मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज मायापुर में विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्गत बजरंग दल के नेतृत्व में आयोजित विगत 19 सितम्बर से बद्रीनाथ के माणा गांव से प्रारम्भ हुई ’’शौर्य जागरण यात्रा’’ के समापन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि ’’शौर्य जागरण यात्रा’ नाम से ही, उसका उद्देश्य स्पष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि आज जो भी फैसले होते हैं, वे न्याय व संतुष्टि करण के आधार पर होते हैं, हमें तुष्टिकरण करने वालों से सतर्क रहना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर जल्दी ही बनकर तैयार हो जायेगा। काशी कॉरिडोर अपना भव्य स्वरूप प्राप्त कर चुका है। राज्य सरकार उत्तराखंड को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्कृष्ट उत्तराखंड बनाने के लिए वचनबद्ध है। आज केदारनाथ का पुनर्निर्माण तथा बदरीनाथ के मास्टर प्लान का कार्य चल रहा है। रोपवे परियोजनाओं-केदारनाथ रोपवे, हेमकुण्ड रोपवे पर तेजी से कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में सुरक्षा का माहौल है। आज भारत विश्व की पांचवी आर्थिक शक्ति बन गया है। भारत आर्थिक रूप से महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है तथा लोगों की आस्था का केन्द्र है। राज्य सरकार इसके मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये कृत संकल्पित हैं। समान नागरिक संहिता का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि जल्दी ही इस कार्य के लिये गठित कमेटी सारा संकलन करके ड्राफ्ट देने वाली है, जिसे जल्दी ही लागू किया जायेगा।
’’शौर्य जागरण यात्रा’’ के समापन कार्यक्रम को श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी, केन्द्रीय संगठन मंत्री विनायक, देवशरण आनन्द ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, सुरेश राठौर, भाजपा जिला अध्यक्ष रूड़की व हरिद्वार शोभाराम प्रजापति, संदीप गोयल, उपाध्यक्ष विकास तिवारी, आशु, लव शर्मा, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री धामी ने कहा-राज्य में जबरन धर्मान्तरण कानूनन अपराध, हमने बनाया है कानून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कनखल, हरिद्वार में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित केन्द्रीय मार्ग दर्शक मण्डल की बैठक में प्रतिभाग किया तथा आज के सत्र का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में धर्म एवं संस्कृति का लगातार उत्थाान हो रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम का भव्य मन्दिर बनाने का कई वर्षों का सपना अब साकार होने जा रहा है। वहां श्रीराम का भव्य व दिव्य मन्दिर तैयार हो रहा है। उज्जैन में महाकालेश्वर ने दिव्य व भव्य स्वरूप प्राप्त कर लिया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद वहां का पूरा स्वरूप ही परिवर्तित हो गया है। वहां पर अब पांच लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा से पवित्र जल लेकर वहां आसानी से जलाभिषेक कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आने वाले समय में रोपवे बन जाने से केदारनाथ तथा हेमकुण्ड धाम की यात्रा और भी आसान होने वाली है। चारधाम यात्रा की भांति कुमाऊं में मानसखंड मन्दिर माला मिशन के तहत कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता के लिए बनाई गई समिति ने 90 प्रतिशत से अधिक का कार्य पूरा कर लिया है, जो आगामी 30 जून तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जबरन धर्मान्तरण की रोकथाम के लिये सख्त कानून बनाया गया है।
बैठक में महामण्डलेश्वर स्वामी परमानन्द गिरिजी महाराज, परम पूज्य शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती, राम राजेश्वरा महाराज, महामण्डलेश्वर विश्वेश्वरानन्द महाराज, महामण्डलेश्वर यतीन्द्रानन्द गिरि, स्वामी विवेकानन्द महाराज, सचिव महानिर्वाणी अखाड़ा रवीन्द्र पुरी, स्वामी गिरधर गिरि महाराज आदि ने अपने-अपने विचार रखे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के कोने-कोने से आये हुये धर्माचार्यों, सन्त-महात्माओं का एक-एक करके माल्यार्पण करते हुये उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
धामी के निर्णय से हिन्दु धर्मगुरु गदगद, सीएम आवास में जताया आभार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तराखण्ड देवस्थानम बोर्ड प्रबन्धन अधिनियम वापस लिये जाने की घोषणा के बाद चार धाम तीर्थ पुरोहितों, रावल समाज, पंडा समाज, हक हकूक धारियों के साथ ही अखाड़ा परिषद्, विश्व हिन्दु परिषद् आदि के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उनका आभार व्यक्त किया है।
मंगलवार को देर सांय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी, अखाड़ा परिषद् के महामंत्री मंहत हरिगिरी आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानन्द महाराज आदि ने भेंट कर देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड अधिनियम वापस लिये जाने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री को सन्त समाज की ओर से भी धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री से चार धाम तीर्थ पुरोहित, हक हकूक धारी महापंचायत, रावल, पंडा समाज के साथ ही बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री मन्दिर से जुड़े लोगों ने बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री आवास स्थित कार्यालय सभागार में मुख्यमंत्री का परम्परागत ढ़ंग से स्वागत कर उनका हृदय से आभार व्यक्त किया। सभी ने मुख्यमंत्री द्वारा लिये गये इस निर्णय को एतिहासिक एवं तीर्थ स्थलों के हित में बताया।
इस अवसर पर चारधाम तीर्थ पुरोहित, हक हकूक धारी महापंचायत समिति के महामंत्री हरीश डिमरी, चार धाम तीर्थ पुरोहित मुख्य प्रवक्ता डॉ. ब्रजेश सती, श्री केदारनाथ पंडा समाज के विनोद शुक्ला, रावल गंगोत्री हरीश सेमवाल, रावल यमनोत्री अनिरूद्ध उनियाल, सुरेश सेमवाल, विश्व हिन्दु परिषद् के वीरेन्द्र कृतिपाल, विपिन जोशी सहित बड़ी संख्या में समिति के सदस्य एवं सन्त समाज के प्रतिनिधि आदि उपस्थित रहे।
देवस्थानम बोर्ड खत्म करने की मांग कर रहे तीर्थ पुरोहितों को पुरोहित महासभा और विहिप ने किया समर्थन
चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत समिति ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की। समिति के महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि बोर्ड को भंग करने की मुहिम में पूरे देश से समर्थन मिल रहा है।
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा एवं विश्व हिन्दु परिषद का खुला समर्थन मिला है। पुरोहित महासभा के अध्यक्ष महेश पाठक ने सीएम उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिख कर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की है। यही मांग विश्व हिन्दु परिषद के स्तर से भी की गई है। हरीश डिमरी ने कहा कि सरकार इस मामले में अब बिल्कुल भी देर न करे। बल्कि जल्द पूर्व की स्थिति बहाल करे। उन्होंने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के देवस्थानम बोर्ड के समर्थन में दिए गए बयान का भी विरोध किया।
राम मंदिर निर्माणः विहिप 5.25 लाख गांवों में 14 करोड़ हिंदू परिवारों से दान के लिए करेगा संपर्क
देहरादून। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकट्ठा करने खातिर विश्व हिंदू परिषद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण अभियान की शुरुआत कर रहा है। इस अभियान के तहत वीएचपी देश के 5.25 गांवों में 14 करोड़ रामभक्त हिंदू परिवारों से दान के लिए संपर्क साधेगा। वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने इस बात की जानकारी दी।
तिवारी ने कहा कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए वीएचपी हर एक राम भक्त की मदद लेगा। वीएचपी के कार्यकर्ता संतों के साथ इनके घर जाएंगे। 15 जनवरी से शुरू हो रहा यह अभियान 27 जनवरी तक चलेगा। उत्तराखंड के 73 शहर और 14 हजार 526 गांवों के 24 लाख परिवारों से इस अभियान के तहत संपर्क किया जाएगा।
वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बताया कि यह अभियान बिल्कुल पारदर्शी होगा। हमने अभियान में एकत्र किए जाने वाले दान की देखभाल के लिए कई समितियों का गठन किया है। इसके तहत गांवों का दौरा करने वाली टीम को 18 घंटे के भीतर बताए गए बैंक में पैसा जमा करना होगा।
उन्होंने कहा कि लोग 10 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक का दान कर सकेंगे। इसके लिए 10, 100, 1000 और 2000 रुपए के कूपन बनाए गए हैं। अगर कोई दो हजार से अधिक की राशि दान करना चाहता है तो उसे अलग से रसीद दी जाएगी। इसके अलावा लोग सीधे भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट में पैसे जमा करा सकते हैं।
अयोध्या रामजन्म भूमिः देश दुनिया की नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकेगी
देश विदेश में अयोध्या का नाम सुनते साथ ही हिन्दूओं की आस्था के प्रतीक श्रीराम की तस्वीर उभर कर सामने आ जाती है। इस मामले में नया घटनाक्रम यह है कि अब अयोध्या रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने 11 अगस्त से करने का फैसला किया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 3 जजों की स्पेशल बेंच तैयार की है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाने का सुझाव दिया था। ये एक ऐसा विवाद है, जिसकी आंच में भारतीय राजनीति आजादी के बाद से ही झुलसती रही है। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी, जिसका मुकदमा आज भी लंबित है।
आपकों बताते चले कि देश की आजादी से पूर्व इस स्थान को लेकर दोनों पक्षों में विवाद है। एक ओर हिन्दू इसे श्री राम की जन्म स्थली बताकर राम मंदिर का निर्माण करना चाहते है वहीं मुस्लिम इसे बाबरी मस्जिद बताकर अपना पक्ष रख रहे है। दोनों के दावे अब तक कई कोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गये है। पूर्व में इलाहाबाद कोर्ट ने उक्त स्थान की खुदाई करवाकर जिस पक्ष के अवशेष मिलेंगे, उसका दावा पुख्ता माना जायेगा कहा था। जिस पर खुदाई के दौरान हिन्दूओं से संबधित अवशेष मिले जिस पर कोर्ट ने इस स्थान को हिन्दुओं का माना। मुस्लिम पक्ष के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावे किये।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाने का सुझाव भी दिया। लेकिन कोई ठोस निर्णय सामने नही आ सका। अब फिर सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई 11 अगस्त से करने का फैसला किया है। अब देश दुनिया की नजरें फिर से हिन्दुस्तान की ओर होंगी। सुप्रीम कोर्ट के ट्रायल और फैसले से देश की राजनीति में इसका सीधा असर पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।