मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। इस दौरान यदि श्रमिकों के परिजन हाल जानने को आ रहे हैं तो उनका आवागमन, रहने-खाने का इंतजाम सरकार करेगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा दूसरे राज्य के अधिकारियों से बचाव कार्य समेत अन्य जानकारी साझा करने को समन्वय टीम में तीन और अधिकारियों को मौके पर भेज दिया है। सभी अधिकारियों को बचाव कार्य से जुड़ी व्यवस्थाओं में तत्काल योगदान देने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने को बचाव कार्य सभी स्तर पर युद्धस्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग में बचाव कार्य के साथ ही श्रमिकों के कुशलक्षेम पूछने आ रहे परिजनों से बेहतर समन्वय स्थापित कर पल पल की जानकारी साझा की जा रही है। इसके लिए दूसरे राज्यों के श्रमिकों के परिजनों व इन राज्यों के अधिकारियों से संपर्क व समन्वय बनाए रखने को घटना के दिन से ही उत्तरकाशी में पुलिस का कॉट्रोल रूम स्थापित किया जा चुका है। वहां से परिजनों को अपडेट जानकारी दी जा रही है। शासन स्तर पर भी वरिष्ठ आईएएस डॉ नीरज खैरवाल को केंद्रीय संस्थानों, एजेंसियों और विशेषज्ञों की टीम से समन्वय की जिम्मेदारी पहले ही दी गई है। साथ ही एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी को भी पहले से मौके पर भेजा गया है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गत दिवस सिलक्यारा में दिए गए निर्देशों पर गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने हरिद्वार के एसडीएम मनीष सिंह, डीएसओ हरिद्वार तेजबल सिंह और डीपीएओ रुद्रप्रयाग अखिलेश मिश्रा को टीम में शामिल करने के आदेश दे दिए हैं। यह सभी अधिकारी जिलाधिकारी उत्तरकाशी के निर्देश पर श्रमिकों के परिजनों के लिए भोजन, आवास और परिवहन के अलावा बचाव कार्य से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण व्यवस्था देखेंगे। सभी को तत्काल मौके पर जिम्मेदारी का निर्वहन करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने श्रमिकों के परिजनों को घटना स्थल तक आवागमन, प्रवास तथा अन्य जरूरी देखभाल का भी पूरा इंतजाम सरकार ने किया है, ताकि श्रमिकों की कुशलक्षेम जानने के लिए यहां आने वाले परिजनों को कोई कठिनाई न हो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्रमिकों के जो परिजन यहां आना चाह रहे हैं उनके आवागमन का व्यय उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। इसके लिए उक्त अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां आने वाले जरूरतमंद परिजनों के मोबाईल रिचार्ज से लेकर भोजन, आवास व आवागमन जैसी जरूरतमंद वाली सभी व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस काम को पूरी संवेनदशीलता व तत्परता के साथ किया जाय। ताकि सुरंग में फंसे श्रमिकों और उनके परिजनों को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े।
वहीं, सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिये चलाये जा रहे रेस्क्यू अभियान में सहयोग करने के भारत सरकार के आग्रह पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के टनल विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स भी सिलक्यारा पहुंच गए। अर्नाेल्ड डिक्स इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एशोसिएशन (आईटीए) के अध्यक्ष है।
उत्तराखंड सरकार के केंद्रीय संगठनों से रेस्क्यू अभियान में समन्वय के नोडल अधिकारी और सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, एनएचएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने टनल विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स के साथ विचार विमर्श कर रेस्क्यू अभियान की रणनीति पर चर्चा की।
उधर, सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिये चलाये जा रहे रेस्क्यू अभियान में केंद्रीय संगठनों से समन्वय बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार की तरफ से नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल ने आज सिलक्यारा पहुंचकर राहत और बचाव अभियान का जायजा लिया। श्री खैरवाल अभी एनएचएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और रेस्क्यू अभियान में जुटे विभिन्न केंद्रीय संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
गौरतलब कि उत्तराखंड सरकार के द्वारा सिलक्यारा में राहत और बचाव कार्यों में जुटे केंद्रीय संगठनों के साथ समन्वय, अनुश्रवण और राज्य की ओर ज़रूरी सुझाव देने के लिए शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।