भूस्खलन हादसे में जिन तीन मृतकों के शव मिले थे, उनकी पहचान हो गई है। तीनों नेपाली मूल के हैं। इसी के साथ अब हादसे में लापता लोगों की संख्या 20 हो गई है। तीन लोगों की मौत हुई है। शनिवार को भी दिनभर रेस्क्यू होता रहा, लेकिन लापता लोगों में से किसी का भी शव नहीं मिल पाया। जिला प्रशासन के अनुसार, रविवार को सुबह 5.30 बजे से पुनः घटनास्थल से लेकर नदी किनारे तक खोजबीन अभियान शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही कुंड में सिंगोली-भटवाड़ी जल विद्युत परियोजना के बैराज में जलपुलिस द्वारा खोजबीन की जा रही है। जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार ने बताया कि शुक्रवार को जो तीन शव बरामद हुए थे, उनकी शिनाख्त देवी बहादुर, टेक बहादुर और प्रकाश टम्टा के रूप में हुई है।
मृतकों के परिजनों ने शिनाख्त की है, जिसके बाद जरूरी कार्रवाई कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया गया है। शेष 20 लोग, जिनकी सूची पहले दिन जारी की गई थी, अभी लापता चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि लापता लोगों की खोजबीन के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि इस हादसे में लापता लोगों में 14 नेपाली मूल के हैं, जबकि चार लोग रुद्रप्रयाग जनपद के अलग-अलग गांवों के और दो अन्य राज्यों के हैं। हादसे के बाद शुक्रवार को जो तीन लोगों के शव मिले थे, उनके नाम जारी सूची में शामिल नहीं थे।
हादसे के बाद प्रशासन ने गौरीकुंड बाजार से लेकर डाटपुल से आगे एक किमी क्षेत्र में बनाई गई कच्ची दुकानों को खाली कर मशीन से ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। पहले चरण में यहां 40 दुकानों को ध्वस्त किया गया है। बाकी दुकानदारों को भी तुरंत दुकानें खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
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देश को स्वस्थ बनाने के लिए जुटे देशभर स्वास्थ्य मंत्री
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को देहरादून के एक होटल में संयुक्तरुप से केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद के 15 वें सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर में देश के सभी राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि प्रतिभाग कर रहे हैं। इस स्वास्थ्य चितंन शिविर में 6 सत्रों को आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर स्वास्थ्य संबंधित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रो. एस.पी.सिंह बघेल, डॉ. भारती प्रवीण पंवार, उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के पॉल, सचिव स्वास्थ्य, भारत सरकार श्री राजेश भूषण, विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री तथा स्वास्थ्य सचिव उपस्थित रहे।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद की यह दूसरी ऐसी बैठक है जिसे चिंतन बैठक का स्वरूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ उपार्जन करने के लिए सामुहिक चिंतन एवं मनन बहुत आवश्यक है। इससे निकलने वाले निष्कर्ष सर्वाेत्तम होते हैं। इस दो दिवसीय बैठक में जो मंथन होगा, उससे जो सुझाव मिलेंगे, वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत के भविष्य के लिए बहुत उपयोगी होगा। आजादी के अमृतकाल में इसके लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं कि हमारा हेल्थ सेक्टर का मॉडल पूर्ण रूप से हमारे देश के अनुरूप हो।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 2025 तक देश को क्षय रोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने अपेक्षा की कि इस दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर में सभी राज्यों से अधिक से अधिक सुझाव आयेंगे, जो स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत बनाने में मदगार होंगे। इस दो दिन के मंथन में सभी को स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश को और मजबूत बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य चिंतन शिविर में प्रतिभाग कर रहे सभी अतिथियों का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व एवं सम्मान की बात है कि इस वर्ष केन्द्र सरकार ने उत्तराखंड को स्वास्थ्य चिंतन शिविर कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य चिंतन शिविर के दौरान स्वास्थ्य विभाग की नीतियों व कार्यक्रमों के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए विशिष्ट दृष्टिकोण विकसित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के प्राचीन ग्रंथ दुनिया को एक परिवार के रूप में देखना सिखाते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमारा दृष्टिकोण ’एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखंड को हर क्षेत्र में व्यापक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। आज चाहे रोड कनेक्टिविटी हो, इंफ्रास्ट्रक्चर हो, रोपवे सेवा हो या फिर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं हो। हर क्षेत्र में लाभार्थियों तक सुविधाओं को पहुंचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के परस्पर समन्वय से कार्यों का सफल सम्पादन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल दिशा निर्देशन में अटल आयुष्मान योजना प्रदेशवासियों के लिए वरदान साबित हुई है। आज प्रदेश में सभी को निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही कैशलेस उपचार देने की दिशा में अटल आयुष्मान योजना प्रभावी सिद्ध साबित हो रही है। आम नागरिकों को घर बैठे स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए मोबाईल एप के जरिए ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। ई-संजीवनी सेवाएं दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्र के मरीजों के लिए बड़ी सौगात हैं। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर के माध्यम से आम जनमानस को उनके क्षेत्रों में स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए जन आरोग्य अभियान ’’एक कदम स्वस्थ्य जीवन की ओर’’ का आयोजन किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक राज्य को क्षय रोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए धरातल पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में बीमारियों को रोकने के लिए जन-जागरुकता फैलाने, गरीबों को सस्ता और प्रभावी इलाज देने, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की क्वान्टिटी और क्वालिटी में बढ़ोतरी करने की दिशा में मिशन मोड पर कार्य कर रही है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में हो रहे इस दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार एवं इस क्षेत्र में अनेक नये आयाम स्थापित करने की दिशा में चिंतन होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए जो भी आवश्यकता हुई उसके लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया का पूरा सहयोग मिला है। चारधाम यात्रा में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी केन्द्र सरकार से राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है।
सुविधा-दून मेडिकल कॉलेज में होंगी हार्ट और कैंसर रोग की जांच
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा गुरुवार को दून मेडिकल कॉलेज में पहली सरकारी कैथ लेब के साथ डिजिटल रेडियोग्राफी एवं मैमोग्राफी का शुभारंभ किया गया।
अपने संबोधन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सक्षम मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ अन्य क्षेत्रों में भी विकास के नए प्रतिमान स्थापित हो रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा में समग्र देश के लोग यहां आते है। गंगा के इस प्रदेश के प्रति भी सबकी आस्था है। उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा के लिये जिस तरह की स्वास्थ्य व्यवस्था भारत सरकार द्वारा की जाती है उसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं एवं अन्य व्यवस्थायें चारधाम यात्रा के लिये भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विकास हेतु तेजी से कार्य किये जा रहे है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के विकास कार्यों में हर संभव मदद की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में हो रहे विकास कार्यों से उत्तराखण्ड आगे बढ़ रहा है और भारत के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दो दशक पहले तक देश की 100 करोड़ जनता के लिये केवल एक एम्स था लेकिन आज उत्तराखण्ड की एक करोड़ जनता के लिये दिल्ली एम्स की सुविधाओं के समान ऋषिकेश में स्थापित एम्स बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी देश को डेवलप कंट्री बनना है तो जरूरी है कि उस देश के नागरिक स्वस्थ हो, नागरिक स्वस्थ होंगे तो समाज स्वस्थ होता है और स्वस्थ समाज ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन से देश में हो रहे बदलाव स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। अमेरिका में जहां 10 करोड़ लोगों को तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा द्वारा स्वास्थ्य सुरक्षा देने का कार्य किया, भारत में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश के 12 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा दी है। आज अमीर-गरीब को अस्पतालों में समान रूप से स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है। पहले लोगों के लिए इलाज के लिए साहूकारों में कर्ज लेकर इलाज कराना पड़ता था, आज उनका इलाज निःशुल्क हो रहा है, आयुष्मान भारत उदाहरण है सरकार के दायित्व का। देश के लगभग 70 हजार छात्र विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाते रहे है। 2014 से पहले देश में मेडिकल की 54 हजार सीटे थी पिछले साल में यह संख्या दुगुनी हुई है। देश में 700 मेडिकल कॉलेज स्थापित किये गये है, 157 नर्सिंग कॉलेज बनाये गये हैं। एम्स ऋषिकेश से ड्रोन के माध्यम से सेम्पल जांच की सुविधा हो गई है। टेलीमेडिसिन में विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश बदल रहा है, नए भारत का निर्माण हो रहा है। हेल्थ सेक्टर मजबूत हुआ हैं। इनोवेशन व रिसर्च को बढ़ावा दिया जा रहा है। युवा विज्ञानी आगे आ रहे है। कोविड के बेहतर प्रबंधन के लिये दुनिया ने भारत के प्रयासों को सराहा है। वसुधैव कुटुम्बकम की हमारी परम्परा रही है। केवल लाभ नहीं शुभ लाभ की हम कामना करने वाले है। कोविड लॉकडाउन के दौर में जब विदेशों में डॉक्टर नर्स अपने काम पर नहीं आ रहे थे, हमारे डॉक्टर एवं नर्सों ने निरंतर अपनी सेवाएं दी। स्वास्थ्य सेवा दुनिया के लिए प्रोफेशन है तो हमारे लिए जनसेवा है। हमारे समाज में डॉक्टर को देवदूत माना जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखण्ड विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए हेल्थ टूरिज्म के क्षेत्र में भी आगे बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया का दून चिकित्सालय में आईसीयू कॉम्प्लेक्स, कैथ लैब, डिजिटल रेडियोग्राफी और मैमोग्राफी के लोकार्पण से देहरादून को स्वास्थ्य के क्षेत्र में सौगात देने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर जीवन का मुख्य ध्येय होना चाहिए। यह हमारी संस्कृति मानती है। इस दृष्टि से हमारी सरकार ने राज्य में ’’जन-स्वास्थ्य’’ के बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। आज देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व और दिशा निर्देशन में अन्य क्षेत्रों की भांति स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी देश निरंतर आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई योजनाओं से लाभ सभी को मिला है। कोरोना काल में जहां एक ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों के दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया वहीं आयुष्मान भारत योजना ने देश के नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि बीमार होने पर उन्हें निःशुल्क उपचार अवश्य मिलेगा। आज यह बात हर भारतीय को गौरवान्वित करती है कि हमारे देश में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ चलाई जा रही है। प्रदेश में लगभग 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। राज्य में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में गर्भवती महिलाओं के कुल 92 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए हैं, जबकि 90 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क दवाइयां, 98 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण सेवायें एवं 89 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही राज्य के 9 जनपदों में 10 एस.एन.सी.यू. पूर्णतया क्रियाशील हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कुपोषण से ग्रसित बच्चों के इलाज हेतु वर्तमान में 2 पोषण पुनर्वास केन्द्रों की हरिद्वार एवं उधमसिंह नगर जनपदों में स्थापना की गयी है जिसमें आज तक 172 कुपोषित बच्चों का इलाज किया जा चुका है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित 1735 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर के लक्ष्य के सापेक्ष राज्य में 1820 सेन्टर क्रियाशील हैं। जिसमें 1382 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की तैनाती की गयी है। जिनके माध्यम से करीब चौदह लाख रोगियों को परामर्श के साथ ही चिकित्सा उपचार प्रदान किया गया है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2022 में राज्य हेतु निर्धारित लक्ष्य का 99 प्रतिशत पूर्ण किया गया जबकि वर्ष 2023 के लिए निर्धारित लक्ष्य को माह मई 2023 तक ही 92 प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टी.बी. मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र पंजीकरण अभियान में भारत के प्रथम 10 राज्यों की सूची में उत्तराखण्ड का दूसरा स्थान है। राज्य के सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता को बढायें जाने के दृष्टिगत प्रथम चरण में 14 विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गयी है तथा द्वितीय चरण में 11 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिये गये हैं। इसके साथ ही टेली मेडिसिन सुविधा के तहत राज्य में संचालित की जा रही है जिसमें अब तक लगभग 50 लाख से अधिक लोगों को चिकित्सकीय परामर्श दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतवर्ष के प्रत्येक जिलों में एक-एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना किये जाने के प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन के तहत केन्द्रीय वित्त पोषित योजना के अन्तर्गत प्रदेश में हरिद्वार, रूद्रपुर एवं पिथौरागढ़ में प्रस्तावित राजकीय मेडिकल कॉलेजों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही पूर्व से स्थापित राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में सीट क्षमता को 100 से 150 किये जाने हेतु कार्यवाही गतिमान है। उधमसिंहनगर जिले में एम्स ऋषिकेश के सैटेलाईट सेंटर का निर्माण, महिला स्वास्थ कार्यकर्ताओं तथा सामुदायिक स्वास्थ अधिकारियों की नियुक्ति, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना तथा चिकित्सा की पढ़ाई को स्थानीय भाषाओं में संभव बनाने का प्रयास सहित अनेकों प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष केदारनाथ की पवित्र धरती से प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया था। प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हम अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के आधार पर निरंतर कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी के सहयोग से समृद्ध, सशक्त और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का निर्माण करने में सफल होंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 500 करोड़ तथा एम्स ऋषिकेश के सेटलाइट सेन्टर ऊधमसिंहनगर में स्थापना के लिए भी 500 करोड़ की स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया है। प्रदेश में 4 नर्सिंग कालेजों की भी सहमति केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रदान की गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा चारधाम यात्रा में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भी कैथ लैब की स्थापना की सहमति दी है। इससे यात्रियों के साथ स्थानीय जनता को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में देश के 10 राज्यों में शामिल हैं
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी सिंह बघेल, सांसद नरेश बसंल, विधायक खजान दास, सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला, मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पाण्डेय, सचिव स्वास्थ्य आर. राजेश कुमार, कुलपति मेडिकल विश्वविद्यालय प्रो0 हेमचंद्र, अपर सचिव स्वास्थ्य नमामि बंसल, अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
नई दिल्ली पहुंचे सीएम धामी, मीडिया से वार्ता में यूसीसी पर बोले ये…
नई दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड सदन में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने वाली विशेषज्ञ समिति के सदस्यों से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने समिति के सदस्यों से ड्राफ्ट पर भी चर्चा की। मीडिया से वार्ता में उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट मिलने के बाद प्रदेश सरकार इसका विधिक परीक्षण करेगी। इसके बाद इसे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह अन्य राज्यों से भी अपेक्षा करेंगे कि देवभूमि से समान नागरिक संहिता एक्ट बनाने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, उसे वे भी लागू करें।
मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता के लिए गठित समिति को इस पर काम करते हुए एक वर्ष से अधिक का समय हो गया है। समिति ने विभिन्न धर्मों, राजनीतिक दलों व विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े व्यक्तियों से चर्चा की है। समिति ने ड्राफ्ट पूरा कर लिया है। कुछ समय बाद समिति इसे सरकार को सौंप देगी। सरकार विधिक परीक्षण करने के बाद इसे लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि जब इसका ड्राफ्ट सामने आएगा, तब इससे जुड़े सभी संशय दूर हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट में उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति व दो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे होने के कारण सामरिक दृष्टि का भी ध्यान रखा गया है। उत्तराखंड धर्म व संस्कृति का केंद्र है। इसलिए उत्तराखंड में रहने वाले लोगों के लिए एक समान कानून होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने संतों का आशीर्वाद लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कनखल स्थित जगतगुरू आश्रम में जगतगुरू स्वामी राजराजेश्वराश्रम से शिष्टाचार भेंट की तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसके बाद डामकोठी पहुंचे, जहां उन्होंने पंचायती निर्मल अखाड़ा के स्वामी ज्ञानदेव शास्त्री, बड़ा अखाड़ा के महन्त दुर्गादास, महन्त रूपेन्द्र सहित अन्य सन्त महात्माओं से भी शिष्टाचार भेंट की तथा उनका आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल ’निशंक’, रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, पूर्व लक्सर विधायक संजय गुप्ता, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह अधिकारीगण उपस्थित रहे।
सचिवालय के कार्मिकों को सौगात, नवीनीकृत पालना केन्द्र और स्मार्ट क्लास का शुभारंभ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय परिसर स्थित नवीनीकृत पालना केन्द्र (क्रेच) व स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया। यह क्रेच सचिवालय के कार्मिकों की ड्यूटी के दौरान उनके बच्चों की देखभाल के उद्देश्य से बनाया गया है। क्रेच में ए.सी, रेफ्रिजरेटर, पेयजल हेतु वाटर प्यूरीफायर, बच्चों के आराम करने के लिए बिस्तर, बाल सुलभ वॉश बेसिन, अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था की गई है। इसमें स्मार्ट क्लास की व्यवस्था भी की गई है। क्रेच में आउटडोर खेल उपकरण लगाये गये हैं। फेन्सिंग, चित्रकारी एवं वाल पेंटिंग से इसे सजाया गया है। क्रेच में ऊर्जा की बचत हेतु दो किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट (सोलर पैनल पावर कंडीशनिंग यूनिट व बैटरी) की व्यवस्था की गई है जिसमें केन्द्र के स्मार्ट क्लास सिस्टम, एल.ई.डी. लाइटिंग एवं समस्त पंखे संचालित हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सचिवालय में कार्मिकों के बच्चों के लिए क्रेच की यह अच्छी सुविधा दी गई है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुविधा के लिए यहां पर अच्छी व्यवस्था की गई है। इससे जहां सचिवालय में कार्य करने वाले कार्मिकों को बच्चों की देखभाल के लिए अच्छी सुविधा मिलेगी, वहीं बच्चों को मनोरंजन के साथ-साथ सीखने के लिए भी अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं। क्रेच के नवीनीकरण का कार्य मात्र 18 दिनों में कराने के लिए उन्होंने नोडल विभाग महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के प्रयासों की सराहना भी की।
सचिवालय के कार्मिकों ने सचिवालय परिसर में क्रेच की बेहतर सुविधा और बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए इसमें की गई व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास एच.सी. सेमवाल एवं सचिवालय के कार्मिक उपस्थित रहे।
धन सिंह रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया से मिलकर की चर्चा
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ उत्तराखंड में आयोजित होने वाली देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन को लेकर विस्तृत चर्चा की। डा. रावत ने चार धाम में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में सहयोग को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार जताया, साथ ही उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को प्रदेश के ऊधमसिंह नगर जनपद में स्वीकृत एम्स सेटेलाइट सेटर के भूमि पूजन में आमंत्रित किया। मुलाकात के दौरान डा. रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को प्रदेश संचालित स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी, जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने डा. रावत के सकारात्मक पहलों की जमकर तारीफ की।
स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि दिल्ली प्रवास के दौरान आज उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया से मुलाकात कर राज्य से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न मसलों पर लम्बी चर्चा की। डा. रावत ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में उत्तराखंड में देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित होगा, जिसको लेकर केन्द्रीय मंत्री के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मलेन में भविष्य की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का रोड़मैप तैयार किया जायेगा। डा. रावत ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को जनपद ऊधमसिंह नगर में स्वीकृत एम्स सेटेलाइट सेंटर के भूमि पूजन हेतु आमंत्रित किया, जिस पर उन्होंने अपनी सहमति प्रदान की है। डा. रावत ने बताया कि चार धाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किये जा रहे सहयोग को लेकर उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार जताया। जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भविष्य में भी सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण को लेकर हर संभव सहयोग करने की बात कही। उन्होंने बताया कि चार धाम में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं तीर्थयात्रियों को सुलभ चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने हेतु विगत माह केन्द्र सरकार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत 32.85 करोड़ के अतिरिक्त बजट का प्रस्ताव भेजा था। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकर के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुये चार धाम यात्रा के लिये अतिरिक्त बजट मंजूर कर 28 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की थी।
हजारों जनसैलाब ने नम आंखों से दी मंत्री चंदन राम दास को अंतिम विदाई
दिवंगत बागेश्वर विधायक व कैबिनेट मंत्री चन्दन राम दास को जनसैलाब ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई। प्रातः 10.45 बजे उनके आवास से भारी जन समूह के साथ निकली शव यात्रा जब तक सूरज चांद रहेगा, चन्दन तेरा नाम रहेगा व चन्दन अमर रहे जैसे नारों के साथ बाजार होते हुए बागनाथ सरयू घाट पहुंची। जहां पर राजकीय सम्मान व पुलिस टुकडी की मातमी धुन के साथ अंतिम विदाई दी गयी। दिवंगत कैबिनेट मंत्री चन्दन राम दास की चिता को उनके दोनों पुत्रों द्वारा मुखाग्नि दी गयी।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, प्रेम चन्द्र अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा, प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, विधायक सुरेश गढ़िया, विशन सिंह चुफाल, दीवान सिंह बिष्ट, भोपाल राम टम्टा, प्रमोद नैनवाल, बंशीधर भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, जिलाधिकारी अनुराधा पाल, पुलिस अधीक्षक हिमांशु वर्मा ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक संवेदना प्रकट कर स्व0 चन्दन राम दास के आकस्मिक निधन को राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। उन्होंने कहा स्व0 दास सहज व मृदुभाषी थे, उनका हमारे बीच से यो चले जाना दुखद है। यह समाज, राज्य व पार्टी के लिए भी अपूरणीय क्षति है। उन्होंने हमेशा गरीबों व समाज के अंतिम छोर पर खडे व्यक्ति के लिए काम किया व जन आवाज को विधानसभा में प्रमुखता से उठाते थे। उन्होंने कहा उनके सपनों व संकल्पों को आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिवार को उनके घर जाकर ढांढस बधाया।
इस दौरान विधायक सरिता आर्या, राम सिंह कैडा, मेयर जोगेन्द्र रौतेला, पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, जिलाध्यक्ष भाजपा इन्द्र सिंह फर्स्वाण, पूर्व विधायक शेर सिंह गडिया, महेश नेगी, ललित फर्स्वाण, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल, अल्मोडा प्रकाश चन्द्र जोशी, नगर पंचायत अध्यक्ष गोविन्द सिंह बिष्ट, प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र सिंह बिष्ट, संगठन मंत्री अजेय कुमार, ब्लॉक प्रमुख गोविन्द दानू, पुष्पा देवी, हेमा बिष्ट, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, देवकी नंदन जोशी, खंडक टगडिया, कुन्दन रैखोला, अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 डीपी जोशी, उपजिलाधिकारी हरगिरि, मोनिका सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी व जनसैलाब मौजूद रहा।
परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में वाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों के अन्तर्गत चल रही 13 और 11 पाइपलाईन परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान सभी परियोजनाओं को निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने परियोजनाओं की गति बढाने हेतु जिलाधिकारियों एवं मुख्य विकास अधिकारियों को इन योजनाओं में शामिल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा इन योजनाओं की मासिक समीक्षा की जाए। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों को परियोजनाओं के चयन में भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने विभागों में आईटी सम्बन्धित उपकरणों की खरीद हेतु आईटी विभाग की बैठक प्रत्येक 15 दिन में आयोजित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक के लिए दिवस निर्धारित कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जिन विभागों की प्रगति लक्ष्य के सापेक्ष कम है उन्हें लगातार परियोजनाओं का अनुश्रवण कर तेजी लायी जाए।
इस अवसर पर सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव रंजना राजगुर, विनीत कुमार एवं उदयराज सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।
समिति की एक भी बैठक आयोजित ना करने पर भट्ट ने लिखा सीएस को पत्र
हिंदी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए गठित राज्यस्तरीय ‘‘स्व. रामप्रसाद बहुगुणा स्मृति पुरस्कार चयन समिति’’ के सदस्य साहित्यकार त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने समिति की बैठक बुलाकर प्राप्त आवेदनों में से यथाशीघ्र पात्र पत्रकारों का चयन करवाने की मांग की है।
उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव जो राज्यस्तरीय इस पुरस्कार चयन समिति के अध्यक्ष भी हैं को भेजे पत्र में समिति के सदस्य भट्ट ने कहा है कि उत्तराखण्ड शासन द्वारा गत वर्ष 01 जून, 2022 के कार्यालय ज्ञाप द्वारा स्व. रामप्रसाद बहुगुणा जी की स्मृति में 30 मई को पत्रकारिता दिवस के अवसर पर विभिन्न श्रेणियों के पत्रकारों को राज्यस्तरीय पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान करने लिए ‘‘स्व. रामप्रसाद बहुगुणा स्मृति पुरस्कार चयन समिति’’ में तीन गैर सरकारी सदस्य नामित किये थे। लेकिन अभी तक समिति की एक भी बैठक नहीं हुई है। भट्ट ने कहा है कि हिंदी पत्रकारिता दिवस में करीब दो महिने का ही अल्प समय शेष है। अतः यथाशीघ्र समिति की बैठक बुलाकर प्राप्त आवेदनों में से पात्र पत्रकारों का चयन करवाया जाना चाहिये।
गौरतलब है कि पुरस्कार योजना में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर 30 मई को मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के एक वरिष्ठ पत्रकार, एक प्रौढ़ पत्रकार और एक युवा पत्रकार को प्रतीक चिन्ह सहित क्रमशः 2 लाख 51 हजार, 1 लाख 51 हजार, और 1 लाख 25 हजार रूपये का के नकद पुरस्कार से सम्मानित किये जाने का प्रावधान किया गया है। इससे पूर्व यह राशि मात्र 51 हजार रूपये थी। जबकि पत्रकारिता पुरस्कार उत्तराखण्ड राज्य स्थापना के बाद अब तक केवल एक ही बार प्रदान किये गये हैं।