सीएम ने किया सिल्क्यारा सुंरग घटनाक्रम पर आधारित पुस्तक का विमोचन

नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘वो 17 दिन’ पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक ‘वो 17 दिन’ सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों पर आधारित है।

मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा सुरंग को लेकर अपने अनुभव भी साझा किए और कहा कि 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन से ही बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूर्ण हो पाया।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान पुस्तक के लेखक राजीव रंजन सिंह को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सकारात्मकता और अनुभवों से भरी यह पुस्तक निश्चित ही पढ़ने योग्य है।

इस अवसर पर भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष श्याम जाजू, पूर्व सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी और पुस्तक के लेखक राजीव रंजन सिंह उपस्थित रहे।

पीएम मोदी ने सिलक्यारा में बचाव कार्य में उत्पन्न होने वाली बाधा और रुकावट के बारे में सीएम से ली जानकारी

उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों के स्वास्थ्य को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद संवेदनशील हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजाना सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों एवं उनके परिजनों के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को फोन कर अपडेट ले रहे हैं।
आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत में प्रधानमंत्री ने बचाव कार्य में उत्पन्न होने वाली बाधा और रुकावट के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें अवगत कराया कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड से इस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस्पात से बनी वस्तुओं के ऑगर मशीन के सामने आने पर कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। ऐसे में ऑगर मशीन को रोककर और फिर उसे बाहर निकालकर सभी अवरोधों को श्रमिकों द्वारा दूर किया जा रहा है, जिसके कारण इस प्रक्रिया में समय लग रहा है।
मुख्यमंत्री को इस दौरान प्रधानमंत्री ने विशेष निर्देश दिए कि जब श्रमिक टनल से बाहर निकलेंगे तो उनके स्वास्थ्य परीक्षण और चिकित्सकीय देखभाल पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान सुरंग के अंदर फँसे श्रमिकों की स्थिति और उनको दी जाने वाली खाद्य और दैनिक दिनचर्या की वस्तुओं के बारे में जानकारी लेने के साथ ही राहत और बचाव कार्य में लगे श्रमिकों की स्थिति और उनके लिए किए जा रहे सुरक्षा के उपाय के बारे में पूछा और निर्देश दिए कि इसमें किसी तरह की कोई कमी न रहे। उन्होंने बचाव कार्य की प्रगति और किए जा रहे कार्यों के साथ ही विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और यदि किसी अन्य सहयोग की ज़रूरत है तो उस पर जानकारी ली। साथ ही श्रमिकों के परिजनों के बारे में जानकारी भी ली।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि सिलक्यारा सुरंग में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग करने के साथ ही उनके द्वारा मातली उत्तरकाशी में ही अस्थायी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय स्थापित किया है ताकि बेहतर ढंग से पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग हो सके।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 6 इंच व्यास के पाइप लाइन मलवे के सफलतापूर्वक बिछाए जाने के बाद वैकल्पिक लाइफ लाइन बनाई गई है। जिसके माध्यम से टनल में फंसे श्रमिकों तक ताजा पका भोजन, फल, ड्राई फ्रूट्स, दूध, जूस के साथ ही डिसपोजेबल प्लेट्स, ब्रश, तौलिया, छोटे कपड़े, टूथ पेस्ट, साबुन, आदि दैनिक आवश्कता की सामग्री बोतलों में पैक कर भेजी जा रही है। जिससे श्रमिकों के भोजन एवं पोषण की समस्या को लेकर अब कोई चिंता नहीं है। इसी पाइप लाइन के जरिए एसडीआरएफ द्वारा स्थापित कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से श्रमिकों से नियमित संवाद किया जा रहा है। इसी माध्यम से श्रमिकों और उनके परिवार जनों को भी बातचीत कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं भी इसी माध्यम से श्रमिकों का हाल-चाल जाना है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रमिकों एवं उनके परिजनों का मनोबल बनाए रखने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। सिलक्यारा में स्थापित अस्थाई अस्पताल में तैनात डॉक्टर्स के द्वारा श्रमिकों के स्वास्थ्य के निरंतर निगरानी की जा रही है। एम्बुलेंस से लेकर नजदीकी अस्पताल में 41 विशेष बेड श्रमिकों हेतु तैयार किये गए हैं। मनोचिकित्सकों के द्वारा भी नियमित रूप से टनल में फंसे श्रमिकों की काउंसलिंग की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों में लगे राहत एवं बचाव कार्य में जुटे श्रमिक पूरे मनोयोग एवं अथक परिश्रम से जुटे हुए हैं। इन श्रमिकों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रेस्क्यू स्थल पर प्री कॉस्ट आरसीसी बॉक्स कल्वर्ट और ह्यूम पाइप के जरिए सुरक्षा कैनोपी और एस्केप टनल बनाई गई है। इससे किसी भी आपात स्थिति में सुरंग के भीतर रेस्क्यू में जुटे लोगो को सुरक्षित निकासी सुनिश्चित हो सकेगी। सुरक्षा से जुड़ी अन्य विशेष हिदयतो पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्र एजेंसीयों के साथ बेहतर समन्वय बनाने हेतु राज्य सरकार की ओर से एक सचिव स्तर के अधिकारी को सिलक्यारा में ही तैनात किया गया है। उत्तरकाशी जिला प्रशासन और राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र प्रतिबद्धता के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि श्रमिकों के परिजनों का भी ध्यान रख रही है। परिजनों के आवास, भोजन, कपड़े, एवं परिवहन की व्यवस्था की गई है। परिजनों के समन्वय और उनकी सुविधाओं के जिला एवं राज्य स्तर पर अलग से अधिकारियों की तैनाती की गई है।

सिलक्यारा टनल पर मनौवैज्ञानिक तरीका अपनाकर सीएम ने दिखाई कौशलता

उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा टनल में फंसे लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज भी उत्तरकाशी में ही डेरा डाले हुए है। इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में लोकपर्व ईगास पर होने वाले कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया था। वहीं, एक महत्वपूर्ण निर्णय लेकर भी उन्होंने सभी को चौका दिया। पहली बार राज्य के इतिहास में सीएम का कैंप कार्यालय घटनास्थल वाले क्षेत्र के आसपास खोला गया है। मुख्यमंत्री के द्वारा लगातार दूसरे दिन भी उत्तरकाशी में डेरा डालने के कारण सरकारी कार्य प्रभावित ना हो, इसके लिए मुख्यमंत्री धामी ने अपना कैंप कार्यालय यही खोल दिया है।

राज्य का लोकपर्व, सांकेतिक रुप से मनाया
मुख्यमंत्री धामी द्वारा आज के दिन उत्तराखण्ड में धूमधाम से मनाये जाने वाले ईगास पर्व को भी न मनाने का निर्णय लिया गया। आज ईगास के मौक़े पर मुख्यमंत्री आवास पर लगभग एक हज़ार लोगों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस पर्व में शरीक होना था, जिसे उन्होंने रद कर दिया। वहीं, पूर्व सूचना के कारण मुख्यमंत्री आवास पहुँचे लोगों ने बेहद सादगी से गौ पूजन करके पर्व मनाया। मौक़े पर लोगों ने टनल में फंसे श्रमिकों की जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकलने की प्रार्थना भी ईश्वर से की। मुख्यमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि टनल में फंसे मजदूरों की निकासी उनकी पहली प्राथमिकता है। ऐसे में उनके लिए असल त्यौहार तभी होगा जब वह बाहर आयेंगे। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता को देखते हुए कई जगह कार्यक्रम या तो स्थगित हुए या सांकेतिक रुप से ही मनाये गये। यह पहली बार देखा जा रहा है कि कोई मुख्यमंत्री हर तरीके से इस मामले में पीड़ित पक्ष के साथ हो। एक तरफ धामी सरकार लगातार रेस्क्यू अभियान चलाकर फंसे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास कर रही है। तो वही मुख्यमंत्री मजदूरों की हौसला अफजाई भी कर रहे है तो वही उनके परिवारों को यह संदेश देने में भी कामयाब रहे है कि उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता उनके साथ खड़ी है। राज्य की जनता का मुख्यमंत्री से ऐसा भावनात्मक रिश्ता है कि उनके संदेश को जनता ने समझ भी लिया। नही तो अपने लोकपर्व और त्यौहारों को कौन छोड़ता है?

संवेदनशील सीएम का बड़ा संदेश
एक तरफ सिल्क्यारा टनल ऑपरेशन विश्व के चौथे नंबर का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बन गया है। मुख्यमंत्री पहले तो लगातार घटनास्थल का दौरा करते रहे और देहरादून से भी लगातार मौके पर जानकारी जुटाते रहे है। लेकिन बुधवार से तो मुख्यमंत्री धामी अंगद की तरह पैर जमाकर उत्तरकाशी डट गये है। ऐसे में प्रशासन के भी हौसले बुलंद हो गये है कि राज्य का मुखिया स्वयं मौके पर आ गया है। दिन-रात रेस्क्यू अभियान में लगे लोगों का उत्साहवर्धन होने से उम्मीदें जग रही है कि कभी भी खुशखबरी आ सकती है। वहीं, गुरुवार को मुख्यमंत्री ने देश दुनिया को भी बडा संदेश दे दिया है। पहली बार किसी सीएम ने घटनास्थल के पास ही अपना कैंप कार्यालय बनाया है। सीएम अब रोजमर्रा के कार्य बाधित ना हो, इसके लिए रेस्क्यू अभियान के सफल होने तक यही से कार्य संचालित करेंगे। यह ऐसा निर्णय है जो सभी का मनोबल हर विकट परिस्थिति में ऊंचा रखता है। कहा जाता है कि कठिन समय में पहले बुद्धि की परीक्षा होती है इस लिए मनोबल ऊंचा रखने के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके अपनाना भी जरुरी होता है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने ऐसा निर्णय लेकर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।

सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी दी

सचिव उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल 45 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई थी। 45 मीटर से आगे की ड्रिलिंग के बाद धातु के टुकड़े (सरिया) के मशीन में फसने से ड्रिलिंग में बाधा सामने आ खड़ी हुई थी। देर रात श्रमिक प्रदीप यादव एवं बलविंदर द्वारा पाइप के मुहाने पर फंसे धातु के टुकड़ों को पाइप के अंदर रेंगकर काट दिया गया है।
सचिव, उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि आगे का कार्य भी पूरी सावधानी के साथ किया जा रहा है। पुनः ऑगर मशीन से स्थापित कर ड्रिलिंग शुरु करते हुए 1.8 मीटर अतिरिक्त ड्रिलिंग की गई है। आगे की ड्रिलिंग हेतु विशेष सावधानियां बरती जा रही है। उन्होंने कहा पूरी सावधानी बरतते हुए तेजी से ड्रिलिंग करना हमारी प्राथमिकता है।
इस दौरान एम.डी (एनएचआईडीसीएल) महमूद अहमद, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी मौजूद रहे।

सुबह पौने चार बजे प्रशासन की टीम ने जगाया तो मन मे उठे कई सवाल

सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के परिजनों ने जैसे ही कैमरे में अपनों को देखा तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। परिजनों ने कहा कि जिनके इंतजार में वह कई दिनों से सुरंग के बाहर टकटकी लगाए बैठे थे, आज कैमरे के सामने उनसे बात करके बड़ा मन को बड़ा सुकून मिला है। इस दौरान परिजन ने खुलकर बचाव कार्य के लिए केंद्र और राज्य सरकार का आभार जताया और कहा कि अब जल्द परिजनों को बाहर भी सुरक्षित निकाला जाए।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के बचाव कार्य पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पल-पल अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी सुबह और शाम को अफसरों के साथ बैठक कर बचाव कार्य पर नज़र रखे हुए हैं। इसके लिए उत्तरकाशी जिला प्रशासन के साथ अलग अलग अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दो दिन से बचाव कार्य के लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ नोडल अफसर बनाये गए सचिव डॉ नीरज खैरवाल, डीएम उत्तरकाशी अभिषेक रुहेला के साथ हर घण्टे सुरंग बचाव कार्य की समीक्षा कर आगे बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि सोमवार को 6 इंच का पाइप श्रमिकों के लिए दूसरी लाइफलाइन के रूप में स्थापित किया जा सका। इससे रात को ही श्रमिकों को डॉक्टरों के मुताबिक पौष्टिक भोजन सुरंग में भेजा गया। इसके बाद अफसरों ने रातभर बचाव कार्य के दूसरे विकल्पों पर काम जारी रखा। नतीजन अल सुबह पौने चार बजे सुरंग में आधुनिक एंडोस्कोपी पलेक्सी कैमरा भेजा गया। सुरंग में कैमरा पहुंचते ही अधिकारियों ने श्रमिकों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया। खुद सचिव नीरज खैरवाल और डीएम अभिषेक रुहेला ने मजदूरों से बात कर बाहर चल रहे बचाव कार्य की जानकारी दी। अफसरों ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार उनको सुरक्षित निकालने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। इस दौरान अधिकारियों ने सिलक्यारा के पास होटलों में सोए परिजनों को बुलाया और सुरंग में फंसे श्रमिकों से कैमरे के सामने वॉकी टॉक से बात कराई। सुरंग में अपनों को सकुशल देखते हुए परिजनों की आंखें खुशी से नम हो गई। परिजनों ने मौके पर ही सरकार का आभार जताया और कहा कि आज उनको काफी सुकून मिला है। कहा कि सरकार जिस तेजी से रेस्क्यू कार्य करा रही है, उससे सुरंग में फंसे सभी लोग सुरक्षित बाहर आ जाएंगे।

’सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। रात को 6 इंच का पाइप डालने के बाद श्रमिकों के लिए नई लाइफलाइन बन गई है। इस पाइप से सुबह एंडोस्कोपी पलेक्सी कैमरा भेजकर सुरंग में श्रमिकों का हाल जाना गया और उन्हें बाहर चल रहे बचाव कार्य की जानकारी दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी आज फिर बचाव कार्य की अपडेट जानकारी ली है। सुरंग में सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। जल्द श्रमिकों को बचाव टीम सुरक्षित बाहर निकाल लेंगी।’
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

दसवें दिन श्रमिकों की पहली तस्वीर आई सामने

उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने को दिन-रात चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में बचाव और राहत टीमों को आज मंगलवार सुबह बड़ी सफलता मिली है। इंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे की मदद से आज दसवें दिन श्रमिकों की पहली तस्वीर सामने आई है। सभी श्रमिक सकुशल हैं।
रेस्क्यू टीम ने सोमवार देर शाम सुरंग में आर-पार हुए छह इंच व्यास के पाइप के जरिए इंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा सुरंग में डाला था। यह कैमरा सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचा है। कैमरे में अंदर का पूरा परिदृश्य कैद हुआ है। सबसे अच्छी और राहत की खबर यह है कि सभी 41 श्रमिक भाई सकुशल हैं। रेस्क्यू टीम ने श्रमिकों से बात कराने की भी कोशिश की। रेस्क्यू को कमान करने वाले अधिकारियों ने सभी श्रमिकों की एक-एक कर गिनती कराने के लिए भी श्रमिकों तक संदेश भेजा लेकिन वॉकी टॉकी की कनेक्टिविटी इसमें बार बार बाधा बन रही थी।
वीडियो फुटेज साफ नहीं आने पर रेस्क्यू टीम ने अंदर फंसे श्रमिकों से लाउडस्पीकर सन्देश के जरिए कैमरे की स्क्रीन साफ करने को कहा। श्रमिकों ने तुरंत स्क्रीन साफ की तो पूरा परिदृश्य साफ दिखाई दिया। रेस्क्यू अधिकारी सामने चहलकदमी कर रहे श्रमिकों के नाम भी पूछ रहे थे। उसी दौरान तब फोरमैन गब्बर सिंह, हेड ऑपरेटर सुशील एकदम सामने थे।
वहीं, सोमवार को टनल के भीतर छह इंच का दूसरा लाइफलाइन पाइप मजदूरों तक पहुंचा दिया गया था। इस पाइप की मदद से देर शाम मजदूरों के लिए खिचड़ी भेजी गई है।

श्रमिकों की कुशलक्षेम जानने वाले परिजनों का खर्चा उठाएगी धामी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। इस दौरान यदि श्रमिकों के परिजन हाल जानने को आ रहे हैं तो उनका आवागमन, रहने-खाने का इंतजाम सरकार करेगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा दूसरे राज्य के अधिकारियों से बचाव कार्य समेत अन्य जानकारी साझा करने को समन्वय टीम में तीन और अधिकारियों को मौके पर भेज दिया है। सभी अधिकारियों को बचाव कार्य से जुड़ी व्यवस्थाओं में तत्काल योगदान देने के निर्देश दिए गए हैं।

उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने को बचाव कार्य सभी स्तर पर युद्धस्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग में बचाव कार्य के साथ ही श्रमिकों के कुशलक्षेम पूछने आ रहे परिजनों से बेहतर समन्वय स्थापित कर पल पल की जानकारी साझा की जा रही है। इसके लिए दूसरे राज्यों के श्रमिकों के परिजनों व इन राज्यों के अधिकारियों से संपर्क व समन्वय बनाए रखने को घटना के दिन से ही उत्तरकाशी में पुलिस का कॉट्रोल रूम स्थापित किया जा चुका है। वहां से परिजनों को अपडेट जानकारी दी जा रही है। शासन स्तर पर भी वरिष्ठ आईएएस डॉ नीरज खैरवाल को केंद्रीय संस्थानों, एजेंसियों और विशेषज्ञों की टीम से समन्वय की जिम्मेदारी पहले ही दी गई है। साथ ही एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी को भी पहले से मौके पर भेजा गया है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गत दिवस सिलक्यारा में दिए गए निर्देशों पर गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने हरिद्वार के एसडीएम मनीष सिंह, डीएसओ हरिद्वार तेजबल सिंह और डीपीएओ रुद्रप्रयाग अखिलेश मिश्रा को टीम में शामिल करने के आदेश दे दिए हैं। यह सभी अधिकारी जिलाधिकारी उत्तरकाशी के निर्देश पर श्रमिकों के परिजनों के लिए भोजन, आवास और परिवहन के अलावा बचाव कार्य से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण व्यवस्था देखेंगे। सभी को तत्काल मौके पर जिम्मेदारी का निर्वहन करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने श्रमिकों के परिजनों को घटना स्थल तक आवागमन, प्रवास तथा अन्य जरूरी देखभाल का भी पूरा इंतजाम सरकार ने किया है, ताकि श्रमिकों की कुशलक्षेम जानने के लिए यहां आने वाले परिजनों को कोई कठिनाई न हो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्रमिकों के जो परिजन यहां आना चाह रहे हैं उनके आवागमन का व्यय उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। इसके लिए उक्त अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां आने वाले जरूरतमंद परिजनों के मोबाईल रिचार्ज से लेकर भोजन, आवास व आवागमन जैसी जरूरतमंद वाली सभी व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस काम को पूरी संवेनदशीलता व तत्परता के साथ किया जाय। ताकि सुरंग में फंसे श्रमिकों और उनके परिजनों को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े।

वहीं, सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिये चलाये जा रहे रेस्क्यू अभियान में सहयोग करने के भारत सरकार के आग्रह पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के टनल विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स भी सिलक्यारा पहुंच गए। अर्नाेल्ड डिक्स इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एशोसिएशन (आईटीए) के अध्यक्ष है।

उत्तराखंड सरकार के केंद्रीय संगठनों से रेस्क्यू अभियान में समन्वय के नोडल अधिकारी और सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, एनएचएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने टनल विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स के साथ विचार विमर्श कर रेस्क्यू अभियान की रणनीति पर चर्चा की।

उधर, सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिये चलाये जा रहे रेस्क्यू अभियान में केंद्रीय संगठनों से समन्वय बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार की तरफ से नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल ने आज सिलक्यारा पहुंचकर राहत और बचाव अभियान का जायजा लिया। श्री खैरवाल अभी एनएचएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और रेस्क्यू अभियान में जुटे विभिन्न केंद्रीय संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।

गौरतलब कि उत्तराखंड सरकार के द्वारा सिलक्यारा में राहत और बचाव कार्यों में जुटे केंद्रीय संगठनों के साथ समन्वय, अनुश्रवण और राज्य की ओर ज़रूरी सुझाव देने के लिए शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को दूरभाष पर दी उत्तरकाशी टनल में फंसे लोगों के लिए राहत और बचाव कार्यों की जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन के माध्यम से उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फँसे श्रमिकों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखें हैं। बचाव कार्य के लिए बड़े व्यास के ह्यूम पाइप हरिद्वार और देहरादून से भेजे जाने की व्यवस्था कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है।

अब तक प्रधानमंत्री दो बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री और रेल मंत्री भी सीएम धामी से बात कर चुके हैं। केंद्रीय एजेंसियां और एक्सपर्ट मौके पर मौजूद हैं।