मिलावटी आटा खाकर बीमार प्रकरण में सीएम ने सख्त, मुख्य सप्लायर और दुकानदारों पर केस दर्ज

नवरात्र के दौरान देहरादून में कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से 100 से भी अधिक लोग फूड प्वाइजनिंग से प्रभावित हुए। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है और अगले 24 घंटे में अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डाॅ धन सिंह रावत के निर्देशों के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने राज्य के सीमावर्ती इलाकों के साथ देहरादून और आसपास के इलाकों में दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों में ताबड़तोड़ छापेमारी चलाया गया। जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराये गये हैं।

कुट्टू का आटा सप्लायर का गोदाम सील, केस दर्ज
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा आज सुबह सूचना मिली कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज और कोरोनेशन अस्पताल में मरीज भर्ती किए गए हैं। मरीजों के परिजनों से पूछताछ करने पर पता चला कि इन सभी ने कुट्टू के आटे से बनी सामग्री का सेवन किया था, जिसके बाद उन्हें फूड पॉइजनिंग के गंभीर लक्षण दिखाई देने लगे। जांच के दौरान पाया कि मरीजों के परिवारों ने अलग-अलग दुकानों से कुट्टू का आटा खरीदा था, लेकिन सभी आटे का स्रोत सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) और विकासनगर (देहरादून) से जुड़ा हुआ था।

मुख्य सप्लायर और जिम्मेदार दुकानदारों की पहचान
जांच में सामने आया कि कुट्टू के आटे की आपूर्ति निम्नलिखित प्रतिष्ठानों द्वारा की गई थी:
1. मेसर्स गोविंद सहाय शंकर लाल – यह प्रतिष्ठान सहारनपुर (उ.प्र.) से कुट्टू का आटा सप्लाई कर रहा था।
2. विकास गोयल चक्की – यह चक्की मोग्गंज जामा मस्जिद के पास, थाना कोतवाली शहर, सहारनपुर (उ.प्र.) में स्थित है, जहां कुट्टू का आटा पिसा गया था।
3. Laxmi Trading, Sangam Vihar, Bhojwala Road, Vikasnagar, Dehradun – यह प्रतिष्ठान देहरादून में कुट्टू के आटे का मुख्य वितरक था। इसका गोदाम मेट्याला अकबरी मस्जिद, देहरादून के पास स्थित है।

मुख्य संचालक :
शीशपाल चीतान पुत्र शोभा राम–Laxmi Trading, विकासनगर, देहरादून

खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन
जांच में पाया गया कि FSSAI (भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण) के निर्देशों और गाइडलाइन्स के विपरीत इन प्रतिष्ठानों ने मिलावटी कुट्टू का आटा सप्लाई किया था, जिससे 84 लोगों की जान जोखिम में पड़ गई।

एफआईआर दर्ज, सैंपल लिए गए और गोदाम सील

घटना की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई की:
मुख्य सप्लायर Laxmi Trading के खिलाफ एफआईआर दर्ज।
गोदाम को सील कर दिया गया।
संदिग्ध कुट्टू के आटे के नमूने लिए गए, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया।
सहारनपुर स्थित चक्की और दुकान की भी जांच की जा रही है।
आगामी दिनों में अन्य प्रतिष्ठानों पर भी कार्रवाई जारी रहेगी।

यूपी के फूड कमिश्नर को पत्र
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि खाद्य विभाग लगातार तीन महीने वस्तुओं के सैंपल ले रहा था और छापेमारी अभियान भी चला रहा था। इस संबंध में यूपी के फूड कमिश्नर को भी 15 दिन पहले एक पत्र लिखा था कि मिलावटखोरों पर कार्रवाई करें क्योंकि अधिकांश मिलावटी उत्पाद यूपी से उत्तराखंड आते हैं।

टोल फ्री नंबर 1800-180-4246 पर दर्ज कराएं शिकायत
खाद्य आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि जिला अभिहीत अधिकारी मनीेष सिंह की ओर से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि खुले या संदिग्ध कुट्टू के आटे का सेवन न करें। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच कर ही खरीदारी करें। कुट्टू का आटा खरीदते समय प्रमाणित दुकानों से ही खरीदें। यदि किसी खाद्य पदार्थ के सेवन के बाद अस्वस्थ महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मिलावटी आटे की जानकारी टोल-फ्री हेल्पलाइन 1800-180-4246 पर दें।

24 घंटे में अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी
स्वास्थ्य सचिव व आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डॉ. आर राजेश कुमार ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल और कोरोनेशन अस्पताल का दौरा किया और मरीजों का हाल-चाल जाना। उन्होंने फूड पॉइजनिंग से पीड़ित मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात कर उनकी स्थिति जानी और चिकित्सकों को बेहतर इलाज और सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि अनावश्यक रूप से मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर न किया जाए। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है और अगले 24 घंटे में अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू किये जाने पर मुख्यमंत्री धामी का गजरौला, उत्तर प्रदेश में हुआ सम्मान

उत्तराखंड में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू किये जाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सम्मान में वेंकटेश्वरा यूनिवर्सिटी परिसर, गजरौला, उत्तर प्रदेश में अभिनन्दन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहित लागू करने पर उन्हें दिया गया सम्मान उत्तराखंड की सवा करोड़ देवतुल्य जनता का सम्मान है। जिस जनता ने उन्हें ऐतिहासिक निर्णय लेने के योग्य बनाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी लागू होना भारत के संविधान की आत्मा को साकार करने का उत्सव है। यूसीसी लागू करने का सम्मान संविधान निर्माताओं का सम्मान है, जिन्होंने संविधान में समान नागरिक संहिता की कल्पना को स्थान देकर एक समरस समाज का सपना देखा था। उन्होंने कहा 2022 विधानसभा चुनावों में उत्तराखंड की जनता ने मिथक तोड़कर दूसरी बार राज्य में भाजपा की सरकार बनाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। जब भारत विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होगा, उस समय देश के सभी नागरिकों के अधिकारों में भी समानता होगी, जिसकी शुरुआत उत्तराखंड से हो गई है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में यूसीसी लागू हो पाई है। सम्मान नागरिक संहिता, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के सपनों को भी साकार करती है।

मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता को जाति, धर्म, लिंग के आधार पर होने वाले कानूनी भेदभाव को खत्म करने का संविधानिक उपाय बताया। उन्होंने कहा यूसीसी लागू होने से राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हुए हैं। प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के नए अध्याय की शुरुआत हुई है। यूसीसी के माध्यम से उत्तराखंड की मुस्लिम बहन-बेटियों को भी हलाला, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से मुक्ति मिली है। उन्होंने कहा अब उत्तराखंड राज्य में महिलाएं को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का शिकार नहीं होना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा समान नागरिक संहिता से न्यायिक प्रक्रिया सरल और तेज होगी। यह कानून लाखों महिलाओं के अधिकारों का सुरक्षा कवच है। उन्होंने कहा यूसीसी को उत्तराखंड में लागू करने के बाद कई मुस्लिम महिलाओं ने उनका धन्यवाद किया है। मुख्यमंत्री ने कहा समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं, बल्कि ये समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों में समानता से समरसता स्थापित करने का एक कानूनी प्रयास है। इस कानून के माध्यम से किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है। उन्होंने कहा विश्व के प्रमुख मुस्लिम देशों सहित दुनिया के सभी सभ्य देशों में पहले से ही समान नागरिक संहिता लागू है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता क़ानून का प्रभाव उत्तराखंड से पूरे भारत में एक नई चेतना जागृत करने का कार्य करेगा। जिस प्रकार मां गंगा देवभूमि उत्तराखंड से निकलकर पूरे भारत को अपने पवित्र जल से अभिसिंचित करती हैं, उसी प्रकार उत्तराखंड से निकली समान नागरिक संहिता की धारा देश के दूसरे राज्यों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।

इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री (उत्तर प्रदेश) अशोक कटारिया, कुलाधिपति (वेंकटेश्वरा यूनिवर्सिटी) डॉ. सुधीर गिरी, प्रदीप जोशी, डॉ. राजीव त्यागी, हरि सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष उदय गिरी, अनूप प्रधान एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

महाकुंभ खबरः उत्तराखंड परिवहन निगम के बस स्टाफ की बदौलत बच पाई चार युवतियों की जान

दून से प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए गई चार युवतियों की जान उत्तराखंड परिवहन निगम के बस स्टाफ और उत्तर प्रदेश पुलिस की सक्रियता के चलते सुरक्षित बच गई। दरअसल, इन चारों युवतियों ने महाकुंभ के बेला कछार बस अड्डे से परिवहन निगम की वोल्वो बस पकड़ने के लिए दो रैपिडो बाइक बुक की थी, लेकिन बाइक सवार युवक उन्हें संदिग्ध स्थान ले गए।
निर्धारित समय पर न पहुंचने पर परिचालक ने फोन पर जब युवतियों से सम्पर्क किया, तो युवतियों ने खुद को असुरक्षित बताया। परिचालक व चालक ने तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित कर युवतियों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराया। पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से सभी युवतियों को सकुशल बरामद कर लिया। दोनों बाइक सवार युवकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

महाकुंभ का पर्व राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और विश्व बंधुत्व का प्रतीकः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महाकुंभ 2025 के पुण्य अवसर पर पावन दिव्य त्रिवेणी संगम पर सपरिवार स्नान किया। उन्होंने पतित पावनी मां गंगा, यमुना और सरस्वती के पूजन के साथ सभी देवों का आह्वाहन कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि तथा प्रदेश की उन्नति के लिए प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ शताब्दियों से अपनी अक्षुणता बनाये रखते हुए सनातन धर्म की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता के माध्यम से करोड़ों लोगों को धर्म एवं संस्कृति से जोड़ता रहा है। महाकुंभ का पर्व केवल आध्यात्मिक चेतना का ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और विश्व बंधुत्व का प्रतीक है। विश्व का यह महान पर्व सदियों से मानवता, समरसता तथा नैतिक मूल्यों की प्रेरणा देकर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता रहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ में अपनी पूज्य माताजी को स्नान कराना अपने जीवन का अमूल्य एवं भावुक क्षण बताते हुए कहा कि वेदों, शास्त्रों और पुराणों में उल्लिखित है कि कोई भी जीव अपनी माता के ऋण से उऋण नहीं हो सकता। माता से ही हमारा अस्तित्व जुड़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिव्य अवसर पर उन्हें यह भी अनुभूति हुई है कि मां केवल जन्मदात्री ही नहीं बल्कि सजीव तीर्थ के समान है। उनकी सेवा और सम्मान से जीवन में सभी पुण्य फलीभूत होते हैं। उन्होंने कहा कि यह भावपूर्ण क्षण उनके लिए सनातन संस्कृति परंपरा और मातृ भक्ति का सजीव स्वरूप प्रस्तुत करने वाला है।

शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए ज्ञान महाकुंभ का आयोजन, युवाओं को मिलेगी नई दिशाः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेक्टर-08, प्रयागवाल मार्ग, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आयोजित ज्ञान महाकुंभ भारतीय शिक्षा, राष्ट्रीय संकल्पना कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए ज्ञान महाकुंभ का आयोजन किया गया है। जिससे हमारे युवाओं, आने वाली पीढ़ी को शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा प्रदान होगी। महाकुंभ के साथ ज्ञानकुंभ का आयोजन देश को नई दिशा देगा। यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है कि अनेकों विकास कार्य आज हमारे देश के अंदर हो रहे हैं। आज भारत निरंतर आगे बढ़ रहा है। भारत हर क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड की राज्य सरकार ने देश की आजादी के बाद सबसे पहले उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू कर सभी देवभूमि वासियों के लिए समान कानून लागू किए हैं। देवभूमि में किसी भी धर्म, जाति के रहने वाले लोगों के लिए अब समान कानून होंगे। जो संकल्प हमारी सरकार ने जनता के सामने रखा, उसे हमने पूरा किया है। कई लंबे अध्ययन के बाद हमने राज्य में यूसीसी लागू किया है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले, डॉ. वी नारायण, आर.एस वर्मा, संजय एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

प्रयागराज महाकुंभ में बने उत्तराखण्ड मण्डपम का सीएम धामी ने किया अवलोकन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रयागराज, उत्तर प्रदेश पहुंचकर महाकुंभ 2025 में स्थापित किए गए उत्तराखण्ड मंडपम का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड मंडपम में आए तीर्थ यात्रियों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर राज्य सरकार द्वारा प्रयागराज महाकुंभ 2025 में उत्तराखण्ड मंडपम की स्थापना की गई है।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड मंडपम में राज्य के तीर्थ यात्रियों को प्रदान की जा रही आवासीय सुविधा एवं भोजन व्यवस्थाओ का भी जायज़ा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड मंडपम से महाकुंभ में देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालु उत्तराखंड की संस्कृति से परिचित हो रहे हैं। उत्तराखण्ड मंडपम श्रद्धालुओं के ठहरने के साथ ही महाकुंभ में उत्तराखंड का अहसास करवाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड मंडपम के माध्यम से राज्य के पारंपरिक उत्पादों को जन जन तक पहुंचाया जा रहा है। महाकुंभ में उत्तराखण्ड राज्य के देवभूमि स्वरूप के प्रदर्शन के साथ ही राज्य की कला-संस्कृति एवं विशिष्ट उत्पादों के प्रदर्शन तथा बिक्री की भी व्यवस्था की गयी है, जो सराहनीय पहल है।

उत्तराखण्ड पवेलियन में राज्य की प्रदर्शन के अलावा कला-संस्कृति एवं विशिष्ट उत्पादों के प्रदर्शन तथा की है व्यवस्था

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों एवं मार्गदर्शन में प्रयागराज में गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के पावन संगम पर 144 वर्षों बाद 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित हो रहे महाकुम्भ-2025 में भव्य उत्तराखण्ड पवेलियन स्थापित किया गया है। यह आयोजन मात्र एक मेले का आयोजन न होकर भारत एवं विश्व की विभिन्न संस्कृतियों के मिलन का उत्सव है, जिसमें देश एवं विदेश के बहुभाषी तीर्थ यात्री अपने आध्यात्मिक शुद्धि के लिए एकत्रित होते हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में उत्तराखण्ड पवेलियन में राज्य के तीर्थ यात्रियों को आवासीय सुविधा एवं स्थानीय भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था के साथ पवेलियन में उत्कृष्ट टेंट सिटी का भी निर्माण किया गया है। उत्तराखण्ड पवेलियन में प्रतिदिन दस हजार से पन्द्रह हजार तीर्थ यात्रियों द्वारा भ्रमण किया जा रहा हैै। तीर्थ यात्रियों के मध्य देवभूमि उत्तराखण्ड के दिव्य मंदिरों के दर्शन एवं फोटोग्राफी के साथ ही राज्य के पारंपरिक उत्पादों के स्टॉल एवं समृद्ध लोक संस्कृति की प्रस्तुति सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से प्रस्तुत की जा रही है। मुख्यमंत्री का मानना है कि 2026 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के आयोजन व्यवस्थाओं के लिए भी इससे मदद मिलेगी तथा उत्तराखण्ड पवेलियन महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को भी इससे संबंधित जानकारी उपलब्ध होगी।

इस संबंध में आयुक्त एवं महानिदेशक उद्योग प्रतीक जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, के मार्गदर्शन में मंडपम में उत्तराखण्ड राज्य के देवभूमि स्वरूप के प्रदर्शन के साथ ही राज्य की कला-संस्कृति एवं विशिष्ट उत्पादों के प्रदर्शन तथा बिक्री की भी व्यवस्था की गयी है। इसके अंतर्गत उत्तराखण्ड का अंतर्राष्ट्रीय ब्राण्ड ’हाउस ऑफ हिमालया’, उत्तराखण्ड का हथकरघा एवं हस्तशिल्प ब्राण्ड ’हिमाद्री’, राज्य के खादी एवं बांस तथा अन्य फाईबर उत्पाद, राज्य के पर्यटन स्थलों तथा आयुर्वेदिक एवं योग चिकित्सा को प्रदर्शित किया गया है। मंडपम में संस्कृति विभाग द्वारा राज्य की कला एवं संस्कृति से परिपूर्ण सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाता है। जिसके प्रति भी लोगों में और अधिक आकर्षण देखा जा रहा है।

उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड मंडपम में प्रवेश द्वार के रूप में केदारनाथ द्वार एवं निकास द्वार के रूप में बद्रीनाथ द्वार निर्मित किया गया है। मंडपम के अंदर प्रवेश करने पर चारधाम- यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ जी की दिव्य एवं भव्य प्रतिकृतियों के दर्शन होते हैं, इसके साथ ही हर की पैड़ी, हरिद्वार तथा गंगा की अविरल एवं पावन धारा के भी दर्शन होते हैं। मंडपम में दूसरी ओर माननीय मुख्यमंत्री की परिकल्पनाओं के अनुरूप शीतकालीन चारधाम तथा मानसखण्ड मंदिर माला के अंतर्गत श्री जागेश्वर धाम, श्री गोल्ज्यू देवता तथा नीम करोली बाबा की दिव्य प्रतिकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।

आयुक्त एवं महानिदेशक उद्योग ने बताया कि उद्योग विभाग उत्तराखण्ड द्वारा प्रयागराज महाकुम्भ क्षेत्रान्तर्गत सेक्टर-7, कैलाशपुरी मार्ग पर 40000 वर्गफीट क्षेत्रफल में देवभूमि की दिव्यता को प्रदर्षित करता भव्य उत्तराखण्ड पवेलियन स्थापित किया गया है। यह पवेलियन सिविल लाईन प्रयागराज बस स्टैंड से 06 किमी, प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन से 08 किमी तथा प्रयागराज एयरपोर्ट से मात्र 15 किमी की दूरी पर स्थापित है। पवेलियन से नजदीकी गंगा घाट मात्र 800 मीटर दूरी पर तथा पवित्र संगम लगभग 05 किमी दूरी पर स्थित है।

सीएम ने बताया उत्तरायणी मेले का सांस्कृतिक, व्यापारिक और ऐतिहासिक महत्व

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बरेली पुलिस लाइन में 29वें उत्तरायणी मेले में प्रतिभाग करते हुए मेले का शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि उत्तरायणी मेले का प्राचीन समय से ही व्यापक सांस्कृतिक,व्यापारिक और ऐतिहासिक महत्व रहा है। प्राचीन समय में जब संचार और आवागमन के साधन सीमित थे तो उस समय मेल- मिलाप, व्यापार, सूचना के आदान-प्रदान हेतु मेलों का बड़ा महत्व था।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज भारत सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण, उज्जैन महाकाल मंदिर कॉरिडोर निर्माण, राम मंदिर निर्माण तथा विश्व पटल पर योग और भारत की प्राचीन विरासत का गुणगान इस बात के सुस्पष्ट प्रमाण हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में भी संस्कृति और विरासत के संरक्षण और संवर्धन में बहुत बड़े कार्य हो रहे हैं। केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण, बद्रीनाथ धाम का मास्टर प्लान तथा मानसखंड मंदिरमाला के अंतर्गत पौराणिक धार्मिक स्थलों और मंदिरों का नवनिर्माण और सौंदर्यकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हर वर्ष तीर्थाटन और धार्मिक पर्यटनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और आने वाले समय में इसमें और भी बढ़ोतरी की संभावना है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए हम उत्तराखंड में बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। हरिद्वार में गंगा कॉरिडोर बनाने का हमने संकल्प लिया है।
पूर्णागिरी में शारदा कॉरिडोर निर्माण पर भी तेजी से काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन और फिल्म शूटिंग हब के रूप में भी विकसित करने जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में मातृशक्ति के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं संचालित हो रही है। लखपति दीदी योजना के माध्यम से हमने एक लाख महिलाओं को लखपति बनाया है। सवा लाख महिलाओं को और लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए उनको निरूशुल्क ऋण की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। कहा कि उत्तराखंड की मातृशक्ति द्वारा तैयार किए जाने वाले उत्पादों को हमने देश-विदेश में एक विशेष ब्रांड हाउस ऑफ़ हिमालयाज उत्तराखंड के नाम से विक्रय करने का निर्णय लिया है। इससे महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बहुत से उत्पादों को भी टक्कर दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने देवभूमि को देवभूमि बनाए रखने के लिए अनेक सख्त कानून बनाए हैं। किसी भी तरह के अपराध की रोकथाम, लैंड जेहाद, थूक जिहाद जैसे अनैतिक कृत्य पर लगाम लगाने के लिए सख्त वैधानिक प्रावधान किए हैं।

धर्मांतरण रोकने के लिए धर्मांतरण कानून, सख्त नकल विरोधी कानून, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले से ही वसूली के वैधानिक प्रावधान इत्यादि प्रावधान किए हैं।

हम शीघ्र ही समान नागरिक संहिता का कानून देने जा रहे हैं जो गंगा की भांति पूरे देश को लाभान्वित करेगा।

मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनमानस और उत्तरायणी मेला समिति को मकर संक्रांति, घुघुती त्यौहार और उत्तरायणी मेले की शुभकामनाएं देते हुए आगामी 28 जनवरी से उत्तराखंड में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों में सम्मिलित होने हेतु आमंत्रित भी किया।

इस दौरान सांसद बरेली छत्रपाल सिंह गंगवार, स्थानीय विधायक संजीव अग्रवाल, महापौर उमेश गौतम आदि उपस्थित थे।

रामपुर, गोलीकांड में शहीद हुए प्रत्येक राज्य आंदोलनकारी की शहीद स्थल रामपुर में लगाई जाएगी प्रतिमाः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर, (उ.प्र.) में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए शहीद स्मारक में पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रामपुर तिराहा गोलीकांड में शहीद हुए प्रत्येक राज्य आंदोलनकारी की याद में शहीद स्थल रामपुर में उनकी प्रतिमा लगाए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने शहीद स्थल के लिये भूमि दान करने वाले दिवंगत महावीर शर्मा की प्रतिमा का भी शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शहीदों के बलिदान एवं परिश्रम से हमें उत्तराखंड राज्य प्राप्त हुआ है। पृथक उत्तराखंड राज्य के लिए चलाए गए आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों को अनेकों यातनाओं और अत्याचारों को सहना पड़ा था। 2 अक्टूबर 1994 को रामपुर तिराहे पर घटित हुए गोली कांड राज्य आंदोलन का सबसे क्रूर और गहरा जख्म देने वाला अध्याय रहा। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने जा रहे आंदोलनकारियों पर हुए अत्याचारों से मिले घावों को कोई भी उत्तराखंडवासी भुला नहीं सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण और बेहतर भविष्य के लिए आंदोलनकारियों ने अपना वर्तमान बलिदान कर दिया था। उत्तराखण्ड की जनता सदैव इन वीरों की ऋणी रहेगी। उन्होंने कहा राज्य निर्माण आंदोलन में राज्य की महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया, राज्य की महिलाएं कभी अत्याचारों के आगे नहीं झुकी। जिस राज्य के निर्माण के लिए हमारे आंदोलनकारियों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर दिए। राज्य सरकार उस उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने हेतु रात दिन कार्यरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहीद आंदोलनकारियों के आदर्शों और उनके सपनों को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। विकल्प रहित संकल्प के मूलमंत्र पर चलते हुए उत्तराखंड में विभिन्न योजनाओं के जरिए राज्य के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास की धारा पहुंचाने के प्रयास जारी हैं। राज्य सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों को पेंशन देने के साथ ही, आंदोलन के दौरान जेल जाने वाले और घायल हुए सभी सक्रिय आंदोलनकारियों को प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। राज्य आंदोलनकारियों को बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा भी प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक राज्य की परिकल्पना में हमारे प्रदेश की डेमोग्राफी को संरक्षित रखने की चिंता भी शामिल थी। राज्य सरकार देवभूमि उत्तराखंड की डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। डेमोग्राफी को संरक्षित करने का दायित्व हर किसी ने निभाना है। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में सख्त धर्मांतरण रोधी कानून लागू किया गया है। सरकारी भूमि से अतिक्रमण को हटाने का कार्य जारी है। अब तक 5000 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करवाया गया है। राज्य में देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून और दंगा रोधी कानून भी लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हर नागरिक को समान अधिकार देने उद्देश्य से समान नागरिक संहिता का अधिनियम पास किया गया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार बहुत जल्द उत्तराखंड में सख्त भू-कानून को लाने की तैयारी कर रही है। जिसके लिए सभी स्टेकहोल्डर, विशेषज्ञों, आंदोलनकारियों से विचार विमर्श किया जा रहा है। उन्होंने कहा नीति आयोग द्वारा जारी किए गए सतत् विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखंड को पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। उत्तराखंड, निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है जिसकी वजह से हमारे राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होने शुरु हो गए हैं। राज्य जीडीपी की तर्ज पर जीईपी की गणना करने वाला देश का प्रथम राज्य बन गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और सहयोग से हम उत्तराखंड को श्रेष्ठ उत्तराखंड बनाने के लिए प्रतिबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा जब तक हम आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बना लेते, तब तक चौन से नहीं बैठेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक ने शहीद राज्य आंदोलनकारियो को नमन करते हुए कहा कि वीर सपूतों की बदौलत हमें राज्य मिला है। उन्होंने कहा रामपुर तिराहा कांड सत्य और अहिंसा की कड़ियों से जुड़ा हुआ है। उत्तराखंड की महिलाओं ने इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने कहा सन 2000 में तीन राज्यों का गठन हुआ था। जिसमें उत्तराखंड राज्य विकास के क्षेत्र में सबसे आगे है। केंद्र एवं राज्य सरकार के प्रयासों से राज्य निरंतर नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

इस अवसर पर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव, उपाध्यक्ष आपदा प्रबंधन समिति विनय रोहेला, विधायक प्रदीप बत्रा, जिला अध्यक्ष भाजपा (मुजफ्फरनगर) सुधीर सैनी, मीनाक्षी स्वरूप, सचिव हरिचंद्र सेमवाल, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

उत्तराखंड पुलिस ने हाथरस यूपी के परिवार की लौटाई खुशियां, किया शुक्रिया

ऋषिकेश पुलिस ने हाथरस युपी के एक परिवार को उनके चार वर्षीय बच्चे के बिछड़ने पर सकुशल ढूंढ निकाला और परिजनों को सुपुर्द किया। इससे परिजनों के चेहरे पर खुशियां लौटीं और पुलिस का आभार प्रकट किया।

चौकी प्रभारी प्रकाश पोखरियाल ने बताया कि हाथरस उत्तर-प्रदेश निवासी एक परिवार के 08 सदस्यों का एक दल त्रिवेणी घाट पर गंगा स्नान के लिये पहुंचा। बताया कि गंगा स्नान के दौरान उनका चार वर्षीय बालक जिसका नाम आरव है, कहीं बिछड़ गया। इस पर पुलिस की दो टीम गठित कर रवाना की गई।

बताया कि पुलिस की टीम ने त्रिवेणी घाट से साईं घाट, 72 सीडी, मायाकुंड, शीशमझाड़ी व दूसरी टीम को हरिद्वार रोड, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, बच्चे को ढूंढने के लिए पहुंची। बताया कि कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे को घाट रोड पर अकेले घूमते हुए व रोते हुए कांस्टेबल तेज सिंह ने बच्चे को बरामद किया। इसके बाद परिजनों को सुपुर्द करने पर उनके द्वारा पुलिस टीम का आभार जताया गया।

पुलिस की टीम में चौकी प्रभारी त्रिवेणी घाट प्रकाश पोखरियाल, हेड कांस्टेबल हरीश गुसाई’, कांस्टेबल महेश कुमार, कॉन्स्टेबल तेज सिंह, गोताखोर विनोद कुमार, दिवाकर फुलोरिया, आनंद आदि उपस्थित रहे।