उत्तराखंड हरित पहल की ओर, राष्ट्रीय खेलों के पदक विजेताओं के नाम पर रूद्राक्ष के 1600 पेड़ लगेंगे

महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के समीप स्थित वन विभाग की 2.77 हेक्टेयर जमीन को जल्द नई पहचान मिलने जा रही है। यह पहचान खेल वन के रूप में होगी। राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने वाले 1600 खिलाड़ियों के नाम से यहां पर रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे। राष्ट्रीय खेल सचिवालय की दस फरवरी को यहां पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर ग्रीन गेम्स का प्रभावी संदेश देने की तैयारी है।

38वें राष्ट्रीय खेलों की थीम ग्रीन गेम्स की रखी गई है। उत्तराखंड सरकार ने हरित पहल करते हुए राष्ट्रीय खेलों में कई कदम ऐसे उठाए हैं, जिनकी पूरे देश में चर्चा हो रही है। इस क्रम में पदक विजेता खिलाड़ियों के सम्मान में उनके नाम से पौधा रोपने का कार्यक्रम भी शामिल है। राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड सरकार की हरित पहल की सराहना की थी।

खेल वन जिस जगह पर विकसित किया जाना है, उसे आज-कल तैयार किया जा रहा है। दस फरवरी को यहां पर आयोजित कार्यक्रम में खेल वन का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। आज-कल इस पूरे इलाके की तारबाड़ की जा रही है, ताकि जब यहां पर पेड़ लगा दिए जाएं, तो उसकी सुरक्षा भी हो सके।

चौंपियन हमें प्रेरित करते हैं
खेल वन के लिए जो बड़ा बोर्ड तैयार कराया जा रहा है, उसमें यह लाइनें खास तौर पर उकेरी जा रही है-चौंपियनस इंस्पायर अस, दियर लेगेसी ब्लूम्स इन एवरी ट्री वी प्लांट। राष्ट्रीय खेल सचिवालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा का कहना है कि यहां लगाए जाने वाले हर पेड़ से हमारी स्मृतियों में विजेताओं का सुनहरा प्रदर्शन ताजा रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से हम ग्रीन गेम्स की थीम पर राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन कर रहे हैं। हमने हरित पहल करते हुए कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे दूर-दूर तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश जाएगा। खेल वन इस कड़ी में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

राष्ट्रीय खेल से मिली सौगात, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए मजबूत होगा दावा

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए दून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में तैयार हो रही शूटिंग रेंज का आने वाले दिनों में जलवा कायम होने जा रहा है। टारगेट क्षमता के मामले में दिल्ली व भोपाल के बाद देश की तीसरे नंबर की यह शूटिंग रेंज बनने जा रही है। इस शूटिंग रेंज में 160 टारगेट स्थापित किए जा रहे हैं। इस शूटिंग रेंज की बदौलत उत्तराखंड आने वाले दिनों में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शूटिंग स्पर्धाओं के लिए मजबूत दावेदार बनकर उभर सकता है।

राष्ट्रीय खेलों में शूटिंग स्पर्धा के मुकाबले महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून में होने हैं। इसके लिए शूटिंग रेंज का काम लगभग तैयार हो गया है। दस और 25 मीटर रेंज के 60-60 टारगेट यहां स्थापित किए जा रहे हैं, जबकि 50 मीटर रेंज के 40 टारगेट हैं। देश भर में सबसे बड़ी शूटिंग रेंज की बात करें, तो मोटे तौर पर दो ही नाम सामने आते हैं। एक दिल्ली की डा करनी सिंह शूटिंग रेंज और दूसरी भोपाल की एमपी शूटिंग रेंज। इनमें दिल्ली की शूटिंग रेंज में हर स्पर्धा के लिए 80-80 टारगेट की क्षमता है, जबकि भोपाल के मामले में टारगेट क्षमता 60-60 है।

भारतीय शूटिंग टीम के असिस्टेंट कोच अरूण सिंह के अनुसार देश के तमाम दूसरे स्थानों में शूटिंग रेंज की सुविधाएं तो हैं, लेकिन उनकी क्षमता दिल्ली व भोपाल की तरह नहीं है। अब देहरादून भी शूटिंग रेंज की टारगेट क्षमता के मामले में दिल्ली, भोपाल के बराबर में खड़ा होने जा रहा है। यह स्थिति उत्तराखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। तमाम राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाएं उत्तराखंड में अब सफलतापूर्वक कराई जा सकती हैं।

25 मीटर रेंज में दिल्ली से आगे निकल सकता है दून

दिल्ली की डा करनी सिंह शूटिंग रेंज में 25 मीटर की स्पर्धा के लिए 60 टारगेट की क्षमता है। 38 वें राष्ट्रीय खेलों में दून की शूटिंग रेंज में भी इस स्पर्धा के लिए 60 टारगेट फिक्स किए जा रहे हैं, लेकिन इस रेंज की संपूर्ण क्षमता 65 टारगेट की हैं। यानी दून की इस शूटिंग रेंज में आने वाले दिनों में यदि आवश्यकता पड़ती है, तो 65 टारगेट फिक्स किए जा सकते हैं। भारतीय शूटिंग टीम के असिस्टेंट कोच अरूण सिंह के अनुसार-पेरिस ओलंपिक में जिन टारगेट का प्रयोग हुआ था, उसी मानक वाले टारगेट यहां फिक्स किए जा रहे हैं। इससे सौ फीसदी सटीक स्कोरिंग संभव हो पाएगी।

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न सिर्फ शूटिंग, बल्कि अन्य खेलों में भी मजबूत आधारभूत ढांचा विकसित किया जा रहा है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से देवभूमि की एक पहचान खेल भूमि के रूप में भी बनेगी। हमारे खिलाड़ी दुनिया में और चमकेंगे। साथ ही, हम बड़ी स्पर्धाओं को आयोजित करने में भी सक्षम साबित होंगे।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

खेल विभाग के स्तर पर तैयार हो रहे लेगेसी पॉलिसी के ड्राफ्ट में खेल अकादमी का प्रस्ताव

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए अवस्थापना सुविधाओं के व्यापक विस्तार के बाद अब उसके दीर्घकालिक उपयोग को लेकर भी काम शुरू हो गया है। जहां-जहां खेल सुविधाएं बढ़ाते हुए आधारभूत ढांचे तैयार हो रहे हैं, वहां खेल अकादमी खोलने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। ताकि राष्ट्रीय खेलों के बाद भी खेल गतिविधियां बेहतर ढंग से संचालित होती रहें। खेल विभाग के स्तर पर तैयार किए जा रहे लेगेसी पॉलिसी के ड्राफ्ट में खेल अकादमी के प्रस्ताव को शामिल किया जा रहा है। मंजूरी के लिए इसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।

उत्तराखंड में खेलों के लिए इन दिनों व्यापक स्तर पर आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है। देश-विदेश से अत्याधुनिक उपकरण मंगवाए गए हैं। कई खेल उपकरण अंतरराष्ट्रीय मानक वाले हैं। इस बीच, यह भी विचार किया गया है कि राष्ट्रीय खेलों के बाद अवस्थापना सुविधाओं का संचालन किस तरह से किया जाएगा। रांची समेत देश के कई जगहों के उदाहरण सामने हैं, जहां पर राष्ट्रीय खेल समाप्त होने के बाद आधारभूत ढांचे का सही इस्तेमाल नहीं किया जा सका। नतीजतन, देख-रेख के अभाव में महंगे उपकरण खराब हो गए और आधारभूत ढांचा उपयोगी साबित नहीं हो पाया।

उत्तराखंड ने दूसरे राज्यों के अनुभवों से सबक लिया है। राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के बीच ही लेगेसी पॉलिसी के ड्राफ्ट पर भी तेजी से काम चल रहा है। विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा के अनुसार-खेल अवस्थापना सुविधाओं का उत्तराखंड को लंबे समय तक लाभ मिलता रहे, इसलिए लेगेसी पॉसिली का ड्राफ्ट तैयार कराया जा रहा है। कोशिश ये ही है कि जल्द से जल्द इसे तैयार कर इसकी मंजूरी ले ली जाए।

इसलिए जरूरी हैं खेल अकादमी

देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम व कॉलेज से लेकर खटीमा, हरिद्वार, हल्द्वानी समेत तमाम शहरों में खेल अवस्थापना सुविधाएं व्यापक स्तर पर बढ़ी हैं। राष्ट्रीय खेलों के बाद इन जगहों पर आधारभूत ढांचे और अत्याधुनिक उपकरणों की देख-रेख के लिए खेल अकादमी को जरूरी माना जा रहा है। इसके साथ ही, खेल अकादमी शुरू होने के बाद खिलाड़ियों के लिए संबंधित खेलों में प्रशिक्षण लेने की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी। विभाग को खेल अकादमी संचालित करने के लिए प्रशिक्षण और प्रबंधन से जुड़े मानव संसाधन की आवश्यकता पडे़गी।

राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से उत्तराखंड में खेल अवस्थापना सुविधाओं का बडे़ स्तर पर विस्तार हो रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि खेल सुविधाएं किसी एक जगह पर नहीं, बल्कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बढ़ने जा रही हैं। यह उत्तराखंड के खेल विकास के लिए अति महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खेल अवस्थापना सुविधाओं से खिलाड़ियों को लगातार लाभ मिलता रहे।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

होटल कारोबार को तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह का लाभ मिलना तय

राष्ट्रीय खेलों से खेल विकास की प्रबल संभावनाओं के बीच होटल इंडस्ट्री भी झूम उठी है। दून-हरिद्वार से लेकर खटीमा-पिथौरागढ़ तक के होटल राष्ट्रीय खेलों के लिए आरक्षित हो गए हैं। उत्तराखंड के 12 शहरों में खिलाड़ियों और अन्य तमाम लोगों को रूकवाने की व्यवस्था की गई है। होटल इंडस्ट्री की बेहतरी के लिए इस स्थिति को शुभ संकेत माना जा रहा है। उत्तराखंड के होटल कारोबारी उत्साहित हैं। तात्कालिक लाभ तो उन्हें मिल ही रहा है, दीर्घकालिक लाभ की भी वे उम्मीद कर रहे हैं।

38 वें राष्ट्रीय खेलों में दस हजार से ज्यादा खिलाड़ी उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। खेलों से संबंधित अन्य अफसर व स्टाफ अलग हैं। इन सभी के लिए राष्ट्रीय खेल सचिवालय के स्तर पर होटलों में रूकने का इंतजाम कराया गया है। इसके अलावा, जिस तरह की सूचनाएं मिल रही हैं, उसमें खिलाड़ियों के रिश्तेदार व अन्य लोग भी अपने स्तर से होटलों में कमरों की बुकिंग करा रहे हैं। उत्तराखंड में कड़कड़ाती सर्दी के बीच राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होटल इंडस्ट्री को गरमी प्रदान कर रहा है। भीमताल-टनकपुर के होटल कारोबारी हों या फिर कोटी कालोनी टिहरी के होटल व्यवसायी, राष्ट्रीय खेलों की वजह से सबकी आंखों में चमक आ रही है।

हल्द्वानी होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज जायसवाल का मानना है कि राष्ट्रीय खेल होटल वालों के लिए भी बड़ा अवसर है। हम मेहमानों को अच्छी सर्विस देंगे, ताकि वे अच्छी स्मृतियां लेकर उत्तराखंड से जाएं और हमारे होटलों का नाम पूरे देश तक फैले। दून होटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेश भारद्वाज को राष्ट्रीय खेलों से होटल इंडस्ट्री को तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के फायदे मिलते दिखते हैं। भारद्वाज का कहना है कि इस आयोजन से होटल इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी।

होटलों में कमरों की स्थिति

शहर आवश्यकता
देहरादून 2431
हल्द्वानी 1221
हरिद्वार 556
रुद्रपुर 553
शिवपुरी ऋषिकेश 402
कोटी कालोनी टिहरी 226
अल्मोड़ा 147
पिथौरागढ़ 129
नैनीताल 113
खटीमा 118
टनकपुर 85
भीमताल 62

राष्ट्रीय खेलों का आयोजन न सिर्फ खेलों, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी उत्तराखंड को आगे बढ़ाने वाला साबित होगा। यह आयोजन हम सभी का है। हमारी कोशिश है कि देशभर से आने वाले खिलाड़ी उत्तराखंड में आकर अच्छा अनुभव करें। उत्तराखंड के हर एक व्यक्ति से अपील है कि वे राष्ट्रीय खेलों में अपना-अपना योगदान सुनिश्चित करें।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

राष्ट्रीय खेलों से उत्तराखंड की होटल इंडस्ट्री को देशभर में एक्सपोजर मिलेगा। इसके दीर्घकालिक फायदे में ज्यादा देखता हूं। सबसे अहम बात राष्ट्रीय खेलों का उत्तराखंड में होना है। ऐसे में इंडस्ट्री से जुड़े हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि देशभर से आने वाले लोगों को वह अच्छी सेवाएं दें। ताकि पूरे देश में उत्तराखंड का नाम हो।
– पंकज गुप्ता, अध्यक्ष, इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड।

मुख्यमंत्री ने चकरपुर, खटीमा में नव निर्मित वन चेतना केंद्र स्पोर्ट्स स्टेडियम का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चकरपुर, खटीमा में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹ 1615.62 लाख की लागत नव निर्मित वन चेतना केंद्र स्पोर्ट्स स्टेडियम का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित स्टेडियम के उद्घाटन पर सभी क्षेत्रवासियों को शुभकामना देते हुए कहा कि 2017 में खटीमा के विधायक के रूप में उन्होंने इस स्टेडियम की घोषणा की थी। हालांकि, कई बाधाओं के चलते उनके विधायक रहते हुए इस स्टेडियम का कार्य पूर्ण नहीं हो सका था। लेकिन प्रदेश के मुख्य सेवक के रूप में उन्हें इसका शुभारंभ करने का सुअवसर प्राप्त हुआ, जो उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा ये स्टेडियम क्षेत्र के युवाओं को खेल का मंच प्रदान करेगा, जहाँ वे अपनी प्रतिभा को निखार सकेंगे और उसके माध्यम से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खटीमा सहित पूरे राज्य का गौरव बढ़ा सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवनिर्मित स्टेडियम आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। जहां बास्केटबॉल, फुटबॉल, वालीबॉल, कबड्डी जैसे खेलों के मैदानों का निर्माण कराया गया है, साथ ही खिलाड़ियों के ठहरने के लिए हॉस्टल और इनडोर कार्यक्रमों के लिए बहुउद्देश्यीय हॉल का भी निर्माण किया गया है। नए स्टेडियम में आगामी राष्ट्रीय खेलों की मलखंभ प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलो के आयोजन से क्षेत्र के युवाओं में खेलों के प्रति रुचि और उत्साह को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल, युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ ही युवाओं में अनुशासन, टीमवर्क और संघर्षशीलता जैसे गुणों का भी विकास करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के प्रारंभ से ही ‘खेलो इंडिया’ और ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने की मजबूत नींव रखी है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है तथा वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा प्रदेश में नई खेल नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी, आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों के खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण और शिक्षा तथा खेल-छात्रवृत्ति जैसी सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण और पुरस्कार राशि को दोगुना करने जैसे कदम भी उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हम शीघ्र ही राज्य में एक खेल विश्वविद्यालय भी स्थापित करने जा रहे हैं, जो खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आज देवभूमि और वीरभूमि के साथ-साथ खेलभूमि के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है। आगामी 28 जनवरी से हमारे राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होने जा रहा है। इस बार, हम राष्ट्रीय खेलों को ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर आयोजित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन खेलों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा मुझे पूर्ण विश्वास है कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हमारे प्रदेश के युवाओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से वादा करते हुए कहा कि इस बार के राष्ट्रीय खेल न केवल ऐतिहासिक होंगे, बल्कि खेलों के क्षेत्र में उत्तराखंड की साख को विश्वस्तरीय रूप देने में भी सफल रहेंगे। उन्होंने कहा खटीमा उनका घर है, यहीं से उन्होंने अपनी जनसेवा की यात्रा आरंभ की थी, और इस क्षेत्र की प्रत्येक गली, प्रत्येक गाँव उनके दिल के करीब है। उन्होंने कहा कि खटीमा की माटी और यहाँ के लोगों से उन्हें हमेशा ऊर्जा और प्रेरणा मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने खटीमा में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल से लेकर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गदरपुर और खटीमा बाईपास का निर्माण, नए हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण कार्य, खटीमा को अन्य क्षेत्रों से जोड़ने वाली सड़कों के चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण का कार्य जैसे अनेकों कार्य इस क्षेत्र में हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश एवं खटीमा क्षेत्र के विकास में आगे भी कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। राज्य सरकार सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड निर्माण के अपने विकल्प रहित संकल्प के आधार पर निरंतर कार्य कर रही है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने मलखम्ब खिलाड़ियों से संवाद किया व उनके खेल प्रतिभा को देख उनकी उसकी सराहना की।

इस अवसर पर विधायक खटीमा भुवन चंद कापड़ी, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिंदल, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा, पूर्व दर्जामंत्री राजपाल सिंह, विवेक सक्सेना, गिरीश जोशी, भैरव दत्त पाण्डे, जीवन धामी, कैलाश चंद्र, अमित पाण्डे, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, निदेशक खेल प्रशांत आर्या, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

राष्ट्रीय खेलों की तारीख पर आईओए की अंतिम मुहर

देहरादून। उत्तराखंड में 38वें नेशनल गेम्स के आयोजन की तारीख पर भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है। संघ की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक पत्र के माध्यम से यह सूचना दी गई है। आयोजन को सफल बनाने के लिए पांच विभिन्न कमेटियों का गठन भी भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से कर दिया गया है।

बता दें कि बीते माह मुख्यमंत्री ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान संघ की अध्यक्ष डॉ पीटी उषा से मुलाकात कर राष्ट्रीय खेलों की तारीख घोषित किए जाने का अनुरोध किया था। डॉ उषा ने तभी आयोजन की प्रस्तावित तारीखों को सहर्ष स्वीकृति दे दी थी। अब इस तिथि का औपचारिक ऐलान कर दिया गया है। अगले वर्ष 28 जनवरी से 14 फरवरी तक 38वें नेशनल गेम्स यहां आयोजित होंगे।

इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पांच विभिन्न कमेटियों का गठन कर दिया गया है। इनमें सुनैना की अध्यक्षता में गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी, मधुकांत पाठक की अध्यक्षता एनएसएफ/एसओए कोआर्डिनेशन कमेटी, विथल शिरगोंकार की अध्यक्षता में प्रोटोकॉल कमेटी, सुश्री सुमन कौशिक की अध्यक्षता में सेफगार्डिंग कमेटी और आईएएस आरके सुधांशु की अध्यक्षता में प्रिवेंशन ऑफ मैनिपुलेशन ऑफ कंपटीशन कमेटी गठित की गई है।

उत्तराखंड में 38वें नेशनल गेम्स बेहद सफल और ऐतिहासिक होंगे। इस राष्ट्रीय खेल महाकुंभ के लिए उत्तराखण्ड पूरी तरह से तैयार है। राज्य सरकार इस आयोजन को यादगार बनाने में कोई भी कोर कसर बाकी नहीं रखेगी। जिन राज्यों में पिछले राष्ट्रीय खेल हुए हैं, उनके अनुभवों के आधार पर उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल बेहतर ढंग से आयोजित किए जाएंगे। हमारा प्रयास होगा कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन अभी तक हुए राष्ट्रीय खेलों से बेहतर हो।
– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

उत्तराखंडः मुख्यमंत्री धामी ने किया पंचम राज्य ओलम्पिक खेलों का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मनोज सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियम रुद्रपुर में 27 सितम्बर तक आयोजित होने वाले पंचम राज्य ओलंपिक खेलों का विधिवत शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री के हेलीपैड से रोड शो के दौरान स्टेडियम पहुंचने पर खिलाड़ियों ने पुष्प वर्षा कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय एवं ओलंपिक ध्वज फहराकर विभिन्न जनपदों से आये खेल दलों के मार्चपास्ट की सलामी ली तथा शुभांकर व मैडल का अनावरण कर खेलों का विधिवत शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों, जिला प्रशासन, राज्य ओलंपिक संघ को बधाई देते हुए कहा कि खेलों का यह आयोजन उत्तराखंड के खिलाड़ियों को ना सिर्फ अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देगा बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित करने के लिए प्रेरित भी करेगा। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य खेलों की विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करवाना एवं उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों सहित सभी मेहनती और समर्पित खिलाड़ियों को एक स्तरीय मंच प्रदान करना है। जिसके द्वारा वे अपने खेल को एक नई दिशा प्रदान कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में खेल के क्षेत्र में उत्तराखंड को एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में खेलों और खिलाड़ियों को हर प्रकार से प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से “नई खेल नीति“ लागू की है। इस नीति के तहत राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने वाले खिलाड़ियों को “आउट ऑफ टर्न’ सरकारी नौकरी देने की शुरुआत की गई है। इस साल मेडल लाने वाले प्रदेश के 31 खिलाड़ियों को सरकारी विभागों में नियुक्ति दी है एवं मुख्यमंत्री खेल विकास निधि के माध्यम से पूर्व में दी जाने वाली नकद पुरस्कार धनराशि में लगभग शतप्रतिशत की वृद्धि की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों के खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण, शिक्षा, आवास, भोजन एवं किट आदि प्रदान किए जा रहे हैं। “मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना“ और “मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’ के जरिए प्रदेश के उभरते हुए खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को खेल उपकरण खरीदने हेतु प्रति वर्ष 10 हजार रूपये की धनराशि प्रदान की जा रही है एवं राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को दी जाने वाली खेल किट की धनराशि को भी 3000 रूपए से बढ़ाकर 5000 किया गया है। इसी प्रकार प्रशिक्षकों को दी जाने वाली धनराशि में भी वृद्धि की गई है। इसी क्रम में दिव्यांग खिलाड़ियों तथा प्रशिक्षकों को भी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा “उत्तराखण्ड खेल रत्न और द्रोणाचार्य पुरस्कारों सहित हिमालय खेल रत्न पुरस्कार“ भी प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गई है, राज्य की सरकारी नौकरियों में 4 प्रतिशत खेल कोटे को पुनः लागू कर दिया गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के साथ ही राज्य में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत बनाया जा रहा है। नए खेल मैदानों का निर्माण एवं मौजूदा खेल मैदानों को राष्ट्रीय स्तर के मैदान के रूप में विकसित करना का कार्य भी जारी है। जिससे हमारे प्रदेश में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि 264 करोड़ रूपये की लागत से जल्द ही चंपावत में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही, हम बहुत जल्द राज्य में “खेल विश्वविद्यालय“ भी अस्तित्व में आयेगा, जिससे हमारे खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, सुविधाएँ और अधिक अवसर प्राप्त हो सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को आगामी “राष्ट्रीय खेलों“ की मेजबानी करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इस आयोजन को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है साथ ही खिलाड़ियों के प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि राज्य खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को निश्चित ही राष्ट्रीय खेलों में भी प्रतिभाग करने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने सभी खिलाड़ियों से मेहनत के साथ राज्य खेलों में पदक हासिल करने के साथ ही आगामी राष्ट्रीय खेलों में भी अधिक से अधिक पदक प्राप्त कर राज्य का नाम रोशन करने की अपेक्षा की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य खेलों का यह आयोजन आपके खेल करियर को नई दिशा और गति देने का माध्यम बनेगा। मुख्यमंत्री ने रुद्रपुर में ओलंपिक संघ के कार्यालय हेतु भूमि चिन्हित करने के निर्देश भी जिलाधिकारी को दिए।

इस अवसर पर सांसद अजय भट्ट ने सभी खिलाड़ियों को 5वां राज्य ओलंपिक खेल 2024 की बधाई देते हुए कहा कि खेल हमे अनुशासन सिखातें है, खेल स्वास्थ्य एवं मानसिक और शारीरिक विकास के लिए भी अति आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं को खेलों के लिए प्रेरित करें ताकि भविष्य में मैडल जीत कर प्रदेश व देश का नाम रोशन कर सकें।

इस अवसर पर दर्जा राज्य मंत्री, अनिल कपूर डब्बू, उत्तम दत्ता, अध्यक्ष राज्य ओलंपिक संघ महेश नेगी, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिन्दल, गुँजन सुखीजा, महासचिव अमित नारंग, निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह, जिलाधिकारी उदय राज सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा सहित अनेक अधिकारी, कोच इंस्टेक्टर रेफरी आदि मौजूद थे।