मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में स्थापित साधु संतों के आश्रमों व धर्मशालाओं को बड़ी राहत देने की घोषणा की है। अब इनके बिजली पानी के बिल और सीवरेज टैक्स व्यावसायिक दरों के स्थान पर घरेलू दरों पर वसूलेगी। दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ संतों का आशीर्वाद कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने यह मांग उठाई। जिस पर मुख्यमंत्री धामी ने यह एलान किया।
हरिद्वार में सबसे ज्यादा आश्रम और धर्मशाला
बता दें कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद तीर्थनगरी हरिद्वार में 950 से अधिक आश्रमों और धर्मशालाओं को कामर्शियल दरों से राहत मिलेगी। इस निर्णय से पूरे प्रदेश में चेरिटेबल ट्रस्ट के तहत संचालित साधु संतों धर्मशालाओं और मंदिर मठों को फायदा होगा।
भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया आरोप
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार में साधु संतों के आश्रमों, धर्मशालाओं, मंदिरों और मठों के गृह कर, बिजली, पानी के बिल और सीवरेज का टैक्स व्यावसायिक कर दिया गया था। जब वह शहरी विकास मंत्री बनें तो उन्होंने एक्ट में संशोधन के माध्यम से गृह कर को व्यावसायिक से घरेलू कर दिया था। लेकिन बिजली, पानी का बिल और सीवरेज का टैक्स घरेलू नहीं हो पाया था। कौशिक ने राहत के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
मुख्यमंत्री घोषणा के बाद कार्यक्रम में उपस्थित साधु संतों के चेहरे पर चमक बिखर गई। उन्होंने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत किया। साथ ही मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष के सहयोग की सराहना की।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि संतों के आश्रमों व धर्मशालाओं में व्यावसायिक तौर पर लिए जाने वाले कर को हम घरेलू दरों में परिवतिर्त करेंगे व आगामी समय में कुंभ के लिहाज से संत समाज का एक सम्मान समारोह भी किया जाएगा।