तीरथ बैठक में हुए अहम निर्णय, जानिए किन-किन विषयों पर हुआ फैसला


देहरादून । कैबिनेट में तीरथ सरकार ने कई महत्वपूर्ण फ़ैसलो पर अपनी मुहर लगाई है शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने फैसलों की जानकारी दी।
कैबिनेट में उत्तराखण्ड विधानसभा नेता प्रतिपक्ष एवं हल्द्वानी से विधानसभा सदस्य डा0(श्रीमती) इन्दिरा हृदयेश के आकस्मिक निधन पर श्रद्वांजलि व्यक्त किया गया।

एक नज़र महत्वपूर्ण फैसलों पर…..

1 :- चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने के लिये देवस्थानम बोर्ड और जिला प्रशासन से समन्वय करने के लिये वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती की जाएगी, जिसके द्वारा कोविड से संबंधित एस.ओ.पी. को लागू करने के लिए निगरानी का कार्य करेगा। सभी तीर्थ पुरोहितों को वैक्सीन लगाई जाएगी। एक जुलाई से चमोली जनपद में बद्रीनाथ, रूद्रप्रयाग जनपद में केदारनाथ और उत्तरकाशी जनपद में गंगोत्री-यमुनोत्री दर्शन के स्थानीय नागरिकों को दर्शन की आर.टी.पी.सी.आर. अथवा रैपिड एंटीजन टेस्ट के साथ अनुमति प्रदान की जाएगी।

2 :- उत्तराखण्ड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम 2012 के प्राविधानों के अनुसार जनपद टिहरी, उत्तरकाशी एवं चमोली के बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की अधिसूचना के संबंध में निर्णय लिया गया।

3 :- कोविड-19 महामारी की द्वितीय लहर के दौरान कारखानों में ओवरटाईम कार्य की छूट दी गई। छूट के अंतर्गत 12-12 घण्टे दो पाली में चार घण्टे ओवरटाईम किया जा सकता है। इसमें अधिकतम 06 दिन और अधिकतम 24 घण्टे शामिल है। इस बीच 06 घण्टे के बाद 30 मिनट का विश्राम होगा। छंटनी की अनुमति नहीं होगी।

4 :- उत्तराखण्ड चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिपिक वर्गीय सेवा नियमावली 2021 को प्रख्यापित किया गया।

5 :- ऊधमसिंहनगर में राज्य अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास निगम लि0 द्वारा निर्मित लोक निर्माण विभग के गदरपुर-दिनेशपुर-मटकोटा मोटर मार्ग को जहां है जैसा है के आधार पर लोक निर्माण विभाग को हस्तान्तरित करने क निर्णय लिया गया।

6 :- मै0 लिण्डे सेलाकुई को आक्सीजन उत्पादन हेतु निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए समस्याग्रस्त क्षेत्र में भूमिगत लाईन के निर्माण के संबंध में अधिप्राप्ति नियमावली में छूट दी गई।

7 :- वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु हथकरघा कताई-बुनाई महिला कर्मकारों को सहायता योजना अन्तर्गत महिला बुनकर अंशदान को 10 प्रतिशत से 5 प्रतिशत किये जाने का निर्णय लिया गया।

8 :- सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा संचालित महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना की अवधि दिनांक 31 मार्च, 2023 तक विस्तारीकरण की अनुमति दी गई।

9 :- उत्तराखण्ड मूल्य वर्धित(वैट) कर अधिनियम की धारा 32 की उपधारा (12) के अंतर्गत वर्ष 2017-18 के कर निर्धारण या पुनः कर निर्धारण के वादों के निस्तारण की समय-सीमा 23 अप्रैल से बढ़ाकर 29 सितंबर तक करने की अनुमति दी गई।

10 :- कोविड में एम्बुलेंस की कमी की पूर्ति के लिए टाटा मोटर्स पंतनगर की मांग पर टाटा मैजिक को एम्बुलेंस के रूप में संचालित करने के लिए ट्रेंड लेबर की जगह संविदा श्रमिकों के माध्यम से कोविड अवधि तक संचालित करने की अनुमति 09 माह दी गई। इन संविधा श्रमिकों को नियमित कार्मिक की भांति सभी लाभ देय होगा।

कैबिनेट बैठक में हुए अहम 12 फैसले, शासकीय प्रवक्ता ने दी जानकारी


आज कैबिनेट में लिये गये 12 निर्णयों की जानकारी शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने दी।
1. फूलों की घाटी ईको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत हेमकुंड साहेब, घांघरिया, लोकपाल मन्दिर संशोधित प्रस्ताव के अंतर्गत बाहर करते हुए आबादी विहीन क्षेत्र के रूप में पुनः प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जायेगा।
2. ध्वनि प्रदूषण विनियमन नियंत्रण 2000 के अंतर्गत राज्य के विभिन्न क्षेत्र आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्यिक एवं शांत क्षेत्र में जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत प्रथम उल्लंघन पर व्यक्ति के लिये 01 हजार, मनोरंजन संचालक के लिये 05 हजार, होटल संचालक के लिये 10 हजार औद्योगिक एवं खनन के लिये 20 हजार की क्षति पूर्ति ली जायेगी।
3. कोविड के लिये विधायकों को 01 करोड़ रूपये की धनराशि दी गयी थी। एक बार में सुदूर क्षेत्र में 25 लाख व्यय की सीमा को प्रतिबंध हटा दिया गया है, जिससे सुदूर क्षेत्र में मेडिकल की सुविधा मिलने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग को मिलने वाली अधिप्राप्ति नियमावली की छूट भी इस पर लागू होगी।
4. ईको पार्क, नरेन्द्र नगर, मुनि की रेती, सोसायटी मॉडल में चलाई जायेगी। हिमालयन पारिस्थितिकी सुधार जैव विविधता आजीविका संवर्धन संस्थान (हर्बल) को गवर्निंग बॉडी जिसके मुख्य संरक्षक मुख्यमंत्री होंगे, वन मंत्री संरक्षक तथा क्षेत्रीय विधायक सह संरक्षक होंगे। इसके अतिरिक्त प्रबंधकीय समिति के मुख्य संरक्षक अपर मुख्य सचिव और पदेन अध्यक्ष विभागाध्यक्ष वन तथा उपाध्यक्ष प्रमुख वन संरक्षक तथा वनाधिकारी, जन प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे।
5. राजस्व परिषद, समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी की सेवा नियमावली प्रख्यापित की गयी।
6. रामनगर में पुरानी तहसील की खाली भूमि प्राधिकरण को बहुमंजिला पार्किंग बनाने के लिये निःशुल्क दिया जायेगा।
7. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भटवाड़ी में स्वामी विवेकानंद हैल्थ सोसायटी को 2.4 हैक्टेयर जमीन खरीदने के लिये स्टांप ड्यूटी में छूट होगी। जिसकी धनराशि 12 लाख 68 हजार 750 है।
8. हरिद्वार मेडिकल कालेज 90ः10 के अनुपात की केन्द्र सहायतीत योजना के अंतर्गत जगजीतपुर में बनने वाले 325 करोड़ लागत के निर्माण कार्य की तकनीकी परीक्षण लागत अधिक पाये जाने पर इसकी लागत बढ़कर 538.40 करोड़ रूपये आंकलित की गयी है। इसके लिये केन्द्र सरकार द्वारा 25 करोड़ अवमुक्त किया गया है, इसी अनुपात में राज्यांश में वृद्धि होगी।
9. हरिद्वार, पिथौरागढ़, रूद्रपुर मेडिकल कालेज में संविदा के आधार पर कार्य करने वाले प्राचार्य को वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार इस आशय से दिया जायेगा कि इनके साथ संयुक्त हस्ताक्षर वित्त नियंत्रक के भी होंगे।
10. मेला अस्पताल हरिद्वार को मिलने वाली एम.आर.आई मशीन को दिल्ली से इस आशय से लाने की अनुमति दी गयी है कि पहले केन्द्र सरकार से अनुमति ले ली जाये।
11. कोविड को देखते हुए राष्ट्रीय एवं राजकीय खाद्य योजना के अंतर्गत 03 माह (जून, जुलाई, अगस्त) के लिये 02 किलो चीनी प्रति कार्ड 25 रू. किलो की दर से दिया जायेगा।
12. जल जीवन मिशन में 02 करोड़ तक के कार्य की तकनीकि परीक्षण स्वीकृति अब शासन के बजाय जिलाधिकारी जनपद स्तर की समीति के माध्यम से अनुमति दे सकेंगे

कैबिनेट फैसले में एससी-एसटी और ओबीसी छात्र-छात्राओं को मिली बड़ी राहत

देहरादून। उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा नौ तक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के 42 हजार से अधिक छात्रों को पिछले वर्षों से अटकी छात्रवृत्ति मिल सकेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को यह फैसला लिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में समाज कल्याण विभाग के इस प्रस्ताव के तहत राज्य के बजट से आठ करोड़ 15 लाख 34 हजार रुपये जारी करने का निर्णय लिया गया। अब राज्य सरकार अपने बजट से इन छात्रों की छात्रवृत्ति देगी। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के करीब वर्ष 2017-18 व 2018-19 के 22 हजार 492 छात्रों के लिए तीन करोड़ 79 लाख 19 हजार रुपये की धनराशि के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। जबकि ओबीसी के वर्ष 2018-19 के छह हजार और वर्ष 2019-20 के 14 हजार 142 छात्रों के लिए चार करोड़ 36 लाख 15 हजार रुपये मंजूर किए गए।

कैबिनेट ने कोविडकाल में छात्रवृत्ति के आवेदनों में 100 प्रतिशत भौतिक सत्यापन न होने के कारण जिलाधिकारी को अधिकार दिया कि वह रैंडम आधार पर 10 प्रतिशत सूची का सत्यापन करेंगे। साथ ही विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऑनलाइन फार्म भरने में यदि कोई गलती छूट जाती है तो आवेदन रद न किया जाए, बल्कि गलती सुधारने का अवसर दिया जाए।

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि बैठक में कुल 16 प्रस्ताव आए, जिनमें से 15 पर निर्णय हुआ, जबकि एक प्रस्ताव स्थगित हुआ। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश राज्य के लिए आवंटित ऐसे कर्मचारी जो लंबे समय से उत्तराखंड में कार्यरत हैं, उन्हें यह लिखकर देना होगा कि वे उत्तराखंड कैडर में रहना चाहते हैं, लेकिन वरिष्ठता सूची में उन्हें उत्तराखंड मूल संवर्ग के कर्मचारियों से नीचे रहना होगा। ऐसा करने पर उनके वेतन या भत्तों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने दिया जाएगा।

निकाय में घर होने पर भी जिपं अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख सदस्यता नहीं जाएगी

परिसीमन के कारण जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत के अध्यक्षों, ब्लाक प्रमुखों, व सदस्यों के घर यदि शहरी निकाय में आए हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त नहीं होगी। प्रदेश मंत्रिमंडल ने पंचायती राज अधिनियम के तहत संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कौशिक के मुताबिक, जब वे चुने गए थे, तब वे उनके घर ग्रामीण क्षेत्र में थे।

कुंभ के कार्य को कई हिस्सों में बांटने का अधिकार

कैबिनेट ने आयुक्त और मेलाधिकारी को कुंभ गतिमान और अस्थाई कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए उनके अधिकारों में बढ़ोतरी की है। वे एक कार्य को कई हिस्सों में बांट सकेंगे। उन्हें एक सप्ताह के भीतर टेंडर करने होंगे। स्वीकृत गतिमान कार्यों में आवश्यकता होने पर वे 50 प्रतिशत खर्च की सीमा स्वयं बढ़ा सकेंगे। राज्य सरकार ने आयुक्त को पांच करोड़ और मेलाधिकारी को दो करोड़ के काम कराने का अधिकार पहले ही दे रखा है।

यूपी की दो कार्यदायी संस्थाएं बाहर, आरईएस को 10 करोड़ के काम

कैबिनेट ने अपनी कार्यदायी संस्था की सूची से यूपी राजकीय निर्माण निगम और यूपी समाज कल्याण निर्माण निगम को बाहर कर दिया है। राज्य की सूची में 21 कार्यदायी संस्थाएं हैं। साथ ही कैबिनेट ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग(आरईएस) को अब पांच करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ तक के कार्य करने का अधिकार दे दिया है। आरईएस शहरी निकाय व प्राधिकरण के कार्यों में सैंटेज नहीं लेगा।

अशासकीय स्कूलों और कॉलेजों के संस्कृत शिक्षकों का मानदेय बढ़ेगा

प्रदेश के अशासकीय स्कूल और कॉलेजों के संस्कृत के शिक्षकों का मानदेय बढ़ेगा। बृहस्पतिवार को कैबिनेट की बैठक में इसके प्रस्ताव को पास किया गया। कहा गया कि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

प्रदेश में अशासकीय स्कूलों में पढ़ा रहे संस्कृत के शिक्षकों को अब तक दस हजार रुपये मानदेय मिलता था, लेकिन अब पांच साल से बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को 15 हजार रुपये मानदेय मिलेगा।

जबकि पांच से दस साल से पढ़ा रहे शिक्षकों को 25 हजार रुपये एवं दस साल से अधिक समय से पढ़ा रहे शिक्षकों को 30 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा जो शिक्षक यूजीसी के मानक के अनुसार पीएचडी और एमफिल करने वाले हैं उन्हें पांच हजार रुपये हर महीने अतिरिक्त मानदेय दिया जाएगा।

ये फैसले भी हुए
– हरिद्वार में ध्यानकुंज के समीप साधु संतों की भू समाधि के लिए सिंचाई विभाग की 4.384 हैक्टेयर भूमि दी जाएगी ।
– अल्मोड़ा में चैबटिया में दिगौत में केंद्रीय विद्यालय बनेगा। सिंचाई खंड की भूमि 0.206 हैक्टेयर भूमि निशुल्क आबंटित होगी।
– पर्यटन विकास परिषद में तकनीकी कर्मचारियों की छह पदों की मंजूरी।
– राज्य औषधि नियंत्रक सेवा नियमावली को मंजूरी।
– कोविड में ली गई 140 एंबुलेंस का संचालन मैसर्स कैंप संस्था करेगी। कुंभ में काम आएंगी ये एंबुलेंस। 132 एंबुलेंस पहुंची।

अधिसूचना जारी, क्वारंटीन अवधि में रहने पर कर्मचारी को देना होगा वेतन

राज्य में कोरोना संदिग्ध कर्मचारियों को क्वारंटीन अवधि के दौरान 28 दिन का भुगतान युक्त अवकाश देना होगा। इस संबंध में राज्य सरकार के श्रम विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। श्रम विभाग के सचिव हरबंस सिंह चुघ ने अधिसूचना जारी होने की पुष्टि की। बता दें कि पिछली कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
यह आदेश प्रदेश में संचालित कारखानों, सभी दुकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों व उन व्यापारिक केंद्रों में जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं, पर तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। महामारी अधिनियम 1897 की शक्तियों के तहत यह प्रावधान किया गया है। इसके तहत यदि कोई कर्मचारी या कर्मकार कोविड-19 महामारी में संदिग्ध होता है और उसे क्वारंटीन किया गया हो, उसका संस्थान या नियोजक 28 दिन का अवकाश मंजूर करेंगे और उसे इस अवधि का पूरा भुगतान किया जाएगा। लेकिन इस तरह के अवकाश की मंजूरी के लिए कर्मचारी को स्वस्थ होने के बाद अपने नियोजक या प्राधिकृत व्यक्ति को चिकित्सा प्रमाण पत्र देना होगा।
वहीं, सभी कारखानों, दुकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, अधिष्ठानों के सूचना पट्ट और मुख्य द्वार पर कोविड-19 महामारी की रोकथाम को लेकर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा बताए गए सुरक्षा उपायों को प्रदर्शित करना होगा।