उत्तराखंड राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारियों ने आज त्रिवेणी घाट गंगा तट पर दो घंटे तक धरना दिया। आंदोलनकारियों की मांग यह थी कि नगर निगम के स्व. इंद्रमणि बडोनी हाॅल को शहीद आंदोलनकारियों के स्मारक हेतु दी जाए।
धरने का नेतृत्व कर रही वरिष्ठ आंदोलनकारी सरोज डिमरी कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना को आंदोलनकारियों ने अपना बलिदान किया। हमारी परिकल्पना ऐसे उत्तराखंड राज्य की थी जिसमें हमारी सांस्कृतिक विविधता परिवेश के साथ-साथ हमारे युवाओं को आर्थिक स्वावलंबन प्राप्त हो सकें परंतु इसके उलट शहीद आंदोलनकारियों का स्मारक प्रशासन द्वारा जेसीबी से तोड़ना शहीद हुए आंदोलनकारियों का अपमान है। उषा रावत व संजय शास्त्री ने कहा कि संपूर्ण उत्तराखंड प्रदेश में ऋषिकेश तहसील ही एक मात्र स्थान है जहां शहीद राज्य आंदोलनकारियों का स्मारक तोड़ा गया जोकि सरासर निंदनीय है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ज्योति सजवान व आशुतोष शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका अविस्मरणीय है जिस माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला देकर स्थानीय प्रशासन द्वारा शहीद स्मारक को तोड़ा गया उस दिन सभी आंदोलनकारी भाई बंधु मातृशक्ति अपने को ठगा सा महसूस कर रहे थे।
इस अवसर पर वेद प्रकाश शर्मा, विमला रावत, अटल सेना के अध्यक्ष शीलू पंत, कुसुम जोशी, वीरेंद्र सजवान, राकेश सेमवाल, युद्धवीर सिंह चैहान, बलवीर सिंह नेगी, श्रीकांता शर्मा, प्रेमा नौटियाल, शीला ध्यानी, शांति, दर्शनी नौटियाल, कपिल गुप्ता, जयंती नेगी, सुभाष शर्मा, वीना कोठारी, सीमा नौटियाल, सुशीला शर्मा, सीमा नौटियाल, राजू गुप्ता, अनिल गुप्ता, नंदनी जोशी, मनोरमा उनियाल, आरती राणा, रेखा रावत, प्रेम प्रकाश सेमवाल आदि उपस्थित रहे।