10 जुलाई को जारी पब्लिक नोटिस के बाद राज्य में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय ने अपने सभी 24 निजी और आठ सरकारी सेल्फ फाइनेंस बीएड कॉलेजों में बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। विवि के कुलपति डॉ. यूएस रावत ने बताया कि विवि से संबद्ध बीएड और एमएड संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि चालू शिक्षा सत्र से बायोमेट्रिक उपस्थिति शुरू कर इसकी रिपोर्ट विवि को प्रेषित करना सुनिश्चित करें। उधर, डीएवी पीजी कॉलेज में भी चालू शिक्षा सत्र से बीएड के विद्यार्थियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के कड़े नियमों के बाद शासन के निर्देशानुसार कॉलेज के बीएड विभाग के विद्यार्थियों के लिए प्रतिदिन बायोमेट्रिक उपस्थिति और प्रति सेमेस्टर में 75 फीसद उपस्थिति अनिवार्य होगी। जिसके लिए इसी सत्र से बीएड बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होने जा रही है। उन्होंने बताया कि कॉलेज के विधि संकाय में भी बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रूप से लागू कर दी गई है। मॉनिटरिंग कमेटी गठित एनसीटीई ने इसके लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है, जो समय-समय बीएड कॉलेजों से छात्रों और शिक्षकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति का ब्योरा तलब करेगी। प्रतिवर्ष दस हजार छात्र करते हैं बीएड प्रदेश के सरकारी सेल्फ फाइनेंस और निजी बीएड कॉलेजों की संख्या 112 है। जिसमें प्रतिवर्ष 10100 छात्र-छात्राएं दो वर्षीय पाठ्यक्रम के प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेते हैं। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने सभी बीएड कॉलेज को 10 अगस्त तक बायोमेट्रिक उपस्थिति की स्टेटस रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे।
श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डॉ. यूएस रावत का कहना है कि नियमों की अनदेखी और लापरवाही बरतने वाले संस्थानों की सेक्शन 17 ऑफ द एनसीटीई एक्ट 1993 के अनुसार मान्यता तक समाप्त की जा सकती है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियमों का शत फीसद पालन किया जा रहा है। विवि से संबद्ध निजी और सेल्फ फाइनेंस बीएड कॉलेजों में इसी सत्र से बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रूप से शुरू करने को लेकर निर्देशित किया गया है। यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सार्थक पहल है।
वहीं, डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अजय सक्सेना का कहना है कि डीएवी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद और शासन के निर्देशानुसार चालू सत्र से बीएड के साथ-साथ विधि संकाय में भी बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रारंभ कर दी गई है। इसका पालन करना अनिवार्य है। जिस छात्र की एक सेमेस्टर में उपस्थिति 75 फीसद से कम रही उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा।