उत्तराखंड को मिला अवार्ड आफ एक्सीलेंस

उत्तराखण्ड को 18 वें सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेस अवार्ड 2020 दिया गया है। यह अवार्ड उत्तराखण्ड को राज्यों की श्रेणी में ई-मंत्रीमंडल के लिए दिया गया है। लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने उत्तराखण्ड को ई-मंत्रीमंडल और उत्तराखण्ड ऑडिट मैनेजमेंट के लिये पुरस्कार प्रदान किये। उत्तराखण्ड की ओर से यह पुरस्कार एनआईसी के एसआईओ के0नारायण तथा संयुक्त सचिव गोपन विभाग ओमकार सिंह ने यह पुरस्कार प्राप्त किये।

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रविन्द्र जैसवाल, उप-सचिव गोपन विभाग अजीत सिंह एवं उत्तराखंड ऑडिट मैनेजमेंट सिस्टम टीम के रजत मेहरा, नोडल ऑफिसर, ऑडिट सेल उत्तराखंड, तकनीकी निदेशक, एनआईसी नरेन्दर सिंह नेगी उपस्थित थे।

ज्ञातव्य है कि नॉन-प्रोफिट सोसायटी सीएसआई ई गवर्नेस में विभिन्न श्रेणियों में बेहतर कार्य के लिए अवार्ड देती है। उत्तराखण्ड में ई-कैबिनेट की पहल को ई-गवर्नेस की दिशा में बङा कदम मानते हुए अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस से सम्मानित किया गया है। संस्था द्वारा इसे बेस्ट प्रेक्टीसेज के अंतर्गत अन्य राज्यों के साथ भी साझा किया गया।

उत्तराखण्ड को यह पुरस्कार प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गोपन विभाग एवं एनआईसी के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि गुड गवर्नेस के लिए ई-गवर्नेस बहुत जरूर है। ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, ई-डिस्ट्रिक्ट, सीएम हेल्पलाईन आदि महत्वपूर्ण पहल हैं। कोशिश है कि लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक लाभ मिले।

इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने भी ने गोपन विभाग एवं एनआईसी के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि ई-कैबिनेट की पहल करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। उत्तराखण्ड में ई-कैबिनेट के मॉडल पर दूसरे राज्यों में भी विचार किया जा रहा है। सचिवालय के लगभग सभी अनुभागों में ई-ऑफिस प्रारंभ किया जा चुका है। सूचना तकनीक के प्रयोग से प्रशासनिक कार्यकुशलता में सुधार हुआ है।

एम्स और जगत बंधु सेवा ट्रस्ट के बीच हुआ करार

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश एवं जगत बंधु सेवा ट्रस्ट के मध्य मुजफ्फरनगर, उत्तरप्रदेश के अति पिछड़े व दुर्गम क्षेत्रों में टेली हेल्थ प्रोग्राम के तहत चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर करार हुआ। जिसके तहत संस्थान सुदूरवर्ती स्वास्थ्य सेवाविहीन गांव में आउटरीच प्रोग्राम के तहत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।

निदेशक एम्स प्रो. रविकांत ने कहा कि कोविड -19 महामारी के गठिन दौर में भी लोगों तक पहुंचकर उनकी बीमारियों को समझना व मुकम्मल उपचार देना भी अति आवश्यक है।
आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डा. संतोष कुमार ने कहा कि आउटरीच टेली हैल्थ प्रोग्राम के तहत दुर्गम क्षेत्रों में एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सेवाएं प्रदान की जाएंगी और यह सेवा टेली मेडिसिन के जरिए ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएंगी। जिसे एम्स के विशेषज्ञों द्वारा साझा किया जाएगा। बताया कि इस प्रोग्राम के तहत डायबिटीज, हाइपरटेंशन के मरीजों को परामर्श दिया जाएगा, वजह यह दोनों बीमारियां हृदय रोगियों के लिए बहुत खतरनाक होती हैं। एम्स तथा जगतबंधु सेवा ट्रस्ट के बीच अगले छह माह के लिए करार किया गया है। उम्मीद जताई कि इस पहल से एम्स की टीम मुजफ्फरनगर के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाली क्षेत्रीय जनता को चिकित्सा सुविधा का लाभ उपलब्ध कराएगी।

वहीं, ट्रस्ट के संयोजक व समाजसेवी सुमित प्रजापति जी ने लॉकडाउन में लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम के लिए 50,000 से ज्यादा मास्क निशुल्क वितरित किए और इस दौरान कई क्षेत्रों में अभावग्रस्त लोगों के लिए खाद्य सामग्री का प्रबंधन भी किया। मौके पर टेली हेल्थ प्रोग्राम के सदस्य सेवानिवृत्त कर्नल डॉ. सीन जॉब, एम्स के विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय, ट्रस्ट सदस्य अंकित कुमार, राजवीर सिंह प्रजापति आदि मौजूद थे।

ला नीना के कारण इस वर्ष कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान

इस वर्ष सर्दी अपना असल रूप दिखाने वाली है। मौसम वैज्ञानिक की मानें तो कड़ाके की ठंड और शीत लहर चलने का अनुमान है, जो कोरोना संक्रमण को देखते हुए सही नहीं होगा।

पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. आरके सिंह ने कहा कि सर्दी का मौसम लंबा खिंचने वाला है। ला नीना के चलते इस वर्ष कड़ाके की ठंड पड़ने का अनुमान है।

क्या है ला नीना
ला नीना एक प्रक्रिया है, जिसके तहत समुद्र में पानी ठंडा होना शुरू हो जाता है। समुद्री पानी पहले से ही ठंडा होता है, लेकिन इसके कारण उसमें ठंडक बढ़ती है, जिसका असर हवाओं पर पड़ता है। एल नीनो में इसके विपरीत होता है। दोनों ही क्रियाओं का असर सीधे तौर पर भारत के मानसून और सर्दी के मौसम पर पड़ता है।

सोशल मीडिया का हुआ सही इस्तेमाल, 14 माह बाद बिछड़ा लड़का परिजनों से मिला

14 माह पूर्व लापता हुए बेटे की जिंदा होने की खबर लगते ही परिवार में खुशी का माहौल है। यह खुशी का माहौल सोशल मीडिया की वजह से संभव हो पाया। जी हां, यह हकीकत है, घटना उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव के ग्राम शफीपुर की है। यहां 13 वर्षीय मिथिलेश पुत्र कमलेश को 14 महीने पूर्व मेले में देर होने पर घरवालों ने फोन पर डांट लगा दी। डांट से घबराया मिथिलेश ट्रेन पकड़कर नानी के यहां जाने की बात कहने लगा। मगर, गलत ट्रेन में सवार हो गया और उन्नाव से ढंढेरा रूड़की पहुंच गया। यहां ढंडेरा निवासी राव इमरान नामक मुस्लिम नागरिक ने मिथिलेश को अपने पास रखा और उसके परिजनों तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।

राव इमरान को इसमें सफलता भी हाथ लग गई। बेटे के जिंदा होने की जानकारी जैसे ही परिजनों को मिली तो वह खुशी से झूम उठे। बृहस्पतिवार को मिथिलेश की माता फूल दुलारी, पिता कमलेश और दादा रामपाल ढंढ़ेरा पहुंचे और बेटे को लेकर उन्नाव के लिए निकले।

नौ नवंबर को यूपी और उत्तराखंड में राज्यसभा की रिक्ट सीटों के लिए होगा चुनाव

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की रिक्त चल रही राज्यसभा की सीटों के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसके लिए नौ नवंबर को चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। इसके तहत उत्तराखंड में एक और उत्तर प्रदेश में दस सीटों पर चुनाव होना है। सभी 11 सीटों पर 27 अक्टूबर को नामांकन होगा। नौ नवंबर को मतदान किया जाएगा। इसी शाम को मतों की गिनती कर चुनाव परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।
बता दें कि ये सभी 11 सीटें 25 नवंबर को खाली हो रही हैं। उत्तराखंड की खाली हो रही सीट से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य राज बब्बर का कार्यकाल 25 नवंबर को खत्म हो रहा है। भाजपा ने उत्तराखंड में पिछले दो लोकसभा चुनाव में पांचों सीटों पर परचम फहराने में कामयाबी पाई। साथ ही 2017 के विधानसभा चुनाव में 70 में से 57 सीटों पर कब्जा किया। अब राज्यसभा की रिक्त सीट पर भाजपा अगले महीने एक और चुनावी उपलब्धि खाते में जुड़ने का इंतजार कर रही है। फिलहाल यह सीट कांग्रेस के पास है। अब जिस तरह का गणित राज्घ्य विधानसभा में है, उसमें भाजपा की जीत तय है।

यह रहेगा चुनाव आयोग का शेड्यूल
चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन के अनुसार, 27 अक्टूबर को नामांकन होगा। 28 अक्टूबर को नामांकन की स्क्रूटनी की जाएगी। 2 नवंबर तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकते हैं। 9 नवंबर को राजसभा की खाली हो रही सीटों पर मतदान होगा। मतदान सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगा। वोटिंग के दिन ही शाम 5 बजे से वोटों की गिनती शुरू कर दी जाएगी। 11 नवंबर तक राज्यसभा चुनाव की सारी प्रक्रिया पूरी करके रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा।

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के इतिहास में दो अक्टूबर काला धब्बा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर में शहीद स्मारक पर उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में श्रद्धासुमन अर्पित किये। राज्य निर्माण के लिए बलिदान देने वाले आन्दोलनकारियों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आन्दोलनकारियों के सपनों के उत्तराखण्ड की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। राज्य आन्दोलनकारियों के योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड एवं तत्कालीन उत्तर प्रदेश के इतिहास में आज के दिन को एक काले धब्बे के रूप में भी हम लोग देखते हैं। जिस तरह से रामपुर तिराहा में राज्य आन्दोलनकारियों पर आमानवीय अत्याचार हुआ, अनेक नौजवान शहीद हुए। यहां के स्थानीय लोगों ने इन नौजवानों के सम्मान और सुरक्षा के लिए जिस तरह योगदान दिया, उनके योगदान को हमेशा याद किया जायेगा।

इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक वंशीधर भगत, विधायक हरवंश कपूर, प्रदीप बत्रा, मुजफ्रनगर के विधायक प्रमोद उडवाल, मेयर रूड़की गौरव गोयल, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष राजेन्द्र अंथवाल आदि मौजूद रहे।

राम मंदिर आंदोलन में कोई षडयंत्र नहीं था, कोर्ट के निर्णय से यह साबित हुआ

सीबीआई की विशेष अदालत के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में निर्णय आने के बाद उत्तराखंड मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे सत्य और न्याय की जीत बताया। बताया कि राम मंदिर आंदोलन एक लोकतांत्रित रहा, इसमें किसी भी प्रकार का कोई षडयंत्र नहीं था। यह कोर्ट के निर्णय से साबित हो गया है।

उत्तराखंड के भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया। कहा कि सत्य की जीत हुई है। श्री राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे भगत ने कहा कि 28 वर्ष तक मुकदमा चलने के बाद यह निर्णय आया। श्री राम मंदिर का विषय राजनीति का नहीं अपितु आस्था का विषय है, जबकि अन्य दल इस पर राजनीति करते रह।

लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी सहित सभी आरोपियों को बाबरी विध्वंस मामले में क्लीनचीट

आखिरकार 28 साल के लंबे इंतजार के बाद बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया। छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में सभी आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया गया है। सीबीआई न्यायधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। फैसला सुनाते वक्त सीबीआई की विशेष अदालत के जज ने कहा कि बाबरी विध्वंस की घटना कोई पूर्व नियोजित नहीं थी। मस्जिद को ढाए जाने की घटना आकस्मिक थी।

विशेष सीबीआई न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना में साजिश के प्रबल साक्ष्य नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि वीडियो कैसेट के सीन भी स्पष्ट नहीं, कैसेट्स को सील नहीं किया गया और फोटोज की निगेटिव नहीं पेश की गई।

कोर्ट ने यह भी कहा कि 12 बजे विवादित ढांचा के पीछे से पथराव शुरू हुआ। अशोक सिंघल ढांचे को सुरक्षित रखना चाहते थे, क्योंकि ढांचे में मूर्तियां थीं। कारसेवकों के दोनों हाथ व्यस्त रखने के लिए जल और फूल लाने को कहा गया था। बता दें कि किसी ने कोर्टरूम में किसी ने जय श्री राम के नारे भी लगाए।

फैसला कानून और हाईकोर्ट के खिलाफ
वहीं, मुस्लिम पक्ष ने कहा कि यह फैसला कानून और हाईकोर्ट दोनों के खिलाफ है। जफरयाब जीलानी ने कहा कि विध्वंस मामले में जो मुस्लिम पक्ष के लोग रहे हैं उनकी तरफ से हाईकोर्ट में अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि एलआईयू की रिपोर्ट में पहले से थी 6 दिसम्बर 1992 को अनहोनी की आशंका, लेकिन उसकी जांच नहीं की गई।

यह आरोपी हुए बरी
लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश वर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण सिंह, कमलेश्वर त्रिपाठी, रामचंद्र, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमरनाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, स्वामी साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ व धर्मेंद्र सिंह गुर्जर। यह सभी आरोपी वर्तमान में जीवित है। अब वह आरोपी जो इस दुनिया में नहीं है। इसमें अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, विजयाराजे सिंधिया, मोरेश्वर सावें, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, बैकुंठ लाल शर्मा, परमहंस रामचंद्र दास, डॉ. सतीश नागर, बालासाहेब ठाकरे, डीबी राय (तत्कालीन एसएसपी), रमेश प्रताप सिंह, महात्यागी हरगोविंद सिंह, लक्ष्मी नारायण दास, राम नारायण दास और विनोद कुमार बंसल शामिल है।

प्रसव पीड़ा होने पर रोडवेज बस में बुजुर्ग महिला ने कराई डिलीवरी, रोडवेज कर्मियों ने किया नामकरण

उत्तर प्रदेश की महोबा डिपो की रोडवेज बस में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। तो रोडवेज कर्मियों ने उसका नाम महोबा डिपो ही रख दिया।

दरअसल, एक खानाबदोश महिला को जब असहनीय प्रसव पीड़ा हुई तो परिवार के लोगों ने एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन घुमाया। एंबुलेंस उपलब्ध न होने पर परिवार के सदस्यों ने जिला अस्पताल जाने के लिए रोडवेज की बस को चुना। महिला को रोडवेज की बस दर्द उठना शुरू हो गया। इसी दौरान बस में मौजूद एक बुजुर्ग महिला का दिल पसीजा और बस में पर्दा डालकर उसने गर्भवती महिला का प्रसव करा दिया। बस में नवजात की किलकारियां गूंजी और सभी लोग खुश नजर आ रहे थे। रोडवेज कर्मियों ने भी अपने अधिकारियों को घटना की जानकारी दी और बस को सीधे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां जज्बा और बच्चा को भर्ती कराया गया। चिकित्सक ने दोनों को खतरे से बाहर बताया है। वहीं, परिवहन विभाग के कर्मचारियों ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई और नवजात शिशु का नाम महोबा डिपो रख दिया।

बदमाश मुख्तार अंसारी को जेल से बाहर निकालों, नहीं निकालने पर योगी आदित्यनाथ को धमकी

यूपी की जेल में बंद बदमाश मुख्तार अंसारी को न छोड़े जाने पर सीएम योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी मिली है। यह मैसेज 9696755113 नंबर से यूपी 112 के नंबर पर मैसेज भेज कर दी गई। पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय ने बताया कि मैसेज में सीएम के प्रति अभद्र बातें और मुख्तार को जेल से बाहर निकलने की बात लिखी है। धमकी देने वाले ने मैसेज में लिखा था कि मुख्तार को जेल से नहीं छुड़ाया गया तो सरकार मिटा दी जाएगी। बताया कि नंबर ट्रेस कर लिया गया है। जल्द आरोपी गिरफ्त में होंगे।