सीएम ने पत्रकार कल्याण कोष एवं मुख्यमंत्री पत्रकार सम्मान पेंशन योजना को आयोजित समिति के प्रस्ताव को दिया अनुमोदन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारों एवं उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता हेतु पत्रकार कल्याण कोष एवं मुख्यमंत्री पत्रकार सम्मान पेंशन योजना हेतु आयोजित समिति के प्रस्ताव को अनुमोदन दिया है।

29 अप्रैल 2023 को समिति की बैठक में उत्तराखण्ड संकटग्रस्त पत्रकारों एवं उनके आश्रितों के लिए पत्रकार कल्याण कोष से प्राप्त आवेदन प्रकरणों पर समिति द्वारा मृतक 09 पत्रकारों के आश्रितों कुल 45 लाख रूपये की आर्थिक सहायता जिसमें प्रत्येक आश्रित परिवार को 5-5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने के प्रस्ताव पर सहमति बनी थी, जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदन दिया गया है। गम्भीर एवं असाध्य रोग से ग्रस्त पत्रकारों के चिकित्सा उपचार के लिए 05 पत्रकारों को कुल 20 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने एवं एक प्रकरण को मुख्यमंत्री राहत कोष से 72293 रूपये की आर्थिक सहायता देने के प्रस्ताव पर सहमति बनी थी, जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदन दिया गया है।

‘‘मुख्यमंत्री पत्रकार सम्मान पेंशन योजना’’ के अन्तर्गत निर्धारित अहर्ता/पात्रता पूर्ण करने वाले 03 प्रकरणों पर पेंशन अनुमन्य किये जाने के प्रस्ताव पर समिति की सहमती बनी, जिस पर भी मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदन दिया गया है। समिति द्वारा नियामवली में उल्लिखित प्राविधानों के अन्तर्गत 06 प्रकरणों को अपूर्ण पाया गया। जिनके सबंध में पुनः एक बार अभिलेख प्रस्तुत करने का अवसर दिये जाने का सुझाव दिया गया। यदि आवेदकों द्वारा अभिलेख उपलब्ध कराये जाते हैं, तो इन प्रकरणों को आगामी बैठक में प्रस्तुत करने की सहमति बनी।

पत्रकार कल्याण कोष समिति की 29 अप्रैल 2023 को आयोजित बैठक में महानिदेशक सूचना/ सदस्य सचिव, पत्रकार कल्याण कोष समिति बंशीधर तिवारी, अपर निदेशक सूचना/सदस्य, पत्रकार कल्याण कोष समिति, रमेश पहाड़ी, सदस्य पत्रकार कल्याण कोष समिति, त्रिलोक चन्द्र भट्ट, सदस्य पत्रकार कल्याण कोष समिति, बीना उपाध्याय, सदस्य पत्रकार कल्याण कोष समिति एवं सहायक लेखाकर राकेश कुमार धीवान उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री से मिले नेशनलिस्ट यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स के पत्रकार, रखी अपनी मांगे

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वे पत्रकारों के हित और उनके कल्याण जुड़े मामलों में गंभीर हैं और उनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। यह बात उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख संस्था नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी हैं। उनके द्वारा जनता की समस्याओं और विकास को जिन मुद्दों को समय-समय पर उठाया जाता है उससे सरकार को जन समस्याओं के त्वरित समाधान में मदद मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारों के विभिन्न संगठनों द्वारा उठायी गयी विभिन्न मांगे उनके संज्ञान में है जिनके समाधान के लिए उनके उनके द्वारा महानिदेशक सूचना को निर्देर्शित किया गया है।

आज सायं मुख्यमंत्री आवास में नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के संरक्षक त्रिलोक चन्द्र भट्ट के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधि मंडल द्वारा राज्य में पत्रकार उत्पीड़न और उन पर होने वालों हमलों के दृष्टिगत पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, आकस्मिक दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले श्रमजीवी पत्रकारों की यथोचित चिकित्सा और बीमा कवर प्रदान करने हेतु उनको दुर्घटना बीमा कवर देने, विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) भारत सरकार की तर्ज पर सूचना एवं लोक सपंर्क विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा निर्गत विज्ञापनों के बीजक की हार्ड कापी के पूर्व साफ्ट कापी ऑनलाइन जमा करने की भी व्यवस्था सहित राज्य में पंजीकृत पत्रकार यूनियनों को चक्रानुसार प्रतिनिधित्व प्रदान करते हुए यथाशीघ्र प्रेस मान्यता समिति का गठन करने की मांग की गई।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष श्रमजीवी पत्रकारों और उनके आश्रितों के यथोचित उपचार के लिए गोल्डन कार्ड सुविधा/राज्य सरकार के पैनल पर सूचीबद्ध अस्पतालों के कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदान करने, उत्तराखण्ड के दूर दराज के जिलों से राजधानी देहरादून आने वालों पत्रकारों के लिए बीजापुर गेस्ट हाउस के अतिरिक्त भी रात्रि विश्राम हेतु रियायती दरों पर समुचित व्यवस्था करने, विज्ञापन, चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयकों/बिलों तथा प्रेस मान्यता आदि मामलों में कोई आपत्ति या कमी पाये जाने पर उसे निरस्त करने के बजाय, आवेदक को आपत्ति ठीक करने का समय देते हुए लिखित रूप से सूचित करने, उत्तराखण्ड के अधिसूचित प्रेस क्लब जिनको किसी भी रूप में सरकारी अनुदान व सहायता मिलती है, उस धन और संसाधनों सहित ऐसे क्लबों की मानीटरिंग/निगरानी के लिए जिला सूचना अधिकारियों को नाोडल अधिकारी नियुक्त किये जाने और उत्तराखण्ड में संचालित सामुदायिक रेडियो संचालकों के कम से कम एक प्रतिनिधि को जनपद स्तर पर शासकीय पत्रकार के रूप में मान्यता प्रदान करने की भी मांग की गयी।

मुख्यमंत्री ने यूनियन की सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उचित कार्रवाई का आश्वान दिया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर पाण्डे, भूपेश छिमवाल और सागर गाबा उपस्थित रहे।