठों सांसद संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना दे रहे थे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि हरिवंश नारायण दुव्र्य्यवहार के खिलाफ उपवास पर बैठेंगे।
बीते रविवार को विपक्ष के सांसदों ने कृषि बिलों के विरोध में राज्यसभा में हंगामा किया था। सदन की रूलबुक फाड़ दी और माइक तोड़ने की कोशिश भी की थी। सोमवार को राज्यसभा सभापति ने आठ सांसदों को सात दिन से लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया था।
निलंबित सांसदों के नाम डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजीव सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, सैयद नासिर हुसैन, डोला सेन और ए करीम हैं। निलंबन का फैसला सुनने के बाद सभी आठ सांसद संसद परिसर में धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे सांसदों की पहली मांग है कि किसान विरोधी विधेयक वापस लिया जाए। उनकी दूसरी मांग है कि उनका निलंबन वापस हो।
उपसभापति के चाय लाने पर राज्यसभा से निलंबित कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने कहा कि हरिवंश जी ने कहा कि वो आज यहां उप सभापति के रूप में नहीं, बल्कि हमारे साथ काम करने वाले एक साथी के रूप में आए हैं। उन्होंने कहा कि वह हमारे लिए चाय और नाश्ता भी लाए थे। हमने अपने निलंबन के विरोध में कल से यह धरना प्रदर्शन शुरू किया। हम पूरी रात यहां रहे हैं। सरकार से कोई भी हमारे बारे में पूछने के लिए नहीं आया। कई विपक्षी नेता हमारे बारे में पूछताछ करने और हमारे साथ एकजुटता दिखाने के लिए आए थे। हम इस प्रदर्शन को जारी रखेंगे।