मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें राज्य की समस्त जनता की ओर से पुनः रक्षा मंत्रालय का दायित्व मिलने पर बधाई और शुभकामनायें दी।
मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री से पर्यटन नगरी, नैनीताल में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पार्किंग सुविधाओं के विकास के लिए नैनीताल स्थित रक्षा सम्पदा विभाग की भूमि को राज्य सरकार को उपलब्ध कराने पर सहमति प्रदान करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में नैनीताल विश्व में पर्यटन ही नहीं वरन् धार्मिक/आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो गया है। जनपद नैनीताल में विश्व प्रसिद्ध बाबा नीब करौरी महाराज का आश्रम. श्री कैंची धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में अत्यधिक बढोत्तरी हो रही है। कैंची धाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालु नैनीताल अथवा नैनीताल के समीपवर्ती क्षेत्रों में ही रुकते हैं।
नैनीताल में पार्किंग व्यवस्था के काफी सीमा तक समाधान के लिए मुख्य रूप से यह विकल्प संज्ञान में लाया गया कि नैनीताल नगर में नैनी झील से 2 किमी. की दूरी पर रक्षा सम्पदा विभाग की भूमि है, जिसका क्षेत्रफल 3 एकड़ है। यदि इस भूमि को पार्किंग हेतु उपलब्ध करा दिया जाता है तो नैनीताल में एक सीमा तक पार्किंग व्यवस्था की समस्या का समाधान हो जायेगा। इस स्थल को यदि बहुमंजिला पार्किंग के रूप में विकसित किया जाता है तो इसमें लगभग 1500-2000 तक वाहन पार्क हो पायेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यथा संभव सहयोग किए जाने के प्रति आश्वस्त किया।
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मुख्यमंत्री ने विजय दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना, भूतपूर्व सैनिकों, एवं प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होने कहा कि भारत के सैन्य इतिहास में 16 दिसम्बर भारतीय सशस्त्र सेनाओं के साहस, समर्पण और बलिदान को याद करने का ऐतिहासिक दिन है। इस दिन भारतीय सैनिकों के साहस व बहादुरी के सामने नतमस्तक होकर पाकिस्तानी सेना के हजारों सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए हमारे वीर सैनिक हमेशा तत्परता के साथ अपना योगदान देते है जिस पर हमें गर्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड, देवभूमि के साथ ही वीर भूमि भी है। यहां सदैव देशभक्ति व राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना रही है। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वाेच्च बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा के लिए हमारे वीर सैनिक हमेशा तत्परता के साथ अपना योगदान देते हैं। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वाेच्च बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने सैनिकों की वीरता पर नाज है और पूरा देश उनकी बहादुरी को नमन करता है।
धामी ने सैन्यधाम के निर्माण में तेजी लाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सैन्यधाम के निर्माण कार्यों में और तेजी लाई जाए। सैन्य धाम का स्वरूप भव्य एवं दिव्य हो, इसके लिए अन्य राज्यों के सैन्य धामों (शौर्य स्थलों) की जो स्टडी की गई है, उनमें जो बेहतर कार्य किये गये हैं, उन कार्यों का समावेश सैन्य धाम में किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सैन्यधाम में उत्तराखण्ड की झलक दिखे। सैन्यधाम के आसपास केदारखण्ड एवं मानसखण्ड की थीम पर आधारित क्या गतिविधियां हो सकती हैं, इस पर भी ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सचिवालय में सैन्य धाम (शौर्य स्थल) की उच्च स्तरीय बैठक के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिये।
बैठक में जानकारी दी गई कि सैन्यधाम के निर्माण की कार्य प्रगति 45 प्रतिशत तक हो चुकी है। जिसके अन्तर्गत ऑडिटोरियम, टैंक प्लेटफॉर्म, मुख्य द्वार, बाबा जसवंत सिंह एवं बाबा हरभजन सिंह मन्दिर, शौर्य स्तम्भ, बुकिंग काउंटर, चाहरदीवारी एवं म्यूजियम का कार्य प्रगति पर है।
बैठक में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, जी.ओ.सी उत्तराखण्ड सब-एरिया मेजर जनरल संजीव खत्री, मेजर जनरल सम्मी सभरवाल (से.नि) सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र चौधरी, एस.एन. पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
पौड़ी में सीएम ने की विभिन्न समूहों के पदाधिकारियों के साथ भेंट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को जनपद पौड़ी मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस में पूर्व सैनिक संगठन एवं शहीदों के परिजनों, प्रबुद्ध नागरिकों, महिला स्वयं सहायता समूह व महिला संगठनों, पंचायत प्रतिनिधियों एवं भाजपा कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ संवाद व भेंटवार्ता की। इस अवसर पर उन्होंने सर्किट हाउस प्रांगण में पौधारोपण भी किया।
विभिन्न संगठनों के साथ संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार एकरूपता से उत्तराखंड की जनता के लिए कार्य कर रही है। संवाद कार्यक्रम के दौरान जो भी शिकायत या मांग पत्र उपलब्ध कराए गए हैं, उन पर समय रहते सकारात्मकता के साथ हर संभव कार्यवाही की जाएगी।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, विधायक लैंसडौन महंत दलीप सिंह रावत, विधायक पौड़ी राजकुमार पौरी, विधायक यमकेश्वर रेनू बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्षा शांति देवी, जिलाधिकारी डॉ आशीष चैहान, एसएसपी श्वेता चैबे सहित अन्य जनप्रतिनिधि व संगठन के पदाधिकारी सदस्य आदि उपस्थित रहे।
वीरता चक्र से अलंकृत सैनिक और वीरागंनाओं को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा-सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गांधी पार्क, देहरादून में विजय दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने विजय दिवस पर भूतपूर्व सैनिकों, वीरांगनाओं को शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि प्रदेश में शहीद द्वार/स्मारकों के निर्माण कार्य अब सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से कराया जायेगा, पहले यह संस्कृति विभाग के माध्यम से कराया जाता था। वीरता चक्र श्रृंखला से अलंकृत सैनिकों एवं वीर नारियों को उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा अनुमन्य होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस को भारतीय सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम का दिन बताते हुए कहा कि आज ही के दिन 1971 में पाकिस्तान के 93,000 से अधिक सैनिकों ने हमारे वीर बहादुर सैनिकों के समक्ष घुटने टेक दिए थे। यह महान युद्ध भारत के वीरों के अटल संकल्प और बलिदान का प्रत्यक्ष उदाहरण था, जो कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी भी सेना का यह सबसे बड़ा आत्म समर्पण था। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भूमि, देवभूमि होने के साथ पराक्रम और बलिदान की भूमि भी है। 1971 के भारत-पाक युद्ध में वीरभूमि उत्तराखंड के 255 जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया था। युद्ध में अपने अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देने वाले प्रदेश के 74 सैनिकों को विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित कर देश स्वयं सम्मानित हुआ था। ऐसे सभी वीरों के बलिदान की अमर गाथाएं आज भी हमारे युवाओं को प्रेरणा देने का काम करती हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप राज्य में पांचवें धाम की नींव रखते हुए देहरादून में एक भव्य ‘सैन्य धाम‘ का निर्माण प्रारंभ किया है। यह स्मारक उन सभी वीरों को विनम्र श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए, तिरंगे की शान एवं राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। यह सैन्य धाम आने वाली अनेकों पीढ़ियों के लिए राष्ट्र आराधना के एक दिव्य प्रेरणा पुंज के रूप में कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सेना को हर संभव सुविधा दी जा रही है। आज सैनिक अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं, उनकी सहायता और सुरक्षा के लिए विश्व स्तरीय उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक बताया है। जिसके परिणाम स्वरूप इस साल चार धाम यात्रा में 46 लाख से अधिक श्रद्धालु आए। राज्य सरकार ने संकल्प लिया है कि राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर, आप सभी की सहभागिता से उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सैन्य परिवार में पैदा होने के कारण मैंने सैन्य परिवारों का संघर्ष एवं दुख-दर्द को नजदीक से देखा है। सैन्य परिवारों के लिए राज्य सरकार विशेष योजनाएं बना रही है, जिससे एक सैनिक को युद्ध में लड़ते समय अपने परिवार की चिंता न हो। राज्य सरकार ने सैनिकों या उनके आश्रितों को मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाने से लेकर शहीद सैनिकों के आश्रितों को राज्य सरकार के अधीन आने वाली नौकरियों में वरीयता के आधार पर नियुक्ति देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार सैनिक विश्राम गृहों की संख्या बढ़ाने हेतुु भी प्रयासरत है। उत्तराखंड का संपूर्ण विकास राज्य सरकार की नीति ही नहीं बल्कि कर्तव्य है, और इस कर्तव्य का पालन करने हेतु हम संकल्पबद्ध हैं।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सेना के जवान हर स्थिति में देश की रक्षा हेतु मोर्चा संभाले बैठे हैं, उन्होंने कहा 1971 के भारत-पाक युद्ध में उत्तराखंड राज्य के कई जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार सैनिकों के कल्याण हेतु दिन-रात कार्यरत है। लंबे समय से चली आ रही वन रैंक वन पेंशन की मांग प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में ही पूरी हुई। राज्य सरकार शहीदों के सम्मान में विशाल सैन्य धाम बनाने का कार्य कर रही है। साथ ही राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि सैन्य धाम के मुख्य द्वार का नाम उत्तराखंड के वीर सपूत एवं देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाएगा।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, विधायक सविता कपूर, निदेशक सैनिक कल्याण (ब्रिगे.से.नि) अमृतलाल, पूर्व सैन्य अधिकारी एवं वीरांगनाएं मौजूद रहे।
पौड़ी के अभिनव ने नौसेना में पाया कमीशन
पौड़ी के एक लाल अभिनव रावत ने शनिवार को नौसेना में सेकेंड लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन हासिल कर लिया है। केरल के इजीमाला स्थित नेवल अकादमी में पासिंग आउट परेड के बाद अभिनव नौसेना की मुख्यधारा में शामिल हो गया। अभिनव की पीपिंग सेरमनी में उसके पिता मातवर सिंह रावत और मां लक्ष्मी रावत भी मौजूद रही। अभिनव पौड़ी जिले के एकेश्वर ब्लाक के चमाली गांव का निवासी है। सेकेंड लेफ्टिनेंट अभिनव रावत ने कहा कि वह उत्तराखंड की देशसेवा और कर्तव्यपरायणता की समृद्ध और गौरवशाली परम्परा से प्रभावित था, इसलिए सेना को प्राथमिकता दी। उसकी इस उपलब्धि पर पूरे गांव में खुशी का माहौल है। अभिनव के दादा भोपाल सिंह रावत और दादी दूरा देवी गांव में ही रहते हैं। दादा भोपाल सिंह रावत ने कहा कि पोते की इस उपलब्धि पर उन्हें गर्व है।
22 वर्षीय सेकेंड लेफ्टिनेंट अभिनव रावत ने 2018 में इंद्रापुरम गाजियाबाद के कैंब्रिज स्कूल से 12वीं करने के बाद नेवल अकादमी के लिए आवेदन किया और पहली बार में ही सर्विस सलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) क्लियर कर दिया। अभिनव का सलेक्शन आईआईटी के लिए भी हुआ था लेकिन उसने देशसेवा को प्राथमिकता दी। अभिनव के पिता मातबर सिंह रावत दिल्ली की एक कंपनी में सीनियर मैनेजर हैं। उनका कहना है कि अभिनव ने पहले से ही तय किया था कि वह सेना में जाएगा। उसकी इस उपलब्धि पर हमें गर्व है।
गौरतलब है कि चमाली गांव वीर योद्धाओं का गांव है। देश सेवा यहां की परम्परा है। इस गांव के हर परिवार से कोई न कोई सदस्य सेना में है। गांव के हवलदार बुद्धिसिंह रावत और हवलदार झगड़ सिंह रावत स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं। गांव में दो पूर्व कर्नल और दर्जन भर से भी अधिक पूर्व जेसीओ हैं। कारगिल युद्ध में अपना सर्वाेच्च बलिदान देने वाले लांसनायक बलवीर सिंह नेगी भी इसी गांव के हैं।