ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 125 किमी लंबी रेल परियोजना में लंबी रेल सुरग में कामयाबी

भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग का आज सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू हो गया है। इस अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे। रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह उत्तराखंड की 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल परियोजना से जुड़ी है। यह रेल परियोजना 105 किलोमीटर सुरंग के अंदर बनी है। इसमें ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 16 सुरंग हैं।

इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से सुरंग स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्यों का जायजा लिया और अधिकारियों से सुरंग की जानकारी ली। केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुरंग के सफल ब्रेकथ्रू पर खुशी जताते हुए कहा कि यह उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों को बधाई दी। रेल मंत्री ने यह भी कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है और जल्द ही इस रेल लाइन पर संचालन शुरू होने की उम्मीद है। यह परियोजना राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह (देवप्रयाग सौड़ से जनासु तक) 14.57 किलोमीटर लंबी रेलवे सुरंग उत्तराखंड की ही नहीं बल्कि पूरे भारत में सबसे लंबी सुरंग है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पहल पर यह पहली बार है जब देश के पहाड़ी इलाकों में रेल सुरंग बनाने के लिए टीबीएम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कहा कि 9.11 मीटर व्यास वाली इस सिंगल-शील्ड रॉक टीबीएम ने काम में जो तेजी और सटीकता दिखाई है, वह वैश्विक स्तर पर एक नया मापदंड स्थापित करती है। रेल मंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना उत्तराखंड के ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, गौचर और कर्णप्रयाग जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ेगी।

रेल मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग का सफर सात घंटे से घटकर सिर्फ दो घंटे का हो जाएगा। यह हर मौसम में दूरदराज के इलाकों तक पहुंच आसान करेगा और उत्तराखंड में पर्यटन व आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। यह चार धाम रेल परियोजना को पूरा करने की दिशा में भी बड़ा कदम है। इस उपलब्धि के साथ आरवीएनएल ने भारत के सबसे मुश्किल इलाकों में आधुनिक निर्माण तकनीक में अपनी मजबूत जगह बनाई है। यह सफलता न सिर्फ एक सुरंग की कहानी है, बल्कि एक नए, मजबूत और कनेक्टेड भारत की शुरुआत है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सुरंग उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में एक अहम भूमिका निभाएगी। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी एक नई गति देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा और गति मिली है। देवप्रयाग-सोड़ से श्रीनगर जनासु तक की यह सुरंग तकनीकी दृष्टि से भी एक बड़ी उपलब्धि है और यह दिखाती है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हम विकास के कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वे भी हो चुका है जल्द ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

इस मौके पर केबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान, जिलाधिकारी टिहरी मयूर दीक्षित, आरवीएनएल के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप गौर, अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक राम चंद्र शेट, जीएम उत्तर रेलवे अशोक कुमार वर्मा, प्रबंधक निदेशक भानु प्रकाश, मुख्य परियोजना प्रबंधक आरवीएनएल अजित यादव, जीएम आरवीएनएल सुमित जैन सहित अन्य उपस्थित थे।

सीएम ने लखनऊ से अयोध्या तक वंदे भारत रेलसेवा का विस्तार करने का किया अनुरोध


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से अनुरोध किया है कि देहरादून से लखनऊ तक प्रस्तावित वंदे भारत रेलसेवा का विस्तारीकरण लखनऊ से अयोध्या तक किया जाए। इस संबंध में केन्द्रीय रेल मंत्री को भेजे गये पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में प्रभु श्री रामलला की मूर्ति विराजमान होगी, जिससे देवभूमि उत्तराखण्ड में आये देशभर के तीर्थ यात्रियों एवं श्रद्धालुओं का आवागमन तीर्थ स्थल श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भी अत्यधिक रहेगा।

मुख्यमंत्री ने रेल मंत्री से अनुरोध किया है कि देहरादून से लखनऊ प्रस्तावित बंदे भारत रेलसेवा जिसका कि अभी शुभारम्भ किया जाना है, का विस्तार अयोध्या तक किया जाये, जिससे देवभूमि उत्तराखण्ड में आये देशभर के यात्रियों एवं प्रदेश के श्रद्धालुगण उक्त रेलसेवा से लाभांवित हो सके।

केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री से किया देहरादून से अयोध्या के लिये विमान सेवा प्रारम्भ करने का अनुरोध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से देहरादून से अयोध्या के लिये विमान सेवा प्रारम्भ करने का अनुरोध किया है। इस संबंध में केन्द्रीय नागरिक विमानन मंत्री को प्रेषित पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि शीघ्र ही श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में प्रभु श्री रामलला की मूर्ति विराजमान होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि होने के कारण देशभर के तीर्थ यात्रियों के आने-जाने का केन्द्र बना रहता है। इस हेतु देवभूमि के श्रद्धालु एवं देशभर के तीर्थ यात्रियों को आवागमन हेतु देहरादून से अयोध्या श्री राम जन्मभूमि हेतु सीधे कोई हवाई सेवा उपलब्ध नही है, जिससे देवभूमि उत्तराखण्ड में आये देशभर के यात्रियों एवं प्रदेश के श्रद्धालुओं को अत्यधिक कठिनाई होने की संभावना प्रतीत होती है। इन कठिनाईयों के समाधान हेतु प्रतिदिन एक हवाई सेवा देहरादून से अयोध्या तक संचालित किया जाना नितांत आवश्यक है, इससे देश व प्रदेश के यात्रियों को सुविधा होगी।

सीएम के अनुरोध पर रेल मंत्रालय ने 28 करोड़ 31 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की

रेल मंत्रालय द्वारा देवबंद-रूड़की नई रेल लाईन के लिए हरिद्वार जिले के चार गांवों की अधिग्रहित की गयी भूमि के स्वामियों को मुआवजे की निर्धारित राशि रू. 28.31 करोड़ स्वीकृत की गई है।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यह जानकारी दी है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से और फिर 06 अगस्त 2022 को रेल मंत्री से हुई चर्चा के दौरान इसका अनुरोध किया था। धनराशि स्वीकृत करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखा पत्र, रखी ये मांग…

देहरादून। बीते कुछ दिनों से कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच देश-विदेश से आए कुम्भ श्रद्धालुओं और मई माह में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के लिए आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्र से कोविड ट्रेन आईसोलेशन कोचेज उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। इस संबंध में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आस्था का महाकेंद्र कुम्भ मेला हरिद्वार में गतिमान है। जबकि मई माह में उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा भी शुरू होने वाली है। जिसके लिए देश-विदेश से तीर्थ यात्री देवभूमि में आएंगे। ऐसे में कुम्भ मेले के श्रद्धालुओं और चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र से हरिद्वार और ऋषिकेश में आईसोलेशन कोच उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। आइसोलेशन कोच वाली कोविड केयर ट्रेन होने से कोरोना संक्रमण काल में रेलवे मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को उत्तराखंड में सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। तीर्थ यात्रियों को सभी सुविधा उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है।

गौरतलब है कि बीते साल रेल मंत्रालय की ओर से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई प्रकार की तैयारियां की गई थीं। इसमें सैनिटाइजर निर्माण, मास्क निर्माण, पीपीई किट का निर्माण के साथ ही कोरोना मरीजों के लिए कोविड केयर कोच का निर्माण किया गया था। इन कोविड केयर कोच को पूरे देश के स्टेशनों पर लगाया भी गया था।