सीएम ने कहा-शहरी निकायों के संसाधनों में वृद्धि के प्रयास करने होंगे

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की उपस्थिति में शहरी विकास आवास आदि से सम्बन्धित विभागों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने शहरी विकास एवं आवास से सम्बन्धित राज्य एवं केन्द्र पोषित योजनाओं के माध्यम से संचालित विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन होने से उसका लाभ लाभार्थी को समय पर उपलब्ध होने के साथ ही योजना की लागत में भी अनावश्यक वृद्धि नहीं होती है।
मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, अटल मिशन फॉर रिन्यूनिवेशन (अमृत योजना) के लिये निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति पर विशेष ध्यान देने को कहा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विश्व बैंक सहायतित सम्पत्तियों के रिकॉर्ड को डिजिटिलाइजेशन किये जाने, नगरों के जी.आई पम्पिंग व अन्य अवस्थापना विकास से सम्बन्धित योजनाओं को भी समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को प्रदेश के सभी 91 निकायों में प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किये जाने के भी निर्देश दिये। इसके लिये वेडिंग कमीटियों के गठन के साथ ही लाभार्थियों का बैंक से ऋण उपलब्ध कराने में तेजी लाये जाने को कहा। इसके लिये उन्होंने जिलाधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपे जाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में बस अड्डों एवं पार्किंग निर्माण की योजनाओं में भी तेजी लाने को कहा। पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही पर्यटन स्थल नैनीताल व मसूरी आदि में स्मार्ट पार्किंग की दिशा में भी योजना बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। इसके लिये निजी सहभागिता की दिशा में भी पहल करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं पर लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करने की जरूरत है। इस पर अधिकारी ध्यान दें।

मुख्यमंत्री ने निकायों के मास्टर प्लान तैयार करने पर भी ध्यान देने को कहा। इसके लिये धनराशि उपलब्ध करायी गई है। मास्टर प्लान एवं लोकल एरिया के डिटेल प्लानिंग से निकायों के विकास एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने ऑन लाइन मैप एप्रूविंग सिस्टम को प्रभावी बनाये जाने के साथ ही इस सम्बन्ध में जो पोलिसी तैयार की जानी है उसका ड्राफ्ट आगामी कैबिनेट के समक्ष रखा जाय। उन्होंने विभिन्न प्राधिकरणों की समस्याओं के समाधान की दिशा में भी नीति निर्धारण की बात कही।
इस अवसर पर सचिव आवास शैलेश बगोली ने बताया कि उत्तराखण्ड एकीकृत शहरी विकास परियोजना के लिये एशियन विकास बैंक के माध्यम से 1875 करोड़ का वित्त पोषण किया गया है। प्रथम चरण में 900 करोड़ की डीपीआर एडीबी को प्रेषित की जा चुकी है। हल्द्वानी, रूड़की, कोटद्वार, नैनीताल व रामनगर में पेयजल एवं सीवरेज से सम्बन्धित मास्टर प्लानिंग पूर्ण की जा चुकी है। जबकि देहरादून से सम्बन्घित योजना गतिमान है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 44680 ई.डब्लू.यू.एस. आवास में से 13180 आवास स्वीकृत हो चुके है। आवास नीति के अन्तर्गत प्राधिकरणों को निजी निर्माणकर्ताओं के 20330 आवास निर्माण के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जबकि आवास विकास परिषद के स्तर पर 30,000 आवास बनाये जाने का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि अमृत योजना के तहत 593 करोड़ के सापेक्ष 360 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हो चुकी है तथा 151 कार्य संचालित है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 20939 लाभार्थी चिन्हित है जिसमें से 18324 को आईडेंटी कार्ड जारी किये जा चुके है।
देहरादून स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्याधिकारी एवं जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट सिटी की कुल लागत 1407 करोड़ है जिसके सापेक्ष विभिन्न कार्यों की निविदा आमंत्रित कर कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं। इसके अन्तर्गत स्मार्ट स्कूल, स्मार्ट रोड, पल्टन बाजार पेडस्ट्राइजेशन, वाटर सप्लाई आग्मेंटेशन, परेड ग्राउण्ड रेजुविनेशन, मोर्डन दून लाइब्रेरी, सीवरेज इन एबीडी एरिया आदि योजनाओं पर कार्य गतिमान है।
इस अवसर पर प्रभारी सचिव डॉ. रणजीत सिन्हा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ पराग मधुकर धकाते, उपाध्यक्ष एमडीडीए रणवीर सिंह चैहान, अपर सचिव सुरेश जोशी, सचिव एमडीडीए गिरीश गुणवन्त सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित किया

उत्तराखंड सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कैबिनेट के फैसले की पुष्टि की है। वायरल संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश में उत्तराखंड महामारी रोग अधिनियम (कोविड-19) में लागू कर दिया है। इससे जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को वायरस की रोकथाम के लिए असीमित अधिकार प्राप्त हो जाएंगे।
मदन कौशिक ने बताया कि इसके तहत अब स्कूल और आंगनबाड़ी के बाद राज्य के सभी कॉलेज, सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स 31 मार्च तब बंद रहेंगे। लेकिन मेडिकल कॉलेज खुले रहेंगे। वहीं राज्य में आइसोलेशन वार्ड के लिए 50 करोड़ की राशि मंजूर की है।
उत्तराखंड सरकार ने मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोनो वायरस को लेकर यह फैसला लिया है। सबसे खास बात ये है कि कोरोना को राज्य सरकार ने महामारी घोषित कर दिया है। प्रदेशभर में कोरोना से बचाव के मद्देनजर सावधानी व जागरुकता पर जोर दिया गया है। मॉल पर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है। किसी भी प्रकार के कार्यक्रम से पहले सरकार से अनमुति लेनी जरूरी होगी। कोरोना को देखते हुए नर्सिंग स्टाफ के खाली पद भरे जाएंगे। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त पद सृजित किए जाएंगे। बसों में सेनिटेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
ज्यादा लोगों एक जगह पर एकत्र होने से रोका जाएगा। इस आदेश की अवहेलना करने पर आईपीसी की धारा 188 के तहत 1 माह से 6 माह के कारावास का प्रावधान किया गया है। भविष्य में कोरोना की तीव्रता बढ़ने पर प्रीफेब्रिकेटेड 100 बेड का हॉस्पिटल तैयार किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर निजी भवन, चिकित्सा ईकाई भवन को अस्पताल बनाया जाएगा। आपात स्थिति से निपटने के लिए 140 विभागीय एम्बुलेंस को अलर्ट पर रखा गया है।

स्वास्थ्य सचिव को असीमित अधिकार
महामारी अधिनियम लागू होने के बाद सचिव स्वास्थ्य को असीमित अधिकार होंगे। सचिव स्वास्थ्य अपनी शक्तियां जिलों में जिलाधिकारी और सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) डेलिगेट करेगा। इसके तहत कई शक्तियां डीएम में निहित होंगी। राज्य सरकार पहले ही तमाम बड़े आयोजनों को रद्द कर चुकी है। 12वीं तक के स्कूलों और विद्यालयों में 31 मार्च तक अवकाश घोषित किया गया है। वहीं सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में बायोमीट्रिक हाजिरी पर भी रोक लगाई जा चुकी है।

दो ट्रेनी आईएफएस सहित छह के सैंपल भेजे
कोरोना की आशंका के चलते दो ट्रेनी आईएफएस समेत छह और मरीजों के सैंपल शनिवार को जांच के लिए वायरोलॉजी लैब हल्द्वानी भेजे गए हैं। इस तरह से जिले से शनिवार तक 20 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। जिसमें से अब तक आई सभी 11 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सतर्कता बरत रहे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार विभिन्न अस्पतालों और संस्थानों से संपर्क कर रही हैं। इसी क्रम में शनिवार को छह सैंपल जांच के लिए डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय मेडिकल कालेज, हल्द्वानी स्थित वायरोलॉजी लैब भेजे गए। इसमें दो सैंपल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे दो ट्रेनी आईएफएस के भी शामिल हैं।
अकादमी के 62 ट्रेनी आईएफएस के अलग-अलग ग्रुप पिछले दिनों विभिन्न देशों से ट्रेनिंग टूर से लौटे थे। सभी की स्क्रीनिंग करने के बाद शुक्रवार को चार ट्रेनी आईएफएस के सैंपल जांच के लिए भेजे थे। शनिवार को भी दो और ट्रेनी आईएफएस के सैंपल दून अस्पताल से जांच के लिए भेजे। इसके अलावा शनिवार को जो चार और मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं, उनमें एम्स ऋषिकेश और निजी अस्पतालों में इलाज कराने को पहुंचे थे। ये चारों भी हाल में विदेश से लौटे हैं। सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। साथ ही संदिग्ध लक्षणों वाले मरीजों को निगरानी पर रखा जा रहा है।

एमडीडीए 29 घंटों अंदर दे रहा नक्शों की स्वीकृतिः श्रीवास्तव

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के 36वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। प्राधिकरण को 36वें स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा पिछले दो वर्षों में सराहनीय कार्य किया गया है। इससे सरकार की भी प्रतिष्ठा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक क्षेत्र का विकास हो सके इसके लिए जिला विकास प्राधिकरणों का गठन किया गया है। आम जन को हर प्रकार की सुविधा समय से उपलब्ध करा सकें इसके लिये प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए हमने विभिन्न नीतियों में छोटे-छोटे विभिन्न नीतिगत परिवर्तन किए हैं। इससे आमजन को कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं एवं सेवाएं प्रदान प्राप्त हो सकेंगी। इन नीतिगत परिवर्तनों का प्रभाव आने वाले समय में दिखाई देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राज्य की अपनी अलग पहचान व संस्कृति होती है। पर्यटक भी इससे प्रभावित होते हैं। पर्यटकों को आकृषित करने के लिये उत्तराखण्ड में किये जा रहे निर्माण कार्यों में यहां की कला एवं संस्कृति की झलक दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हम सभी को सहयोग देना होगा। राज्य का पर्यटन अधिक से अधिक विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर सके इसके लिए भी प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी के क्षेत्र में एमडीडीए द्वारा तेजी से कार्य करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिये लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश में गुरूत्व आधारित पेयजल की आपूर्ति के लिये विभिन्न योजनाएं शुरू की गयी हैं। सौंग बाँध निर्माण कार्य शुरू होने के 350 दिन में कार्य पूर्ण करने लिये प्रयासरत् हैं। सूर्यधार झील निर्माण कार्य भी शीघ्र पूर्ण हो जाएगा।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने प्राधिकरण को बधाई देते हुए कहा कि देहरादून मसूरी विकास प्राधिकरण राज्य के अन्य प्राधिकरणों के लिये मार्गदर्शक का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि समय की जरूरतों के अनुसार एमडीडीए हेतु 10 पाॅलिसीज में नीतिगत परिवर्तन किये हैं। साथ ही, राज्य सरकार व्यवस्थित वैंडिंग जोन विकसित करने के प्रयास कर रही है। वेंडर्स और आमजन को इससे लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान उपाध्यक्ष एमडीडीए आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि एमडीडीए द्वारा लगातार नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिये एमडीडीए ने नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड (2018-19) प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि एमडीडीए द्वारा 29 घंटों के अन्दर नक्शे की स्वीकृति दी जा रही है। स्मार्ट सिटी की संकल्पना को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर तेजी से कार्य कर रही है।

स्थाई प्रकृति के कार्य अक्टूबर 2020 तक पूर्ण कर लिये जाएंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में नगर विकास मंत्री मदन कौशिक के साथ 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के कार्यों में तेजी लाने के लिए जल्द ही स्थाई मेला अधिकारी व मेला पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी। कुंभ में होने वाले स्थाई कार्यों की जल्द स्वीकृति दी जायेगी। उन्होंने कहा कि अक्ूटबर 2020 तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाय। कार्यों की गुणवत्ता व पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाय। महाकुंभ को सुविधाजनक बनाने व भीड़ प्रबंधन में सहयोग के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जाय। बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ के लिए लोगो (प्रतीक चिन्ह) व स्लोगन के लिए जनता के सुझाव आमंत्रित किये जाय। इसके लिए पुरस्कार राशि का प्राविधान किया जाय। कुंभ क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा, पेयजल, टॉयलेट, सफाई आदि की व्यवस्था के लिए सुनियोजित प्लानिंग करने के लिए कहा। सकुशल कुंभ कराने व कार्यों की निरंतर निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बनायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के दौरान हरिद्वार में भीड़ प्रबंधन कैसे हो इसके समाधान के लिए जिलाधिकारी, पुलिस के अधिकारी व रेलवे के अधिकारी आपसी समन्वय कर सुनियोजित कार्ययोजना बनाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैरागी कैम्प व अन्य पार्किंग स्थलों पर अतिक्रमण न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाय। अति महत्वपूर्ण प्रकृति के कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता दी जाय। मेला क्षेत्र में स्नान घाटों का विस्तार करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अखाड़ों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाय।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि स्नान पर्वों पर करोड़ों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं, इसलिए मेला क्षेत्र में स्नान घाटों का विस्तार करना अति आवश्यक है। जटवाड़ा पुल से हरकी पैड़ी तक घाटों का विस्तार करना जरूरी है। मेले के दौरान हिल बाईपास को खोले रखने के लिए प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कैंप के लिए पहले से ही स्थान चयन कर लिये जाय।
पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने बताया कि कुंभ मेले में 20 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जायेगी। आग एवं भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिये विशेष कार्ययोजना बनाई जायेगी। कुंभ मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते है ऐसे में भीड़ प्रबन्धन और सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टि से हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा श्रद्धालुओं को स्नान के लिए आने व जाने के मार्गों के लिए पूरी प्लानिंग की जायेगी।
जिलाधिकारी/मेलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत ने कहा कि कुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए हरिद्वार में रेलवे ट्रेक डबल 27 किमी होना है। जिसमें से 17 किमी पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि एनएच कार्य जल्द पूर्ण होने पर कुंभ के दौरान श्रद्वालुओं के लिए काफी सुविधा हो जायेगी। जिलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ के लिए किये जा रहे कार्यों व आवश्यकताओं पर विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव डॉ. भूपेन्दर कौर औलख, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, गढ़वाल कमिश्नर बीवीआरसी पुरूषोत्तम, आईजी संजय गुंज्याल आदि उपस्थित थे।

चार दिनों में लीकेज की समस्या दूर करें विभाग: कौशिक

हरिद्वार।
गर्मी के मौसम को देखते हुए नगर की पेयजल व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए अगस्त क्रांति भवन (सीसीआर) में उत्तराखण्ड सरकार के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बैठक ली। बैठक में उन्होंने 4 दिनों के अंदर नगर के समस्त पेयजल लीकेज को ठीक करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पेयजल लीकेज पर जीरो टालरेंस की नीति अपनायी जाएगी। यदि लीकेज मिलता है तो इसे तत्काल रूप से ठीक किया जाए। जल निगम, जल संस्थान के अधिकारी टास्क फोर्स बनाकर सर्वे कर लीकेज ठीक करें। उन्होंने एनएच द्वारा पेयजल पाइप क्षतिग्रस्त करने पर नुकसान को ठीक न करने पर एफआईआर की कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
कौशिक ने नगर में हैण्ड पम्प ठीक करने व आवश्यकता पड़ने पर ट्यूबवैल हेतु जमीन उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नगर में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए व्यापक कार्ययोजना बनायी जाए। 26 बड़े नालों की सफाई के लिए टेंडर कर लिए जाएं। पेयजल, जलभराव की समस्या के लिए संवेदनशील क्षेत्र चिन्हित कर लिये जाएं। लाटोवाली, कुम्हार घडी, रेलवे स्टेशन के पास, औद्योगिक क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए। श्री कौशिक ने लोक निर्माण विभाग को गड्डे मुक्त सड़कों का निर्माण व मरम्मत करने के निर्देश दिये। एचआरडीए को पार्कों सौंदर्यींकरण का निर्देश दिया। उन्होंने कुम्भ 2021 को ध्यान में रखते हुए योजनावार प्लान तैयार कर कार्य करने के निर्देश भी दिये।
मेयर मनोज गर्ग ने डेंगू नियंत्रण के लिए अभी से प्लान तैयार करने के निर्देश दिये तथा पेयजल लीकेज पर आपसी समन्वय पर बल दिया। बैठक में जिलाधिकारी एस.ए. मुरूगेशन, सीडीओ डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, सीएमओ डॉ. बी.एस. जंगपांगी, डीडीओ पुष्पेन्द्र चैहान, सचिव एचआरडीए, एमएनए अशोक पांडे, मुकेश कौशिक, अनिरूद्ध भाटी, नरेश शर्मा, विनीत जौहारी, विकास तिवारी इत्यादि उपस्थित थे।