उत्तराखंड विधानसभा के चतुर्थ विधानसभा का अंतिम सत्र कल विधिवत संपन्न हो गया। रविवार को ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने इस सरकार में 5 साल के अंतर्गत अयोजित सभी सत्रों के उपवेशनो को सफलतापूर्वक संपादित करने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का सम्मान किया। इस अवसर पर अग्रवाल ने सदन संचालन में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष सहित तमाम लोगों के सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया।
बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय पर विधानसभा अध्यक्ष एवं क्षेत्रीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल के सम्मान में आयोजित समारोह के अवसर पर उन्होंने कहा कि यह सम्मान कार्यकर्ताओं का है जिन्होंने ऋषिकेश विधानसभा से चुनाव जीता कर उन्हें विधानसभा में भेजा। उन्होंने कहा कि जब ऋषिकेश की जनता ने उन्हें विधायक बनाकर सदन में भेजा तभी वह विधानसभा अध्यक्ष भी बन पाए। इसी कारण उन्होंने विधानसभा में विभिन्न गतिविधियों सहित विधानसभा का सफल संचालन भी किया।
अग्रवाल ने कहा है कि जब उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया तब उन्होंने निर्णय लिया था कि अपने ऋषिकेश विधानसभा सहित उत्तराखंड विधानसभा में अनेक गतिविधियां संचालित करेंगे जो उत्तराखंड के लोगों के हित मे हो। उन्होंने प्रयास किया है कि राज्य के हित के लिए सत्ता पक्ष व विपक्ष को साथ लेकर कार्य करेंगे परिणाम स्वरुप वह कार्य उन्होंने बखूबी करने का प्रयास किया है।
उन्होंने विधानसभा में संचालित विभिन्न सत्रों में की गई कार्रवाई को लेकर कहा कि मेरे लिए यह सुखद एहसास है कि देहरादून एवं गैरसेंण में इन 5 सालों में 70 उपवेशन आहुत हुए, इस दौरान 27 बार सदस्यों द्वारा सदन में पूछे गए तारांकित प्रश्नों को निश्चित समयावधि पर उत्तरित किया गया जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। जिसके लिए सदन के अंदर सत्ता पक्ष व विपक्ष के अनेक विधायकों ने उनकी भूरी भूरी प्रशंसा भी की है।
इस अवसर पर श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य गोविंद सिंह रावत ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने ऋषिकेश विधानसभा का नाम ना केवल सदन में ऊंचा किया बल्कि उत्तराखंड के हित के लिए अनेक निर्देश सरकार को दिए हैं जिससे आम लोगों को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तराखंड विधानसभा की कार्रवाई को सफलतापूर्वक संचालित किया जो अपने आप में ऐतिहासिक है।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के नेता सतपाल सैनी ने कहा है कि जिस प्रकार से विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने विगत 5 वर्षों से विधान सभा का संचालन किया वह सभी लोगों के लिए अनुकरणीय है। जहां विधानसभा के अंदर 101 फीट ऊंचा तिरंगा स्थापित किया गया है, वहीं विधानसभा की बाहरी दीवारों पर नंदा राजजात के भित्ति चित्र उत्तराखंड के संस्कृति के संरक्षण एवं बाहरी लोगों को अपनी ओर यकायक आकर्षित करते हैं।
इस अवसर पर राम गोपाल रतूड़ी, राजपाल पवार, अध्यापक विनीत कुमार सिंघल, गोपाल सती, रजनी बिष्ट, कविता शाह, अरुण बडोनी, उषा जोशी, पार्षद रीना शर्मा, सिमरन गाबा, तनु रस्तोगी, नमिता अग्रवाल, सुनील शेट्टी, कमल कुमार, गौतम राणा, अंकुर, दुर्गेश जाटव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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एनसीसी कैडेट्स ने विधानसभा में कार्यवाही का संचालन देखा
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन 32 एनसीसी कैडेट्स ने दर्शक दीर्घा में बैठकर सदन की कार्यवाही देखी। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में पीठ से सदस्यों को एनसीसी कैडेट्स का परिचय करा कर कैडेट्स का उत्साह वर्धन भी किया।
ऋषिकेश के श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के 32 एनसीसी कैडेट्स को आज उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही देखने का मौका दिया। एनसीसी कैडेट्स एवं उनके साथ 4 अध्यापकों को दर्शक दीर्घा में बैठकर सदन की कार्रवाई से रूबरू होने का मौका मिला। सदन की कार्रवाई देखने के बाद सभी एनसीसी कैडेट्स में गजब का उत्साह देखने को मिला। सभी में लोकतंत्र के मंदिर को इतने पास से देखने एवं सदन के भीतर माननीय सदस्यों द्वारा विभिन्न विषयों पर की जा रही चर्चा को लेकर उत्सुकता भी पैदा हुई।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अपने सभाकक्ष में सभी एनसीसी कैडेट से बातचीत की। वहीं अग्रवाल ने एनसीसी कैडेट्स के सदन संचालन को लेकर पूछे गए प्रश्नों का जवाब भी दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें भी प्रसन्नता है कि देश के आने वाले भविष्य को अपने लोकतंत्र एवं सविधान को जानने की जिज्ञासा है। इस दौरान अग्रवाल ने एनसीसी कैडेट्स को प्रश्नकाल, शून्य काल एवं विभिन्न नियमों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान एनसीसी कैडेट्स ने भी उत्साह पूर्वक विधानसभा अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया।
प्रीतम का बीजेपी पर प्रहार, कहा-जुमला ही बनकर रह जायेगा 60 पार
उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर अब सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधानसभा सत्र की बार-बार तारीखों के बदलने पर धामी सरकार को घेरा है। प्रीतम सिंह ने कहा कि जब विधानसभा का शीतकालीन सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में करने की तारीख तय की गई थी तो गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने से परहेज किस बात का है। प्रीतम सिंह ने देहरादून में सत्र को लेकर उठ रहे सवाल पर कहा कि इस बारे में मुझसे कोई बातचीत नहीं की गई। कांग्रेस तो चाहती थी कि सत्र गैरसैंण में हो और वहां पर गैरसैंण को स्थाई राजधानी की घोषणा की जाये। लेकिन गैरसैंण का नाम सुनते ही न सिर्फ भाजपा को सांप सूंघ जाता है, साथ ही जोरों की ठंड भी लगने लगती है। इस बार शीतकालीन सत्र में हम सरकार को ठंड में भी गर्मी का अहसास करायेंगे। हर बार जनहित के मुद्दों से भागनी वाली सरकार का चेहरा आम जनता के सामने बेनकाब करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने देवस्थानम बोर्ड पर सरकार के रोलबैक और भू कानून के मुद्दे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि हम इस पर सदन में व्यापक चर्चा की मांग करेंगे। हम केन्द्र की तरह यहां नहीं होने देंगे। जैसे केन्द्र सरकार ने बिना चर्चा के कृषि कानून वापस ले लिया उसी तरह से राज्य सरकार भी बिना चर्चा के देवस्थानम बोर्ड का एक्ट वापस लेने की सोच रही है लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। हमारा संख्या बल भले ही सदन में सत्ता पक्ष के मुकाबले कम हो लेकिन हमारा एक-एक सदस्य सत्ता पक्ष के दस-दस सदस्यों के बराबर है।
सरकार के कामों पर सवाल खडे करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा पांच साल में सिर्फ और सिर्फ घोषणाएं की है। धरातल पर काम के नाम पर कुछ नही दिखाई देखता। कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का बोल बाला है। बिना कमीशन कोई काम नहीं हो रहा है। हर नया मुख्यमंत्री पुराने वाले के फैसलों को गलत बताकर बदलने का काम करता है। जनता मन बना चुकी है कि प्रदेश का विकास सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस कर सकती है। हम सामूहिक नेतृत्व में जनता के सामने जा रहे हैं। जनता का भरपूर प्यार और आर्शिवाद हमें मिल रहा है। सीमांत जनपद उधमसिंहनगर से लेकर चमोली तक कांग्रेस के कार्यकर्मों में उमड़ रही जनता यह बताने के लिए काफी है कि कांग्रेस आ रही है और भाजपा जा रही है।
गैरसैण नही देहरादून में 9 और 10 दिसम्बर को होगा शीतकालीन सत्र
उत्तराखंड में विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर अब असमंजस खत्म हो गया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया है कि आगामी नौ व दस दिसंबर को सत्र देहरादून में ही आयोजित किया जाएगा। शीतकालीन सत्र को लेकर संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत एवं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ बातचीत करने के बाद ही यह फैसला लिया गया है।
अमृत महोत्सव को लेकर भी सदन में चर्चा की जाए
प्रेसवार्ता में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि मेरा प्रयास होगा इस सत्र के दौरान आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के तहत भी एक दिन अतिरिक्त चर्चा के लिए रखा जाए। हालांकि यह सब कार्यमंत्रणा की बैठक में तय होगा, लेकिन मेरी इच्छा है कि अमृत महोत्सव को लेकर भी सदन में चर्चा हो।
पहले गैरसैंण में होना था सत्र
पिछले दिनों मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में सत्र कराने का निर्णय लिया था, जिसे बाद में बदल दिया। उसी दिन इस बात के संकेत मिल गए थे कि सरकार गैरसैंण में सत्र कराने को लेकर दुविधा में है।