नेशनल गेम्स के समापन पर बोले गृहमंत्री, उत्तराखंड की देवभूमि के साथ खेलभूमि के तौर पर भी बनी पहचान

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में अन्तरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम गोलापार, हल्द्वानी में 38वें राष्ट्रीय खेल का समापन समारोह आयोजित किया गया। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने 38वें राष्ट्रीय खेल के समापन की घोषणा की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले सर्विसेज, महाराष्ट्र और हरियाणा को सम्मानित किया।

उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखण्ड के चारों धामों के देवी देवताओं को प्रणाम करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के हर जिले में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने देवभूमि को राष्ट्रीय खेलों के नक्शे पर 25वें स्थान से 7वें स्थान पर लाने का कार्य किया है। राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों ने देवभूमि को खेल भूमि बनाया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने सभी उत्तराखंड के विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

उत्तराखंड की मेजबानी का देशभर में गुणगान।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड की आयोजन समिति एवं खेल संगठनों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए पूरे देश में उत्तराखंड की तारीफ हो रही है। पूरा देश उत्तराखंड द्वारा की गई शानदार व्यवस्थाओं के गुणगान कर रहा है। भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद उत्तराखंड राज्य ने मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में इस कार्य को कुशलतापूर्वक सम्पन्न किया है। उन्होंने 38वें राष्ट्रीय खेल के सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हार और जीत का खेल से मतलब नहीं है। जीत का जज्बा और हार से निराश न होना, ये खेल का संदेश है। हारने वाले खिलाड़ियों के लिए अगली बार मेडल लाने का मौका है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में 38वें राष्ट्रीय खेलों में इको- फ्रेंडली प्रैक्टिसेज एवं इको फ्रेंडली गेम को धरातल में उतारा गया है। खिलाड़ियों के नाम पर पौधारोपण किया गया। राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों द्वारा कई नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए गए हैं, इन रिकॉर्डों से अंतरराष्ट्रीय खेलों में भी भारत के लिए पदक की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलो की यह मशाल उत्तराखंड से अब मेघालय जाएगी। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने यह निर्णय लिया है कि नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों में कुछ खेलों के आयोजन से पूरे नॉर्थ ईस्ट को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा को आगामी राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी।

हार से लें जीत की प्रेरणा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में खेलों के वातावरण में सकारात्मक बदलाव आया है। देश भर के कई जिलों में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर, कोचिंग की व्यवस्था, खिलाड़ियो को प्रोत्साहन और पारदर्शी चयन के माध्यम से आज विश्व के खेल पटल पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा भारत के खेलों का भविष्य उज्ज्वल है। खेलों में हर बार नए कीर्तिमान स्थापित हो इसकी व्यवस्था केंद्रीय खेल मंत्री ने की है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने फिट इंडिया और खेलो इंडिया के माध्यम से युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाया है। खेल हमें हारने के बाद जितने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

प्रधानमंत्री को खेल मित्र मानता है हर खिलाड़ी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सफलता सिर्फ शारीरिक क्षमता से नहीं बल्कि दृढ़ निश्चय और मजबूत मन से प्राप्त होती है। अथक परिश्रम और निरंतर प्रयास खिलाड़ियों को आगे ले जाएगी। इन सभी के माध्यम से खिलाड़ी मेडल तक की यात्रा तय कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। आज हर खिलाड़ी प्रधानमंत्री मोदी को खेल मित्र के रूप में मानता है। उन्होंने कहा 2014 में खेल बजट 800 करोड़ था, जो 2025 – 26 में खेल बजट 3800 करोड़ तक पहुंचाया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों में भी हमारे खिलाड़ियों ने तिरंगे का मान बढ़ाया है। खिलाड़ियों के मेडल से पता लगता है कि देश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और जीतने की भूख में बढ़ोतरी हुई है।

2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है भारत।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि खेलो इंडिया के माध्यम से उत्तराखंड जैसे छोटे पहाड़ी राज्य ने इतने बड़े खेल आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। यह बताता है कि भारत का हर राज्य खेलने और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। इस राज्य से, अब फिर राष्ट्रीय खेल का आयोजन एक पहाड़ी राज्यों में जा रहा है। आज खिलाड़ी कई प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए तैयार है। 2036 में ओलंपिक के अंदर उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मेडल लाकर भारत के तिरंगे का मान बढ़ाएंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज एवं पुलवामा में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि पुलवामा के जवानों की शहादत ने देश को सुरक्षित किया है। जवानों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया था। इसी के कारण पूरी दुनिया का भारत के प्रति नजरिया बदला है। इससे दुश्मनों को साफ संदेश गया कि भारत की सेना और सीमा से कभी खिलवाड़ नहीं करना है।

नेशनल गेम्स से उत्तराखण्ड में नई उम्मीदों, और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत -सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के शुभारंभ के अवसर पर हमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। आज इन खेलों के समापन के अवसर पर हमें देश के गृहमंत्री अमित शाह जी का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ। खेलों के इस महा समागम में देशभर से पधारे 16 हजार से अधिक एथलीट्स ने 35 खेल विधाओं में प्रतिभाग कर कुल 448 स्वर्ण 448 रजत तथा 594 कांस्य पदक जीते। कई खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अनेक रिकॉर्ड स्थापित किए गए और भविष्य में भारत का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखने वाले बहुत से चौंपियन भी उभर कर सामने आए हैं। इन खेलों में जहां हमने पहली बार योग और मलखंब जैसे अपने पारंपरिक खेलों को शामिल करने का कार्य किया वहीं रात्रि काल में रिवर राफ़्टिंग की प्रतियोगिता का आयोजन कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम्स की थीम पर आयोजित किया गया। इस आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने के साथ ही बिजली के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग भी किया। खिलाड़ियों को दिए गए मेडल को ई-वेस्ट और खेल किटों को रीसाइकिल्ड पदार्थों से तैयार किया गया। ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वाहनों का प्रयोग भी किया गया। 2.77 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ’खेल वन’ के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें प्रत्येक पदक विजेता खिलाड़ी के नाम से रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राष्ट्रीय खेल में देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर, हल्द्वानी और ऋषिकेश जैसे मैदानी शहरों के साथ ही अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और टिहरी जैसे सुदूर पहाड़ी स्थानों में भी खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई। चकरपुर जैसे एक छोटे से कस्बे में भी राष्ट्रीय खेलों की प्रमुख स्पर्धा का आयोजन हुआ। राष्ट्रीय खेल में जितने भी वाटर स्पोर्ट्स के इवेंट्स हुए, सभी को उत्तराखंड की हाई एल्टिट्यूड पर स्थित झीलों एवं नदियों में आयोजित किया गया। इन खेलों के आयोजन के लिए अस्थाई निर्माण की बजाय प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्थाई स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का प्रयास किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों को सफलतापूर्वक आयोजन के साथ उत्तराखंड ने इन खेलों में 24 स्वर्ण पदकों के साथ रिकॉर्ड 103 पदक अर्जित किए। इन परिणामों से हमारे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि “अतिथि देवो भवः“ की प्राचीन परंपरा के अनुसार खेलों के आयोजन के दौरान प्रयास किया गया कि विभिन्न राज्यों से पधारे खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय खेल में आये खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ देवभूमि उत्तराखंड से अपने इस रिश्ते को बनाए रखेंगे और भविष्य में सपरिवार उत्तराखण्ड की नैसर्गिक सुंदरता को देखने अवश्य आएंगे। उन्होंने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों का समापन आप सभी खिलाड़ियों के लिए खेल अवसरों का अंत नहीं, बल्कि नई उम्मीदों, नए संकल्पों और नई संभावनाओं की एक नई शुरुआत है।

उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेल के आयोजन की जिम्मेदारी देने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा खेल मंत्री मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया। इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान देने वाले भारतीय ओलंपिक संघ, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन, खेल विभाग और सभी वॉलेंटियर्स का भी आभार व्यक्त किया। प्रस्तावित 39वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के लिए मेघालय को भी उन्होंने अग्रिम शुभकामनाएं दी।

केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री मनसुख मांडविया ने 38 राष्ट्रीय खेलों के शानदार आयोजन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजना के बाद देवभूमि उत्तराखण्ड खेलभूमि भी बन गई है। उन्होंने इस राष्ट्रीय खेल में पदक प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश स्पोर्ट्स हब बने इसकी शुरूआत आज से हुई है।

भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी. ऊषा ने कहा कि बहुत कम समय मिलने के बावजूद भी उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल की हर स्पर्धा का शानदार आयोजन हुआ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में खेल और खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।

खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खिलाड़ियों ने संकल्प से शिखर तक को आत्मसात कर उत्तराखण्डियों को गर्व से अभिभूत किया। राज्य की रजत जयंती को स्वर्णिम बनाया है। हमारे खिलाड़ियों ने उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में आगे बढ़ाया है। उत्तराखंड की जनता ने राष्ट्रीय खेल के महा आयोजन को सफल बनाया है

इस अवसर पर मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, सांसद अजय भट्ट उपस्थित थे।

आने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिए लंबी लकीर खींच गया उत्तराखंड

उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल इस बार व्यवस्थाओं से लेकर आयोजन तक लेकर लंबी लकीर खींचने वाले साबित हुए हैं। इस बार के राष्ट्रीय खेल पर्यावरण हितैषी कदमों से लेकर खिलाड़ियों की सुविधाओं और स्वास्थ्य की देखभाल को लेकर चर्चाओं मे रहे।

01 – पदक तालिका में प्रदर्शन
38 वें राष्ट्रीय खेलों से पहले इस आयोजन में उत्तराखंड का इतना शानदार प्रदर्शन कभी नहीं रहा। राज्य स्थापना के बाद जब-जब उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों में भाग लिया, तब-तब उसे मिलने वाले पदकों की संख्या दस से लेकर 19 तक रही है। इसी तरह, पदक तालिका में वह 13 वें स्थान से लेकर 26 वें स्थान के बीच में कहीं रहा है। यही हाल स्वर्ण पदकों का भी रहा है, जिसकी संख्या एक से लेकर अधिकतम पांच तक रही है। अब 38 वें राष्ट्रीय खेलों की बात कर लें, तो क्या कुल पदक, क्या स्वर्ण और क्या पदक तालिका की स्थिति, सभी में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है। पदकों की कुल संख्या 103 पर पहुंची है। पदकों का सैकड़ा जड़ कर उत्तराखंड ने सबको चकित कर दिया है। इसी तरह, स्वर्ण पदकों की संख्या 24 रही है। पदक तालिका में सातवें स्थान पर आना, सचमुच कमाल का अनुभव है। पश्चिम बंगाल, पंजाब, ओडिसा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्र, जम्मू कश्मीर जैसे बडे़ राज्य पदक तालिका में उत्तराखंड से पीछे हैं।

02 – छोटे राज्य ने दिखाया दम
उत्तराखंड जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्य को राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के लिए बहुत कम समय मिला। सफल आयोजन किसी चुनौती से कम नहीं था, क्योंकि उत्तराखंड को राज्य बने सिर्फ 25 वर्ष हुए हैं। जिस पड़ोसी पर्वतीय राज्य हिमाचल के मॉडल को अपनाने की अक्सर बातें होती हैं, उसे राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कभी नहीं मिली। मणिपुर और असम के बाद उत्तराखंड राष्ट्रीय खेल कराने वाला तीसरा हिमालयी राज्य बन गया है। वर्ष 2000 में उत्तराखंड के साथ राज्य का दर्जा हासिल करने वाले झारखंड ने वर्ष 2011 में राष्ट्रीय खेल कराए हैं, जबकि छत्तीसगढ़ मेजबानी मिलने के बावजूद इसका आयोजन नहीं करा पाया था। उत्तराखंड ने 38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए मजबूत आधारभूत ढांचा तैयार किया। अत्याधुनिक उपकरण मंगवाए। इस वजह से कई रिकार्ड भी टूटे। दस हजार खिलाड़ियों के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई।

03 – ग्रीन गेम्स
राष्ट्रीय खेलों में सबसे अहम हरित पहल रही। ग्रीन गेम्स की थीम को अमल में लाने के लिए कई कदम उठाए गए। रायपुर में 2.77 हेक्टेयर जमीन पर खेल वन तैयार किया गया, जहां पर पदक विजेताओं के नाम के 1600 पौधे लगाए जा रहे हैं। खेलों में जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए पदक हों या मेहमानों के लिए आमंत्रण पत्र, सभी ई-वेस्ट से तैयार कराए गए। शुभंकर राज्य पक्षी मोनाल को बनाया गया। हरित जागरूकता के लिए स्पोर्ट्स वेस्ट मटीरियल के प्रतीक चिन्ह आयोजन स्थल पर प्रदर्शित किए गए। आयोजन स्थल पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवाजाही के लिए ई-रिक्शे, साइकिल प्रयोग किए गए। इसके अलावा, सोलर पैनल के प्रयोग से लेकर पानी के लिए रीयूसबल वाटर बॉटल की व्यवस्था की गई। हरित पहल से इतर महिला स्वास्थ्य का संदेश देने के लिए महिला खिलाड़ियों को वैलकम किट में सेनेटरी नैपकीन व अन्य जरूरी सामान दिए गए। तीन बार इस्तेमाल किए जा चुके 250 लीटर तेल को बायो डीजल बनाने के लिए भेजा गया।

38 वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को हमने पहले ही दिन से अपने लिए बड़ी उपलब्धि माना। इस आयोजन को भव्य रूप देने के लिए पूरे प्रयास किए गए। आधारभूत ढांचा तैयार किया गया और उच्चस्तरीय सुविधाएं जुटाई गईं। निश्चित तौर पर उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के बाद खेल के क्षेत्र में मजबूत होकर उभरा है। मै सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई देता हूं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

गौलापार स्पोर्ट्स स्टेडियम का सीएम ने किया निरीक्षण, शुक्रवार को नेशनल गेम्स का होना है समापन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी गौलापार स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित 38 वें राष्ट्रीय खेलों की विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर समापन कार्यक्रम हेतु अंतिम रूप से की जा रही तैयारियों का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने समापन समारोह को भव्यता पूर्वक सम्पन्न कराए जाने हेतु की जा रही विभिन्न तैयारियां मंच निर्माण, साज सज्जा, बैठने की व्यवस्था आदि व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर, की जा रही सभी तैयारियां की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह की पूर्व तैयारियां का स्थलीय निरीक्षण करते हुए स्टेडियम के ऑडिटोरियम में अधिकारियों के साथ बैठक कर समापन समारोह की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों से जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है इस समापन कार्यक्रम को भव्यता से सम्पन्न करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा, दर्शक दीर्घा, और अन्य सभी सुविधा बेहतर हो इसका विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि 38 वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत सभी प्रतियोगिताएं उत्तराखंड राज्य के भीतर ही सम्पन्न हुई, राज्य के बाहर नहीं जाना पड़ा। इस हेतु सभी इंफ्रास्ट्रक्चर यहाँ तैयार किया गया। आने वाले समय में राज्य के युवाओं को इसका बेहतर लाभ प्राप्त होगा और यहाँ के खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रौशन करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले उत्तराखंड राज्य 25 स्थान पर था आज पदक जीतकर 7 वें स्थान पर है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या न हो इस हेतु सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद हो। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने फैनसिंग के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय प्रतिभागियों से परिचय प्राप्त कर उन्हें मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। उन्होंने निशानेबाजी प्रतिभागियों का मनोबल बढाते हुये उत्साहवर्धन किया।

इस अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट,डा0 अनिल कपूर डब्बू, दिनेश आर्य, एशियन फैनसिंग फैडरेशन के महासचिव राजीव मेहता, सचिव खेल अमित सिन्हा, आयुक्त/सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत, आईजी डा. योगेन्द्र रावत, जिलाधिकारी वंदना निदेशक खेल प्रशान्त आर्या, ले. जनरल (सेनि) हरपाल सिंह के साथ ही अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

38वें राष्ट्रीय खेलः सीएम ने कयाकिंग-कैनोइंग प्रतियोगिताओं के शुभारंभ पर किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी झील कोटी कॉलोनी में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अन्तर्गत आयोजित कयाकिंग-कैनोइंग प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने 1000 मीटर हीट कयाकिंग मेन्स प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक विजेताओं को मेडल पहनाकर एवं सोविनियर से सम्मानित किया। इस दौरान श्रीमती गीता धामी भी मौजूद रही।

उक्त प्रतियोगिता में उत्तराखंड के प्रभात कुमार ने स्वर्ण पदक, एसएससीबी ने रजत तथा दिल्ली ने कांस्य पदक जीता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि, वीरभूमि के बाद अब खेलभूमि के रूप में स्थापित हो रहा है। राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करना पहला और सुखद अनुभव है। 28 जनवरी से 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हो रहा है। सारी खेल प्रतियोगिताएं उत्तराखण्ड के 11 अलग-अलग स्थानों पर आयोजित की गई, खिलाड़ियों के लिए सारे खेल ट्रैक बनाये गये तथा कोई भी खेल उपकरण बाहर से नहीं लाये गये। जहां 37वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड 25वें स्थान पर रहा था वहीं अब हमारा राज्य 38वें राष्ट्रीय खेलों में 7 स्थान पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झील ऊर्जा उत्पादन के साथ ही पर्यटन और साहसिक खेलों के लिए अन्यन्त अनुकूल है। यह वाटर स्पोर्ट्स का बहुत बड़ा हब बनेगा। यहां पर पहले भी राष्ट्रीय/अर्न्तराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं और आगे भी खेलों का क्रम सालभर चलता रहे यह प्रयास किये जायेंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तथा स्थानीय आर्थिकी को बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, प्रदेश को ड्रग्स फ्री करने का संकल्प लिया गया है, निश्चित ही यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उन्होंने अन्य राज्यों से आये खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों को देवभूमि उत्तराखण्ड के विभिन्न पर्यटक स्थलों का भ्रमण पर जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यहां की प्राकृतिक नैसर्गिक सुन्दरता से तन-मन में एक नई ऊर्जा का संचार होने के साथ ही शांति का अनुभव होगा। उन्होंने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने टिहरी में शीतकालीन पर्यटन की थीम पर डेस्टिनेशन टिहरी कैलेंडर 2025 लॉन्च किया। यह कैलेंडर टिहरी की एक प्रमुख शीतकालीन पर्यटन स्थल के रूप में उभरती क्षमता पर प्रकाश डालता है, जिसमें रोमांच, प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक स्थलों का समृद्ध मिश्रण है। उत्तराखंड पर्यटन और टाइम्स ऑफ इंडिया के सहयोग से टिहरी गढ़वाल के जिला प्रशासन द्वारा कैलेंडर बनाया गया है।

टिहरी झील में 38वें राष्ट्रीय खेल के अन्तर्गत तीन दिवसीय कयाकिंग-कैनोइंग प्रतियोगियों में 16 राज्यों के 160 खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं, जिनमें उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उड़ीसा, मणिपुर, कर्नाटक, केरल, पंजाब, चंडीगढ़, एसएससीबी आदि के 80 महिला खिलाड़ी एवं 80 पुरुष खिलाड़ी शामिल हैं।

विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन को लेकर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि गंगा की निर्मलता बनी रहे और वह अविरल बहती रहे, इसकी रक्षा करना भी जरूरी है।

इस अवसर पर विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी, प्रशासक जिला पंचायत टिहरी सोना सजवाण, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल, अध्यक्ष ओबीसी संजय नेगी, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद् टिहरी मनमोहन सिंह रावत, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद् चम्बा शोभनी धनोला, प्रशासक ब्लाक जाखणीधार सुनीता देवी, प्रशासक ब्लॉक चम्बा शिवानी बिष्ट, सचिव ओलम्पिक एसोसिएसन ऑफ उत्तराखण्ड डी.के. सिंह, अध्यक्ष भारतीय कैनोइंग-कयाकिंग एसोसिएशन प्रशान्त कुशवाह, डीएम टिहरी मयूर दीक्षित, एसएसपी आयुष अग्रवाल, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

खटीमा के चकरपुर स्टेडियम में बॉक्सिंग छात्रावास बनाने की सीएम ने की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने 38वें राष्ट्रीय खेल में वन चेतना केन्द्र, स्पोर्ट्स स्टेडियम, चकरपुर, खटीमा में मलखंब प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चकरपुर स्टेडियम में बॉक्सिंग छात्रावास बनाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने 38वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत मलखंब प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर देश के कोने-कोने से पधारे सभी प्रतिभागियों एवं खेल प्रेमियों का स्वागत करते हुए कहा कि चकरपुर के इस नवनिर्मित स्टेडियम में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत आयोजित इस मलखंभ प्रतियोगिता में सभी के बीच उपस्थित होकर उन्हें हर्ष की अनुभूति हो रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर पर खेलभूमि के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से इस बार के राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हमारे प्रदेश में हो रहा है। इस आयोजन से न केवल हमारे खिलाड़ियों को अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन दिखाने का अवसर मिल रहा है, बल्कि प्रदेश का स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर भी मज़बूत हुआ है। इसी क्रम में चकरपुर के इस स्टेडियम को 16 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विश्वस्तरीय खेल सुविधाओं से युक्त किया गया है, जो हमारे युवाओं को विभिन्न खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायता प्रदान करेगा। इस बार के राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने अब तक 19 स्वर्ण पदकों के साथ पहली बार 81 मेडल लाने में सफलता प्राप्त की है। मुख्यमंत्री ने 38वें राष्ट्रीय खेल बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल विजेता कपिल पोखरिया , वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक विजेता विवेक पांडे,रजत पदक विजेता अमन, फुटबॉल में रजत पदक विजेता अजय बिष्ट व बीच हैंडबॉल में रजत पदक विजेता अमन जोशी को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत के पारंपरिक खेलों को न केवल सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा है, बल्कि उन्हें वैश्विक पहचान भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 2036 के ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के लिए भेजे गए प्रस्ताव में हमारे पारंपरिक खेलों जैसे कबड्डी, खो-खो और योग आदि को ओलंपिक में शामिल करने के प्रयास भी किए हैं। उत्तराखंड में आयोजित हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों में पहली बार योग और मलखंभ जैसे हमारे पारंपरिक खेलों को भी शामिल किया गया है। मलखंब केवल एक खेल नहीं, बल्कि शारीरिक दक्षता, मानसिक एकाग्रता, संतुलन और आत्मसंयम का अद्भुत संगम है, ये हमारे भारत की एक ऐसी प्राचीन विरासत है, जिसे संजोकर रखना हम सभी का कर्तव्य है। मलखंब योग, कुश्ती और जिम्नास्टिक का एक ऐसा अद्भुत मिश्रण है, जिसमें शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को साधने की अद्वितीय क्षमता है, यही कारण है कि आधुनिक खेलों के बीच भी इसकी अपनी एक विशिष्ट पहचान बनी हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में भी इसी प्रकार कार्य करती रहेगी। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि कई खिलाड़ी आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और मलखंभ की हमारी इस प्राचीन विरासत को विश्व स्तर पर ले जाने वाले सारथी बनेंगे।

इस अवसर पर मेयर रुद्रपुर विकास शर्मा, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद खटीमा रमेश चन्द्र जोशी, जिलाध्यक्ष कमल जिंदल,जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ उत्तम सिंह नेगी, सचिव राज्य ओलम्पिक एसोसिएशन डॉ डी के सिंह, जिला क्रीड़ा अधिकारी जानकी कार्की सहित अनेक खिलाड़ी व खेलप्रेमी मौजूद थे।

उत्तराखंडः अवस्थापना सुविधाओं की तारीफ, संवारने पर जोर

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड में विकसित की गई अवस्थापना सुविधा की सराहना हो रही है। खिलाड़ी हों या उनके कोच, खेलों के लिए तैयार किए गए बुनियादी ढांचे को बेहतरीन बता रहे हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि राष्ट्रीय खेलों के बाद इसे संवारने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उनका यह भी मानना है कि राष्ट्रीय खेलों के लिए बेहतर इंतजाम कर उत्तराखंड ने खेल भूमि बनने की दिशा में लंबी छलांग लगा दी है।

राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड में 28 जनवरी से शुरू हुआ है। इस महा आयोजन की तैयारी के लिए उत्तराखंड को बहुत कम समय मिला, लेकिन फिर भी बेहतर व्यवस्थाएं बना ली गईं। कुल 35 खेलों के लिए देहरादून समेत हरिद्वार, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, रूद्रपुर समेत कई स्थानों पर युद्धस्तर पर काम करते हुए सुविधाएं जुटाई गईं। बेहतरीन उपकरण मंगवाए गए। देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर का राष्ट्रीय खेलों की वजह से कायाकल्प हो गया है। देशभर से आए खिलाड़ी और उनके कोच अवस्थापना सुविधाओं से संतुष्ट हैं, लेकिन इस आयोजन के बाद रख-रखाव के लिए ठोस व्यवस्था की पैरवी भी कर रहे हैं।

किसने क्या कहा

मैं सियोल एशियाई गेम्स में भारत की शूटिंग टीम का हिस्सा रही हूं। देश-विदेश में कई जगह शूटिंग रेंज देखने का मेरा अनुभव है। मैं कह सकती हूं कि त्रिशूल शूटिंग रेंज बेहतरीन है। इसकी देख-रेख के लिए अच्छे इंतजाम हो जाएं, तो यहां बडे़ खेल आयोजन हो सकेंगे।

माया, शूटिंग कोच, पश्चिम बंगाल।

उत्तराखंड ने बहुत अच्छे इंतजाम किए हैं। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े होने के कारण मैं कह सकता हूं कि अवस्थापना सुविधाएं विश्व स्तर की तैयार की गई हैं। जिस तरह से गुवाहाटी में राष्ट्रीय खेल होने के बाद वहां पर रख-रखाव बढ़िया से किया गया, अब वैसा ही यहां भी होना चाहिए।
आशीष शर्मा, टेक्निकल ऑफिसर मणिपुर टीम।
राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैं। उत्तराखंड के खिलाड़ियों को अब आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी।
कुमालिका, खिलाड़ी आर्चरी, झारखंड।
मैैं एक खिलाड़ी भी रहा हूं और वर्तमान में कोच की जिम्मेदारी निभा रहा हूं। मेरा मानना है कि उत्तराखंड में खेल के लिए बहुत ही अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। इसका आने वाले दिनों में लाभ मिलेगा।

प्रियांक त्यागी, कोच आर्चरी टीम, यूपी।

रखरखाव पर उत्तराखंड गंभीर, कवायद जारी

राष्ट्रीय खेलों के बाद खेल अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव को लेकर उत्तराखंड गंभीर है। राष्ट्रीय खेल शुरू होने से पहले ही इस संबंध में कसरत शुरू कर दी गई थी। खेलों की व्यस्तता के बीच इस संबंध में लगातार कार्य किया जा रहा है। खेल विभाग अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव के लिए अकादमी का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। खेल निदेशक प्रशांत आर्या के अनुसार-इस संबंध में रोजाना बैठक की जा रही है। प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।

देशभर से आए मेहमानों से अवस्थापना सुविधाओं को लेकर सराहना मिलने से उत्तराखंड उत्साहित है। हम चाहते हैं कि ना सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि अन्य राज्यों की खेल प्रतिभाओं के विकास में भी हम मददगार साबित हों। अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएंगे।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

राष्ट्रीय खेलों में नया प्रयोग, ’मौली रोबोट’ लाया विजेताओं के लिए मेडल

राष्ट्रीय खेलों में यह मौका एथलेटिक्स इवेंट की मेडल सेरेमनी का था। खिलाड़ियों से लेकर दर्शकों की ठीक ठाक उपस्थिति थी। सभी उम्मीद कर रहे थे कि कुछ ही देर में होने वाली मेडल सेरेमनी परंपरागत रूप से ही आयोजित होंगी। मगर अगले पलों में मेडल सेरेमनी का पूरा रूप ही बदला हुआ था। रिमोट कंट्रोलर की कमांड से ’मौली रोबोट’ में हरकत शुरू हुई। वह एक ट्रे में मेडल लेकर विजेताओं के पास पहुंचा। अतिथियों ने मेडल उठाए और विजेताओं के गले में पहना दिए।

राष्ट्रीय खेलों में मेजबान उत्तराखंड ने रोबोटिक तकनीक से जुड़ी पहल कर सभी को सुखद अनुभूति से भर दिया। हालांकि एथलेटिक्स इवेंट को छोड़कर अन्य में परंपरागत रूप से ही मेडल सेरेमनी आयोजित की गई। यानी हाथ में ट्रे लेकर युवतियां ही विजेताओं के लिए मेडल लाई। एथलेटिक्स के करीब 40 इवेंट होने हैं। खेल निदेशक प्रशांत आर्या के अनुसार-एथलेटिक्स के अधिकतर इवेंट में मेडल सेरेमनी के दौरान ’मौली रोबोट’ का ही इस्तेमाल किया जाएगा।

उत्तराखंड पुलिस की ड्रोन टीम छायी

मौली रोबोट के विचार पर उत्तराखंड पुलिस की ड्रोन टीम ने एक प्राइवेट फर्म डीटाउन रोबोटिक्स के साथ मिलकर काम किया। ड्रोन टीम के विपिन कुमार, दीपांकर बिष्ट, प्रशांत चंद्र, दीपक बिष्ट, अभिषेक कुमार, प्रज्ज्वल रावत ने करीब डेढ़ महीने इस प्रोजेक्ट पर काम किया। मेडल सेरेमनी में जहां ’मौली रोबोट’ ने काम किया, वहीं डिस्कस के इवेंट के दौरान एक अन्य रोबोट ने सहयोग किया।
ओलंपियन मनीष रावत के अनुसार-मेडल सेरेमनी में रोबोट का इस्तेमाल उन्होंने पहली बार देखा है।

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश थे कि राष्ट्रीय खेलों में तकनीकी पहल भी होनी चाहिए। इसलिए, रोबोटिक तकनीक की मदद लेकर यह प्रयोग किया गया। हैमर थ्रो, जेवलिन थ्रो, डिस्कस थ्रो जैसी एथलेटिक्स इवेंट में भी हम रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए मानव संसाधन पर निर्भरता कम कर रहे हैं।
– अमित सिन्हा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राष्ट्रीय खेल।

38 वें राष्ट्रीय खेल में खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन के अलावा कई अभिनव पहल भी पूरे देश को दिखाई दे रही है। तकनीकी पहल भी अब राष्ट्रीय खेलों के साथ जुड़ गई है। हमारी कोशिश ये ही है कि नई तकनीक का पूरा लाभ लेते हुए खेल विकास के लिए कार्य किया जाए।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

नेशनल गेम्सः उत्तराखंड में पहली बार इतनी ज्यादा महिला वॉलंटियर

राष्ट्रीय खेलों में मैदान के भीतर ही नहीं, बल्कि बाहर भी बेटियां जमकर पसीना बहा रही हैं। अपने जुझारूपन का सुबूत दे रही हैं। यह बेटियां वो हैं, जिन्हें राष्ट्रीय खेलों की अहम व्यवस्थाओं में वॉलंटियर बतौर तैनात किया गया है। पूरे प्रदेश में ऐसी 1053 महिला वॉलंटियरों को ड्यूटी पर लगाया गया है। उत्तराखंड में पहली बार कोई ऐसा आयोजन हो रहा है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में महिला वॉलंटियरों की भागीदारी सुनिश्चित हो रही है।

उत्तराखंड में 38 वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन खेल के अलावा तमाम अन्य क्षेत्रों में भी देश दुनिया को महत्वपूर्ण संदेश दे रहा है। एक हजार से ज्यादा महिला वॉलंटियरों का राष्ट्रीय खेलों से सीधे जुड़ाव महिला सशक्तिकरण की सुंदर तस्वीर बना रहा है। वॉलंटियर बनने के लिए राष्ट्रीय खेल सचिवालय ने तीस हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन किए थे। प्रारंभिक परीक्षा और प्रशिक्षण के बाद पूरे प्रदेश में 2451 वॉलंटियरों को व्यवस्थाओं से जोड़ा गया। इनमें से पुरूष वॉलंटियरों की संख्या 1398 है। कुल तैनात वॉलंटियरों में पुरूष वॉलंटियर 57.4 प्रतिशत हैं, जबकि 42.96 प्रतिशत महिला वॉलंटियर ड्यूटी कर रही हैं। यह सारे वॉलंटियर सामान्य हैं, जिन्हें पार्किंग, खिलाड़ियों को लाने-ले जाने, मेडल सेरमेेनी के दौरान सहयोग करने जैसे कार्यों में लगाया गया है। इनके अलावा, नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया से संबद्ध विशिष्ट वॉलंटियर भी अपना अलग से योगदान कर रहे हैं। उनकी खेल पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें खेल गतिविधियों से सीधे जोड़ा गया है।

राष्ट्रीय खेलों से जुड़ना हमारे लिए बड़ी बात

कोटद्वार की रहने वाली मानसी दून विश्वविद्यालय से मीडिया एंड मॉस कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर रही है। वह वॉलीबॉल की खिलाड़ी भी हैं। वह कहती है-बहुत कम ऐसे अवसर मिलते हैं। मैं इस अवसर को हाथ से नहीं जाने देना चाहती थी। वॉलंटियर बतौर राष्ट्रीय खेलों का हिस्सा बनी हूं, यह बड़ी बात है। देहरादून की रहने वाली रिदिमा का भी यही कहना है। वह कहती है-इतने बडे़ आयोजन से जुड़कर एक्सपोजर मिलता है। इसके अलावा, अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद वह दूसरे मैच भी देख पा रही है। रिदिमा बॉस्केटबॉल खेलती है। गौचर-चमोली की रहने वाली स्नेहा आर्या कहती है-राष्ट्रीय खेलों के बडे़ आयोेजन में जुड़ना गौरवान्वित करने वाला है।

राष्ट्रीय खेलों में हम बेटियों के जज्बे और हौसले को लगातार देख रहे हैं। विभिन्न खेलों में बेटियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और मेडल जीते हैं। खेलने के अलावा इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बेटियां अपनी अपनी भूमिकाओं में सक्रिय योगदान कर रही हैं। तमाम व्यवस्थाओं में वह कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रही हैं, यह सराहनीय है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

सीएम धामी ने साइकिलिंग पदक विजेताओं को मेडल देकर दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 38वें राष्ट्रीय खेल के अंतर्गत रुद्रपुर के स्पोर्ट्स स्टेडियम वेलोड्रोम में साइकिलिंग पदक विजेताओं को मेडल प्रदान कर शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने मनोज सरकार स्पोर्टस स्टेडियम में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अन्तर्गत शिवालिक वेलोड्रम मे ट्रैक साइकिलिंग प्रतियोगिता को दर्शक दीर्घा से देखा। उन्होंने वेलोड्रम पहुंचकर खिलाड़ियो से परिचय प्राप्त कर ट्रैक पर साइकिलिंग भी की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पुरूष वर्ग के टीम परस्यूट डिस्टेंस 4000 मीटर प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता सर्विसेज स्पोर्टस कंट्रोल बोर्ड, रजत पदक विजेता पंजाब व कांस्य पदक विजेता राजस्थान को मैडल व पहाड़ी टोपी पहनाकर सम्मानित किया। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों के साथ भोजन किया व खिलाड़ियों के लिए की गई व्यवस्थाओं के बारे में खिलाड़ियों से जानकारी ली जिस पर खिलाड़ियो ने सभी प्रकार की व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 38वें राष्ट्रीय खेलों का देहरादून से शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि खेल के शुभारम्भ होने के दिन से ही पूरे प्रदेश में एक उत्साह का माहौल है। इस राष्ट्रीय खेल की प्रतियोगिताओं के संचालन के लिए लगभग 20 हजार लोगों द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से अपना योगदान दिया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो रही प्रतियोगिताओं की व्यवस्थाओं पर मुख्यमंत्री अधिकारियों से लगातार अपडेट ले रहे हैं और स्वयं जाकर भी व्यवस्थाओं को देख रहे हैं। सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि खिलाड़ियों के लिए हर संभव सुविधाएं उपलबध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश के खिलाड़ियों का प्रदर्शन भी बेहतर देखने को मिल रहा है, अभी तक लगभग 33 मैडल उत्तरखण्ड के खिलाड़ियों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में हासिल किये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर बने वेलोड्रम की सराहना देशभर से आने वाले खिलाड़ी कर रहे है। प्रदेश में अनेक स्थानों पर बहु उद्देशीय हॉल का भी निर्माण किया गया है, खटीमा के चकरपुर में भी मलखम्ब, टनकपुर में राफ्टिंग की प्रतियोगिता आयोजित होनी है। पूरे प्रदेश में 11 विभिन्न स्थानों पर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं, जो अपने आप में बहुत शानदार आयोजन है। उत्तराखण्ड में हो रही ये खेल प्रतियोगिताएं निश्चित रूप से हमारे प्रदेश के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेंगी और खिलाड़ी खेल के क्षेत्र में अपना शानदार भविष्य बनायेंगें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा इस राष्ट्रीय खेल का शुभारम्भ हुआ था और 14 फरवरी को हल्द्वानी में गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के द्वारा इसका समापन किया जायेगा।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने 46वीं वाहिनी पीएसी में पहुंचकर शॉटगन और स्कीट प्रतियोगिता का विधिवत फीता काटकर व पूजा अर्चना कर खेल शुभारम्भ की घोषणा की। उन्होने शॉटगन से टैप शूटिंग भी की। इस दौरान उन्होने खिलाड़ियों से मिलकर अग्रिम शुभकामनाऐं दी।

इस दौरान विधायक शिव अरोरा, दर्जामंत्री अनिल कपूर डब्बू, उत्तम दत्ता, नवनिर्वाचित मेयर विकास शर्मा, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिन्दल, जिला महामंत्री अमित नारंग, पूर्व मेयर रामपाल सिंह, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार उपस्थित थे।

सीएम ने नेशनल गेम्स की तैयारियों की जानकारी लेकर खिलाड़ियों को परोसा भोजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली से देहरादून आते ही रायपुर स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम में 38वें राष्ट्रीय खेलों की विभिन्न व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भोजन व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। उन्होंने खिलाड़ियों को भोजन परोसा और खिलाड़ियों के साथ बैठकर भोजन भी किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न खेल स्पर्धाओं में भाग ले रहे अनेक राज्यों खिलाड़ियों से बात कर उनका हौंसला भी बढ़ाया। इस अवसर पर उन्होंने शूटिंग रेंज का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों की अच्छी शुरुआत हुई है राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी खिलाड़ी देवभूमि उत्तराखंड से अच्छा अनुभव लेकर जाएं। खिलाड़ियों और आगंतुकों को हर संभव सुविधा प्रदान करने के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेल का अनुभव राज्य के लिए काफी कारगर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर राज्य के खिलाड़ियों को वहां के खानपान के हिसाब से भोजन व्यवस्था देने के प्रयास किए गए हैं।

मुख्यमंत्री राष्ट्रीय खेल की हर पल अपडेट अधिकारियों से ले रहें हैं और स्वयं विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, खेल निदेशक प्रशांत आर्य, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह मौजूद थे।