प्रधानमंत्री के नौ आग्रहों को विकास का आधार बनाएगी सरकारः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड की बोली भाषाओं से लेकर, पलायन को लेकर चिंता जताकर, उत्तराखंड के प्रति अपने लगाव को प्रदर्शित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के नौ आग्रहों को विकास का मूल मंत्र मानकर आगे बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य स्थापना दिवस के अपने संबोधन में उत्तराखंड को लेकर नौ आग्रह सार्वजनिक किए थे, इसमें से पांच आग्रह उत्तराखंड के लोगों को संबोधित थे, जबकि चार आग्रह यहां आने वाले पयर्टकों, तीर्थयात्रियों को संबोधित थे। अब उत्तराखंड सरकार प्रधानमंत्री के आग्रहों को नीतियों का आधार बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी सहित सभी बोलियों के संरक्षण पर जोर दिया है, साथ ही प्रवासियों से अपने गांव से संबंध बनाए रखने और अपने परंपरागत शैली के तिबारी वाले घरों के संरक्षण की अपील की है। इससे साफ है कि प्रधानमंत्री के दिल में उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव है, इसलिए सरकार प्रधानमंत्री के सभी आग्रहों पर जन सहयोग के जरिए काम करेगी।

’स्थानीय भाषाओं में फिल्मों को सब्सिडी’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बोली भाषाओं के संरक्षण के लिए पहले ही क्षेत्रीय बोली की फिल्मों के निर्माण पर विशेष प्रोत्साहन दे रही है। लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार विभिन्न मेलों को सहायता प्रदान कर रही है, इगास और हरेला पर्व अब धूमधाम से मनाया जा रहा है।

’होम स्टे में पारंपरिक शैली के घरों को बढ़ावा’
इसी तरह सरकार लोगों को अपने परंपरागत तिबारी वाले घरों को संरक्षित करते हुए, इन्हें होम स्टे में पंजीकृत कराने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रवासियों का उत्तराखंड से लगाव मजबूत करने के लिए सरकार ने इसी साल से प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का भी आयोजन प्रारंभ किया है। अब प्रधानमंत्री के संबोधन से इन सभी कार्यक्रमों में और तेजी आएगी।

’पर्यावरण संरक्षण पर जोर’
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधारोपण करने की भी अपील की है। प्रधानमंत्री के अपील के बाद राज्य सरकार इस अभियान को और गति देगी, अभी सावन में हरेला पर्व पर वृहद स्तर पर पौधारोपण किया गया, जिस कारण उत्तराखंड में ग्रीन कवर बढ़ने की उम्मीद है। इसी तरह सरकार उत्तराखंड में प्राकृतिक जल की स्वच्छता और शुद्धता बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री की अपील के क्रम में व्यापक अभियान शुरू करेगी। इसके लिए उत्तराखंड के धारे, नौलों, लघु सरिताओं का विशेष तौर पर संरक्षण किया जाएगा।

’पयर्टकों से अपील’
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहाड़ में सिंगल यूज प्लास्टिक के खतरों के प्रति भी पर्यटकों को आगाह किया है। राज्य सरकार पहले ही चार धामों में प्लास्टिक कूड़ा निस्तारण की ठोस व्यवस्था कर चुकी है, इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर क्यूआर कोड के जरिए प्लास्टिक कूड़े की वापसी की भी कोशिश रंग ला रही है, प्रधानमंत्री की अपील के बाद पर्यटकों में इसको लेकर जागरुकता आएगी। इसी तरह प्रधानमंत्री के आग्रह के अनुसार पर्यटक अधिक से अधिक स्थानीय उत्पादों की खरीद कर सकें, इसके लिए यात्रा मार्ग पर महिला स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल लगाए जा रहे हैं।

’धामों की गरिमा होगी सुनिश्चित’
मुख्यमंत्री ने यात्रियों से पहाड़ में सुरक्षित यातायात के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील की है, साथ ही धामों की पवित्रता का भी ख्याल रखने को कहा है, इससे धामों की गरिमा बरकरार रहने की उम्मीद है।

राज्य स्थापना दिवस पर बोले सीएम, सड़क दुर्घटनाएं रोकने को बनाएंगे समग्र नीति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में 50 एवं उससे अधिक जनसंख्या वाले सभी गाँवों को 2030 तक सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं की प्रभावी रोकथाम के लिए विभिन्न विभागों को साथ लेकर एक समग्र नीति बनायी जायेगी।

पुलिस लाइन में आयोजित राज्य स्थापना दिवस पर कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई अहम घोषणाएं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आपदा के कारण मार्ग एवं पुलों के बह जाने की दशा में यातायात को तुरंत सुचारू करने के लिए वैलीब्रिज स्थापित किए जाएंगे। उत्तराखण्ड राज्य में महिलाओं का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए महिला नीति को यथाशीघ्र अधिसूचित किए जाने के साथ ही युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए एक विशिष्ट ’’युवा नीति’’ भी बनाई जाएगी। इसी तरह आगामी राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड के जो खिलाड़ी मेडल जीतेंगे, उनकों पुरस्कार हेतु नियत धनराशि के बराबर की धनराशि राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त रूप से प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड से बाहर देश के दूसरे राज्यों में रहने वाले प्रवासियों के लिए प्रतिवर्ष नवंबर माह में ’’राष्ट्रीय उत्तराखंडी प्रवासी दिवस’’ आयोजित किया जायेगा, इसी तरह प्रतिवर्ष जनवरी माह में विदेशों में रहने वाले प्रवासी उत्तराखण्डियों के लिए ’’अन्तराष्ट्रीय उत्तराखण्डी प्रवासी दिवस’’का आयोजन किया जाएगा। सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कान्ट्रैक्टर एवं अभियन्ताओं का उत्तरदायित्व निर्धारित करने के लिए विशेष प्रक्रिया बनाई जायेगी। महिलाओं को प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की देखभाल हेतु ’’मुख्यमंत्री जच्चा-बच्चा प्रोत्साहन सहायता’’ प्रदान करने के लिए कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन की शुरुआत राज्य स्थापना दिवस शुभकामनाएं देने के साथ ही गत दिनों अल्मोड़ा जिले में हुई बस दुर्घटना में दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की। मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद करते हुए कहा कि अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल में ही उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना का सपना साकार हुआ। और अब उत्तराखण्ड राज्य आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का एक अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है। मोदी के मार्गदर्शन के चलते सभी क्षेत्रों में उत्तराखण्ड का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है। शहर से लेकर सुदूर पर्वतीय गांवों तक सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, विभिन्न जनपदों के लिए हेली सेवाएँ प्रारंभ करने के साथ ही विभिन्न एयरपोर्ट्स और हेलीपोर्टस को विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के जरिए शीघ्र ही पहाड़ में रेल पहुंचने का सपना साकार होने जा रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों में मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करने के साथ ही एम्स ऋषिकेश के सैटेलाइट सेंटर का निर्माण भी किया जा रहा है। उत्तराखण्ड पर्यटन, कृषि, बागवानी और उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसकी वजह से राज्य में वृहद स्तर पर व्यवसाय, स्वरोजगार और नौकरियों के अवसर सृजित हो रहे हैं। सरकार ने औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति सहित अनेकों नई नीतियां बनाकर राज्य में पूंजी निवेश के अवसरों को बढ़ाने का कार्य किया है। इसी प्रकार ऊधमसिंह नगर के खुरपिया में शीघ्र ही एक ’’इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी’’ स्थापित होने जा रही है। इसलिए वो दिन दूर नहीं जब हम प्रदेश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाकर राज्य से पलायन की समस्या को भी जड़ से खत्म कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने उत्तराखण्ड का विकास सुनिश्चित करने के साथ ही प्रदेश के हित में कई कठोर एवं ऐतिहासिक निर्णय भी लिए हैं। इसी क्रम में यूसीसी का कानून पास किया गया, साथ ही देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून और धर्मांतरण रोधी कानून के साथ ही दंगा रोधी कानून लागू किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जहां एक ओर अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाकर प्रदेश भर में 5000 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का कार्य किया है। वहीं सरकारी नौकरियों में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत एवं महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू करने का ऐतिहासिक कार्य भी किया है। राज्य सरकार ने दंगारोधी कानून बनाकर और खाद्य पदार्थों में थूकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कर ये बता दिया है कि हम देवभूमि की महान संस्कृति से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेंगे। मुख्यमंत्री धामी ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार अब शीघ्र ही राज्य में एक सख्त भू कानून लाकर राज्य के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए जा रहे इन अभूतपूर्व कार्यों, निर्णयों एवं प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। नीति आयोग द्वारा जारी सतत् विकास के लक्ष्यों के इंडेक्स में उत्तराखण्ड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। हमारे प्रदेश को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है। एक वर्ष के भीतर बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज से प्रारंभ होने जा रहा राज्य स्थापना का रजत जयंती वर्ष उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दृष्टि से ऐतिहासिक वर्ष साबित होने जा रहा है। सरकार उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मूल मंत्र के साथ निरंतर कार्य करती रहेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस वर्ष के ’’उत्तराखण्ड गौरव सम्मान पुरस्कार’’ से सम्मानित भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, लोक गायक प्रीतम भर्तवाण, समाज सुधाकर एवं आध्यात्मिक गुरु माता मंगला, अभिनेता हेमंत पांडेय और डॉ. महेश कुड़ियाल को पुरस्कार के लिए शुभकामनाएं दी।

अल्मोड़ा बस हादसे के चलते सादगी से मनाया जाएगा राज्य स्थापना दिवस पर कार्यक्रम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य स्थापना के कार्यक्रम सादगी से मनाये जायेंगे। मार्चुला में हुए बस हादसे के कारण मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया है। सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यह आकलन कर लिया जाए कि पर्वतीय क्षेत्रों में कहां अतिरिक्त बसें चलाने की आवश्यकता है। आवश्यकता के अनुसार नई गाड़िया खरीदकर उन क्षेत्रों में व्यवस्था की जाए। त्योहारों के दृष्टिगत भी जिन क्षेत्रों में अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करने की आवश्यकता प्रतीत होती है, वह व्यवस्था की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। मुख्यमंत्री ने पहले ही निर्देश दिये थे कि सुरक्षा की दृष्टि से सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाये जाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों का जबाब तलब किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस दुर्घटना में अपने माता-पिता को खोने वाली बेटी शिवानी की देखभाल और शिक्षा कि जिम्मेदारी राज्य सरकार लेगी, ताकि वह जीवन में आगे बढ़कर स्वयं और अपने माता-पिता के सपने साकार कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल हुई वाहन दुर्घटना में सबंधित चौकी प्रभारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 08 नवम्बर को प्रस्तावित सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थगित कर प्रदेशभर में सेवा और स्वच्छता के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। राज्य स्थापना दिवस के तहत आयोजित होने वाले बड़े समारोह, लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रमों के दौरान भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जायेगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान एवं महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने पलायन रोकने के लिये बतायी प्रभावी चिंतन की जरूरत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पलायन रोकने के लिये प्रभावी चिंतन की जरूरत बतायी है। पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन के कारणों का गहराई से अध्ययन किये जाने, युवाओं में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता के लिये ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशालाओं के आयोजन तथा जनपद स्तर पर जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा के निर्देश दिये हैं। इसमें जिला स्तरीय अधिकारियों का सहयोग लिये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही है। उन्होंने कहा कि आयोग के सुझावों पर शासन स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन की व्यवस्था सुनिश्चित हो। राज्य की रिवर्स माइग्रेशन की स्थिति का अध्ययन एवं राज्य में वापस आये लोगों के अनुभवों का लाभ लेने पर भी ध्यान देने को कहा। राज्य स्थापना दिवस के आसपास प्रदेश में आयोजित प्रवासी सम्मान समारोह के आयोजन तथा हाउस ऑफ हिमालयाज की सफलता के लिये राज्य के परम्पारागत उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देने की भी मुख्यमंत्री ने जरूरत बतायी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की 7 वीं बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि हो उसके लिए भी व्यापक स्तर पर कार्य योजनाएं बनानी होंगी। सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका वृद्धि के साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। उद्योग, पर्यटन, कृषि, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग रिवर्स पलायन कर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार के साथ ही अन्य लोगों को भी स्वरोजगार से जोड़ रहे हैं, ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में वन पंचायत नियमावली को मंजूरी दी गई है। इससे जड़ी-बूटी उत्पादन, वृक्षारोपण, जल संचय, वनाग्नि रोकथाम, इकोटूरिज्म के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य हो सकेंगे तथा इस क्षेत्र में स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने वन पंचायतों एवं सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर जंगली जानवरों से खेती के नुकसान को कम करने पर भी ध्यान देने को कहा इससे हाउस ऑफ हिमालयाज के लिये उत्पादों की उपलब्धता में भी मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड वेडिंग डेस्टिनेशन बने, इस दिशा में भी प्रयास होने चाहिए। यहां का सौंदर्य देश व दुनिया के लोगों को आकर्षित करता रहा है। राज्य सरकार वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये राज्य में विस्तृत नीति तैयार करने जा रही है। शीघ्र ही इसके परिणाम सामने आयेंगे।

बैठक में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस. एस. नेगी ने कहा कि आयोग द्वारा अब तक 21 रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी हैं। जिनमें राज्य के विभिन्न जनपदों में सामाजिक, आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने तथा पलायन को कम करने से सम्बन्धित सिफारिसें प्रस्तुत की गई हैं। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा राज्य में पलायन की स्थिति पर द्वितीय सर्वेक्षण रिपोर्ट भी शासन को प्रस्तुत की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा दिए जाने हेतु विभिन्न स्थनों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। जनपद पौड़ी, चमोली एवं रूद्रप्रयाग हेतु प्रथम ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला पौड़ी में, जनपद बागेश्वर, नैनीताल एवं अल्मोडा हेतु, द्वितीय ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला हल्द्वानी (नैनीताल में), जनपद पिथौरागढ़, चम्पावत एवं ऊधमसिंह नगर हेतु तृतीय ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला आयोजन रूद्रपुर, ऊधमसिंह नगर में एवं जनपद उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून एवं हरिद्वार हेतु चतुर्थ ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला देहरादून में आयोजित किए गए।

बैठक में आयोग के सदस्यों ने बताया कि उनके द्वारा भारत-चीन अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगे जनपद उत्तरकाशी चमोली एवं पिथौरागढ़ के क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों से संवाद किया गया एवं विभिन्न विभागों द्वारा संचालित स्वरोजगारपरक योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ चर्चा की गयी। पलायन पर विधान सभा समिति की उपस्थिति में सुझावों पर विचार के साथ शिक्षा विभाग के साथ बैठकें, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों के साथ बैठकें एवं समय-समय पर आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न विभागों के साथ बैठकों में मांगे गए सुझावों पर आयोग द्वारा कार्य गतिमान है।

उनका मानना था कि राज्य में लोगों का रूझान रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में बढ़ रहा है। राज्य में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा देने के लिए फसलों को जंगली जानवरों से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने, पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं एवं महिलाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार से जोड़ने तथा त्रिजुगीनाराण के साथ ही अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर वेडिंग की सुविधायें विकसित करने पर ध्यान देने का सुझाव रखा। मुख्यमंत्री द्वारा अपने जनपदों के प्रवास में होम स्टे में रात्रि विश्राम की परम्परा को सभी ने होम स्टे योजना को बढ़ावा देने वाला बताया।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, आयोग के सदस्य राम प्रकाश पैन्यूली, दिनेश रावत, सुरेश सुयाल, अनिल सिंह शाही, रंजना रावत, आयोग के सदस्य सचिव राजेन्द्र सिंह रावत, ग्राम्य विकास के उपायुक्त, ए०के० राजपूत एवं ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के शोध अधिकारी, गजपाल चन्दानी आदि उपस्थित रहे।