प्रदेश में 2.56 प्रतिशत महंगी होने जा रही है बिजली दरें

देहरादून। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन बिजली की दरों को बढ़ाने के लिए एक बार फिर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग का दरवाजा खटखटाएगा। आयोग ने उसकी अपील को मान लिया तो प्रदेश में बिजली 2.56 प्रतिशत महंगी हो सकती है। निदेशक मंडल ने यूपीसीएल को अपील करने की अनुमति दे दी है।

निगम का मानना है कि आयोग ने एक अप्रैल से लागू बिजली की दरों का निर्धारण करते समय निगम के खर्चों का सही आकलन नहीं किया। 2018-19 व 2019-20 के कई ऐसे प्रशासनिक खर्च थे, जिन्हें छोड़ दिया गया है। इससे निगम को 180 करोड़ की वित्तीय हानि होने के आसार है।

इसकी भरपाई के लिए निगम ने दरों में वृद्धि के लिए अपील करने का फैसला किया है। निगम के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा के मुताबिक, आयोग ने अपील मानी तो इससे निगम को काफी राहत मिलेगी। वहीं, बोर्ड ने ऊर्जा निगम कर्मचारियों पर बिजली की संशोधित दरें लागू करने को अनुमति दे दी है।

पॉवर अवार्ड ट्रॉफी सीएम को भेंट की

देहरादून।
मुख्यमंत्री हरीश रावत से मंगलवार को बीजापुर हाउस मे उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने भेंट की। उन्होंने पिछले माह 24 सितम्बर को गोवा में आईपीपीएआई द्वारा आयोजित पॉवर अवार्ड में उत्तराखण्ड को देश के 16 राज्यों में सबसे कम विद्युत दर वाला राज्य होने के फलस्वरूप मिली ट्रॉफी मुख्यमंत्री श्री रावत को भेंट की।
मुख्यमंत्री रावत ने उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग की सराहना करते हुए आयोग से राज्य में सस्ती बिजली की उपलब्धता के लिए करार पर विशेष ध्यान देने की अपेक्षा की। उन्होने कहा कि दुसरे राज्यों की अपेक्षा उत्तराखण्ड में बिजली सस्ती है जिससे राज्य में औद्योगिक वातावरण के सृजन में बड़ी मदद मिल रही है। हमारे पास निरन्तर विद्युत उपलब्धता बनी रहे यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है। उन्होने राज्य में विद्युत परियोजनाओं को बढ़ावा देने पर बल दिये जाने के साथ ही इन परियोजनाओं में स्थानीय लोगो को अधिक से अधिक मौके दिए जाने पर भी बल दिया।

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आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने बताया कि राज्य में देश के 16 राज्यों में सबसे कम बिजली की दरे है, हमारी घरेलु विद्युत दर 3.55, कृषि के लिए दर 1.62 जबकि उद्योगों के लिए यह दर 5.40 रूपये है। उन्होंने बताया कि जहां हिमाचल 2.40 रूपये में विद्युत क्रय कर उसे 5.38 में उसकी बिक्री कर रहा है वही हमारा राज्य 2.83 की दर में विद्युत क्रय कर 4.70 में बेच रहा है। उन्होने कहा कि आयोग द्वारा सस्ती बिजली के करार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि राज्य को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध होती रहे।