मुख्यमंत्री ने चमोली जनपद के लिए की विभिन्न घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को चमोली स्थित कुरुड़ पहुंचकर तीन दिवसीय नन्दा देवी लोकजात मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने मां नंदा के दर्शन कर पूजा अर्चना की एवं प्रदेश के सुख समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न घोषणा भी की। मुख्यमंत्री घोषणा में नंदानगर, नारायणबगड़ और देवाल में खेल मैदान निर्माण, प्राणमती नदी के दोनों तटों पर सुरक्षा कार्य, थराली के ढाडरबगड़ में बाढ़ सुरक्षा कार्य शामिल हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नंदा देवी लोकजात मेले को राजकीय मेला घोषित करने, नंदानगर चिकित्सालय को उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत करने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में स्थानीय जनता को संबोधित करते हुए कहा कि पारंपरिक मेले हमें हमारी संस्कृति के साथ अपनी जड़ों से जोड़ने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के पौराणिक मेलों को संरक्षण करते हुए नए आयामों को जोड़कर भव्यता प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए विकास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में युवाओं के भविष्य को देखते हुए पारदर्शी भर्ती परीक्षाओं के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जहां एक ओर नकल विरोधी कानून बनाकर नकल पर प्रभावी रोक लगाई है, वहीं राज्य में भर्ती परीक्षाओं में नकल करवाने वाले 100 से अधिक दोषियों को जेल भेजने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कार्य प्रणाली का प्रतिफल है कि अब तक 16 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सतत विकास का कार्य भी तीव्र गति से हो रहा है। जिसके कारण उत्तराखण्ड देश में सतत विकास में पहले पायदान पर खड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के निर्देशन में बद्रीनाथ और केदारनाथ का विकास किया जा रहा है।
इस अवसर पर थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, मंदिर समिति अध्यक्ष सुखबीर रौतेला, राकेश गौड़, मेला समिति अध्यक्ष रेखा देवी, प्रकाश गौड़, कृपाल सिंह, प्रमुख भारती फर्स्वाण, जिला पंचायत सदस्त नंदिता रावत, हरेंद्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह समेत बड़ी संख्या में स्थानीय जनता उपस्थित रही।

खिलाड़ियों के बीच आकर हमेशा उत्साह और ऊर्जा का होता है संचारः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड, देहरादून में 24 जुलाई से 28 जुलाई तक आयोजित होने वाली 22वीं उत्तराखण्ड राज्य जूनियर एवं सीनियर बैडमिंटन चैपियनशिप का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन भी किया ।

मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि खिलाड़ियों के बीच आकर उनमें हमेशा उत्साह और ऊर्जा का संचार होता है। बैडमिंटन के क्षेत्र में उत्तराखंड, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बना रहा है। लक्ष्य सेन सहित कई खिलाड़ी बैडमिंटन में इतिहास रचते हुए देश एवं प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। वर्तमान समय में खेल के बेहतर अवसर एवं संसाधन मौजूद हैं। युवा अपने प्रयासों से निरंतर प्रयास करते रहें, जिससे उन्हें भविष्य में निश्चित ही सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा खेल के प्रति लगन और अनुशासन, जीवन में नई ऊंचाइयां प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेल के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गये है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दिया जाता है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रमों के शुभारंभ से खेल को बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया गया है। ओलंपिक में भारत के अच्छे प्रदर्शन के लिए खिलड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग एवं सुविधाएं दी जा रही है। हर अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों पर भारत के कदम निरंतर बढ़़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष आयोजित हो रहे पेरिस ओलंपिक में भारत की ओर से अब तक का सबसे बड़ा दल प्रतिभाग करने जा रहा है। राज्य सरकार भी प्रदेश में खेलो एवं खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए हर स्तर पर कार्य कर रही है। प्रदेश भर में प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन, खेल सामग्री का वितरण, आवासीय क्रीडा छात्रावास योजना के तहत खिलाड़ियों को मुफ्त शिक्षा, चिकित्सा, भोजन की सुविधा दी जा रही है। ओलंपिक में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतने पर क्रमशः 2 करोड़, 1.5 करोड़ एवं 1 करोड़ की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण, रजत एवं कास्य पदक विजेताओं को क्रमशः 6 लाख, 4 लाख, 3 लाख की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति लागू की गई है। इस वर्ष मेडल प्राप्त करने वाले 31 खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में नियुक्तियां दी है। मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत 8 से 14 वर्ष के 3900 खिलाड़ियों को 1500 प्रति माह छात्रवृत्ति दी जा रही है। खेल छात्रावास में रहकर तैयारी कर रहे खिलाड़ियों के दैनिक भत्ते को 175 से बढ़ाकर 225 कर दिया गया है। ग्रामीण स्तर पर ओपन जिम के लिए 10 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है। उत्तराखंड को आगामी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का अवसर मिला है। जो हमारे लिए बड़ा अवसर है।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, यूएसबीए की अध्यक्ष डॉ. अलकनंदा अशोक, सचिव बी.एस मनकोटी, राकेश डोभाल एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

रेल परियोजना कपंनी के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की सुरंग में चट्टान गिरने से एक श्रमिक की मौत हो गई। इस मामले में स्वजन ने काम कर रही कंपनी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। जिस पर पुलिस ने निर्माण कंपनी के सात अधिकारी, कर्मचारी व ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इस संबंध में वेद प्रकाश पुत्र मथुरा प्रसाद निवासी ग्राम व पोस्ट तपोवन, थाना जोशीमठ, जिला चमोली गढ़वाल ने थाना मुनिकीरेती में तहरीर दी। जिसमें कहा कि चचेरा भाई वेद प्रकाश निवासी ग्राम व पोस्ट- तपोवन थाना जोशीमठ जिला चमोली कर्णप्रयाग रेल परियोजना में कौडियाला में पैकेज-3 में काम कर रही कंपनी नवयुगा में कार्यरत था।
आरोप है कि नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी कौडियाला में कार्यरत साईट इंजीनियर रंगनाथ, सेफ्टी अफसर मनोज पोखरियाल, पीआरओ रंजन भंडारी, टनल इंचार्ज नरेंद्र कुमार, सुपरवाईजर कमल, ठेकेदार जितेंद्र कुमार तोमर व एचआर भुवन चंद्र जोशी ने कौडियाला स्थित रेलवे प्रोजेक्ट पैकेज- तीन में लापरवाहीपूर्वक कार्य करवाते हुए चचेरे भाई कमलेश पंत (29 वर्ष) को 10 जून को सीधे टनल के फेस के अंदर भेज दिया। जिससे अचानक चट्टान गिरने पर भाई कमलेश पंत को गंभीर चोट आई।
उपचार के दौरान 13 जून को चचेरे भाई की मृत्यु हो गई। उसके साथी इमरान निवासी ग्राम मल्लीपुर सहारनपुर उत्तर प्रदेश व प्रमुख कंवर निवासी वसबेरवा पोस्ट पतगोडा थाना हंसडिहा दुमका झारखंड को भी गंभीर चोटें आई है। मुनिकीरेती थाना प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि तहरीर के आधार पर सभी सात आरोपितों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। उन्होंने बताया कि इस मामले की विवेचना चौकी प्रभारी व्यासी उप निरीक्षक धनंजय कुमार को सौंपी गई है।

वन कर्मियों को तत्काल एयरलिफ्ट कर हल्द्वानी बेस अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश

बिनसर वन्यजीव विहार में वनाग्नि से 4 वनकर्मियों की मृत्यु पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुःख प्रकट किया है। उन्होंने इस घटना में झुलसे चार अन्य वनकर्मियों को तत्काल हल्द्वानी बेस अस्पताल में एयरलिफ्ट किये जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना बेहद हृदय विदारक है और दुःख की इस घड़ी में पूरी उत्तराखंड सरकार वनकर्मियों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने इस हादसे में झुलसकर घायल होने वाले चार वन्य कर्मियों को तत्काल हल्द्वानी बेस अस्पताल में एयरलिफ्ट करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। गंभीर घायलों को आवश्यकतानुसार उपचार हेतु हल्द्वानी से एम्स ऋषिकेश एयरलिफ्ट करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री धामी ने दिए। इसके साथ-साथ मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए की अनुग्रह धनराशि दिए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री धामी के द्वारा दिए गए।
मुख्यमंत्री के विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते ने बताया कि घटना पर शासन पूरी नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार घायल कर्मियों को एयरलिफ्ट कर हल्द्वानी अस्पताल लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मृतकों का आज ही पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है ।
विदित हो कि यह दुर्घटना आज दोपहर में 3.30 बजे के करीब बिनसर वन्यजीव विहार, अल्मोड़ा के सिविल सोयम वन प्रभाग में घटित हुई। बताया गया कि बोलेरो वाहन में 8 वनकर्मी सवार थे। वनाग्नि से बोलेरो वाहन में सवार 4 वन कर्मियों की आग में झुलसने से मृत्यु एवं 4 अन्य वन कर्मियों के आग से झुलसने से घायल होने की सूचना प्राप्त हुई।

राज्य में वित्तीय समावेशन को आत्मनिर्भर राज्य के निर्माण की दिशा में प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्य सेवक सदन में एचडीएफसी बैंक के राजपुर गांव की 111वीं शाखा, युकाडा के विभिन्न सॉफ्टवेयर एवं चार-धामों में यात्रियों की सुविधा के लिए स्थापित एटीएम का वर्चुअल शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का जो मंत्र दिया है, वह मंत्र तभी सार्थक हो सकता है जब हम समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक सामान्य जन सुविधाओं को पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि आज राज्य में वित्तीय समावेशन को एक आत्मनिर्भर राज्य के निर्माण की दिशा में प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने वित्तीय संस्थानों की सराहना करते हुये कहा कि राज्य में वित्तीय संस्थानों, विशेषकर बैंकों द्वारा ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों पर ध्यान देने के प्रयास भी उत्साहजनक रहे हैं, लेकिन हमें इस क्षेत्र में बुनियादी स्तर पर कार्य करने की और अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य सरलीकरण, समाधान, निस्तारीकरण और संतुष्टि के तहत सुदूर गांवों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में एचडीएफसी बैंक की वर्तमान में कई शाखाएं संचालित हैं, जिसके माध्यम से प्रदेश के निवासियों को बेहतर बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिसमें एचडीएफसी बैंक लगातार सफल हो रहा है। यही नहीं एचडीएफसी बैंक पेपर लैस वर्क कल्चर को अधिक तरजीह देता है, जो डिजिटल तकनीक का विशिष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का निरन्तर प्रयास और संकल्प है कि प्रदेश के हर कोने और अन्तिम व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधाओं का लाभ पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश जनधन खातों का महत्व देख व समझ रहा है तथा बैंक खातों की वजह से ही सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया का आधा डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में हो रहा है, जिसमें हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने एचडीएफसी बैंक द्वारा सरकार को दिये जा रहे सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि बैंक द्वारा जहां केदारनाथ धाम के सौंदर्यीकरण के लिए धनराशि प्रदान की गई थी, वहीं जोशीमठ के सहायतार्थ भी आर्थिक मदद की गई। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए लोक केंद्रित पहल शुरू करने में सबसे आगे रही है तथा जब एचडीएफसी जैसे बैंक इन पहलों में सरकार का सहयोग करने के लिए आगे आते हैं, तो यह साझेदारी समाज के लिए अत्यंत लाभकारी होती है। उन्होंने कहा कि एचडीएफसी बैंक अथवा अन्य बैंक जहां आदर्श स्थिति में खड़े हो सकते हैं, वह आदर्श स्थान, देवभूमि उत्तराखण्ड ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा आजीविका के अवसरों को बढ़ाने, आय के विविध और स्थायी स्रोतों को प्रदान करने, रोजगार और उद्यमिता को सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है ताकि उत्तराखंड को एक आदर्श राज्य बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि हम बैंकों, कॉरपोरेट्स और अन्य व्यवसायों को उत्तराखंड में स्थापित और विस्तारित करने के लिए कृत संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बैंकों सहित विभिन्न व्यवसायों को आवश्यक बुनियादी ढांचा और सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर रही है, जिससे राज्य के नागरिकों के जीवन स्तर और स्वास्थ्य मानकों में सुधार किया जा सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एचडीएफसी बैंक पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष में एचडीएफसी ने जहां दो लाख पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित कर उस लक्ष्य को प्राप्त किया, वहीं इस वर्ष भी 5 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित कर पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये एचडीएफसी बैंक के स्टेट हेड बकुल सिक्का, ब्रांच हेड अखिलेश कुमार राय ने बैंक के क्रियाकलापों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अपर सचिव वित्त, नागरिक उड्डयन सी0रवि शंकर सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने सीमान्त गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देने पर दिया जोर

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के सीमान्त गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के साथ ही कौशल विकास, आजीविका प्रशिक्षण एवं मानव संसाधन विकास पर अधिकाधिक फोकस करने की हिदायत सीमान्त जनपदों चमोली, उत्तरकाशी, ऊधमसिंह नगर, चम्पावत एव पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों को दी है। सीएस श्रीमती रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को स्पष्ट किया है कि भवन आदि इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण कार्यों के प्रस्ताव बनाकर मात्र औपचारिकताओं पूरा न समझे बल्कि प्रोजेक्ट्स के निरन्तर सफल संचालन तथा सस्टेनिबिलिटी हेतु कार्य करें। उन्होंने सीमान्त जनपदों में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में विशेषरूप से फोकस करने के निर्देश दिए हैं। विधानसभा भवन में बुधवार को मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम विकास कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना की राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी/राज्य स्तरीय एम्पावर्ड कमेटी की बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को जनपदों में संचालित हर योजना के आउटकम मॉनिटरिंग की सख्त नसीहत दी है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को महिला स्वयं सहायता समूहों हेतु संचालित सभी योजनाओं के तहत महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता को अनिवार्य करने के निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में उन्होंने बैंकों को भी पत्र लिखने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने सभी योजनाओं को व्यक्तिगत स्तर की अपेक्षा महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही श्रीमती रतूड़ी ने जिलाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम तथा मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के तहत जिलाधिकारियों द्वारा प्रेषित प्रत्येक प्रस्ताव, प्रोजेक्ट या योजना में कितने रोजगार सृजित होंगे, इसकी जानकारी भी देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को स्थानीय अन्न मंडुआ, झंगोरा जैसे मिलेट्स की खेती का अधिकाधिक विस्तार तथा इनका बड़े स्तर पर उत्पादन की ठोस कार्ययोजना पर गम्भीरता से कार्य करने निर्देश दिए हैं। सीएस ने इस सम्बन्ध में कलस्टर अप्रोच के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को विभिन्न योजनाओं की डुप्लीकेसी के प्रति भी सतर्क किया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी योजनाओं को भलीभांति परीक्षण किया जाना चाहिए ताकि दो योजनाएं एक दूसरे को आच्छादित न करें। सीएस ने वाइब्रेंट विलेजस में आईटीबीपी तथा आर्मी द्वारा लोकल प्रिक्योरमेंट को अपनाया जाए, इस दिशा में प्रयास के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव राधिका झा, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, मनुज गोयल, रंजना राजगुरू सहित ग्राम्य विकास विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से सीमान्त जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

पिछले दस वर्षों की भूमि की जानकारी राजस्व विभाग को भेजने के निर्देश

एसीएस राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि प्रस्तावित भू कानून के सम्बन्ध में सरकार का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के हितों का संरक्षण तथा उन्हें न्याय दिलाना है। निवेशकों में अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टिकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून के सम्बन्ध में फैली विभिन्न भ्रान्तियों या संशयों को विभिन्न माध्यमों से तत्काल दूर किया जाए।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को पिछले दस वर्षों में डीएम स्तर से कृषि एवं औद्यानिकी हेतु अनुमति प्राप्त भूमि की जानकारी शीघ्र राजस्व विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही एसीएस राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया है कि प्रस्तावित भू कानून के सम्बन्ध में सरकार का मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के हितों का संरक्षण तथा उन्हें न्याय दिलाना है। इसके साथ ही इस कानून का लक्ष्य उत्तराखण्ड में निवेश एवं रोजगार सृजित करने वाले विश्वसनीय निवेशकों को प्रोत्साहित करना तथा निवेश की प्रक्रिया को सरल करना है। राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया है कि अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टीकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून का उद्देश्य भूमि के दुरूपयोग को रोकना, भू कानून को और भी अधिक तर्कसंगत एवं न्यायपूर्ण बनाना है। इसका लक्ष्य औद्योगिक गतिविधियों एव निवेश को हतोत्साहित करना नही है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निवेशकों में अस्थायी रूप से कृषि एवं हॉर्टीकल्चर हेतु भूमि की अनुमति पर रोक से सम्बन्धित कानून के सम्बन्ध में फैली विभिन्न भ्रान्तियों या संशयों को विभिन्न माध्यमों से तत्काल दूर किया जाय।
बैठक के दौरान एसीएस रतूड़ी ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में निवेश के आवेदकों का सत्यापन सम्बन्धित विभागों द्वारा पूरी तत्परता से सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। सम्बन्धित विभागों द्वारा निवेशकों की विश्वसनीयता की जांच के साथ ही पूरी व्यवस्था द्वारा निवेश की प्रक्रिया को सरल किया जाना जरूरी है ताकि अधिक से अधिक निवेशक राज्य में उद्यम स्थापित करने एवं रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहित हो सके।
बैठक में डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने किया यूजेवीएनएल के नये कारपोरेट भवन का लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को सायं उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के 23वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को जल विद्युत निगम के एम.डी ने 20 करोड़ 09 लाख 58 हजार 211 रूपये का लाभांश का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने यूजेवीएनएल के कारपोरेट भवन का लोकार्पण के साथ ही सी.एम.आर के तहत सरस्वती विद्या इंटर कॉलेज भानियावाला को दी गई बस को फ्लैग ऑफ कर रवाना किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में आयोजित हुए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में लक्ष्य से अधिक 3.50 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों में ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव शामिल है। उन्होंने जल विद्युत निगम से 2030 तक विद्युत उत्पादन के लक्ष्य 2200 मेगावाट को और अधिक बढ़ाये जाने पर बल देते हुए अपेक्षा की कि जल विद्युत निगम प्रदेश में स्थापित तथा नये स्थापित होने वाले उद्योगों की विद्युत जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान देना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी विभागों एवं संस्थानों से बेहतर वर्क कल्चर के साथ जीरो पेडेंसी का संकल्प लेने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना के उपरांत यूजेवीएनएल का गठन उत्तराखण्ड को सही अर्थों में ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए किया गया था। जिसे निगम द्वारा प्रतिवर्ष किए जाने वाले अपने रिकार्ड उत्पादनों के माध्यम से साबित भी किया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि निगम अपनी बेहतर कार्य संस्कृति और कुशल प्रबन्धन के बल पर इसी प्रकार ऊर्जा के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित करता रहेगा। राज्य निर्माण के समय ऊर्जा क्षेत्र को हमारी आर्थिकी का मूल आधार माना गया था, परंतु हमारा यह लक्ष्य अभी तक पूर्णरूपेण सफल नहीं हो पाया है। अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर यह विचार करें कि इस दिशा में कैसे तेजी से आगे बढ़ा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र की विकास योजनाओं को समय पर पूर्ण करने में हमें केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर आवश्यक सहयोग दिया जा रहा है।इसका उदाहरण लखवाड़ बहुउद्देश्यीय जल विद्युत परियोजना है जिसमें तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना से करीब 475 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हो सकेगा, जो हमारे प्रदेश के लिए ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसर सृजित करेगा। इसके साथ ही जमरानी बांध परियोजना के लिए भी केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है, जिस पर भी कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।
यूजेवीएनएल द्वारा अप्रैल-मई 2022 में व्यासी परियोजना (120 मे.वा.) का कार्य पूर्ण कर एक ऐतिहासिक कार्य किया गया है, जो देवभूमि के ऊर्जा क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इस परियोजना से जहां एक ओर जौनसार बावर के क्षेत्रों को उच्च गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी, वहीं दूसरी और स्थानीय लोगों के जीवन में आर्थिकी का सुधार भी हो सकेगा। लखवाड़ (300 मे.वा.) जैसी बहुउद्देशीय परियोजना पर कार्य प्रारम्भ होने पर उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि इससे 05 राज्यों को पीने एवं सिंचाई हेतु जल की आपूर्ति सहित उत्तराखंड को अतिरिक्त 300 मे०वा० की बिजली मिल सकेगी। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 15 मे.वा. की मदमाहेश्वर परियोजना भी सफलतापूर्वक अपना उत्पादन प्रारम्भ करेगी। वृहद परियोजनाओं के अन्तर्गत यमुना घाटी में त्यूनी-प्लासू 72 मे.वा. जल विद्युत परियोजना और आराकोट-त्यूनी की 81 मे.वा. की परियोजना की डी०पी०आर० बनाने की प्रक्रिया भी वर्तमान में चल रही है। राज्य सरकार जीरो पेंडेंसी वर्क कल्चर पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए हर क्षेत्र में सरलीकरण, समाधान, निस्तारिकरण एवं संतुष्टि के मूल मंत्र के आधार पर निर्णय लिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग में 2008 में केंद्र सरकार द्वारा जल विद्युत नीति लायी गयी थी, जिसे लागू नहीं किया गया था, लेकिन हमने कैबिनेट की बैठक में जल विद्युत नीति लाकर उसे लागू करने का प्रयास किया है। उन्होंने यूजेवीएनएल सहित अन्य संस्थानों को अपनी संपत्तियों का भी ध्यान रखने को कहा। ऐसे कई मामले संज्ञान में आ रहे है, जिनमें संस्था की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हुआ है। संस्थानों को सरकार की जमीन मिलती है तो उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उनकी है, इसलिए सभी विभाग अपने-अपने क्षेत्र का अवलोकन करें और जमीनों को कब्जा मुक्त करायें। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी सूरत में अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है और हमारी सरकार संकल्पबद्ध होकर इसे पूर्ण करने की दिशा में कार्यरत है। हम अपने ‘विकल्प रहित संकल्प‘ के साथ उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए कृत संकल्पित हैं। इस लक्ष्य को पूर्ण करने एवं उत्तराखंड को विकसित, सक्षम व आदर्श राज्य बनाने के लिए हमारी सरकार दिन-रात कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने यूजेवीएनएल सहित अन्य ऊर्जा निगमों से अपेक्षा की कि वे उपलब्ध संसाधनों का सही प्रयोग कर प्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में देश का नंबर वन राज्य बनाने के लिए निरंतर अपना योगदान देते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें ऊर्जा के क्षेत्र में ज्ञान, विज्ञान एवं नवाचार के साथ ग्रीन इनर्जी के क्षेत्र में भी इकोलॉजी तथा इकोनामी का समन्वय बनाकर आगे बढ़ना होगा। हमे राज्य की जीडीपी को दुगना करने की दिशा में कार्य करना है। इस दिशा में प्रधानमंत्री श्री मोदी हमें प्ररेणा देने के साथ कर्तव्य बोध भी कराते है। हमें इस चुनौती का मिलकर सामना करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा में उत्तराखण्ड वेडिंग डेस्टिशन बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री के आदि कैलाश, गूंजी आदि क्षेत्रों के भ्रमण से यहां देश व दुनिया के लोग आने लगे है। मुख्यमंत्री ने सभी से अपेक्षा की कि वे देहरादून शहर की साफ-सफाई एवं सुंदरता के लिए किये गये प्रयासों में सहयोगी बने ताकि साफ सफाई व सुंदरता में देश के प्रमुख शहरों में हमारा शहर शामिल हो।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा निगम की बेहतर कार्यसंस्कृति बनाए रखने तथा निगम के कार्मिकों का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से वर्ष 2022-23 में सराहनीय प्रदर्शन पर विभिन्न विद्युतगृहों एवं परियोजनाओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए। इस कड़ी में आर.एम.यू. के साथ सर्वश्रेष्ठ विद्युत गृह का पुरस्कार खटीमा विद्युत गृह को प्रदान किया गया। इसके साथ ही आर.एम.यू. के बिना सर्वश्रेष्ठ विद्युत गृह का पुरस्कार कुल्हाल विद्युतगृह को तथा द्वितीय पुरस्कार खोदरी विद्युतगृह को दिया गया। सर्वश्रेष्ठ निर्माणाधीन परियोजनाओं में काली गंगा द्वितीय परियोजना को सर्वश्रेष्ठ निर्माणाधीन परियोजना का पुरस्कार प्रदान किया गया। साथ ही इस अवसर पर ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड द्वारा हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित 45वीं ऑल इंडिया पावर बैडमिंटन प्रतियोगिता में रजत पदक विजेता उत्तराखंड पावर स्पोर्ट्स ग्रुप की बैडमिंटन टीम के सदस्यों जी.एस. बुदियाल, गोपाल सिंह, ललित कुमार, आदित्य राठी, रक्षित भंडारी तथा सुमित राणा को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम राधा रतूड़ी ने कहा कि हम पिछले दो वर्षों से प्रदेश को ऊर्जा प्रदेश बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इन्वेसमेंट के तहत उद्योगों की स्थापना के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। ऊर्जा इंडस्ट्री में आक्सीजन की भांती होती है। यहां टैरिफ अधिक नही है। उन्होंने ऊर्जा निगमों में इकोलॉजी तथा इकोनामी के समन्वय के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने पर ध्यान देने को कहा तभी हम उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के मुख्यमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने में सफल होंगे।
अपने संबोधन में यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने कहा कि यूजेवीएन लिमिटेड का गठन उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश बनाने तथा राज्य को विद्युत उत्पादन की नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने हेतु किया गया था जिसे निगम द्वारा अपने रिकॉर्ड उत्पादनों द्वारा बार-बार साबित भी किया गया है। संदीप सिंघल ने बताया कि निगम की परियोजनाओं द्वारा वर्ष 2022-23 में 5433 मिलियन ऊर्जा का उत्पादन करते हुए 115.64 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित किया गया। उन्होंने कहा कि यूजेवीएन लिमिटेड द्वारा लगातार पिछले सात वर्षों से राज्य सरकार को लाभांश प्रदान किया जा रहा है। संदीप सिंघल ने यूजेवीएन लिमिटेड को हनोल त्यूणी जल विद्युत परियोजना एवं लखवाड़ पंप स्टोरेज परियोजना सहित यूजेवीएन लिमिटेड तथा टीएचडीसी के संयुक्त उपक्रम को 489 मेगावाट की तीन जल विद्युत परियोजनाएं तथा 1230 मेगावाट की दो पंप स्टोरेज परियोजनाएं आवंटित करने पर माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद भी दिया।

प्रदेश के विकास के लिए हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान जरूरी- धामी

हल्द्वानी स्थित एमबी इंटर कालेज में गुरुवार को ईजा-बैंणी महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें नैनीताल समेत अन्य जिलों से करीब 40 स्वयं सहायता समूहों ने पहाड़ी उत्पादों के स्टाल लगाए। महोत्सव में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल जिले के लिए 713 करोड़ की 66 योजनाओं का लोकार्पण और 193 योजनाओं का शिलान्यास किया।
ईजा बैंणी महोत्सव को लेकर आर्मी गेट से लेकर एमबी इंटर कॉलेज चौराहे तक पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र छोलिया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। तिकोनिया चौराहे से दुर्ग सिटी सेंटर चौराहे तक दोनों तरफ हजारों की संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री का अभिवादन किया इस दौरान स्कूली बच्चे व महिलाओं ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का महिलाओं ने दुर्गा सिटी सेंटर में फूल मालाओं के साथ कलश यात्रा कर जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम स्थल में पहुंचे मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम 713 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया तथा साथ ही प्रदेश के अन्य जनपदों के विकास योजनाओं का भी शिलान्यास व लोकार्पण वर्चुअल माध्यम से किया। इसके बाद कार्यक्रम स्थल में महिला समूहों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण कर महिला समूहों का उत्साहवर्धन किया। जहां महिलाएं मुख्यमंत्री का स्वागत कर रहीं थी। वहीं मुख्यमंत्री ने भी महोत्सव में पहुंची महिलाओं का पुष्प वर्षा कर आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कन्या पूजन और दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के विकास के लिए महिलाओं का योगदान बहुत जरुरी है। कहा कि मातृ शक्ति के सहयोग से राष्ट्र का संपूर्ण विकास होगा। इस दौरान उन्होंने व्यवसाय के क्षेत्र में स्टार्ट अप कर रही महिलाओं से बात कर महिला समूहों का उत्साहवर्धन किया। साथ ही जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उत्कृष्ट महिला उद्यमी महिलाओं को सम्मानित किया। जिसमें लीला मटियाली, कमला नेगी, कृति, मिनाक्षी खाती, श्रद्धा कांडपाल, हेमा परगांई, कमला नेगी, पूजा रावत, कमला अरोड़ा, गुंजन, निर्मला देवी, कोमल अधिकारी, मनोरमा, खष्टी राघव को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की घोषणाएं
ईजा बैंणी महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिले के लिए कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की। जिसमें मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर राजौरी में शहीद संजय बिष्ट की याद में रातीघाट स्थित इंटर कालेज को शहीद संजय बिष्ट इंटर कालेज के साथ हली मोटर मार्ग को शहीद संजय बिष्ट के नाम से जानने की घोषणा की। साथ ही राजकीय इंटर कालेज कालाढूंगी में सड़क का विस्तार, हल्द्वानी गौवंश संरक्षण के लिए जल्द ही गौशाला निर्माण, शीशमहल स्थित फिल्टर प्लांट का क्षमता विकास, रानीबाग पुल का निर्माण करने की बात कही।

हल्द्वानी हरित कोयला परियोजना
नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम एवं एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) के मध्य एमओयू किया गया। अनुमानित परियोजना लागत 230 करोड है जिसे एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड एनवीवीएन), एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा ही वहन किया जाना है। यह उत्तराखंड की प्रथम सुविधा है जो नगरीय ठोस अपशिष्ट को हरित चारकोल में बदलेगी। गौला रौखड़ (गौला बायपास रोड), हल्दवानी में प्लांट प्रस्तावित है।
भारत सरकार के द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन करने के लिए हल्द्वानी में एक ‘वेस्ट टू चारकोल’ सुविधा स्थापित की जाएगी। जिसमें नगर निगम द्वारा एकत्रित किया गया 500 टन प्रति दिन (टीपीडी) नगरीय ठोस अपशिष्ट (एम.एस.डब्ल्यू.) को चारकोल में प्रसंस्कृत किया जायेगा। यह सुविधा पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगी और भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन करेगी।
यह परियोजना हल्द्वानी के लिए महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करेगी, जो कूड़े से मुक्त शहरों के रूप में होगा, जो भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। इस परियोजना से कार्बन उत्सर्जन में 1.5 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड में कमी की उम्मीद है।

पहाड़ी उत्पादों की अम्मा की रसोई का लिया स्वाद
पहाड़ का मोटा अनाज यानी श्री अन्न द्वारा निर्मित स्वादिष्ट व्यंजनों का स्टालों से प्रदर्शन किया गया। महोत्सव में पहुंचे लोगों ने झंगोरे की खीर, मंडवे की पूरी, पिंडालु, दाल के पकोड़े, गहथ के दुबके आदि का स्वाद लिया। राज्य के उत्पाद अपने स्वाद के साथ ही पौष्टिकता से भरपूर है। जहां कंडाली का सेवन एनीमिया में फलदायक है वही मंडवे में दूध से अधिक कैल्शियम पाया जाता है।

हथकरघा, ऐपण, स्वयं सहायता समूह के लगभग 40 स्टालों की प्रदर्शनी
महोत्सव में लाइव कला का प्रदर्शन कर रहे कुम्हार के साथ घड़ा बनाने में हाथ बढ़ाकर मुख्यमंत्री ने कारीगरों का मनोबल और मान बढ़ाया। वहीं वोकल फॉर लोकल उत्पादों का प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने कहा कि लोकल उत्पाद पहाड़ की पहचान के साथ ही राज्य की आर्थिकी में भी सहायक है। विदेशों में उत्तराखंड के हथकरघा और हस्तकला की मांग बढ़ती जा रही है। हमें राज्य की कलाओं को संरक्षण और संवर्धन के साथ ही बेहतर ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर भी कार्य रहे है जिससे कलाकारों को उनके उत्पादों की विदेशों के साथ ही देश में भी उचित दाम मिल सके। महोत्सव में लगभग 40 स्टालों की प्रदर्शनी लगाई गई और उनकी अच्छी खासी बिक्री भी हुई।

नंदा गौरा योजना की तिथि बढ़ाई
महोत्सव में पहुंची महिला सशक्तिकरण एवम् बाल विकास मंत्री और नैनीताल प्रभारी रेखा आर्या ने महिला समूहों और महिला हित के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाएं छोटे छोटे उद्योग और पहाड़ी उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही है। जो कि राज्य के लिए गर्व की बात ही। उन्होंने कहा कि नंदा गौरा योजना की आवेदन तिथि 20 दिसंबर बढ़ा दी गई। इच्छुक प्रतिभागी 20 दिसंबर तक आवेदन कर सकती हैं।

जिलाधिकारी वंदना चौहान ने मातृशक्ति को संबोधित करते हुए कहा आज के समय में महिलाओं को उद्योग से जुड़ने के लिए संसाधन बहुत हैं। साथ ही सरकार भी महिलाओं को सशक्त बनाने के हर संभव कार्य कर रही है। समाज में कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराईयों और कुरुतियों को हटाने के लिए हम सबको आगे आना होगा।

रेस्क्यू अभियान जारी, प्रशासन ने कच्ची दुकानों का कराया खाली

भूस्खलन हादसे में जिन तीन मृतकों के शव मिले थे, उनकी पहचान हो गई है। तीनों नेपाली मूल के हैं। इसी के साथ अब हादसे में लापता लोगों की संख्या 20 हो गई है। तीन लोगों की मौत हुई है। शनिवार को भी दिनभर रेस्क्यू होता रहा, लेकिन लापता लोगों में से किसी का भी शव नहीं मिल पाया। जिला प्रशासन के अनुसार, रविवार को सुबह 5.30 बजे से पुनः घटनास्थल से लेकर नदी किनारे तक खोजबीन अभियान शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही कुंड में सिंगोली-भटवाड़ी जल विद्युत परियोजना के बैराज में जलपुलिस द्वारा खोजबीन की जा रही है। जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार ने बताया कि शुक्रवार को जो तीन शव बरामद हुए थे, उनकी शिनाख्त देवी बहादुर, टेक बहादुर और प्रकाश टम्टा के रूप में हुई है।
मृतकों के परिजनों ने शिनाख्त की है, जिसके बाद जरूरी कार्रवाई कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया गया है। शेष 20 लोग, जिनकी सूची पहले दिन जारी की गई थी, अभी लापता चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि लापता लोगों की खोजबीन के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि इस हादसे में लापता लोगों में 14 नेपाली मूल के हैं, जबकि चार लोग रुद्रप्रयाग जनपद के अलग-अलग गांवों के और दो अन्य राज्यों के हैं। हादसे के बाद शुक्रवार को जो तीन लोगों के शव मिले थे, उनके नाम जारी सूची में शामिल नहीं थे।
हादसे के बाद प्रशासन ने गौरीकुंड बाजार से लेकर डाटपुल से आगे एक किमी क्षेत्र में बनाई गई कच्ची दुकानों को खाली कर मशीन से ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। पहले चरण में यहां 40 दुकानों को ध्वस्त किया गया है। बाकी दुकानदारों को भी तुरंत दुकानें खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है।