राजस्व उप निरीक्षक परीक्षा 2022 की लिखित परीक्षा दिनांक 12 फरवरी, 2023 (रविवार) को पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 01 बजे तक राज्य के 13 जनपदों में कुल 498 परीक्षा केन्द्रों पर सकुशल आयोजित की गयी। उक्त परीक्षा में कुल आवेदित अभ्यर्थियों 1,58,210 के सापेक्ष 1,03,730 अभ्यर्थी उपस्थित हुए। उक्त उपस्थिति 65.60 प्रतिशत रही।
कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा प्रश्नपत्र की पेपर सील की गोपनीयता के सम्बन्ध में व्यक्त संदेह और भ्रांतियों के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि प्रश्नपत्र प्रेस द्वारा बॉक्सों शील्ड किया जाता है। उक्त बॉक्सों के अंतर्गत लिफाफों में (पाली बैग्स) प्रश्न पत्र शील्ड होते हैं। गोपनीय सामग्री के प्रेस से आयोग में उपलब्ध होने व आयोग से जनपदों को उपलब्ध कराये जाने तथा परीक्षा तिथि को कोषागार से सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से परीक्षा केन्द्रों को उपलब्ध कराते समय अर्थात प्रत्येक स्तर पर वीडियोग्राफी की जाती है। उक्त गोपनीय सामग्री वाले बॉक्स प्रधानाचार्य व केन्द्र प्रभारी के कक्ष में कक्ष निरीक्षक की उपस्थिति में खोले जाते हैं, जिसकी वीडियोग्राफी की जाती है। प्रत्येक प्रश्नपत्र पर पेपर शील लगी होती है, जिसकी कभी-कभी यातायात के दौरान टूटने की संभावना हो सकती है। उक्त प्रश्नपुस्तिका की पेपर शील को कक्ष निरीक्षक के निर्देश पर अभ्यर्थियों द्वारा खोला जाता है ताकि सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर व समय मिल सके। अतः प्रश्नपत्र की गोपनीयता संरक्षित है तथा कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा व्यक्त संदेह निर्मूल है। कतिपय लोगों द्वारा इस विषय मे भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है, जिनके विरुद्ध नए नकल विरोधी अध्यादेश के सुसंगत प्राविधानो के तहत कार्यवाही की जाएगी।
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अपर मुख्य सचिव ने बेरोजगार संघ को सरकार की कार्यवाही से कराया अवगत
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के सदस्यों ने भेंट की। बेरोजगार संघ के सदस्यों ने अपर मुख्य सचिव रतूड़ी को अपने मुद्दों से अवगत कराया। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बेराजगार संघ द्वारा रखे गये मुद्दों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवा अपनी बात शांतिपूर्वक तरीके से रखें।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बिल्कुल निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से भर्ती परीक्षाएं आयोजित की जाए। इसी उद्देश्य से उत्तराखण्ड में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया है। गत दिवस उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश-2023 के प्रख्यापन हेतु मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। इतना सख्त कानून बनाने का उद्देश्य है कि राज्य के युवाओं का भविष्य उज्ज्वल रहे। युवाओं को अपनी मेरिट के आधार पर नौकरी मिलें। देश में इतना सख्त कानून किसी भी अन्य राज्य में नही है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि गत एक वर्ष से परीक्षाओं में धांधली से सम्बन्धित शिकायतों पर पूरी निष्पक्षता से जांच हुई है। जांच के परिणामस्वरूप कई दोषी जेल की सलाखों के पीछे हैं। सरकार ने अत्यन्त त्वरित कार्यवाही की है। बहुत सख्ती से जांच हुई है। भर्ती परीक्षाओं में अनुचित कार्य करने की मंशा रखने वाले लोगों के लिए एक कड़ा संदेश गया है।