उपनिषदीय दर्शन बोध पुस्तक के विमोचन पर सीएम ने दी लेखक प्रकाश सुमन को शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रकाश सुमन ध्यानी द्वारा लिखित पुस्तक ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ का विमोचन किया। पुस्तक विमोचन के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी भूषण एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक के लेखक प्रकाश सुमन ध्यानी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे भारतीय वैदिक दर्शन और सनातन संस्कृति के संवाहक के रूप में एक नई पहचान स्थापित कर रहे हैं। इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने उपनिषद के जटिल और गूढ़ रहस्यों को साधारण तरीके से लिखा है। भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न आयामों को सबके समक्ष रखा है। उपनिषद भारतीय संस्कृति और दर्शन की अमूल्य निधि है, जिसने संपूर्ण विश्व को ज्ञान और चेतना का मार्ग दिखाया है। हमारी ज्ञान परंपरा संपूर्ण विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम के रूप में मानती है। उपनिषद आध्यात्मिक चिंतन के स्रोत के साथ ही मानवता को व्यावहारिक जीवन दृष्टि भी प्रदान करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से ज्ञान-विज्ञान आगे बढ़ रहा है, तब उपनिषदों और वेदों का ज्ञान हमारे लिए और भी प्रासांगिक हो जाता है। जीवन में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, भौतिकवाद की चकाचौंध के बीच में आत्मा और ब्रह्मा की खोज निश्चित रूप से हमें प्रेरणा देने का कार्य करेगी। यह पुस्तक सभी को आत्म विकास, आत्म चिंतन और स्वयं की खोज के लिए भी प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश देवभूमि होने के साथ ही आध्यात्मिक चिंतन का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। आदि शंकराचार्य, स्वामी विवेकानन्द और ऋषि-मुनियों ने इस पुण्य धरा को अपनी शरण स्थली बनाया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक हमारी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि श्री प्रकाश सुमन ध्यानी ने जीव विज्ञान की पढ़ाई कर आत्मज्ञान तक पहुंचकर ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक लिखी इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि उपनिषद जैसे विषय पर व्याख्यान करना बड़ी बात है। आज भारत की आस्था, निधि और गौरव ‘अध्यात्म’ की ओर आज पूरी दुनिया आ रही है। उन्होंने कहा कि भारत के मूल में आध्यात्मिक इंटेलिजेंस है। आध्यात्मिक इंटेलिजेंस हमारे देश की ख्याति है। भारत दुनिया को अध्यात्म और योग का ज्ञान देने वाला है।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी भूषण ने कहा कि ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक के माध्यम से लेखक ने आम जनमानस को उपनिषद और वेदों से जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया है। हमारे वेद उपनिषद और प्राचीन ग्रंथ 21वीं सदी की आवश्यकता बन रहे हैं। जीवन जीने की शैली हमारे ये ग्रंथ सिखाते हैं। भावी पीढ़ी को अपने नैतिक मूल्यों से जोड़ना जरूरी है। आसान भाषा में हमारे ग्रंथो को बच्चों और जनमानस के साथ जोड़ना जरूरी है। आत्मा का चिंतन और परमात्मा से जुड़ाव होना आवश्यक है। इस पुस्तक के माध्यम से इस दिशा में सराहनीय प्रयास किया गया है।

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, भाजपा के जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक के लेखक प्रकाश सुमन ध्यानी, गणेश खुगशाल एवं साहित्य से जुड़े लोग उपस्थित थे।

यूटीसी को तत्काल शॉर्ट टर्म एक्शन प्लान पर कार्य करते हुए दिल्ली के लिए रोडवेज बसों के फेरे बढ़ाने के निर्देश

उत्तराखण्ड परिवहन निगम की पुराने मॉडल की डीजल बसों पर दिल्ली पर लगे प्रतिबन्ध से आमजन की असुविधा के तत्काल समाधान को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने यूटीसी को तत्काल शॉर्ट टर्म एक्शन प्लान पर कार्य करते हुए दिल्ली के लिए रोडवेज बसों के फेरे बढ़ाने, विशेषकर वीकेंड पर बसों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए यूपी से भी समन्वय हेतु निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव परिवहन को 175 बसों के खरीद के प्रस्ताव के निर्णय पर उचित स्तर पर आज ही वार्ता हेतु निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने निर्देश दिए हैं कि जिन 100 सीएनजी बसों की खरीद की टेण्डर प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं तथा 30 बसें प्राप्त हो चुकी हैं, उनका संचालन शीघ्र शुरू किया जाए।

आमजन को फौरी राहत देने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने परिवहन विभाग को यूटीसी की बसों का संचालन गाजियाबाद में मोहन नगर के साथ ही कौशाम्बी तक करने के लिए उत्तर प्रदेश से बात करने के निर्देश दिए हैं। प्रदूषण नियंत्रण के मानक पूरा करने वाली बसें सीधा दिल्ली में प्रवेश करेगी। सामान्य बसें दिल्ली सीमा मोहन नगर व कौशाम्बी तक जा सकेगी।

बैठक में उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने जानकारी दी कि दिल्ली में प्रदूषण के कारण पुराने मॉडल की डीजल बसों पर लगी रोक से पहले रोडवेज की दिल्ली रूट पर 504 सेवाएं प्रतिदिन संचालित होती थी, लेकिन अभी प्रदूषण नियंत्रण के मानक पूरे करने वाली 310 बसें संचालित हो रही हैं। 194 बसें प्रतिबन्धित की गई हैं। प्रतिबन्ध से पूर्व रोडवेज की बसों का लोड फैक्टर लगभग 40 प्रतिशत था जो अभी बस सेवाओं की फ्रीक्वेंसी बढ़ने से लोड फैक्टर 90 से 100 प्रतिशत हो गया है। दिल्ली जाने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की विशेष असुविधा नही हो रही हैं। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में भ्रामक सूचनाओं को स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।

दून विश्वविद्यालय में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने की घोषणा, बोले प्रवासियों के परिषद का करेंगे गठन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन“ में सभी प्रवासी उत्तराखंड़ियों का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अल्मोड़ा जनपद में बस हादसे में अपनी जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की माटी से जुड़े हुए प्रवासियों ने शिक्षा, अनुसंधान, ब्यूरोक्रेसी, फिल्म निर्माण, उद्योग, व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान उत्तराखंड से हैं। भारत के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस विपिन रावत भी इसी भूमि से थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति अपने आप में विशिष्ट है। हमारे प्रवासी देश के विभिन्न राज्यों में अपनी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में उन्हें देश के अनेक राज्यों में पर्वतीय समाज के लोगों से मिलने का अवसर मिला और उन्होंने महसूस किया कि हमारे प्रवासियों के भीतर बसा उत्तराखंड सदैव उनके साथ रहता है। उन्होंने उत्तराखंड की भाषा, संस्कृति और संस्कारों को कभी नहीं छोड़ा। यह प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन सभी को उत्तराखंड की मिट्टी से पुनः जोड़ने का एक प्रयास है। यह ऐसा समागम है जहां सभी प्रवासी भाई बहन न सिर्फ राज्य के अधिकारियों के साथ संवाद कर सकेंगे बल्कि उन्हें विभिन्न राज्यों में निवासरत अन्य उत्तराखंडी प्रवासियों से भी मिलने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यहां से निकलने वाला संदेश लाखों उत्तराखंडी प्रवासियों तक पहुँचेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूर्ण करने में उत्तराखंड भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं सहयोग से प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, पेयजल सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों का इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से मजबूत हो रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य भी तेजी से चल रहा है। एयर कनेक्टिविटी को मजबूत बनाया जा रहा है। 30 से अधिक नई नीतियां लाकर उत्तराखंड को निवेश और रोजगार सृजन के लिए अनुकूल बनाया है। प्रदेश में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी प्राथमिकता के साथ कार्य हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश हित में कई कठोर एवं ऐतिहासिक निर्णय लिये गये हैं। यूसीसी का कानून राज्य में जल्द लागू होगा। देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण रोधी कानून और दंगा रोधी कानून लागू किया गया है। लैंड जिहाद के खिलाफ भी मुहिम चलाकर प्रदेश भर में 5000 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करवाया है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत् विकास के लक्ष्यों के इंडेक्स में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी में है। एक वर्ष में बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत कम हुई है। राज्य में फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए नई फिल्म नीति को भी मंजूरी दी है जिसमें राज्य में फिल्मों की शूटिंग करने पर कई प्रकार की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंड़ियों को प्रदेश की विभिन्न जानकारियां उपलब्ध कराने और उनकी समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से एक डेडीकेटेड वेबसाइट भी तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासियों से अपील की कि कम से कम वर्ष में एक बार अपने गांव और पैतृक घर पर जरूर आएं और अपनी-अपनी विशेषज्ञता के हिसाब से अपने क्षेत्र के विकास में योगदान दें। आपके सुझावों एवं कार्यों के आधार पर विशिष्ट नीतियां बनाकर उन पर कार्य किया जायेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज होने वाले मंथन से जो अमृत निकलेगा, वह अवश्य ही उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि यह गौरवशाली क्षण है, आज प्रवासी उत्तराखंड़ियों ने अपने संघर्ष और परिश्रम के बल पर देश के कोने-कोने में अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। राज्य में कार्य करने के लिए अनेक क्षेत्रों में संभावनाएं हैं।

विधायक विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना बड़े संघर्षों के बाद हुई। राज्य में कार्य करने के लिए बहुत अच्छा वातावरण है। हम सबको राज्य के विकास के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।

प्रवासी उत्तराखंडी और मेयर लखनऊ सुषमा खरकवाल ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें प्रवासी सम्मेलन में आने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मेरे लिए मातृभूमि उत्तराखंड है। यह देवभूमि प्रतिभाओं की धनी है।

प्रवासी उत्तराखंडी और अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने कहा कि राज्य में क्षेत्रीय फिल्मों को बढ़ावा मिलना चाहिए। उत्तराखंड की लोक कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजन सेतु के रूप में कार्य करेंगे।

प्रवासी उत्तराखंडी और भारत सरकार में सचिव वाणिज्य सुनील बर्थवाल ने कहा कि प्रवासियों को अपने गांव को गोद लेने वाला विचार बहुत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए वे हर संभव सहयोग देंगे और अपनी मातृभूमि के विकास के लिए भागीदार बनेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जैविक उत्पाद के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। इनकी मांग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढ़ी है। सामुहिक खेती से उत्त्राखंड में जैविक उत्पादों को बढ़ाया जा सकता है।

प्रवासी उत्तराखंडी और राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंड़ियों को अपने माटी से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सराहनीय पहल की गई है। राज्य में पर्यटन, ऊर्जा, वन संपदाओं, उद्योग के क्षेत्र में कार्य के अनेक संभावनाएं हैं। हर क्षेत्र में राज्य तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी मातृभूमि के लिए कार्य करने के लिए उन्हें जो भी अवसर मिलेगा, वे हमेशा उपस्थित रहेंगे।

इस अवसर पर विधायक बंशीधर भगत, किशोर उपाध्याय, सविता कपूर, विधायक एवं प्रवासी उत्तराखंडी सुरेन्द्र मैठाणी, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अनेक संख्या में आये प्रवासी उत्तराखंडी और शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम से मिला आईएएस एसोसिएशन, विभिन्न विषयों पर की वार्ता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में आईएएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भेंट कर विभिन्न विषयों पर वार्ता की।

आईएएस एसोसिएशन द्वारा बीते दिन सचिवालय में शासन के वरिष्ठ सचिव मीनाक्षी सुंदरम से हुए दुर्व्यवहार के मामले पर नियम अनुसार वैधानिक कार्यवाही किए जाने का आग्रह किया गया। आईएएस एसोसिएशन द्वारा शासन में सुरक्षित कार्य प्रणाली को विकसित किए जाने को लेकर भी मुख्यमंत्री से निवेदन किया गया। आईएएस एसोसिएशन द्वारा जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे अधिकारियों और सचिवालय कर्मचारियों की सुरक्षा पर भी विशेष रूप से ध्यान दिए जाने का आग्रह किया गया।

मुख्यमंत्री ने सभी को प्रभावी ढंग से नियमानुसार बिना किसी दबाव के कार्य करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा हम सभी को राज्य की जनता के लिए कार्य करना है। उन्होंने कहा आईएएस एसोसिएशन द्वारा रखी गई मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, सचिव शैलेश बगौली, एंव अन्य सचिवगण मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने स्किल डेवलपमेंट एण्ड एम्पलॉयमेंट कॉनक्लेव की तैयारियों के सम्बन्ध में समीक्षा की

उत्तराखण्ड के युवाओं के लिए कौशल विकास एवं रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के रोडमैप के सम्बन्ध में स्किल डेवलपमेंट एण्ड एम्पलॉयमेंट कॉनक्लेव का आयोजन नवम्बर माह में देहरादून में किए जाने से सम्बन्धित बैठक में आज सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस सम्बन्ध में सभी विभागों को आंकडों के साथ वर्किंग प्लान एक सप्ताह में प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस राधा रतूड़ी ने कहा है कि उक्त वर्किंग प्लान के आधार पर स्किल डेवलपमेंट एण्ड एम्पलॉयमेंट कॉनक्लेव में राज्य सरकार के एक स्पष्ट एवं प्रभावी एक्शन प्लान को अन्तिम रूप दिया जा सकेगा।

स्किल डेवलपमेंट एण्ड एम्पलॉयमेंट कॉनक्लेव के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि इस कॉनक्लेव का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं को सशक्त बनाना, प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना तथा समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रोजगार की चुनौतियों का समाधान करना है।

कॉनक्लेव में विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी से तैयार किया जाएगा रोडमैप

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि उक्त कॉनक्लेव में कौशल विकास एवं रोजगार विभाग, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, श्रम, सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए), पर्यटन, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, उद्योग, समाज कल्याण, वन, ऊर्जा, कृषि एवं संबद्ध विभागों के समन्वित प्रयासों से कौशल विकास एवं रोजगार का रोडमैप बनाया जाएगा।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि इस कॉनक्लेव में नीति आयोग, यूएनडीपी, इन्टरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन, मानव विकास संस्थान, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान व यूनिसेफ का सहयोग प्राप्त होगा।

वर्तमान में विभागों में स्किलिंग ईकोसिस्टम पर जानकारी मांगी

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सम्बन्धित विभागों को कौशल विकास के क्षेत्र में गैप, केस स्टडीज तथा बेस्ट प्रैक्टिसेज को उजागर करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने विभागों की आन्तरिक व्यवस्था में वर्तमान में कौशल विकास हेतु क्या ईकोसिस्टम मौजूद है, इस पर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभागीय प्रशिक्षण के माध्यम से सर्टिफिकेशन, विभागों के ट्रेनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर ,विभागों के प्रशिक्षण केन्द्रों का सामान्य कौशल विकास हेतु उपयोग, ट्रेनिंग मोड्स ( ऑनलाइन, ऑफलाइन, हाइब्रिड), फण्ड की व्यवस्था, अन्य विभागों का राज्य के कौशल एवं रोजगार विभाग के साथ समन्वय, कौशल विकास प्रशिक्षण की चुनौतियों पर स्पष्ट जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विभागों से स्किल डेवलपमेंट को और अधिक प्रभावी बनाने के सम्बन्ध में सुझाव भेजने के भी निर्देश दिए हैं।

बैठक में सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी, विनय शंकर पाण्डेय सहित सभी संबंधित विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं अधिकारी मौजूद रहे।

देवभूमि में मिलावटखोरी नहीं की जाएगी बर्दाश्त, मिलावटखोरी पर होगी कड़ी कार्रवाईः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के निर्देशों पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि नियंत्रक विभाग ने प्रदेशभर में देशी घी और मक्खन में मिलावट पर अंकुश लगाने के लिए व्यापक अभियान शुरू कर दिया गया है। राज्य के सभी जनपदों में अभियान शुरू हो गया है। देशी घी और मक्खन के साथ ही मिठाई की दुकानों से सैंपल भी लिये गये। स्वास्थ्य सचिव और खाद्य आयुक्त डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि राज्य में मिलावटी घी और मक्खन बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर लड्डू का सैंपल लेकर जांच के निर्देश दिए हैं साथ ही बाजार में बिकने वाले घी की जांच के लिए भी कहा गया है।

कई नामी कंपनियों के घी व मक्खन के सैंपल लिए गए

खाद्य विभाग के अपर आयुक्त ताजबर जग्गी ने कहा कि मिलावटी घी और मक्खन पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेशव्यापी अभियान शुरू कर दिया गया है। सभी जनपदों में मिठाइयों की दुकानों और देशी घी व मक्खन बेचने वालों की दुकानों पर छापेमारी के निर्देश अधिकारियों को दिये गये थे। जिसको लेकर कार्रवाई शुरू हो गई है। जांच टीम द्वारा कई कंपनियों के घी व मक्खन के सैंपल भी लिये गये है। सैंपल का टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह अभियान मण्डल के उपायुक्त और जनपदीय अभिहित अधिकारी के नेतृत्व में संचालित किया जा रहा है। जिसमें वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी, खाद्य सुरक्षा अधिकारी राज्य में स्थित विनिर्माण इकाइयों, भण्डारणकर्ता विक्रेताओं का सघन निरीक्षण करते स्थानीय एवं विभिन्न ब्रांडों के घी एवं मक्खन के विधिक एवं सर्विलांस नमूनों का संग्रहण करेंगे।

देहरादून में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक छापेमारी

गढ़वाल मंडल में डिप्टी कमिश्नर आरएस रावत के नेतृत्व में छापेमारी अभियान चलाया गया। देहरादून जनपद के विभिन्न स्थानों पर देशी घी व मक्खन की जांच की गई। विभिन्न सैंपलों के नमूने इक्कठे कर जांच के लिए लैब भेजे गये। देहरादून जनपद के शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण इलाकों हरबर्टपुर, सहसपुर, सुद्धोवाला में भी सघन छापेमारी अभियान चलाया गया। छापेमारी टीम में सीनियर एफएसओ रमेश सिंह, संतोष सिंह, संजय तिवारी, डीओ मनीष सिंह मौजूद रहे।

कुमाँऊ मण्डल में भी युद्धस्तर पर अभियान शुरू

वहीं कुमाँऊ मण्डल में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन उपायुक्त अनोज कुमार थपलियाल के नेतृत्व में टीम ने हल्द्वानी क्षेत्र में मिलावटी घी के विक्रय एवं भण्डारण के रोकथाम हेतु नगर के मुख्य घी विक्रेता/थोक विक्रेता/वितरण प्रतिष्ठानों का सघन निरीक्षण अभियान चलाकर नमूने जांच के लिए लैब भेजे गये। अभियान के दौरान टीम द्वारा मंगल पड़ाव, कालाढूंगी रोड एवं रामपुर रोड, हल्द्वानी स्थित घी के थोक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया। उपायुक्त अनोज कुमार थपलियाल ने बताया कि घी के विभिन्न ब्राण्डों-पारस, पहलवान, मदर डेयरी एवं हेल्थ मेड देसी घी आदि के कुल चार नमूने संग्रहित किये गये तथा नोवा ब्राण्ड स्किम्ड मिल्क पाउडर का एक नमूना लेकर जांच के लिए लैब भेजे गये। जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर तद्नुसार कार्यवाही की जायेगी। वहीं वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी, रामनगर असलम खॉ द्वारा भी घी का एक नमूना संग्रहित किया गया। यह अभियान सम्पूर्ण जनपद में आगे भी जारी रहेगा। अभियान दल में अभिहित अधिकारी, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन, नैनीताल संजय कुमार सिंह, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी, हल्द्वानी, अभय कुमार सिंह तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारी, हल्द्वानी, कैलाश चन्द्र टम्टा आदि मौजूद रहे।

सीएम ने पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी की पुस्तक ‘‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’’ का किया विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चौक, देहरादून स्थित आई.आर.डी.टी सभागार में उत्तराखण्ड के पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री अनिल रतूड़ी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’’ का विमोचन किया। अनिल रतूड़ी ने यह पुस्तक एक आईपीएस अधिकारी के रूप में अपने संस्मरण एवं अनुभव के आधार पर लिखी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अनिल रतूड़ी द्वारा इस पुस्तक के माध्यम से एक पुलिस अधिकारी के रूप में अपने सेवाकाल के संस्मरणो, अनुभवों और चुनौतियों को रोचक तरीके से प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि सफलता और असफलता दोनों में एक समान रहना स्थितप्रज्ञ है। यह पुस्तक सेवा में आ रहे लोगों को निर्णय लेने में मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमें एहसास होता है कि धरा पर कोई हमारा साथ देने वाला नहीं, तब हम धरातल से ऊपर उठकर सीधे प्रभु से संबंध वाली स्थिति में आते हैं, यह भी स्थितप्रज्ञ है। ऐसा प्रभु की कृपा से ही संभव है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनिल रतूड़ी ने एक सफल और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्य किया। रतूड़ी दंपति ने अपने कार्यों और व्यवहार से उत्तराखण्ड में ही नहीं बल्कि देश में अपना एक विशेष स्थान बनाया। दोनों ने साधारण रहते हुए जनहित में असाधारण कार्य कर अपनी अलग साख बनाई। अपने सेवाकाल के दौरान अनिल रतूड़ी ने अनेक बार कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर समस्याओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य में कर्म करते हुए अपने मन को शांत रखते हुए लक्ष्य प्राप्त करने का गुण होना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के पास शांति और कानून व्यवस्था को बनाए रखने की बड़ी चुनौती होती है। हर चुनौती का सामना करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ संयम का होना भी जरूरी होता है। यह एक ऐसी यात्रा है जिसमें अनेक उतार-चढ़ाव और चुनौतियां आती हैं, इसमें विपरीत परिस्थितयों में नैतिकता और धैर्य बनाये रखना जरूरी है। आज पुलिस के पास आधुनिक तकनीक है। पहले सीमित संसाधन होते हुए भी पुलिस को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता था।

‘‘खाकी में स्थितप्रज्ञ’’ पुस्तक के लेखक अनिल रतूड़ी ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने पुलिस अधिकारी के रूप में साढ़े तीन दशक के अनुभव के आधार पर कुछ महत्वपूर्ण संस्मरणों, अनुभवों और चुनौतियों का वर्णन करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि शांति और कानून व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस को जो शक्तियां दी गई हैं, मानव कल्याण के लिए उनका सदुपयोग करना आवश्यक है। इस पुस्तक के माध्यम से यह प्रयास किया गया है कि हमारे नये अधिकारी कैसे चुनौतियों का सामना कर धैर्य से अपने कार्यपथ पर आगे बढ़े और अपनी जिम्मेदारियों का पूरी कर्तव्यनिष्ठा और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर कर सकें। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य कि सफलता में केवल एक व्यक्ति की भूमिका नहीं होती है, उसमें अनेक लोगों का योगदान होता है।

कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि ऐसी धारणा होती है कि अगर वर्दी है तो स्थितप्रज्ञ नहीं हो सकता है और अगर स्थितप्रज्ञ जो है वो वर्दी नहीं पहन सकता है। अनिल रतूड़ी ने इस मिथक को अपने जीवन के प्रेरणादायी यात्रा से तोड़ा है कि वर्दी में स्थितप्रज्ञ रहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अनिल रतूड़ी के लेखन शैली में में टी.एस. इलियट का प्रभाव दिखता है। सुख, दुःख, जोश में और अपने उतार-चढ़ाव वाले जीवन में एक तरह व्यवहार करने वाला व्यक्ति स्थितप्रज्ञ है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने बताया है कि एक पुलिस अधिकारी की जिंदगी तलवार की धार की तरह है। चक्रव्यूह के अन्दर आ गये और उसे तोड़ दिया तो भी विजित कहलायेंगे वो जरूरी नहीं है, नहीं तोड़ा तो असफल तो आप कहलायेंगे ही।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मांगलगीत गाया।

इस अवसर पर डीजीपी अभिनव कुमार, पूर्व मुख्य सचिव एन. रविशंकर, साहित्यकार एवं पूर्व कुलपति डॉ. सुधा रानी पाण्डे, शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एवं साहित्य के क्षेत्र से जुड़े महानुभाव उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने कलेक्शन सेंटर की वास्तविक उपयोगिता को लेकर की बैठक

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेशभर के सभी कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेशभर के सभी कलेक्शन सेन्टर की वास्तविक उपयोगिता के सम्बन्ध में रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने सभी कलेक्शन सेन्टर की लोकेशन मैपिंग, उनके संचालन की स्थिति, वर्तमान में उनका कितना वास्तविक उपयोग हो रहा है, इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट सम्बन्धित विभाग से मांगी है। मुख्य सचिव ने REAP (Rural Enterprise Acceleration Project) के तहत Wayside Amenities एवं क्लेक्शन सेन्टर निर्माण की इकाई दरों के संशोधन के प्रस्ताव पर भी अनुमोदन दिया। उन्होंने कृषि विभाग को पर्वतीय फसलों, दालों व मिलेट के सर्टिफाइड बीजों के उत्पादन में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रोजेक्ट पर अनुमोदन देते हुए REAP के तहत इस क्षेत्र में 400 उद्यमियों को तैयार करने लक्ष्य समयबद्धता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने तेजपत्ता के दोहन व वैल्यू एडिशन की वैश्विक पद्धतियों का भीमताल व ओखलकांडा ब्लॉकों में विस्तार करते हुए 500 उद्यमी तैयार करने, बकरी की नस्ल एवं मूल्य श्रृंखला उत्पाद विकास के तहत 728 उद्यमी तैयार करके, रेशम विभाग की सहायता से दून सिल्क धरोहर संरक्षण के तहत 300 उद्यमी तैयार करने, मुर्गीपालन हेतु मदर यूनिट व रियरिंग यूनिट स्थापना के माध्यम से 503 उद्यमी तैयार करने, मशरूम कम्पोस्ट व उत्पादन इकाई के तहत 402 उद्यमी तैयार करने के कुल 6033.59 लाख रुपये के प्रस्तावों पर अनुमोदन दिया।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने REAP परियोजना के तहत अधिकाधिक स्थानीय महिलाओं को घरेलू पशुओं के स्वास्थ्य कर्मियों रूप में प्रशिक्षित करते हुए 2400 पशुसखी किट वितरित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए इस लक्ष्य को समयबद्धता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने महिलाओं के कार्य के बोझ को कम करने के उद्देश्य से 2000 ग्राम संगठनों को राष्ट्रीय निविदा के माध्य से छोटे व उन्नत कृशि/उद्यान यंत्रों के वितरण के प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए इस सम्बन्ध में विभाग को निर्देश दिए हैं कि फार्मिंग यंत्रों के वितरण से महिलाओं के कार्य कितना बोझ कम हुआ है, इस सम्बन्ध में एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार की जाए। मुख्य सचिव ने सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में लैगिंक संवेदनशीलता (Gender Sensitization) को प्राथमिकता पर रखने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएफएल) में में उन्नत आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ ही इनके माध्यम से स्थानीय लोगों विशेषकर महिलाओं फाइनेंशियल लिटरेसी व साइबर सिक्योरिटी का भी प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में REAP (ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना) की चौथी उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सचिव राधिका झा, धीराज गर्ब्याल, अपर सचिव मनुज गोयल, विनीत कुमार सहित सभी उपायुक्त व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

सार्वजनिक व वाणिज्यिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर संचालित किया जाएगा स्वच्छता अभियान

स्वच्छता ही सेवा अभियान के प्रभावी व सफल संचालन के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को प्रदेशभर में जनभागीदारी, जागरूकता, एडवोकेसी के साथ सार्वजनिक व वाणिज्यिक स्थलों, कार्यालयों, संस्थानों, सड़कों, राजमार्गाे, बाजारों, ट्रैकिंग व कैंपिंग स्थलों व अन्य पर्यटन व धार्मिक स्थलों में बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाने के साथ ही सफाई मित्रों के लिए स्वास्थ्य जांच व सामाजिक सुरक्षा कवरेज हेतु सिंगल विण्डों कैम्प लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अभियान में स्वयं सहायता समूहों व एनजीओ की भागीदारी भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

चारधाम मार्गों में मलबे की समस्या के समाधान के लिए सीएस राधा रतूड़ी ने चारधाम रूट पर डंपिंग जोन हेतु उचित स्थानों के चिन्हीकरण के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सचिव पेयजल व जिलाधिकारियों को सभी एसटीपी के निरीक्षण व जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी एसटीपी को ड्रेनेज सिस्टम से जोड़ने की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश सभी डीएम को दिए।

सफाई मित्रों की सामाजिक सुरक्षा व बीमा के मुद्दे पर संवेदनशीलता से कार्य करने की हिदायत देते हुए सीएस राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान सफाई मित्रों के लिए व्यापक स्तर पर सिंगल विण्डो कैम्प लगाकर उनकी सामाजिक सुरक्षा तक पहुंच में बढ़ाकर कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सफाई मित्रों के लिए हेल्थ कैम्प लगाकर स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाएं, जांच व उपचार के साथ ही अन्य सभी सम्बन्धित विभागों की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

स्वच्छता व पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से राज्य में सभी होटल व होम स्टे की ग्रीन लीफ रेटिंग को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को इस सम्बन्ध में त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने क्लाउड किचन के मामलें में स्वच्छता के मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं।

राज्य में सभी वाहनों में गारबेज बैग अनिवार्यतः लगाने की व्यवस्था को प्रभावी बनाने की दिशा में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने परिवहन व पुलिस विभाग के साथ ही उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सक्रियता के साथ चौकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

विदित है कि स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024, जो भारत सरकार की एक राष्ट्रव्यापी स्वच्छता पहल है, 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा।

इस वर्ष स्वच्छता ही सेवा अभियान की थीम ‘‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’’ के तहत स्वच्छता को व्यवहार के हिस्से के रूप में बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है।

अभियान में तीन प्रमुख घटक शामिल हैंः जन भागीदारी, स्वच्छता प्राप्त करना, और सफाई मित्रों, सफाई कर्मचारियों और अन्य हितधारकों की मान्यता जो पिछले एक दशक से कार्यक्रम का अभिन्न अंग रहे हैं।

पखवाड़े भर चलने वाले इस अभियान में जिला प्रशासन और राज्य सरकार की व्यापक भागीदारी होगी, जिससे राज्यभर में स्वच्छता के प्रति सहयोगात्मक और समन्वित दृष्टिकोण विकसित होगा।

बैठक में सचिव शैलेश बगौली, अपर सचिव नितिन भदौरिया सहित शहरी विकास, पेयजल, पर्यटन विभाग के अधिकारी व वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

सीएम ने उत्तराखण्ड का लोक पुत्र प्रीतम भरतवाण पुस्तक का किया विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चौक स्थित आई. आर. डी. सभागार में आयोजित जागर लोक संस्कृति उत्सव में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सच्चिदानन्द सेमवाल द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘उत्तराखण्ड का लोक पुत्र प्रीतम भरतवाण’’ का विमोचन करते हुए उन्हें उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति का ब्राण्ड एम्बेसडर बताया। उन्होंने कहा कि पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने देवभूमि की पवित्र लोक परम्पराओं एवं लोक संस्कृति को विश्व में पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने ऐसे आयोजनों को राज्य की प्राचीन समृद्ध लोक संस्कृति का उत्सव बताते हुए कहा कि जागर को उत्तराखण्ड की संस्कृति में देवताओं के आह्वान का भी माध्यम माना गया है।

मुख्यमंत्री ने जागर एकेडमी के माध्यम से युवाओं को इस विधा से जोड़ने के लिये प्रीतम भरतवाण के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जागर एवं ढोल वादन हमारी सांस्कृतिक पहचान है। यह हमें अपनी विरासत की गहराई से जोड़ती है। अपनी लोक संस्कृति की इस समृद्ध विधा को युवा पीढ़ी के साथ पीढी दर पीढी आगे बढ़ाने के प्रयासों से हमारे युवा इस परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य की लोककला, लोक संस्कृति की समृद्धि के लिये निरंतर प्रयासरत है। नवोदित व उदीयमान प्रतिभावान साहित्यकारों को भी सम्मान दिये जाने की परम्परा शुरू की गई है। लोक कलाकारों की सूची तैयार कर उन्हें प्रोत्साहित कर सहायता प्रदान की जा रही है। कोरोना काल में 3200 लोक कलाकारों को पैकेज के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान करने का कार्य किया गया है। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोक कलाकारों को 03 हजार रू0 मासिक पेंशन दी जा रही है। पौराणिक मेलों को उनके मूल स्वरूप में स्थापित करने के लिये भी मदद दी जा रही है। कलाकारों को बेहतर मंच मिले इसके भी प्रयास किये जा रहे है। जागर गायन शैली एवं प्राचीन परम्परागत लोक कला व लोक संस्कृति को गुरु शिष्य परम्परा के माध्यम से पहचान दिलाने एवं लोक कला व लोक संस्कृति से जुड़ी लिपियों को प्रकाशित करने तथा आर्ट गैलरी के माध्यम से उन्हें संरक्षित करने का भी कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने पुस्तक के लेखक सच्चिदानंद सेमवाल के प्रयासों की भी सराहना करते हुए कहा कि उनका यह प्रयास प्रीतम भरतवाण के सदप्रयासों को जन-जन तक पहुंचाने में मददगार होगा। मुख्यमंत्री ने सभी से अपनी लोक संस्कृति को सहेजने तथा इसे भावी पीढ़ी तक पहुंचाने में समर्पित भाव से कार्य करने की भी अपेक्षा की।

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रीतम भरतवाण को जागर संस्कृति का प्रतीक तथा लोक संस्कृति का संवाहक बताते हुए विश्व में लोक संस्कृति को पहचान दिलाने वाला बताया, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रीतम भरतवाण ने जागर एवं ढोल संस्कृति को विश्व तक पहुंचाने का कार्य किया। मुख्य सचिव राधा रतूडी ने उनके प्रयासों को युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ने का माध्यम बताया। पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी तथा साहित्यकार सोमवारी लाल उनियाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। पुस्तक के लेखक सच्चिदानंद सेमवाल ने पुस्तक की विषय वस्तु की जानकारी दी। पद्मश्री प्रीतम भरतवाण ने मुख्यमंत्री सहित कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य लोगों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर बडी संख्या में लोक संस्कृति एवं साहित्य से जुड़े गणमान्य लोग उपस्थित थे।