सभी दिव्यांगों को जिलेवार विशेष कैंप अगले विश्व दिव्यांग दिवस तक होंगे आयोजित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पूर्व में की गई घोषणा के तहत अगले विश्व दिव्यांग दिवस तक सभी दिव्यांग जनो को जिलेवार विशेष कैम्प आयोजित कर उनकी आवश्यकतानुसार उपकरण निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने तथा दिव्यांग छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा हेतु निःशुल्क ऑन लाईन कोचिग व्यवस्था किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री द्वारा विद्यानसभा क्षेत्र रूद्रपुर के ग्रामीण क्षेत्र हरिचांद गुरूचांद बंग विशाल सामुदायिक भवन के निर्माण हेतु 69.19 लाख की वित्तीय स्वीकृति के साथ देहरादून में बलभद्र खलंगा मेले के आयोजन हेतु 5 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने बेस चिकित्सालय, पिथौरागढ़ के लिये चण्डाक मोटर मार्ग के उचित स्थान से एप्रोच रोड का निर्माण किये जाने, जिला अस्पताल, पिथौरागढ़ से सटे हुये अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग के सरकारी आवास को अयन्त्र स्थान पर शिफ्ट करते हुये जिला अस्पताल का विस्तार किये जाने, ध्वज जयन्ती माता मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु विकास कार्य किये जाने तथा तहसील मुख्यालय देवलस्थल में आयोजित होने वाले बाराबीसी महोत्सव के आयोजन हेतु रूपये पाँच लाख का आर्थिक अनुदान प्रदान किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने सीपू (गलाती नाला) एवं कालिका नाले (पुल तक) धारचूला, में सुरक्षात्मक कार्य किये जाने, पिथौरागढ़ में निवासरत राजी जनजाति को प्रशिक्षण दिये जाने, मुख्य राज मार्ग धारचूला-टनकपुर से सम्पर्क मार्ग ओगला हशेस्वर मिलान का कार्य के साथ मूलघाट से जौलजीवी सड़क मार्ग में तालेश्वर मंदिर के समीप दोनों और स्वागत द्वार का निर्माण किये जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री द्वारा तहसील गैरसैंण के ग्राम सारकोट को आदर्श ग्राम सभा बनाये जाने के साथ सारकोट से भराड़ीसैण मोटर मार्ग का डामरीकरण कर उसका नाम शहीद स्व0 श्री वासुदेव के नाम पर किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने विधान समा क्षेत्र कर्णप्रयाग स्थित उत्तराखण्ड के एकमात्र दानवीर कर्ण के मंदिर का सौन्दर्गीकरण किये जाने की स्वीकृति प्रदान करते हुए गैरसैण को गढ़वाल एवं कुमाऊ जनपदों से जोड़ने तथा पर्यटन को सुगम एवं सुविधाजनक बनाये जाने हेतु गैरसैंण में उत्तराखण्ड परिवहन निगम का डिपो बनाये जाने के लिये विभागीय का आख्या उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये है।

विश्व दिव्यांग दिवसः सीएम ने दक्ष दिव्यांगजनों को प्रदान किये राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर सुभाष रोड स्थित वैडिंग प्वाइंट में आयोजित दिव्यांग राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में 89 दक्ष दिव्यांग कर्मचारियों, खिलाड़ियों एवं स्वतः रोजगार रत दिव्यांगजनों व उनके सेवायोजकों को राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया, जिसमें 25 दक्ष दिव्यांग कर्मचारी, 32 दक्ष दिव्यांग खिलाड़ी, 30 स्वतः रोजगार रत दिव्यांगजन एंव 2 दिव्यांगजनों के सेवायोजक सम्मिलित थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आगामी विश्व दिव्यांग दिवस तक सभी दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकतानुसार सभी जिलों में स्पेशल कैंप लगाकर नि शुल्क उपकरण उपलब्ध कराए जाने एवं दिव्यांग विद्यार्थियों को निःशुल्क ऑनलाइन आई.ए.एस कोचिंग की व्यवस्था कराए जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर पुरस्कृत होने वाले सभी उत्कृष्ट एवं दक्ष दिव्यांगजनों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह का ये माहौल हम सभी के लिए किसी भी प्रेरणा से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम आज प्रदेश के उन दिव्यांग नायकों को सम्मानित कर रहे हैं, जिन्होंने अपने आत्मविश्वास, धैर्य और साहस से न केवल अपना जीवन बदला है बल्कि दिव्यांगों के प्रति समाज की सोच और दृष्टिकोण को भी बदलने का काम किया है। सभी दिव्यांगजनों ने अपनी शारीरिक परिस्थिति को एक चुनौती के रूप में लेकर न केवल अपने सपनों को साकार किया है, बल्कि समाज को प्रेरित करने का कार्य भी किया है।

दिव्यांगजनों के साहस व समर्पण की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकारी दफ्तरों से लेकर खेल के मैदान तक प्रत्येक जगह हमारे दिव्यांग भाई-बहन अपनी क्षमता का लोहा मनवा रहे हैं। यही नहीं सभी ने अपनी लगन और मेहनत के बल पर इस कविता की ये पंक्ति सार्थक की है कि…… ‘‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश में दिव्यांगजनों के लिए अनेकों कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने देश में ‘दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016’ को लागू किया, जिसमें दिव्यांगता के प्रकारों को 7 से बढ़ाकर 21 किया गया। आज इस ऐतिहासिक परिवर्तन से दिव्यांगजनों के दैनिक जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी प्रदेश में दिव्यांगजनों के लिए प्रत्येक स्तर पर सुविधाओं को बढ़ाने का काम कर रही है। आज जब भी हम कोई अस्पताल, बस अड्डा जैसी सार्वजनिक इमारत बनाते हैं तो उसमें इसका विशेष ध्यान रखा जाता है कि हमारे दिव्यांग भाई-बहनों को आने जाने में किसी भी प्रकार की कोई असुविधा ना हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को अलग-अलग कैटेगरी में विभिन्न प्रकार की पांच पेंशने दी जा रही है, जिनके माध्यम से प्रदेश के करीब एक लाख दिव्यांगजन लाभान्वित हो रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में दिव्यांगजनों को प्रतिमाह 1500 रुपये पेंशन तथा जन्म से दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को 18 वर्ष तक प्रतिमाह 700 रुपए का भरण-पोषण अनुदान दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य करने के दौरान दुर्घटनावश दिव्यांग हो जाने पर 1200 रूपए प्रतिमाह की पेंशन दी जा रही है। 21 वर्ष की आयु होने के बावजूद 4 फीट से कम लंबाई वाले व्यक्तियों को भी 1200 रूपए प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। दिव्यांगजनों को विशिष्ट पहचान पत्र जारी कर सरकारी कल्याणकारी योजनाओं की पहुँच सुनिश्चित की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दिव्यांगजन से विवाह करने पर 25 हजार रुपए की धनराशि दिव्यांग दंपत्ति को प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जा रही है। यही नहीं कक्षा एक से कक्षा आठ तक के दिव्यांग बच्चों अथवा दिव्यांग अभिभावकों के बच्चों को भी छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग या उपकरण खरीदने के लिए 7 हजार रुपए की धनराशि भी एकमुश्त प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दिव्यांगजनों को आर्थिक लाभ देने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में भी प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। दिव्यांगजनों के स्वरोजगार हेतु जनपद टिहरी, नैनीताल व पिथौरागढ़ में प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें दिव्यांगजनों को निःशुल्क प्रिंटिंग प्रेस, सिलाई कटाई आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगों को बहुआयामी सेवायें प्रदान किये जाने हेतु प्रत्येक जनपद में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों की भी स्थापना की गयी है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अंतर्गत राज्य में ‘‘दिव्यांग सलाहकार बोर्ड’’ का गठन भी किया गया है। दिव्यांगजनों के अधिकारों के संरक्षण और संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु राज्य में न्यायालय आयुक्त की स्थापना की गयी है, साथ ही प्राप्त शिकायतों के निस्तारण हेतु ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा भी प्रारम्भ की गयी है। राज्य में मानसिक रूप से दिव्यांग महिलाओं हेतु देहरादून में एक विशेष ‘‘नारी निकेतन’’ संचालित किया जा रहा है। इसी प्रकार हरबर्टपुर क्षेत्र में मानसिक रूप से दिव्यांग महिलाओं को सबल बनाये जाने हेतु ‘‘हाफ वे होम’’ संचालित किया जा रहा है। जहां एक ओर स्वास्थ्य विभाग द्वारा देहरादून में ‘मानसिक स्वास्थ्य संस्थान’ संचालित किया जा रहा है वहीं ऊधमसिंहनगर में ‘विशेष मानसिक पुनर्वास गृह’ का निर्माण भी किया जा रहा है।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सचिव समाज कल्याण नीरज खैरवाल, निदेशक एवं आयुक्त दिव्यांगजन प्रकाश चंद्र, अपर सचिव गौरव कुमार सहित बडी संख्या में अन्य लोग मौजूद रहे।

दिव्यांगजनों को राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार की धनराशि 05 हजार से बढ़ाकर 08 हजार होगीः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय दक्षता पुरस्कार समारोह में दिव्यांगजनों को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुल 32 दिव्यांगजनों को प्रशस्ति पत्र, मेडल, मान पत्र एवं 5-5 हजार की धनराशि देकर सम्मानित किया। जिसमें 10 उत्कृष्ट दिव्यांग कर्मचारी, 11 दक्ष दिव्यांग खिलाड़ी, 10 स्वतः रोजगार में रत दिव्यांगजन एवं 01 सेवायोजक अधिकारी शामिल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों के बीच जाकर उनका हौंसला बढ़ाया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर दिव्यांगजनों के लिए चार घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि दक्ष दिव्यांग कर्मचारियां, उनके सेवायोजकों, स्वतः रोजगार से रत दिव्यांग व्यक्तियों एवं दिव्यांग व्यक्तियों के सेवायोजक अधिकारियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार के रूप में दी जाने वाली धनराशि 05 हजार रूपये से बढ़ाकर 08 हजार रूपये की जायेगी। दिव्यांगजनों को विभिन्न सहायक यंत्र/उपकरण हेतु कृत्रिम अंग अनुदान की धनराशि 3500 रूपये से बढ़ाकर 7000 रूपये की जायेगी। वृद्धावस्था पेंशन योजना की तरह ही दिव्यांग पेंशन योजना को सरलीकृत करते हुए ऐसे समस्त दिव्यांग भी पेंशन हेतु पात्र होंगे, जिनके पुत्र/पौत्र 20 वर्ष से अधिक आयु के हों। दिव्यांगजनों को परीक्षाओं में न्यूनतम उत्तीर्ण अंक में 05 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने राज्य दक्षता पुरस्कार 2022 से सम्मानित होने वाले सभी दक्ष कार्मिकों, सेवायोजकों को शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार सेवा और सहयोग के भाव के साथ दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए लगातार कार्य हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में दिव्यांग जनों को सामाजिक और आर्थिक दोनों क्षेत्रों में समानता का अधिकार दिलाने के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं। उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। हमारे दिव्यांगजन अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति एवं संकल्प के साथ अपने-अपने क्षेत्रों में सराहनीय योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी सकारात्मक सोच एवं दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढे़, तो सब कुछ करना संभव है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याणार्थ वर्ष 2022-23 में 155 करोड़ रूपये का प्राविधान किया है। आर्थिक रूप से कमजोर दिव्यांग भाई-बहनों को 1500 रूपये की मासिक पेंशन दी जा रही है। दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को प्रतिमाह 700 रूपये का अनुदान भरण पोषण हेतु दिया जा रहा है। सरकारी नौकरियों में भी दिव्यांगजनों के लिए क्षैतिज आरक्षण 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है। प्रत्येक जनपद में जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से दिव्यांगजनों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। दिव्यांग से विवाह करने पर प्रोत्साहन के रूप में 25000 रूपये की धनराशि भी दी जा रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हमारे दिव्यांगजन सदैव इसी उत्साह और उमंग के साथ राज्य की प्रगति और विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, मेयर सुनील उनियाल गामा, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, प्रमुख सचिव समाज कल्याण एन. फैनई, निदेशक समाज कल्याण बी.एल. फिरमाल, आयुक्त दिव्यांगजन कर्मेन्द्र सिंह, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।