बलिदान दिवस पर याद किए गए डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर भाजपा ऋषिकेश मंडल की ओर से फल वितरण तथा मीरा नगर में बुजुर्गों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया। मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ अग्रवाल सहित विभिन्न वक्ताओं ने उनके डॉ मुखर्जी के जीवन पर प्रकाश डाला।

त्रिवेणी घाट पर आयोजित कार्यक्रम में फल वितरण कर डॉ अग्रवाल ने स्व. मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। डॉ अग्रवाल ने कहा कि डॉ मुखर्जी ने धारा 370 हटाने के पक्ष के लिए अनेक प्रयत्न किए और इसी के चलते उनका बलिदान हुआ। मगर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया और धारा 370 को हटाकर उनका सम्मान किया।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत के प्रथम मंत्रिमंडल में एक गैर-कांग्रेसी मंत्री के रूप में वित्त मंत्रालय का काम संभाला। डॉ मुखर्जी ने चितरंजन में रेल इंजन का कारखाना, विशाखापट्टनम में जहाज बनाने का कारखाना एवं बिहार में खाद का कारखाने स्थापित कराए। उनके सहयोग से ही हैदराबाद निजाम को भारत में विलीन होना पड़ा।

इस मौके मण्डल अध्यक्ष सुमित पंवार, वन विकास निगम सदस्य देवदत्त शर्मा, महिला मोर्चा मण्डल माधवी गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष दिनेश सती, प्रतीक कालिया, सरोज डिमरी, शिव कुमार गौतम, मनोज धयानी, राजपाल ठाकुर, अनीता तिवारी, सुजीत यादव, उषा जोशी, शंभू पासवान, सोनू पांडे, दीपक बिष्ट, सोनू प्रभाकर, संजीव पाल, राजेश दिवाकर, राजू नरसिम्हा, सीमा रानी, रूपेश गुप्ता, बृजेश शर्मा, अविनाश भारद्वाज, राजेंद्र सिंह बिष्ट, ऋषि राजपूत, सौरव गर्ग, सचिन अग्रवाल, ज्योति पांडे, अभिनव पाल खड़ी उपस्थित रहे।

वहीं, मीरा नगर में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर आयोजित गोष्ठी में डॉ अग्रवाल ने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान किया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 1950 में भारत की दशा दयनीय थी। इससे डॉ. मुखर्जी के मन को गहरा आघात लगा। उनसे यह देखा न गया और भारत सरकार की अहिंसावादी नीति के फलस्वरूप मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर संसद में विरोधी पक्ष की भूमिका का निर्वाह करने लगे।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि डॉ मुखर्जी को कभी भी एक ही देश में दो झंडे और दो निशान भी उनको स्वीकार नहीं थे। अतः कश्मीर का भारत में विलय के लिए डॉ. मुखर्जी ने प्रयत्न प्रारंभ कर दिए। इसके लिए उन्होंने जम्मू की प्रजा परिषद पार्टी के साथ मिलकर आंदोलन किया।

इस मौके पर जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा कविता साह, जिला अध्यक्ष ओबीसी मोर्चा चंद्रभान सिंह पाल, मंडल अध्यक्ष वीरभद्र मंडल सुरेंद्र कुमार, मंडल अध्यक्ष महिला मोर्चा निर्मला उनियाल, मंडल अध्यक्ष ओबीसी मोर्चा प्रताप राणा, अनीता प्रधान, तनु तेवतिया, मनोरमा, सरिता बिष्ट, रिंकी राणा, ममता सकलानी, किरण त्यागी, शिवकुमार सहित सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

भाजपा में कार्यकर्ता पार्टी की रीढ़ की हड्डीः डा. अग्रवाल

भाजपा वीरभद्र मंडल की ओर से कार्यसमिति कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिभाग किया। इस मौके पर जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को भी याद किया गया।

मालवीय नगर स्थित दुर्गा मंदिर में आयोजित कार्यसमिति का शुभारंभ डॉ अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। डॉ अग्रवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी परिवार वाद पर विश्वास करने वाली पार्टी नहीं है, बल्कि एक संगठन है और इसका हर कार्यकर्ता इस संगठन की ताकत है। आज हमारे संगठन की ही शक्ति है कि भाजपा देश मे ही नहीं अपितु विश्व में सबसे बड़े राजनैतिक दल के रूप में उभरकर आयी है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि ये हमारे कार्यकर्ताओ की ही मेहनत व नीतियों का परिणाम है कि आज राज्यसभा में हमारे सांसदों की संख्या सौ से ज्यादा हो गयी है। उन्होंने कहा कि भाजपा हर जाति, हर धर्म, हर क्षेत्र, हर प्रदेश की पार्टी है यही कारण है कि हम आज इतनी बड़ी जीत हासिल कर पाए हैं।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि आप सभी आम कार्यकर्ता नहीं है बल्कि पार्टी की रीढ़ की हड्डी है। देवतुल्य कार्यकर्ताओं की यही खासियत है कि वह हर परिस्थितियों में ढाल बनकर खड़ा रहता है। लगातार चौथी व बम्पर वोटों से जीत को उन्होंने कार्यकर्ताओं की जीत बताया। उन्होंने कार्यकर्ताओं के सम्मान में कहा कि आप वह फ़ौज है जिनके आगे कोई टिक नहीं सकता। आपके आशीर्वाद से वह विधायक बने है और दुवाओं से मंत्री।

इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता संजय शास्त्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 साल स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज किए जाएंगे। कहा कि हमारे प्रधानमंत्री देश ही नहीं विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता है। जनता को उनकी नीति, नीयत, कार्यों का पूर्ण विश्वास है और विपक्ष का षड्यंत्र और दुष्प्रचार उस विश्वास को हिला भी नहीं पाया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के राष्ट्र प्रथम के उद्घोष के साथ सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सफल प्रयास का मंत्र विकास की नकारात्मक राजनीति पर भारी पड़ा है।

इस मौके पर मंडल अध्यक्ष वीरभद्र अरविंद चौधरी, महामंत्री व पार्षद सुंदरी कंडवाल, महामंत्री सुरेंद्र सिंह, अनुसूचित मोर्चा अध्यक्ष राजकुमार भारती, युवा मोर्चा अध्यक्ष विजय जुगरान, मनीष मैठाणी, शशि सेमल्टी, अविनाश सेमल्टी, उषा लखेड़ा, वायुराज, रमेश चंद शर्मा, निर्मला उनियाल, गुंजन शर्मा आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

नीतीश कुमार को लेकर शाह का बयान अहम माना जा रहा

बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड की गठबंधन सरकार में जारी अंर्तकलह के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान से राजनीति सरगरमी तेज हो सकती है। उन्होंने जदयू-बीजेपी गठबंधन सरकार के दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके नेतृत्व की तारीफ की है। अमित शाह ने कहा, 1980 के दशक में अर्थशास्त्रियों ने बीमारू स्टेट शब्द का प्रयोग किया था, जिन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई थी, जिसके चलते वहां की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई थी, ऐसे ही राज्यों को बीमारू राज्य कहा गया। बीमारू राज्य में बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश। उन्होंने आगे कहा, बिहार में नीतीश कुमार जबतक बीजेपी के साथ सरकार चला रही थी, वहां विकास हो रहा था, देश-दुनिया के अर्थशास्त्री मानते हैं कि उस दौर में बिहार बिमारू राज्य से बाहर होने की कगार पर पहुंच गया था।
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 13 साल से बीजेपी की सरकार है, ये दोनों राज्य विकसित राज्य बनने की कगार पर हैं, राजस्थान भी बीमारू राज्य से बाहर है। यूपी में हमें अभी जनादेश मिला है, पांच साल बाद इस इस राज्य की भी हालत बदल जाएगी।
नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान को कई मायने में अहम माना जा सकता है। दरअसल, हाल ही में लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। जदयू और राजद नेताओं के बीच पिछले कुछ दिनों में कई बार जुबानी जंग भी हुए। इसी बीच बिहार के राजनीति गलियारे में ये भी चर्चा है कि जदयू और सीएम नीतीश कुमार लगातार तेजस्वी यादव पर मंत्रिमंडल से बाहर होने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने तेजस्वी के इस्तीफे से साफ मना कर दिया है। इसी राजनीतिक गहमागहमी के बीच बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा था कि अगर आरजेडी नीतीश कुमार का साथ छोड़ती है तो बीजेपी बाहर से समर्थन कर सरकार गिरने नहीं देगी।
वहीं अमित शाह का ताजा बयान लालू प्रसाद यादव की चिंता बढ़ा सकती है। अमित शाह दिल्ली में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर लिखी किताब (श्यामा प्रसाद मुखर्जी- हिज विजन ऑफ एजुकेशन) का उद्घाटन करने पहुंचे थे, यहीं उन्होंने नीतीश कुमार और बीजेपी-जदयू सरकार के कार्यकाल की तारीफ की। कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इसने देश भर में परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की, जिसका खामियाजा देश के लोगों को भुगतना पड़ा। जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण का खात्मा हो गया।