उत्तराखंडः चार गांवों जखोल, सूपी, हर्षिल व गूंजी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिला

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेश के चार गांवों जखोल, सूपी, हर्षिल व गुंजी को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिलना उत्तराखंड के लिए बड़े गौरव की बात है। राज्य सरकार, प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार की होम स्टे योजना इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण साबित हो रही है। इसके अलावा, हमारी सरकार नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित करने के साथ ही राज्य में साहसिक पर्यटन की गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है। इससे राज्य में रोजगार सृजन में भी मदद मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का बताया था। राज्य सरकार उनके दिखाए मार्ग पर चलकर हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कार्य कर रही है। जनता के सहयोग से राज्य में हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 4.4 प्रतिशत बेरोजगारी घट गई है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर परीक्षाओं में नकल रोकने को लेकर आदर्श स्थापित किया है। इसी के परिणाम स्वरूप राज्य सरकार विगत कुछ समय में पूरी पारदर्शिता के साथ सत्रह हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती करने में सफल हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए भी तेजी से कार्य किए जा रह हैं।

कार में गारबेज बैग रखने से लोगों में आएगी अच्छी आदतः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर स्वच्छता ही सेवा के तहत कार गार्बेज इको फ्रेंडली बैग वितरण अभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत यह एक अच्छी मुहिम चलाई गई है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति जन जागरण का काम निरंतर चलते रहना चाहिए। उन्होंने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इससे लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आएगी। उन्होंने कहा कि प्रायः यह देखने में आता है कि लोग कार में बैठने के बाद खानपान की वस्तुओं के रैपर, प्लाटिक वेस्ट इत्यादि को सड़क पर यूं ही फेंक देते हैं। उन्होंने कहा कि कार में गारबेज बैग रखकर कूड़ा एकत्र करने से लोगों में इसे कूडेदान में ही डालने की अच्छी आदत पड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। आज बहुत से क्षेत्रों में उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों की श्रेणी में है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में राज्य को प्रथम स्थान मिला है। राज्य में बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत घटी है। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। पर्यटन देवभूमि उत्तराखण्ड की आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए मजबूत आधार है। पर्यटन प्रदेश के रूप में उत्तराखण्ड की देश और दुनिया में एक अलग पहचान है।

इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, किशोर उपाध्याय, सरिता आर्य, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डॉ पराग मधुकर धकाते, उद्योगपति राकेश ओबेरॉय एवं इस अभियान से जुड़े अन्य लोग मौजूद थे।

उत्तराखंड को पर्यटन पुरस्कार मिलने पर सीएम ने दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उत्तराखंड को बेस्ट एडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन एवार्ड तथा पर्यटन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किये जाने पर प्रदेशवासियों को शुभकामना दी है। मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने वाला बताते हुए कहा कि इससे उत्तराखंड के नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य एवं पर्यटन क्षेत्रों को देश व दुनिया में पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर राज्य के पर्यटन को यह एक सौगात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। साहसिक पर्यटन के दृष्टिगत माउंटेनियरिंग, रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कैम्पिंग, पैराग्लाइडिंग, माउंटेन बाईकिंग आदि गतिविधियों का भी राज्य में काफी विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चारधाम कॉरिडोर की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र में मानस खंड कॉरिडोर बनाने के लिये भी प्रयासरत है। इससे जहां एक ओर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर पूरे कुमाऊं के आधारभूत ढ़ांचे को भी मजबूती मिलेगी।

पर्यटन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रदेश को मिला प्रथम पुरस्कार

विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उत्तराखंड राज्य को पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बेस्ट एडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन और पर्यटन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है। प्रदेश के पर्यटन व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ से यह पुरस्कार प्राप्त किया। इस अवसर पर सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे भी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड को ये पुरस्कार मिलने पर पर्यटन मंत्री महाराज ने समस्त प्रदेशवासियों और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को बधाई दी। महाराज ने कहा कि यह सम्मान उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य देश-विदेश के सैलानियों को प्रदेश में आने का निमंत्रण देता है जहां पर्यटन की सभी श्रेणियों में हर प्रकार की सुविधाएं और अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार को ही मसूरी में हेलीकॉप्टर के माध्यम से हिमालय दर्शन की सेवा का भी शुभारंभ किया गया है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा पर्यटन विभाग उत्तराखंड में पर्यटकों को आकर्षित करने वाली कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को मिले दोनों पुरस्कार यह सिद्ध करते हैं कि प्रदेश को लेकर पर्यटकों के बीच लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है। श्री महाराज ने कहा कि हिमालय दर्शन सेवा शुरू होने से प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोत्तरी होगी। पर्यटक जॉर्ज एवरेस्ट से हेलीकॉप्टर के माध्यम से हिमालय की ऊंची-ऊंची चोटियों और उत्तराखंड के अलौकिक नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।

पर्यटन के क्षेत्र में राज्य में उठाये गये नए कदमों की जानकारी देते हुए सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटकों की बढ़ती हुई रूचि को देखते हुए पर्यटन विभाग ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर एक बहुत ही आकर्षक फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कॉन्टेस्ट का भी शुभारंभ किया है। इसके अंतर्गत पांच विभिन्न श्रेणियों में फोटो एवं वीडियो ऑनलाइन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इस कॉन्टेस्ट के माध्यम से पर्यटन प्रेमियों को 25 लाख रुपए से भी अधिक के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

महाराज ने बताया उत्तराखंड पर्यटन द्वारा देशभर के ट्रैवल इनफ्लुएंसर के लिए भी एक आकर्षक योजना लांच की गई है जिसके अंतर्गत अंग्रेजी ही नहीं अपितु क्षेत्रीय भाषाओं में वीडियो बनाने वाले ट्रैवल इनफ्लुएंसर का इंपैनलमेंट पर्यटन विभाग में किया जाएगा। इसके पश्चात उन्हें उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर परिचयात्मक भ्रमण अर्थात फैमिलियराइजेशन टूर आयोजित करवाए जाएंगे, जो उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रायोजित होंगे। श्री महाराज ने कहा कि हमारी योजना है कि ट्रैवल और टूरिज्म क्षेत्र के इनफ्लुएंसर्स के माध्यम से उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता, यहां की लोक कलाएं, यहां की ग्रामीण संस्कृति, यहां की एडवेंचरस भू-पारिस्थितिकी, होमस्टे, अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव और पौष्टिक व्यंजन देश के कोने-कोने तक पहुंचें।

पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा, प्रदेश में शीतकालीन पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए इस बार कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इनमें अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक होने वाला ट्रैक ऑफ द ईयर-पिंडारी ग्लेशियर और बागची बुग्याल, मसूरी व नैनीताल में दिसंबर 2022 में आयोजित होने वाला विंटर लाइन कार्निवाल, दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 तक चंपावत में राफ्टिंग चौंपियनशिप, फरवरी 2023 में औली में आयोजित होने वाली नेशनल स्कीइंग चौंपियनशिप और मार्च 2023 में ऋषिकेश में होने वाला अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव जैसे आयोजन शामिल हैं।

प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने मे पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। विश्व पर्यटन दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य सदियों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। जबकि यहां के चारधाम देश व दुनिया के करोड़ों लोगों के आस्था के केंद्र रहे हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने मे पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य, दुनियाभर में लोगों को पर्यटन के महत्व के प्रति जागृत करना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तेजी से हो रहा है। इससे प्रदेश में आने वाले पर्यटकों, तीर्थयात्रियों को आवागमन में आसानी होगी। रोड़ कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की आर्थिकी के लिए लाभकारी होगा। श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। इसे विश्व स्तरीय धार्मिक स्थल बनाया जा रहा है। बद्रीनाथ मन्दिर के सौन्द्रयीकरण की दिशा में पहल की गई है। उन्होंने कहा कि साहसिक पर्यटन के दृष्टिगत माउंटेनियरिंग, रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कैम्पिंग, पैराग्लाईडिंग, माउंटेन बाईकिंग आदि गतिविधियों का भी राज्य में काफी विस्तार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक मंदी से जूझ रहे चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज जारी कर संजीवनी देने का काम किया। जिसकी बदौलत चारों धाम के होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालक आदि के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एकमुश्त सहायता राशि सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई है। यह धनराशि लाभार्थियों के खाते में सीधे जमा करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यटन हमारी आर्थिकी का महत्वपूर्ण विषय रहा है। इसके लिये राज्य में नये पर्यटन स्थलों के विकास के साथ ही पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा पर्यटकों की सुख सुविधाओं का विशेष ध्यान दिये जाने पर कार्य किया जा रहा है। हमारा प्रयास राज्य के नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं जैव विविधता को देश व दुनिया के सामने लाना है।

सीएम त्रिवेंद्र ने दिया भरोसा, बोले कोविड की स्थिति सामान्य होने पर पर्यटन में होगा सुधार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन विभाग द्वारा वेबनार के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन तेजी से बढ़ा है। राज्य में धार्मिक एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोविड के कारण पर्यटन गतिविधियों में जरूर कमी आई है, लेकिन स्थिति सामान्य होने पर पर्यटन की स्थिति में तेजी से सुधार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रत्येक जनपद में थीम आधारित पर्यटन स्थल विकसित किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड में पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड विभिन्न जैव विविधताओं वाला राज्य है। बर्फ से ढ़की पर्वत श्रृंखलाएं, बुग्याल, विभिन्न प्रकार के जीव -जन्तु एवं अच्छा मानव संसाधन देवभूमि उत्तराखण्ड की ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है। उत्तरकाशी जनपद में स्नो लेपर्ड पार्क बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड में पर्यटन पर आधारित गतिविधियां पूरे साल हो, इसके लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। क्याकिंग, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल वातावरण है। सीमान्त क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में होमस्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी 2200 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी में काफी अच्छे होम स्टे बनाये गये हैं। होम स्टे के प्रति लोगों का रूझान भी बढ़ा है। होम स्टे पर्यटकों को आकर्षित तो करता ही है साथ ही यहां के लोगों के लिए रोजगार के भी अच्छे अवसर उपलब्ध करा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड आगमन के लिए अब पर्यटकों के लिए अच्छी सुविधा है। सर्दियों के समय उत्तराखण्ड का प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य पर्यटकों को यहां आने के लिए प्रेरित करता है। अब उत्तराखण्ड में आवागमन के लिए अनेक साधन हैं।

समग्र प्रयास से बदलेगी उत्तराखंड की तस्वीरः सतपाल
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र का उत्तराखण्ड की जीडीपी में अहम योगदान रहा है। हम पर्यावरण हित पर्यटन की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। पर्यटन एवं तीर्थाटन के माध्यम से स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। हमारा प्रयास आपदा को अवसर में बदलने का है। विश्व पर्यटन की इस वर्ष की थीम ‘पर्यटन और ग्रामीण विकास है’। ग्रामीण विकास के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। आने वाले दिनों में हमारे समग्र प्रयास से फिर उत्तराखण्ड की तस्वीर बदलेगी, पर्यटन गतिविधियों से लोगों की आजीविका में सुधार होगा।

अतिथि देवो भवः की हमारी को उत्तराखंड ने सदैव कायम रखाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म तथा आयुष के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। प्रदेश का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य सदियों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। जबकि यहां के चारधाम देश व दुनिया के करोड़ों लोगों के आस्था के केंद्र है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने मे पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसी के दृष्टिगत राज्य में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि ‘अतिथि देवो भवः’ की हमारी परम्परा रही है। हमें अपनी इस परम्परा को सदैव कायम रखना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य, दुनियाभर में लोगों को पर्यटन के महत्व के प्रति जागृत करना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्यटन को वर्षभर स्थानीय निवासियों के लिए आर्थिक गतिविधियों का स्रोत बनाये जाने का हमारा प्रयास है। प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के लिये ’13 जिले-13 नए पर्यटन गंतव्य’, स्थापित किये जाने के साथ ही अनेक अन्य पर्यटन गंतव्य विकसित करने की दिशा में भी पहल की जा रही है। चारधाम सड़क योजना एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तेजी से हो रहा है। इससे प्रदेश में आने वाले पर्यटकों, तीर्थयात्रियों को आवागमन में आसानी होगी। श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। इसे विश्व स्तरीय धार्मिक स्थल बनाया जा रहा है। बद्रीनाथ मन्दिर के सौन्द्रयीकरण की दिशा में पहल की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड 19 का प्रभाव अन्य क्षेत्रों की भांति प्रदेश के पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ा है। पिछले छः माह से पर्यटन व्यवसाय में आये ठहराव को अब आगे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे है। होटल, राफ्टिंग, फिल्म शूटिंग, चारधाम यात्रा जैसे क्षेत्रों को शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाये जा रहे हैं। इसके लिए एसओपी के तहत गाइड लाइन भी तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वैश्विक महामारी का यह दौर भी समाप्त होगा तथा देवभूमि में पर्यटन व्यवसाय चार धाम यात्रा तथा यहां के नैसंर्गिक प्राकृतिक स्थलों पर फिल्मांकन आदि व्यवसाय अपने पूर्व स्वरूप में दृष्टिगोचर होने लगेगा।