छह साल के एक बच्चे में एचआईवी पॉजीटिव होने के पता चला है। बच्चा थैलीसीमिया से पीड़ित बताया जा रहा है। बच्चे के पिता का कहना है कि संक्रमित खून चढ़ाने की वजह से एचआईवी हुआ है। इस मामले में बच्चे के पिता ने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से की है। जेएम ने सिविल अस्पताल के सीएमएस को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। बच्चे को छह बार सिविल अस्पताल रुड़की से और 48 बार हरियाणा के कैथल में रक्त चढ़ाया जा चुका है।
जिला कैथल, हरियाणा निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि उसके छह वर्षीय बच्चे को थैलीसीमिया है। 28 अगस्त 2017 से उसके बच्चे का उपचार सिविल अस्पताल रुड़की में चल रहा है। 28 अगस्त से अब तक उसके बच्चे को छह बार खून चढ़ाया जा चुका है। जबकि इससे पहले कैथल में उसका उपचार चल रहा था। वहां पर 48 बार बच्चे को खून चढ़ा है।
सिविल अस्पताल रुड़की में तीन दिन पहले उसके बच्चे की खून की जांच की गई थी। जांच में उसके बच्चे के खून में एचआइवी पॉजिटिव पाया गया है। बच्चे के पिता ने आशंका जताई है कि उसके बच्चे को किसी ऐसे व्यक्ति का खून चढ़ा है, जो एचआइवी पॉजिटिव होगा। इसी कारण उसके बच्चे को भी एचआइवी हो गया है। पीड़ित बच्चे के पिता ने मामले की शिकायत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल से की है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. एके मिश्रा को जांच के निर्देश दिए हैं।
वहीं सिविल अस्पताल रुड़की के सीएमएस डॉ. एके मिश्रा ने बताया कि थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चे में एचआइवी पॉजिटिव की बात सामने आई है। अस्पताल में बच्चे का उपचार पिछले चार माह से चल रहा है। अस्पताल के ब्लड बैंक से वही रक्त मरीज को चढ़ाया जाता है जिसकी सभी जांचें सही हो।