दक्षिण भारत के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट निर्माण न्यास समिति के एकमात्र ट्रस्टी स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ वेद निकेतन धाम पहुंचे। वेद निकेतन धाम के परमाध्यक्ष स्वामी विजयानंद सरस्वती ने बताया कि पेजावर मठ उडुपी के अष्ट मठों (आठ मठों) में से एक है। जिसका आरंभ अधोक्षजा ने किया था। जो माधवाचार्य के शिष्य थे। अब तक कुल 32 स्वामी इस मठ के मठाधीश रह चुके हैं, स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ इस के 33 वें प्रमुख हैं। अधोक्षजा तीर्थ का कार्यकाल 1278 से 1296 तक था। अधोक्षजा हिंदू दर्शन विद्यालय के संस्थापक माधवाचार्य के प्रमुख शिष्य थे।
2019 में स्वामी विश्वतीर्थ ने अपना उत्तराधिकारी के रूप में स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ को चुना था, अब स्वामी विश्वतीर्थ के उपरांत स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ के 33वें पीठाधीश्वर है। यह दक्षिण भारत के प्रमुख में से एक है। यहां स्वामी माधवाचार्य की संत परंपरा में श्रीकृष्ण की पूजा होती है।
पेजावर मठ रामजन्म भूमि आंदोलन से प्रारंभ से ही जुड़ा हुआ है और इस कार्य हेतु हमेशा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता आया है। यही कारण है कि जब मंदिर निर्माण ट्रस्ट का गठन किया गया तो दक्षिण भारत के इस महत्वपूर्ण मठ केयोगदान को ध्यान में रखते हुए स्वामी विश्वप्रसन्ना को ट्रस्ट में सम्मिलित होने का आग्रह किया गया।
राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी बनने के उपरांत विश्वप्रसन्ना ने बताया कि वह दक्षिण भारत से अकेले व्यक्ति हैं जिन्हें ट्रस्टी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी उनके लिए बहुत बड़ा कार्य है।
उन्होंने कहा मेरे गुरु ने मुझे सलाह दी थी कि अगर न्यासी बनाए जाने का प्रस्ताव मिलता है तो स्वीकार कर लेना और इस बात को ध्यान में रखते हुए मैंने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई थी।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाया जाना उनका सपना है और इस मंदिर को देखने के लिए आने वालों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी तथा अयोध्या में पेजावर मठ की एक शाखा स्थापित की जाएगी।
स्वामी विश्वप्रपन्ना तीर्थ राम मंदिर निर्माण कार्य को लेकर अत्यंत क्रियाशील बने हुए हैं और कई बार अयोध्या का दौरा कर चुके हैं, परंतु इस बार आने के पश्चात उन्होंने उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम आने का निश्चय किया और उनका यह प्रवास एवं यात्रा बिल्कुल निजी था।
वेद निकेतन धाम के परमाध्यक्ष विजयानंद सरस्वती के आग्रह पर हुआ वेद निकेतन धाम स्वर्ग आश्रम क्षेत्र में गंगा जी के सानिध्य में ध्यान करने तथा स्थानीय निवासियों आशीर्वाद देने के लिए आयें है। उन्होंने कहा कि स्वामी विश्वप्रसन्ना का आना मानों गंगा और कावेरी का मिलन है।
स्वामी विश्वप्रसन्ना अत्यंत सौम्य स्वभाव के सन्यासी है और दक्षिण भारत में दक्षिण भारतीय लोगों में बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हैं और उनकी छवि एक बहुत ही प्रख्यात समाजसेवी की रही है।
वेद निकेतन में उपस्थित आरएसएस के प्रवक्ता सुरेंद्र सहित अन्य कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय जन समुदाय द्वारा स्वामी विश्वप्रसन्ना एवं स्वामी विजयानंद सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंचे। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी दिव्यानंद सरस्वती, वेद निकेतन धाम के परमाध्यक्ष विजयानंद सरस्वती, आशुतोष शर्मा, सुभाष शर्मा, गोपाल बत्रा, हितेश, गोविंद आदि उपस्थित थे।