रिवर एंड स्प्रिंग रिजूवनेशन के लिए बनाई जा रही अथॉरिटी को चेक डैम तैयार करने में शामिल करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में वर्षा जल संग्रहण के संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में वर्षा काल में अत्यधिक वर्षा होती है, परन्तु बाकी समय पर पानी की समस्या रहती है। रिवर एंड स्प्रिंग रिजूवनेशन के लिए बनाई जा रही अथॉरिटी अथवा एजेंसी के उद्देश्यों में अधिकतम संख्या में चेक डैम तैयार किए जाने को शामिल किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि वर्षा जल को चेक डैम आदि के माध्यम से रोक कर जल संग्रहण किया जा सकता है, जिससे वर्षभर पानी की उपलब्धता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि जल स्रोत से उत्तराखण्ड की सीमा तक सभी नदियों का मास्टर प्लान तैयार किया जाए। साथ ही राज्य जल संरक्षण की योजना तैयार की जाए, जिस पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल की कमी को दूर करने में यह प्रदेश की 70 प्रतिशत से अधिक वन भूमि महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे प्रदेश के अधिकतम भूभाग के जल स्रोत रिचार्ज होंगे। उन्होंने कहा कि योजनाओं के मूल्यांकन का एक मैकेनिज्म विकसित किया जाए। योजनाओं के अनुश्रवण के लिए डैशबोर्ड भी तैयार किया जाए।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी एवं जलागम प्रबंधन से नीना ग्रेवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

एसीएस ने निराश्रित, बालश्रम से मुक्त बच्चों के तहसील स्तर पर अभियान चलाने के दिए निर्देश

एसीएस राधा रतूड़ी ने निराश्रित, बालश्रम से मुक्त बच्चों के तहसील स्तर पर अभियान चलाकर आधार कार्ड के साथ ही राशन कार्ड व आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने श्रमिकों विशेषकर खनन क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के लिए मोबाइल स्कूलों की व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं। एसीएस ने जिलाधिकारियों को राज्य में बाल विवाह रोकने के लिए विद्यालयी शिक्षा विभाग की मदद से कक्षा 8 के बाद स्कूल ड्रॉप आउट करने वाली बालिकाओं के आंकड़े जुटाने के निर्देश भी दिए।

सचिवालय में बालश्रम से सम्बन्धित समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में बालश्रम रोकने व अनाथ बच्चों के कल्याण, अच्छी शिक्षा व परवरिश के लिए जिला स्तर पर विभिन्न समितियों के स्थान पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता के एक अम्ब्रेला कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं।

एसीएस राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को निराश्रित व बालश्रम से रिस्क्यू किये गये बच्चों की पुनर्वास के दौरान उनकी प्रगति की निरन्तर मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए गए। उन्होंने सभी जनपदों में ऑपरेशन मुक्ति के तहत रिस्क्यू किये गए बच्चों के डाटा को निर्धारित पैर्टन पर सीआईएसएस पोर्टल पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए। एसीएस ने विशेषकर देहरादून क्षेत्र में बाल भिक्षावृति रोकने व बच्चों द्वारा ड्रग्स के प्रयोग को रोकने के लिए जॉइण्ट टास्क फोर्स गठन के निर्देश दिए । उन्होंने जनपदों में बाल विवाह रोकने के साथ ही बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं फण्ड के माध्यम से बालिकाओं की शिक्षा व अच्छी परवरिश को प्रोत्साहित करने की बात कही।

बैठक में पुलिस विभाग ने जानकारी दी कि उत्तराखण्ड में गत तीन वर्षों बालश्रम के 133 केस दर्ज हुए हैं। राज्य में विगत तीन वर्षाे में बाल विवाह के 22 केस दर्ज हुए हैं। राज्य में जेजे एक्ट को प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता है।

बैठक में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, डीआईजी पी रेणुका देवी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने 15 रक्षकों की नियुक्ति पत्र सौंपे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से चयनित सचिवालय सुरक्षा दल के 15 रक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है तथा आशा व्यक्त की सचिवालय सुरक्षा दल के चयनित रक्षक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए हम सबको अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सराहनीय कार्य कर प्रदेश के समग्र विकास में योगदान देना होगा।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी भी उपस्थित थी।

धामी कैबिनेट में यह रहे अहम फैसले, आप भी जानें…

सीएम पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट ने आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का लाभ देने के लिए विधेयक लाने को मंजूरी दी है। इसी मानसून सत्र में विधेयक सदन के पटल पर रखा जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में 22 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सूत्रों ने बताया कि यह विधेयक 2004 से तब से लागू माना जाएगा। जब से राज्य आंदोलनकारियों को नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलना शुरू हुआ था। ताकि इस अवधि में आरक्षण का लाभ लेने वाले कर्मचारियों के भी हित सुरक्षित हो सकें। दरअसल, एनडी तिवारी सरकार ने सबसे पहले आंदोलनकारियों को 2004 में आरक्षण का लाभ दिया था। तब सात दिन से अधिक जेल में रहने वाले अथवा घायलों को समूह ग के पदों पर जिलाधिकारियों के मार्फत सीधी नौकरियां दी गई थी। वहीं, सात दिन से कम जेल में रहने वाले अथवा चिन्हित आंदोलनकारियों को 10 फीसदी आरक्षण देनेका प्रावधान किया था। लेकिन ये सभी लाभ जीओ के आधार पर मिल रहे थे।

26 अगस्त, 2013 को हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी थी, जबकि मार्च 2018 में आरक्षण के लाभ सेसंबंधित जीओ, नोटिफिकेशन और सरकुलर सभी को खारिज कर दिया था। दिसंबर,15 में हरीश रावत सरकार ने विधानसभा के सदन में विधेयक पारित कर राजभवन को भेजा था, लेकिन तब से यह विधेयक राजभवन में लंबित पड़ा रहा।

सितंबर, 22 में धामी सरकार ने इस विधेयक को राजभवन से वापस मंगाते हुए आंशिक संशोधन के लिए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में सब कमेटी गठित की थी।

मार्च, 23 में गैरसैंण कैबिनेट बैठक में सब कमेटी की सिफारिशें लागू करने व नए सिरे से संशोधित विधेयक लाने को हरी झंडी दी गई। अब धामी सरकार आंदोलनकारियों से किए वादे के मुताबिक उसे साकार करने जा रही है।

कैबिनेट के प्रमुख फैसले
-संविदा, तदर्थ व नियत वेतनमान कर्मचारियों को भी बाल्य देखभाल व पितृत्व अवकाश
– उत्तराखंड आयुष नीति को मंजूरी
-सरकारी विश्व विद्यालय के लिए अंब्रेला एक्ट
-निजी विश्व विद्यालयों में 25 फीसदी सीटें स्थानीय छात्रों के लिए आरक्षित
-स्टेट इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट रामनगर के ढांचा स्वीकृत
-एकल संवर्गपदों पर रिजल्ट घोषित होनेपर प्रतीक्षा सूची भी बनेगी
-अनुपूरक बजट को मंजूरी
-इंदिरा मार्केट रि डेवलपमेंट परियोजना को मिला एक्सटेंशन
-उत्तराखंड माल एवं सेवाकर संशोधन विधेयक को मंजूर

सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर मुख्य सचिव ने ली जिलाधिकारियों की वर्चुअल बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में सरकारी संपत्तियों से अतिक्रमण हटाए जाने के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए उसका चिन्हांकन किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी भूमि के चिन्हांकन के साथ ही भूमि के रिकॉर्ड ठीक करने के लिए भी अलग से टीम लगाई जाए। उन्होंने कहा कि जिस सरकारी भूमि पर कोई अतिक्रमण नहीं है, उस भूमि को सुरक्षित रखने के लिए सीमांकन आदि का कार्य पूर्ण करा लिया जाए। जिन भूमियों पर अतिक्रमण हो चुका है, उन्हें खाली करवाया जाए, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अतिक्रमण फिर से न हो सके। भूमियों पर अतिक्रमण न हो इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि भूमि किसके नाम दर्ज है, यह देखने के लिए पिछले 60, 70 या 80 वर्षों के रिकॉर्ड की भी जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही भूमि का रिकॉर्ड के लिए पोर्टल तैयार हो जाएगा। आगे से इसी पोर्टल पर भूमि की सम्पूर्ण जानकारी अपलोड की जाएगी।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से सरकारी भूमि के चिन्हांकन में आ रही समस्याओं के सम्बन्ध में भी जानकारी ली एवं इनके निराकरण के लिए सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए डिजिटल मैप तैयार किए जाएं। फोटो एवं वीडियो के माध्यम से लगातार अतिक्रमण रोकने के प्रयास किए जाएं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं अपर सचिव नितिन भदौरिया सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

सचिवालय में लगी राखी की स्टॉलें, सीएम की कलाई पर बहनों ने बांधी राखी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाये गये राखी के स्टॉलों का अवलोकन किया। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और उन उत्पादों की अच्छी बिक्री हो, इस उद्देश्य से राज्य में ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ शुरू की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश के सभी विकासखण्डों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 24 से 28 अगस्त 2023 तक राखियों के स्टॉल लगाये जा रहे हैं। स्टॉलों के अवलोकन के दौरान स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने मुख्यमंत्री की कलाई में राखी भी बांधी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके बाद सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से सभी जनपदों से जुड़ी महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने सभी से उनके द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों एवं उनकी बिक्री की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जो भी स्थानीय उत्पाद बनाये जा रहे हैं, उनमें हमें गुणवत्ता और पैकेजिंग का विशेष ध्यान रखना है। उन्होंने कहा कि हमारी बहनों ने जब भी कोई संकल्प लिया है, उसे सिद्धि तक पहुंचाया है। ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ को और बेहतर बनाया जायेगा। जिसमें महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनके लिए अच्छे मार्केट की व्यवस्था भी की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिला स्वयं सहयता समूहों द्वारा नये उत्पाद बनाने के लिए अनेक नवाचार किये गये हैं। उनके द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों से अपील भी की है कि त्योहारों एवं विशेष पर्वों पर महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये गये स्थानीय उत्पादों को जरूर खरीदें। ‘वोकल फॉर लोकल’ से जहां हमारे उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय स्तर लोगों की आजीविका भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय कार्य हो रहे हैं।
संवाद के दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों ने बताया कि रक्षा बंधन के अवसर पर उनके द्वारा भोजपत्र, ऐपण, वैजयंती माला, पिरूल एवं अन्य स्थानीय उत्पादों पर आधारित राखियां बनाई गई हैं। जिनकी बाजार में मांग भी बहुत है। सभी जनपदों में जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय उत्पादों पर आधारित राखियों की बिक्री के लिए स्टॉल भी लगाये गये हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सराहना की एवं उनका आभार भी व्यक्त किया।
सचिवालय में गीता पुष्कर सिंह धामी ने भी महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाये गये राखी के स्टॉलों का अवलोकन किया।
इस अवसर पर अपर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, प्रेमचन्द अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्या, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, आयुक्त ग्राम्य विकास आनन्द स्वरूप, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी एवं सीडीओ उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने बद्रीनाथ मास्टर प्लान व केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय स्थित अपने सभागार में बद्रीनाथ मास्टर प्लान एवं केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों के अधिकारियों सहित बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में कार्य कर रहे ठेकेदारों के साथ प्रत्येक कार्य के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की।
मुख्य सचिव ने कार्यों के पूर्ण होने की तिथि निर्धारित करते हुए समय सीमा में कार्यों को पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियों एवं मौसम के खराब होने के कारण कार्य किया जाना आसान नहीं है, परन्तु जो काम किए जा सकते हैं उन्हें जरूर किया जाए। उन्होंने कहा कि जो भवन तैयार हो गए हैं उनके भीतर जो भी कार्य होने हैं उन्हें समय से शुरू कर दिया जाए। अत्यधिक ठंड के कारण श्रमिकों को कार्य करने में समस्या हो रही होगी, इसके लिए अलाव एवं हीटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सितम्बर माह के पहले सप्ताह के उपरान्त चिनूक हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध हो जाएगा, जो भी भारी निर्माण सामग्री चिनूक के माध्यम से पहुंचायी जानी है उसके लिए अभी से पूर्ण तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे एवं डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चमोली एवं रूद्रप्रयाग जनपद के जिलाधिकारी उपस्थित थे।

खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर मुख्य सचिव ने उच्चाधिकारियों के साथ की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में खाद्य पदार्थों में मिलावट के सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए ठोस योजना तैयार कर मिलावटखोरों पर कठोर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश में टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने और इनके निर्माण में तेजी लाने के भी निर्देश दिए है। कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए नियमित रूप से अभियान चलाए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाए जाने के साथ ही मिलावट के प्रति आमजन को जागरूक किया जाये। उन्होंने प्रयोग हो चुके खाद्य तेल से होने वाले नुक़सान से दुकानदारों और आमजन दोनों को छोटी छोटी वीडियोज़ के माध्यम से जागरूक किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों की जानकारी देने वालों को रिवार्ड भी दिया जाना चाहिए ताकि लोग जानकारी देने को प्रोत्साहित हों। उन्होंने मिलावट से संबंधित सभी मामलों को फास्ट ट्रैक पर निपटाने के निर्देश दिए। कहा कि मिलावट के गंभीर मामलों पर प्राथमिकता के साथ शीघ्र से शीघ्र फैसला किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि नियमित जांच और कठोर कार्रवाई से ही खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी को रोका जा सकता है। उन्होंने इसके लिए ठोस एक्शन प्लान के साथ ही इसके कार्यान्वयन की टाइम लाइन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने स्वच्छता रेटिंग प्रमाणीकरण कार्यक्रम को अभियान के तौर पर पूरे प्रदेश में शुरू किए जाने के भी निर्देश दिये।
बैठक के दौरान बताया गया कि एफडीए उत्तराखण्ड द्वारा रूको के तहत् प्रयोग किये जा चुके खाद्य तेल को पिछले वर्ष की मात्रा 3046 लीटर से इस वर्ष बढ़ाकर लगभग 8000 लीटर जब्त किया गया है। खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने को लगातार अभियान चलाये जा रहे हैं। बताया गया कि इस बार खाद्य एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश के साथ संयुक्त रूप से आपूर्ति स्रोत पर भी कार्रवाई की गई है।
इस अवसर पर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन उत्तराखण्ड डॉ. आर. राजेश कुमार सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

जल स्रोतों को बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में जल जीवन मिशन के तहत हो रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है जिसे निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण किया जाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में विशेषकर दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, इसके लिए हम सबको इस योजना को सफल बनाने को दिशा में काम करना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि यदि कहीं योजना पूर्ण होने के बावजूद 55 एमएलडी पानी नहीं मिल पा रहा है तो नए प्रस्ताव भेजे जाएं। जिन जनपदों ने इस दिशा में अच्छा कार्य किया है उन्हें बधाई देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य जनपदों को भी इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने यूपीसीएल को योजना के लिए विद्युत कनेक्शनों को शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन भूमि हस्तांतरण मामलों को भी लगातार निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने जल स्रोतों को बनाए रखने हेतु भी कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जल स्रोतों को रिचार्ज करने हेतु चेक डैम और रिचार्ज पिट सहित वनीकरण आदि कार्य लगातार संचालित किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि योजना के दीर्घकालीन संचालन के लिए जल स्रोतों को बनाए रखना अतिआवश्यक है। मुख्य सचिव ने योजनाओं के संचालन और रखरखाव पर भी विशेष बल दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि स्थानीय लोगों को प्लंबर और फिटर आदि का प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कार्यों को निर्धारित समय में पूर्ण किए जाने हेतु मैन पावर बढ़ाए जाने के साथ ही जिलाधिकारियों को लगातार समीक्षा किए जाने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी सहित सम्बन्धित उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

एसीएस ने ली सभी जिला स्तरीय विकास प्राधिकरणों की बैठक

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में आज सचिवालय में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण/विकास प्राधिकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में पार्किंग परियोजनाओं, प्राधिकरण स्तर पर संचालित अन्य परियोजनाओं, महायोजना, सिटी मोबलिटी प्लान यूनिटी मॉल, लैण्ड बँक, शेल्टर फण्ड, फसाड पॉलिसी, टी०डी०आर० एवं पार्किंग पॉलिसी तथा प्राधिकरणों में मानचित्रों के निस्तारण, ई-ऑफिस/ईज एप्प के साथ-साथ प्री एप्रूवल मैप/सेल्फ सर्टिफिकेशन आदि की समीक्षा की गयी।

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने निर्देश दिये कि विकास प्राधिकरण मानचित्र स्वीकृति को सर्वसुलभ व आसान बनाये जाने के साथ-साथ निर्धारित अवधि में स्वीकृत कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण स्तर पर संचालित पार्किंग परियोजनाओं को तीव्र गति से पूर्ण करते हुए टर्नल व मैकेनिकल पार्किंग हेतु सम्भावनायें तलाशी जाए। स्थानीय स्तर पर पार्किंग विकासित किये जाने हेतु उत्तराखण्ड पार्किंग नियमावली के अन्तर्गत निजी भू-धारकों से प्रस्ताव प्राप्त करने में तेजी लायी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये गये कि प्राधिकरण स्तर पर चलाये जाने वाली समस्त योजनाओं के प्रभावी नियोजन के लिए समय सारणी बनायी जाए ताकि परियोजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित समय सीमा के तहत किया जा सके।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि शहरों की यातायात व्यवस्था के नियोजन के लिए सिटी मोबेलिटी प्लान तैयार किया जाये तथा महायोजना निर्माण में सिटी मोबेलिटी प्लान के आधार पर प्राविधान किये जाए। महायोजना के विकास में आर्थिक संसाधनों का भी ध्यान रखा जाए जिससे महायोजनायें शहर के विस्तार को आर्थिक रूप से समृद्ध किये जाने में सहायक सिद्ध हो सके। उन्होंने कहा कि प्राधिकरणों को प्राप्त वाले शेल्टर फण्ड का उपयोग दुर्बल आय वर्ग के आवासों के निर्माण में किया जाए।

बैठक में चर्चा के दौरान भारत सरकार की हर शहर में यूनिटी मॉल तैयार किये जाने की योजना को ऋषिकेश, देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार तथा उधमसिंहनगर में चिन्हित भूमि की डी०पी०आर० तैयार कर आवश्यक रूप से उपलब्ध कराये जाने के भी निर्देश दिये गये, जिससे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों का एक साथ विपणन की सुविधा प्रदान की जाए सके।

बैठक में एस०एन० पाण्डेय सचिव आवास, बंशीधर तिवारी उपाध्यक्ष मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, हरिशचन्द काण्डपाल उपाध्यक्ष जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण उधमसिंहनगर, अंशुल सिंह उपाध्यक्ष हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण, पी०सी० दुम्का संयुक्त मुख्य प्रशासक उड़ा, एस०एस० श्रीवास्तव नगर नियोजक सहित सभी प्राधिकरणों के सचिव मौजूद रहे।