केदारनाथ धाम के नाम से दिल्ली में अब नहीं बनेगा कोई मंदिर

दिल्ली के बुराड़ी में श्री केदारनाथ धाम के नाम से अब कोई मंदिर नहीं बनेगा। दरसअल, पिछले दिनों इस मुद्दे पर उत्तराखंड के तमाम धर्मावलंबियों ने अपना विरोध प्रकट किया था। माना जा रहा है कि इसी के चलते श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट ने इसे नहीं बनाने का निर्णय लिया है। राज्य की पुष्कर धामी सरकार ने भी इस मसले पर जनभावनाओं को भांपते हुए धामों के नाम का कहीं भी दुरपयोग न हो सके, इसके मद्देनजर कठोर कानून लाने का निर्णय हाल के दिनों में कैबिनेट के माध्यम से किया है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली में श्री केदारनाथ धाम की तर्ज पर मंदिर बनाने का श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट ने निर्णय लिया था और इसके लिए मंदिर के कार्यों का शिलान्यास भी कर दिया गया। हालांकि, अगले ही दिन से इस मामले में उत्तराखंड में भारी विरोध देखने को मिला। चारधामों के पंडा-पुरोहितों ने इसे लेकर घोर आपत्ति प्रकट की की कैसे केदारनाथ धाम के नाम पर कहीं भी कोई दूसरा मंदिर बनाया जा सकता है। मामले में राज्य सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। तमाम धर्मावलंबियों की भावनाओं से इत्तेफाक रखते हुए राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कैबिनेट के माध्यम से निर्णय लिया कि भविष्य में उत्तराखंड के धामों का कोई दुरपयोग न कर सके, इसके मद्देनजर राज्य सरकार जल्द ही कानून लेकर आएगी। स्वयं, मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में केदारनाथ धाम एक ही है और एक ही रहेगा। राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रफुल्लित तमाम पंडा-पुरोहितों ने इस मुद्दे पर देहरादून से लेकर केदारनाथ धाम तक उनके निर्णय की सराहना करते हुए उनका अभिनंदन एवं आभार प्रकट किया।

इधर अब, श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट की अध्यक्ष सुमन मित्तल ने अवगत कराया है कि पूर्व में सभी ट्रस्टी मिलकर दिल्ली के बुराड़ी, बख्तावरपुर रोड हिरणकी में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करने जा रहे थे, लेकिन उत्तराखण्ड के कुछ लोगों के द्वारा विरोध/आपत्ति के बाद यह अहसास हुआ की जन मानुष और धार्मिक भावनाओं को केदारनाथ धाम बनाने से ठेस पहुँचती है तो इसके मद्देनजर दिल्ली में केदारनाथ धाम बनाने का कार्य त्याग दिया गया है और अब इस नाम से कोई मंदिर नहीं बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए ऑनलाइन /क्यू कोड से दान लेने की प्रक्रिया भी बंद कर दी है और अब कोई दान नहीं लिया जा रहा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम ट्रस्ट बंद करने के लिए हमने प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है।

केदारनाथ कपाट खुलने के सीएम धामी सहित अन्य बने साक्षी

विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट जय बाबा केदारनाथ के उदघोष तथा सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच इस यात्रा वर्ष आज 10 मई को ठीक 7 बजे विधि- विधान से खुल गये है। इस अवसर पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के गवाह बने।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के अवसर पर विशेष रूप से मौजूद रहे उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी देश एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनायेगी प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु प्रतिबद्ध है। इस दौरान सात हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया था साथ ही कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर आकाश से हैलीकाप्टर द्वारा फूल वर्षा हुई। तथा श्रद्धालुओं के लिए जगह – जगह भंडारे आयोजित किये गये थे। मुख्य सेवक भंडारा कार्यक्रम समिति ने भी भंडारे आयोजित किये।

आज केदारनाथ में मौसम साफ रहा। आस-पास तथा दूर बर्फ होने से सर्द बयारें चलती रही। कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत कल बृहस्पतिवार 9 मई शाम को भगवान केदार नाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों गुप्तकाशी, फाटा,गौरीकुंड से होते हुए श्री केदारनाथ धाम पहुंच गयी थी।

आज शुक्रवार प्रातः चार बजे से मंदिर परिसर तथा दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था उसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय रावल भीमांशंकर लिंग, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह पुजारी धर्माचार्य वेदपाठी तथा केदार सभा के पदाधिकारी तथा जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार प्रशासन के अधिकारी पूरब द्वार से मंदिर पहुंच गये उसके पश्चात रावल धर्माचार्य तथा पुजारी गणों ने द्वार पूजा शुरू की भगवान भैरवनाथ तथा भगवान शिव का आव्हान कर ठीक सुबह सात बजे बजे श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिये गये। कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया गया। उसके पश्चात श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किये।

कपाट खुलने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शुभकामनाएं दी कहा कि बीते यात्राकाल में रिकार्ड तीर्थ यात्री श्री केदारनाथ धाम पहुंचे इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार तथा मंदिर समिति यात्री सुविधाओं हेतु प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम के अनुसार 6 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ जी की पूजा हुई थी भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूति 9 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंची थी 10 मई ठीक प्रातः7 बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिये गये। कपाट खुलने के पश्चात भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप् से श्रृंगार रूप् दिया गया। तथा तीर्थ यात्रियों ने दर्शन करने शुरू किये।

जारी प्रेस विज्ञप्ति बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया गया कि कल शनिवार 11 मई को श्री केदारनाथ धाम में श्री भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुलने के साथ श्री केदारनाथ मंदिर में नित्य प्रति आरतियां एवं संध्याकालीन आरतियां शुरू हो जायेगी।

आज कपाट खुलने के समय हक-हकूकधारी सहित केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग, संस्कृति एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष मधु भटृट मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,वीरेंद्र असवाल, , मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह,कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माचार्य औकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी स्वयंबंर सेमवाल, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण, देवानंद गैरोला आदि मौजूद रहे।

रेस्क्यू अभियान जारी, प्रशासन ने कच्ची दुकानों का कराया खाली

भूस्खलन हादसे में जिन तीन मृतकों के शव मिले थे, उनकी पहचान हो गई है। तीनों नेपाली मूल के हैं। इसी के साथ अब हादसे में लापता लोगों की संख्या 20 हो गई है। तीन लोगों की मौत हुई है। शनिवार को भी दिनभर रेस्क्यू होता रहा, लेकिन लापता लोगों में से किसी का भी शव नहीं मिल पाया। जिला प्रशासन के अनुसार, रविवार को सुबह 5.30 बजे से पुनः घटनास्थल से लेकर नदी किनारे तक खोजबीन अभियान शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही कुंड में सिंगोली-भटवाड़ी जल विद्युत परियोजना के बैराज में जलपुलिस द्वारा खोजबीन की जा रही है। जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार ने बताया कि शुक्रवार को जो तीन शव बरामद हुए थे, उनकी शिनाख्त देवी बहादुर, टेक बहादुर और प्रकाश टम्टा के रूप में हुई है।
मृतकों के परिजनों ने शिनाख्त की है, जिसके बाद जरूरी कार्रवाई कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया गया है। शेष 20 लोग, जिनकी सूची पहले दिन जारी की गई थी, अभी लापता चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि लापता लोगों की खोजबीन के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि इस हादसे में लापता लोगों में 14 नेपाली मूल के हैं, जबकि चार लोग रुद्रप्रयाग जनपद के अलग-अलग गांवों के और दो अन्य राज्यों के हैं। हादसे के बाद शुक्रवार को जो तीन लोगों के शव मिले थे, उनके नाम जारी सूची में शामिल नहीं थे।
हादसे के बाद प्रशासन ने गौरीकुंड बाजार से लेकर डाटपुल से आगे एक किमी क्षेत्र में बनाई गई कच्ची दुकानों को खाली कर मशीन से ध्वस्त करना शुरू कर दिया है। पहले चरण में यहां 40 दुकानों को ध्वस्त किया गया है। बाकी दुकानदारों को भी तुरंत दुकानें खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों को समय से पूरा करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कार्य समय से पूर्ण हो इसके लिये अधिक से अधिक श्रमिकों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। रात्रि शिफ्ट में भी कार्य किए जाएँ। निर्माण सामग्री की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने अल्टरनेटिव ट्रेक रूट के शीघ्र निर्माण के लिए वन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग को मिलकर तेज़ी से कार्य करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने लिंचोली का भी मास्टर प्लान शीघ्र तैयार किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी कार्य समय पर पूर्ण हो सके इसके लिए साप्ताहिक समय सीमा निर्धारित की जाए। उन्होंने केदारनाथ के साथ ही बद्रीनाथ में बन रहे अस्पतालों के उपकरण आदि खरीदने के लिये भी शीघ्र प्रक्रिया शुरू किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान बताया गया कि संगम घाट का कार्य 18 अगस्त तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके साथ ही, एलिवेटेड ब्रिज का कार्य 31 दिसम्बर तक पूर्ण कर लिया जाएगा। बताया गया कि सिविक एमेनिटी बिल्डिंग 30 नवम्बर तक पूर्ण कर ली जाएगी।
इस अवसर पर ओएसडी भास्कर खुल्बे, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव सचिन कुर्वे एवं डॉ. पंकज कुमार पांडेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड को नए फिल्म इंडस्ट्री हब के रूप में विकसित किए जाने पर चर्चा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं अभिनेता अक्षय कुमार के बीच उत्तराखंड को नए फिल्म इंडस्ट्री हब के रूप में विकसित किए जाने पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य दिन प्रतिदिन फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक नए शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य फिल्मांकन के लिए लोगों को आकर्षित कर रहा है। राज्य सरकार भी उत्तराखंड को एक बड़े फिल्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने पर विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रही है। इसके लिए नई फिल्म नीति पर भी कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा फिल्मांकन के लिए फिल्मकारों को अनेकों सुविधाएं प्रदान की जा रही है।
अभिनेता अक्षय कुमार ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि मंगलवार को उन्हें श्री केदारनाथ धाम में बाबा केदार के दर्शन का सुअवसर प्राप्त हुआ। इस दौरान उन्होंने श्री केदारनाथ धाम में किए जा रहे पुनर्निर्माण कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने श्री केदारनाथ धाम में तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं के प्रति भी राज्य सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं के प्रयासों की सराहना की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ मुख्यमंत्री आवास परिसर का भ्रमण किया।

पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम पहुँचे स्वास्थ्य सचिव, सभी स्वास्थ्य ईकाइयों का किया निरीक्षण

अक्षय तृतीया के अवसर पर आज गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किये हैं। इस बार तीर्थयात्रियो को यात्रा मार्ग पर पहले से बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। राज्य सरकार का विशेष फोकस केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहत्तर बनाने पर रहा है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परखने सचिव डॉ आर राजेश कुमार पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचे।
चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परख रहे हैं। इस कड़ी में स्वास्थ्य सचिव ने बदरीनाथ धाम के बाद आज केदारनाथ धाम तक की पैदल यात्रा कर जगह-जगह स्वास्थ्य इकाइयों का निरीक्षण कर रहे हैं। बीते रोज देर रात स्वास्थ्य सचिव रुद्रप्रयाग पहुंचे। जहां आज सुबह स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में पढ़ने वाले 10 मेडिकल रिलीफ प्वाइंट और दो पीएचसी का निरीक्षण कर तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर छौड़ी, चीरबासा, जंगल चट्टी, भीमबली, रामबाड़ा, छोटी लिनचोली, बडी लिनचोली, छानी, रुद्रा पॉइन्ट, बेस कैम्प, केदारनाथ में मेडिकल रिलीफ प्वाइंट बनाये गये हैं।
केदारनाथ धाम पैदल यात्रा के पहले पड़ाव गौरीकुंड से पैदल शुरू हुआ सचिव स्वास्थ्य का काफिला दोपहर बाद केदारनाथ धाम में जाकर रूका। इस दौरान रास्ते में मौसम का बदला मिजाज भी देखने को मिला। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह भारी बर्फ जमी हुई देखने को मिली। बर्फबारी के बावजूद हर मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम मुस्तैद नजर आई। स्वास्थ्य सचिव ने यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले प्रत्येक मेडिकल रिलीफ प्वाइंट का बारीकी से निरीक्षण कर दवाओं का स्टॉक, ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य सामान का स्टॉक जांचा। इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने टेली मेडिसन यूनिट का भी निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने कहा टेलीमेडिन सेवा स्वास्थ्य संबधी गंभीर परिस्थिति उत्पन्न होने पर यह यात्रियों के लिए वरदान साबित होगा। इसके द्वारा किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति में 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह प्राप्त की जा सकती है। जिससे बीमारी का तुंरत उपचार शुरू हो सकेगा। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों-कर्मचारियों को पूर्ण सेवाभाव और मनोयोग से यात्रियों की स्वास्थ्य जांच व सहयोग करने की अपील की। स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य सेवाओं पर संतुष्टि जाहिर की। इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएमओ रूद्रप्रयाग डॉ बिमल गुसाईं, आईसीबीसीसी चमोली के अधिकारी श्री उदय सिहं रावत समेत अन्य स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

10 एमआरपी, 2 सीएचसी, और 5 हैल्थ एटीएम हैं स्थापित
स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर इस बार सरकार का विशेष फोकस है। यहां 10 मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गयी है। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर दो पीएचसी सेटर भी स्थापित हैं। प्रत्येक मेडिकल रिलीफ पोस्ट में चिकित्सकों के साथ ही लगभग आधा दर्जन प्रशिक्षित मेडिकल स्टॉफ तैनात किया गया है। वहीं दोनों सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सों के साथ ही एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती की गई है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पांच स्थानों पर हेल्थ एटीएम की स्वीकृति दी गई थी। इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फाटा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौरीकुंड और माधव चिकित्सालय नारायणकोटी में हेल्थ एटीएम की स्थापना कर दी गई है। एक हेल्थ एटीएम की स्थापना केदारनाथ धाम से पहले बेस कैंप के एमआरपी में की जा रही है। हेल्थ एटीएम में ब्लड प्रेशर, शुगर, वजन, लंबाई, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा आदि की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि पांचों हेल्थ एटीएम में कार्य करने वाले तकनीकि स्टॉप को बुधबार प्राथमिक) स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी में प्रशिक्षण दिया गया है।

डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की प्रयाप्त व्यवस्था
स्वास्थ्य सचिव के अनुसार यात्रा मार्ग पर ऐसे डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गयी है जो कि हृदय संबंधी रोगों के उपचार और निदान में पारंगत हों। उन्होंने कहा कि हम चारधाम यात्रा को पूरी तरह से सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए संकल्पित हैं। यात्रा मार्गों पर मौजूद अस्पतालों में डाक्टर, स्टाफ, आक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की व्यवस्था की गयी है। चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। इस बार किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

केदारनाथ मंदिर में अब गर्भगृह के भी होंगे दर्शन

केदारनाथ जाने वाले तीर्थ यात्री अब मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे। अब तक धाम में भारी भीड़ को देखते हुए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से तीर्थ यात्रियों को सभामंडप से ही बाबा के दर्शन कराए जा रहे थे। लेकिन, मानसून सीजन में तीर्थ यात्रियों की संख्या में कमी आने के कारण शुक्रवार से उन्हें गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे दी गई।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस वर्ष मई-जून में रिकार्ड तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को केदारनाथ धाम पहुंचे। इसके चलते गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और तीर्थ यात्री सभामंडप से ही बाबा के दर्शन कर रहे थे। लेकिन, मानसून सीजन में तीर्थ यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है, लिहाजा अब वे गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि शुक्रवार से मंदिर में दर्शनों का समय भी बदल दिया गया है। अब सुबह चार बजे के स्थान पर पांच बजे से धर्म-दर्शन शुरू हो रहे हैं। दोपहर बाद तीन से शाम 4ः45 बजे तक भोग-पूजा व सफाई के लिए मंदिर के कपाट बंद रखे जा रहे हैं। शाम को शृंगार पूजा के बाद रात नौ बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बदरीनाथ धाम में भी भगवान नारायण की अभिषेक पूजा सुबह पांच बजे से शुरू हो रही है। पूजा के दौरान तीर्थ यात्रियों को धर्म दर्शन की अनुमति है। शाम को विभिन्न पूजाओं के बाद रात नौ बजे कपाट बंद कर दिए जा रहे हैं। बताया कि दोनों धाम में अब तक 17 लाख 38 हजार 499 तीर्थ यात्री दर्शनों को पहुंच चुके हैं।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो में लापरवाही बर्दाश्त नही-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ में चल रहे सभी कार्य सुचारू रूप से चलते रहें, इसके लिए आवश्यक सामग्री और स्किल्ड-अनस्किल्ड लेबर की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि निर्माण सामग्री पहुंचाने हेतु भी फुल प्रूफ प्लान तैयार किया जाए ताकि किसी छोटी से छोटी सामग्री की कमी से कोई कार्य बाधित न हो। उन्होंने कहा कि निर्माण सामग्री के ट्रांसपोर्टेशन के लिए घोड़े-खच्चरों आदि की कमी नहीं हो, इसके प्रयास किए जाएं। चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या कम होने से बहुत से घोड़े खच्चर के संचालकों को निर्माण सामग्री के ढुलान में लगाए जाने हेतु प्रयास किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि स्किल्ड लेबर के साथ अनस्किल्ड लेबर को लगाकर स्किल्ड करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण सामग्री और ट्रांसपोर्टेशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए।
इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग भी उपस्थित रहे।

श्री केदारनाथ धाम पहुंचे थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे

थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने रविवार को केदारनाथ धाम पहुंचकर भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। इस दौरान उनके साथ सेना के कई अधिकारी मौजूद थे। दर्शन के बाद कुछ देर यहां रुकने के बाद वह वापस हुए। जानकारी के मुताबिक रविवार को सेना के शीर्ष कमांडर थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे सपरिवार सुबह केदारनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने भगवान केदारनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। उनके साथ सेना के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। इधर, बदरी-केदार मंदिर समिति ने सेनाध्यक्ष का स्वागत किया और उन्हें केदारनाथ का प्रसाद भेंट किया। इस मौके पर पुजारी टी गंगाधर लिंग, मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आरसी तिवारी, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, अरविंद शुक्ला ने थलसेनाध्यक्ष को भगवान केदारनाथ का प्रसाद भेंट किया।

केदारपुरी में निर्माण कार्यो का मुख्य सचिव ने लिया जायजा

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने श्री केदारनाथ में चल रहे निर्माण कार्यों का संबंधित अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया। मुख्य सचिव ने निरीक्षण के दौरान कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारपुरी में जो भी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, उन कार्यों में तेजी के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ में यात्रियों की सुविधाओं के दृष्टिगत हर संभव व्यवस्थाएं की जाएं। केदारनाथ धाम में जो भी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, उन कार्याे से केदारनाथ धाम में दर्शन करने आ रहे तीर्थ यात्रियों को कोई असुविधा न हो, इसके लिए निर्माण सामग्री को सुव्यवस्थित ढंग से रखने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने तीर्थ पुरोहितों हेतु बनाये जा रहे आवासीय भवनों का निर्माण कार्य को शीर्ष प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी, तीर्थ पुरोहितों के साथ समन्वय कर धाम के विकास कार्यों में और अधिक गति लाएं। मुख्य सचिव द्वारा चिकित्सालय कंट्रोल सेंटर, संगमघाट, मंदिर समिति का प्रशासनिक भवन, आस्था पथ आदि निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया। मुख्य सचिव ने केदारनाथ धाम में बनाये जा रहे वाटर एटीएम के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिए। निरीक्षण के बाद मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने श्री केदारनाथ के दर्शन कर पूजा-अर्चना की तथा प्रदेश की प्रगति एवं खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक रूद्रप्रयाग आयुष अग्रवाल, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी केदारनाथ योगेंद्र सिंह मौजूद रहे।