मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सोमवार को सितारगंज में लम्बे समय से बन्द पड़ी किसान सहकारी चीनी मिल्स लि के पेराई सत्र का विधिवत पटला पूजन व कनवेयर में गन्ना डालकर शुभारम्भ किया गया। साथ ही सरकडा के गन्ना किसान प्रकट सिंह व तरसेम सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होने गन्ने की अगेती प्रजाति का मूल्य 355 रू प्रति कुन्तल तथा सामान्य प्रजाति का मूल्य 345 रू प्रति कुन्तल किये जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर किसानों को बधाई देते हुए कहा कि आज सितारगंज के लिए ऐतिहासिक दिन है। सितारगंज किसान सहकारी चीनी मिल के पेराई सत्र के शुभारम्भ से विकास का नया अध्याय शुरू हो रहा है। भविष्य में इस चीनी मिल से बिजली व एथेनॉल का उत्पादन भी किया जायेगा। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार हमेशा किसानों को आधुनिक व सम्पन्न बनाये जाने हेतु कार्यरत है। हम हमेशा किसानो के साथ थे और भविष्य में भी किसानो के साथ खडे रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड की विशेष चिंता रहती है, जल्द ही उत्तराखण्ड में दूसरा एम्स खुलने जा रहा है ताकि लोगो एम्स की तरह सारी चिकित्सा सुविधाएं मिल सके। उन्होने कहा केन्द्र सरकार के सहयोग से किच्छा से खटीमा रेल लाईन व टनकपुर से बागेश्वर रेल लाईन की मंजूरी मिल गई है साथ ही जमरानी बांध परियोजना भी स्वीकृत हो चुकी है। उन्होने बताया कि भौगोलिक स्थिति को देखते हुए पहाडी और मैदानी किसानों के लिए अलग-अलग कृषि योजनाएं बनाई जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा हर वर्ग, हर क्षेत्र के लिए योजनाएं बनाई जा रही है। 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जायेगा इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। अभी तक 400 से अधिक फैसले लिए है, जिनका शासनादेश भी जारी हो चुका है। उन्होने बताया आशा, आंगनबाडी, उपनल, राज्य आंदोलनकारी, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, भोजन माताओं, पी.आर.डी. जवानों आदि की मांगो पर विचार कर इनका मानदेय बढाया गया। उन्होने कहा जिनकी मांगे छूट गई है, उनको भी शीघ्र पूरा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई खेल नीति के अन्तर्गत ऐसे खिलाडी जिसमे योग्यता और क्षमता है, उनका सारा खर्च प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। उन्होने बताया महामारी में जो बच्चे अनाथ हो चुक है उन्हे वात्सल्य योजना के अन्तर्गत 3000 रू प्रतिमाह की राशि दी जा रही है तथा शिक्षा का खर्च प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। नवजात बच्चों की माताओं को जरूरी सामान की महालक्ष्मी किट दी जा रही है। रोजगार के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया है तथा रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है ताकि बेरोजगारों को रोजगार के लिए भटकना न पडे। नई खनन नीति बनाने के लिए पब्लिक डोमेंन के माध्यम से लोगो के सुझाव मांगे गए है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बंगाली समुदाय के नमो शुद्र के कारपस फंड तथा संत केसर सिंह छात्रवृति के कारपस फंड को 2 करोड से बढाकर 4 करोड किये जाने की भी घोषणा की।
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने बताया कि लम्बे समय से बन्द पड़ी इस चीनी मिल को चलाने का संकल्प प्रदेश सरकार ने लिया था वो संकल्प आज पूरा हुआ। उन्होने कहा हमारी सरकार किसानों के साथ है। उन्होने बताया इस चीनी मिल के खुलने से सितारगंज, नानकमत्ता व खटीमा के गन्ना किसानों को फायदा होगा। उन्होने बताया प्रदेश सरकार ने गन्ना का भुगतान समय से किया है और आगे भी समय से किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य रू0 317 प्रति कुण्टल था तथा अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य रू० 327 प्रति कुण्टल था। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसार अब सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य रू0 345 प्रति कुण्टल तथा अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य रू० 355 प्रति कुण्टल हो गया है, जो उत्तर प्रदेश की तुलना में 5/- रू० प्रति कुण्टल अधिक है। गत वर्षाे में क्रय केंद्रों से गन्ना खरीद पर 11 रुपये प्रति कुंटल का गन्ना भाड़ा किसानों को चुकाना पड़ता था जो आज की घोषणा के 9.50 रुपये मात्र प्रति कुंटल देना होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद करते हुए क्षेत्रीय विधायक सौरभ बहुगुणा ने किसानों को बधाई दी। उन्होने कहा सितारगंज, नानकमत्ता व खटीमा के लिए आज बहुत शुभ दिन है। उन्होने कहा इस चीनी मिल को भविष्य में और आधुनिक बनाये जाने के प्रयास किये जायेंगे।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने क्षेत्र के किसानो की भावनाओं का ख्याल रखा। उन्होने कहा जो भी कार्य सम्भव है वे कार्य किये जा रहे है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी रंजना राजगुरू, एसएसपी दलीप सिंह कुॅवर, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई, अपर जिलाधिकारी जयभारत सिंह, जीएम चीनी मिल आरके सेठ, उप जिलाधिकारी तुषार सैनी आदि उपथित रहे।
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किसानों का हित पहला लक्ष्यः त्रिवेंद्र सिंह रावत
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सितारगंज चीनी मिल के संबंध में बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगामी पेराई सत्र तक सितारगंज चीनी मिल दुबारा शुरू हो जाय। इसके लिए पूरी योजना जल्द बनाई जाय। किसानों का हित पहला लक्ष्य होना चाहिए। सितारगंज में निर्मित इन्फ्रास्ट्रक्चर का सही उपयोग होना जरूरी है। इससे गन्ना उत्पादकों को गन्ने की बिक्री में परेशानी नहीं होगी व अन्य लोगों के रोजगार भी बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सितारगंज चीनी मिल को आगामी पेराई सत्र से शुरू करने के लिए अभी से प्रक्रिया शुरू की जाय। इसके लिए टेक्निकल टीम एवं विशेषज्ञों की राय ली जा सकती है।
बैठक में विधायक सौरभ बहुगुणा, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस.नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव अमित नेगी, राधिका झा, निदेशक शूगर फेडरेशन चन्द्रेश यादव, अपर सचिव डा. वी. षणमुगम आदि उपस्थित थे।
कैलाश नदी क्षेत्र में खनन पट्टों की स्वीकृति को सिडकुल जारी करे एनओसी
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सितारगंज चीनी मिल को पीपीपी के तहत संचालित करने संबंधी प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश एमडी शूगर फेडरेशन को दिये हैं। इसके साथ ही सितारगंज के कैलाश नदी क्षेत्र में खनन पट्टों की स्वीकृति हेतु एन.ओ.सी निर्गत करने के लिये एम.डी सिडकुल को भी उन्होंने निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के समाधान के भी निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।
सितारगंज क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के समाधान के सम्बन्ध में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने क्षेत्रीय समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितारगंज चीनी मिल को दीर्घ कालिक लीज पर दिये जाने तथा विनिवेशक को मिल परिसर में अनुपूरक इकाइयों की स्थापना आदि के सम्बन्ध में पूर्व में सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। उन्होंने मिल को दीर्घ कालिक लीज पर दिये जाने के साथ पीपीपी की संभावनाओं पर यथा शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिये समय सीमा भी तय करने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में उन राज्यों की चीनी मिलों का भी अध्ययन किया जाय, जहाँ इस प्रकार की प्रक्रिया सफल रही हो। उन्होंने मिल बन्द होने से क्षेत्रीय गन्ना किसानों को गन्ना बिक्री में कोई कठिनाई न हो इसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
इस सम्बन्ध में प्रबन्ध निदेशक शूगर फेडरेशन चंदेश यादव ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि चीनी मिल की विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट एवं आरएफपी तैयार करने हेतु नेशनल शूगर इंस्टिट्यूट कानपुर को कार्यदायी संस्था नामित किया गया था। उनके द्वारा आरएफपी तैयार कर उपलब्ध करा दी गई है जिसे नियोजन विभाग के परामर्श से प्री फिजिविलिटी रिपोर्ट तैयार करने हेतु निर्धारित शुल्क के साथ नेशनल शूगर इंस्टिट्यूट कानपुर को भेजा गया है। उनके द्वारा 30 नवम्बर तक रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। रिपोर्ट प्राप्त होते ही इस सम्बन्ध में निर्देशानुसार कार्यवाही कर दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने सितारगंज की कैलाश नदी के खनन पट्टों की स्वीकृति हेतु एमडी सिडकुल को निर्देश देते हुए कहा कि नदियों की रीवर ट्रेडिंग से नदियों में एकत्र सामग्री की सफाई भी होती है। इससे सतह ऊंची होने से बरसात में नदी के बहाव से नदी क्षेत्रों को होने वाले नुकसान को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
बैठक में विधायक सौरभ बहुगुणा, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, एम.डी सिडकुल एस.ए. मुरूगेशन, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव मुख्यमंत्री डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।