श्री गंगा सभा घाटों की रिपेयरिंग में जुटी, मलबा से अटा आरती स्थल

बीते दिनों 18 जून को त्रिवेणी घाट का सम्पूर्ण परिसर एवं आरती स्थल को काफी नुकसान पहुंचा। यहां तक की बाढ़ के साथ आये मलबे ने आरती स्थल पर लगी रेलिंग बारोड को काफी नुकसान पहुंचाया है इसके चलते गंगा आरती में काफी दिक्कतें आ रही हैं, आरती स्थल को पुनः दुरुस्त करने मलवा हटाने की दिशा में श्री गंगा सभा जोर-शोर से जुट गई है।

महासभा के महामंत्री धीरेंद्र जोशी ने बताया कि नुकसान की मरम्मत के लिए कुशल कारीगरों की सहायता से रिपेयरिंग का कार्य आरंभ किया गया है ताकि कोरोना काल के बाद आरती स्थल में पुनः मां गंगा की सांध्य कालीन आरती आर्मी की जा सके। उन्होंने बताया कि बाढ़ के साथ आए मलबे ने चेंजिंग रूम को भी नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा घाट परिसर पर लगे सीसीटीवी कैमरे, विद्युत व्यवस्था को भी क्षतिग्रस्त किया है। कहा कि संपूर्ण घाट परिसर को दुरुस्त किया जा रहा है।

तीन लोग हरिद्वार आकर कर सकेंगे दिवंगत परिजन की अस्थियां विसर्जित, कैबिनेट ने लिया फैसला

हरिद्वार में लॉकडाउन के बाद से पिछले 40 दिनों से अस्थि विर्जसन पर लगी रोक को कैबिनेट ने हटा लिया है। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर सभी ने सहमति दी। फैसले के अनुसार, गाड़ी चालक के अलावा दो व्यक्ति हरिद्वार आकर अपने दिवंगत परिजन की अस्थियां विसर्जित कर सकता है।

लॉकडाउन के बाद से हरिद्वार में अस्थि विसर्जन के लिए अन्य राज्यों से लोग अस्थियां लेकर पहुंच रहे थे मगर, हरिद्वार के तीनों बॉर्डर से ही उन्हें वापस लौटना पड़ रहा था। इस मामले में हरिद्वार की श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को ज्ञापन भी दिया था, इसमें अस्थि विसर्जन पर रोक हटाने की मांग की गई थी।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश सरकार ने जो निर्णय लिया है उसके अनुसार गाड़ी लेकर आने वाले चालक के अलावा दिवंगत व्यक्ति के दो परिजन भी अस्थि विसर्जन के लिए आ सकते हैं।  40 दिनों से हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित कोई भी अस्थि विसर्जन नहीं करा पा रहे थे।