आगामी चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए अभी से पूरा प्लान बनाकर कार्य करेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक लेते हुए कहा कि केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के शीतकालीन प्रवास स्थलों की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को जीएमवीएन के होटलों में किराये पर 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शीतकालीन यात्रा स्थलों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। इस यात्रा के लिए विभिन्न माध्यमों से विभिन्न राज्यों में व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए। उन्होंने कहा कि शीतकालीन यात्रा राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने में भी गेम चेंजर साबित होगी। पंच बद्री और पंच केदार के साथ ही शीतकालीन यात्रा प्रवास के आस-पास के प्रमुख स्थलों को विकसित करने के भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।

आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने संबधित जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि इस बार चारधाम यात्रा में जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उनका उचित समाधान कैसे किया जा सकता है, इस पर एक सप्ताह में शासन को रिपोर्ट प्रेषित करें। चारधाम यात्रा मार्गों पर प्रमुख आबादी वाले क्षेत्रों और होटलों के आस-पास सुव्यवस्थित पार्किंग बनाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य के मान और सम्मान से जुड़ी यात्रा है। यात्रा को सुविधायुक्त बनाना और श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में हर साल तेजी से वृद्धि हो रही है। चारों धामों में जुटाई गई अवस्थापना विकास की सुविधाओं के दृष्टिगत कैरिंग कैपिसिटी बढ़ाने की दिशा में कार्य किये जाएं। चारधामों के आस-पास के प्रमुख पौराणिक स्थलों को विकसित किया जाए और उनका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। चारधाम यात्रा मार्गों में सड़क, पेयजल, स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। यमुनोत्री के दर्शन के लिए वैकल्पिक मार्ग पर भी कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए स्टेक होल्डरों के साथ शासन स्तर पर बैठक की जाए। स्टेक होल्डरों से सुझाव लेकर यात्रा प्रबंधन के लिए जो अच्छा हो सकता है, वह किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में होने वाले आगामी अर्द्धकुंभ के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाए। यह बड़ा आयोजन होता है, इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए अभी से हर क्षेत्र में कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर पर भी तेजी से कार्य किये जाएं। पूर्णागिरी और कैंची धाम में दर्शनार्थियों की सुविधा के दृष्टिगत वैकल्पिक मार्गों की दिशा में कार्य किया जाए और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना के साथ कार्य किए जाएं। आगामी नंदा देवी राजजात यात्रा के दृष्टिगत भी तैयारियां शुरू की जाए। प्रयागराज कुंभ के लिए राज्य से परिवहन की उचित व्यवस्था करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में आने वाले आगंतुकों और महानुभावों को सम्मान और उपहार में उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पाद ही प्रदान किये जाएं। इससे वोकल फॉर लोकल को भी बढ़ावा मिलेगा और हमारे स्थानीय उत्पादों को व्यापक स्तर पर अलग पहचान मिलेगी।

बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज पाण्डेय, बृजेश कुमार संत, एच.सी. सेमवाल, विनय शंकर पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी अंशुमन, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं वर्चुअल माध्यम से चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।

सीएम ने दिए जमरानी बांध परियोजना पर कार्यों में शीघ्रता लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए विस्थापन की कार्यवाही जल्द की जाए। जिन प्रभावित परिवारों को विस्थापित किया जाना उनकी यथासंभव सहमति के आधार पर शीघ्र भूमि उपलब्ध कराई जाए। जिन परिवारों को विस्थापन किया जायेगा, उनके लिए सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। प्रभावित परिवारों से बातचीत कर सहमति के आधार पर सामुदायिक भवन, मंदिर, संड़क एवं अन्य कोई निर्माण करने की आवश्यकता हो तो किये जाएं। जमरानी बांध परियोजना पर कार्यों में और तेजी लाने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये।

सौंग बांध पेयजल परियोजना से देहरादून शहर की लगभग 11 लाख आबादी को प्रतिदिन 150 एम.एल.डी. पेयजल की आपूर्ति होगी। जिससे भूजल स्तर में भी सुधार होगा। बांध के डाउनस्ट्रीम में स्थित 10 गांवों की लगभग 15 हजार आबादी की बाढ़ से सुरक्षा भी होगी।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, एस.एन. पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, ललित मोहन रयाल, सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर जयपाल सिंह एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सचिवों द्वारा अपने स्थान पर अन्य अधीनस्थ अधिकारियों को भेजने की प्रवृति व गैर जिम्मेदाराना रवैये पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश

सशक्त उत्तराखण्ड @ 25 से सम्बन्धित बैठक सहित सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित सभी महत्वपूर्ण समीक्षा बैठकों में सचिव स्तर के अधिकारियों की गैर मौजूदगी तथा बैठकों को गम्भीरता से ना लेने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बैठकों में सचिवों की अनिवार्यतः उपस्थिति हेतु निर्देश जारी किए हैं। सीएस राधा रतूड़ी ने भविष्य में सभी महत्वपूर्ण समीक्षा बैठकों में अपेक्षित सचिवों के अनुपस्थिति पर उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठकों में अपेक्षित सचिवों द्वारा अपने स्थान पर अपर सचिव या अन्य अधीनस्थ अधिकारियों को भेजने की प्रवृति व गैर जिम्मेदाराना रवैये पर मुख्य सचिव ने आज सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड @ 25 से सम्बन्धित तकनीकी समीक्षा समिति की बैठक में अनुपस्थित रहे सभी सचिवों को अपने कार्यालय में तलब कर कड़ी फटकार लगाई तथा भविष्य हेतु अपेक्षित बैठकों में अनिवार्य उपस्थिति के लिए निर्देश जारी किए।

सभी विभागों को सशक्त उत्तराखण्ड @25 के लक्ष्यों को शीर्ष प्राथमिकता व अत्यन्त गम्भीरता से पूरा करने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि सशक्त उत्तराखण्ड @25 के तहत राज्य के सम्पूर्ण विकास के लिए प्रत्येक विभाग को दिए गए लक्ष्यों की नियमित समीक्षा की जाएगी। उन्होंने विभागवार बनाई गई कार्ययोजनाओं के क्रियान्वयन की प्राथमिकता के आधार पर समीक्षा के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने विभागों को निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए धरातल पर कार्य करने के साथ भविष्य की कार्ययोजना पर तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। सभी विभागाध्यक्ष अवशेष समय में विकास के सभी लक्ष्य पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी कार्ययोजनाओं को पूरे मनोयोग के साथ धरातल पर उतारा जाए।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम सहित सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

सीएम ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों तथा रैनफाल की तकनीकी संस्थानों से अध्ययन कराये जाने के दिये निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में शासन के उच्चाधिकारियों एवं वीडियो क्रांफ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास से संबंधित कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से जनपदों में अतिवृष्टि से हुए नुकसान तथा राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को वरूणावत भूस्खलन क्षेत्र के तकनीकी अध्ययन के लिए आई.आई.टी रूड़की एवं टी.एच.डी.सी. से सहयोग के निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में पूर्व में हुए अध्ययनों का भी संज्ञान लिया जाए ताकि लैंडस्लाइड जोन के उपचार की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित हो। उन्होंने जानकीचट्टी के आसपास के क्षेत्रों के उपचार एवं विस्तारीकरण के कार्यों में भी तेजी लाए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से भूस्खलन क्षेत्रों की सूची तैयार करने तथा बरसात समाप्त होते ही सड़क मरम्मत सहित अन्य पुर्ननिर्माण योजनाओं पर तेजी से कार्य किए जाने के लिए टेण्डर प्रक्रिया अविंलब प्रारंभ करने को कहा। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग के मरम्मत के साथ ही भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों तथा रेनफाल की स्थिति की भी तकनीकि संस्थानों से अध्यनन कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में होने वाले पुर्ननिर्माण कार्यों पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने भूस्खलन से संबंधित चेतावनी प्रणाली को विकसित किये जाने तथा आपदा की चुनौतियों का आपसी समन्वय से सामना किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आपदा मद में धनराशि की सीमा बढ़ाये जाने से निर्माण कार्य बेहतर ढंग से हो सकेंगे। आपदा पीड़ितो की सहायता एवं पुननिर्माण कार्यों के लिए धनराशि की कमी न होने देने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कारण विकास कार्य प्रभावित न हो इस दिशा में भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने 7-8 जुलाई को सितारंगज टनकपुर बनबसा तथा तराई भाबर के क्षेत्रों में दशकों बाद भारी मात्रा में पानी जमा होने तथा बाढ़ की स्थिति पैदा होने की स्थिति के भी अध्ययन की जरूरत बताई। उन्होंने जल निकासी प्रणाली तथा ड्रेनेज सिस्टम को और प्रभावी बनाये जाने के भी निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों की जिलाधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए इसके रिस्पांस टाइम को और बेहतर बनाये जाने को कहा। उन्होंने कहा कि आपदा पीड़ितों की तुरंत मदद करना हमारी जिम्मेदारी है। हम आपदा को रोक तो नहीं सकते है, लेकिन उसके प्रभाव को पीड़ितो की मदद कर कम कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से वृक्षारोपण की रिपोर्ट तैयार करने तथा अमृत सरोवरों की स्थिति की भी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। सभी कार्य धरातल पर दिखाई दे, यह भी सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितंबर में भी भारी वर्षा की संभावना के दृष्टिगत सभी अधिकारी सतर्क रहे तथा वर्षा के बाद होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिए।

सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में आपदा की स्थिति, राहत, पुनर्वास तथा पुनर्निर्माण से संबंधित कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपदा मद में हुई धनराशि वृद्धि से क्षतिग्रस्त सम्पत्तियों, आवासीय भवनों, मूलभूत सेवाओं को सुचारू किये जाने तथा वृहद योजनाओं को भी पुननिर्मित करने में मदद मिलेगी।

बैठक में उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन विनय रोहिला, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु,, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, सचिव आर. राजेश कुमार, एस.एन.पाण्डेय, रविनाथ रामन, डॉ पंकज कुमार पाण्डे, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, बी.आर.ओ के अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम को धरातल में उतारने के लिए समन्वय से हों कार्यः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वयं प्लास्टिक की बोतल को बार कोड से स्कैन कर डिजिटल पेमेंट प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक की खपत को कम करने एवं अधिक से अधिक प्लास्टिक को रिसाइकल कर, उसे इस्तेमाल में लाने के लिए डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा डिजिटल डिपॉजिट रिफन्ड सिस्टम को धरातल में उतारने के लिए समन्वय से कार्य किये जाएं। यह पहल चार धाम यात्रा एवं अन्य पर्यटन स्थलो में भी कूड़े की खपत को कम करते हुए स्वच्छता का वातावरण बनाने में सहायक सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक की समस्या संपूर्ण विश्व के लिए चुनौती बन गई है। धार्मिक और पर्यटन स्थलों में प्लास्टिक की बड़ी समस्या के तौर पर सामने आती है। इसके समाधान हेतु राज्य सरकार ठोस कदम उठा रही है। राज्य में स्वच्छता का वातावरण बनाते हुए क्लीन उत्तराखंड, ग्रीन उत्तराखंड पर सरकार विशेष फोकस कर रही है। राज्य की प्राकृतिक संपदा हम सभी के जीवन का अभिन्न अंग है, इसको सुरक्षित रखना भी हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल डिपोजिट रिफन्ड सिस्टम को 2 साल पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उत्तराखंड में लाया गया था। जिसके सफल संचालन के लिए उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2022 से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा नदियां, जंगल, पहाड़ राज्य की धरोहर और पहचान है। प्लास्टिक हमारी इन धरोहरों को खतरे में डाल रही है। जिसके निस्तारण के लिए राज्य सरकार विज्ञान एवं आधुनिक तकनीक के प्रयोग से कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। जिससे भारत में स्वच्छता के क्षेत्र में नई क्रांति का संचार हुआ था। नमामि गंगे योजना के तहत गंगा की स्वच्छता के लिए अनेक कार्य हो रहे हैं।

इस अवसर पर जानकारी दी गई कि डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के माध्यम से पहाड़ी क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण सरल हो जाएगा। डी.डी.आर.एस के तहत प्लास्टिक बोतल/प्लास्टिक पदार्थों का उत्पादन करने वाली ईकाईयों द्वारा ’क्यूआर कोड सिस्टम’ जनित किया जायेगा, जिससे उपभोगताओं द्वारा प्लास्टिक पैकेजिंग में भण्डारित पदार्थों का प्रयोग करने के पश्चात् प्लास्टिक अपशिष्ट को नज़दीकी डी.डी.आर.एस सेंटर को वापस किया जायेगा व बार कोड स्कैन करने के पश्चात् उपभोगता को प्रत्येक प्लास्टिक अपशिष्ट पर एक निश्चित धनराशि वापस की जायेगी। डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के लागू होने से प्लास्टिक कचरे को सर्कुलर इकोनॉमी में वापस लाया जा सकेगा, जिससे संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित हो सकेगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ धनंजय मोहन, विशेष सचिव/मेंबर सेक्रेटरी, उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव युगल किशोर पंत, आलोक कुमार पाण्डेय एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने बैंकों से सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में अधिकाधिक प्रतिभागिता करने की अपेक्षा की

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि बैंकों द्वारा भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रहे सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में अधिकाधिक प्रतिभागिता की जानी चाहिए ताकि राज्य के अधिक से अधिक जन मानस को इन योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके। मुख्य सचिव राधा रतूडी द्वारा सचिवालय में उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के वार्षिक प्रतिवेदन वित्तीय वर्ष 2023-24 का विमोचन किया गया।

मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक की उत्कृष्टता और ग्राहक सन्तुष्टि के प्रति प्रतिबद्वता सराहनीय है। बैंक द्वारा एनआरएलएम क्रेडिट लिंकेज और पीएमएफएमई में राज्य में शीर्ष बैंकों में स्थान प्राप्त करने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा सोर्सिंग और दावों में वास्तव में प्रंशसनीय कार्य किया है। ग्रामीण आजीविका का समर्थन करके पीएमएफएमई के माध्यम से सूक्ष्म उद्यमों को सशक्त बनाने और मजबूत सामाजिक सुरक्षा तंत्र सुनिश्चित करने में बैंक का निरन्तर प्रयास लोगों के जीवन और समुदायों को बदलने में महत्वपूर्ण सहायक रहा है।

इस अवसर पर जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत कुल 290 शाखाओं में से 219 शाखायें ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत हैं, एवं 624़ ग्राहक सम्पर्क केन्द्रों के माध्यम से सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत बैंकिंग सुविधायें दी जा रही हैं। उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक में भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार एवं भारतीय स्टेट बैंक का क्रमशः 50, 15 एवं 35 अंशधारिता है तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान बैंक ने विशुद्व रू0 75 करोड़ का लाभ अर्जित किया गया है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक की विभिन्न शाखाओं के माध्यम से 72 लोगों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत रू0 1.44 करोड़ तथा 169 लोगों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अन्तर्गत रू0 3.38 करोड़ के दावों का भुगतान किया गया है।

इस अवसर पर बैंक अध्यक्ष हरिहर पटनायक एवं महाप्रबन्धक (प्रशासन) अमिता रतूड़ी भी मौजूद रहे।

धामी कैबिनेट में यह हुए महत्वपूर्ण निर्णय, जानिए…

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में 36 प्रस्तावों पर मुहर लगी है. मुख्य रूप से नगर निकायों के लिए ओबीसी आरक्षण एक्ट को विचलन से मंजूरी मिलने के बाद संबंधित प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के सम्मुख रखा गया था। जिस पर मंत्रिमंडल ने निकायों के ओबीसी आरक्षण एक्ट के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत कर दिया है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा को नगर निगम बनाने की मंजूरी मंत्रिमंडल में दे दी है।

पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा को नगर निगम बनाने के प्रस्ताव पर मंजूरीरू शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि कैबिनेट बैठक के दौरान 36 प्रस्तावों पर मुहर लगी है. जिसमें मुख्य रूप से पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा को नगर निगम बनाने के प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई है. डोईवाला अभी तक सी ग्रेड की नगर पालिका थी जिसको सी-वन ग्रेड में लाने के प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई है. ऐसे में सरकार बहुत जल्द निकाय चुनाव कराने की दिशा में आगे बढ़ेगी. साथ ही कहा कि निकायों के ओबीसी आरक्षण एक्ट के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है. ऐसे में नगर निकायों के पहले सीमांकन की कार्य पूरा होगा उसके बाद ओबीसी का आरक्षण कर निकाय चुनाव कराया जाएगा.

धामी मंत्रिमंडल ने इन प्रस्तावों पर लगाई मुहर

नगर पालिका परिषद डोईवाला का उच्चीकरण श्रेणी 3 से 1 में किया गया
उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 एवं उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 में संशोधन को विधानसभा के पटल पर रखने को मंजूरी
नगर पालिका परिषद नगला की सीमा से गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी को बाहर किया जाएगा
खेल विश्वविद्यालय की सघण्या के लिए उत्तराखंड खेल विवि विधेयक, 2024 को विधानसभा के पटल पर रखने की मंजूरी
उत्तराखंड होमगार्ड कल्याण कोष संशोधन, नियमावली 2024 को प्रख्यापित करने को मंजूरी
उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2024 को विधेयक के लिए विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा
पंच केदार-पंच बद्री को उत्तराखंड पर्यटन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किए जाने के लिए संस्थान के चयन को मंजूरी
जेडीए-एलआर एक्ट उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि अधिनियम 1950, संशोधन के लिए विधेयक लाने को मंजूरी
पौड़ी जिले के कोटद्वार में नवीन केंद्रीय विद्यालय की स्थापना हेतु प्रस्तावित भूमि का निशुल्क आवंटन किया जाएगा. इसके अतिरिक्त राज्य में नवीन केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए निशुल्क भूमि आवंटित की जाएगी
उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना 2024 के प्रख्यापन किए जाने के संबंध में कैबिनेट की मंजूरी
अन्य पिछड़ा जाति (पूर्वदशम एवं दशमोत्तर) तथा ई.बी.सी छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्गत नवीन दिशा निर्देशों को प्रदेश में लागू किए जाने के संबंध में कैबिनेट की मंजूरी
उत्तराखंड अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग में अधिनियम के प्रावधानुसार आयोग का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 को विधानसभा के पटल पर रखे जाने के संबंध में कैबिनेट की मंजूरी
उत्तराखंड कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा विभाग (लिपिकवर्गीय) सेवा नियमावली 2024 के प्रख्यापन के संबंध में कैबिनेट की मंजूरी
उत्तराखंड पुलिस उप निरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक पुलिस/ अभिसूचना) सेवा (संशोधन) नियमावली 2024 के प्रख्यापन के संबंध में कैबिनेट की मंजूरी
होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के अंतर्गत केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान हेतु पदों के सृजन संबंधी शासनादेश संख्या 03 दिनांक 03 जनवरी 2017 में भाषायी त्रुटि और कतिपय पदों के वेतनमान/ग्रेड वेतन/पदनाम को निम्रकृत/संशोधित किए जाने के संबंध में कैबिनेट की मंजूरी
उत्तराखंड नगर निगम (स्थानों और पदों का आरक्षण एवं आवंटन) नियमावली 2024 और उत्तराखंड नगर पालिका (स्थानों और पदों का आरक्षण एवं आवंटन) नियमावली 2024 के प्रख्यापन के संबंध में कैबिनेट की मंजूरी
नगर पालिका परिषद अल्मोड़ा को उच्चीकृत कर नगर निगम बनाए जाने के संबंध में कैबिनेट की मंजूरी
नगर पालिका परिषद पिथौरागढ़ को उच्चीकृत कर नगर निगम बनाए जाने के संबंध में कैबिनेट की मंजूरी
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति 2015 ( यथासंशोधित ) के अंतर्गत प्रदत्त वित्तीय प्रोत्साहनों की अनुमन्यता हेतु ब्।थ् पर सैद्धांतिक स्वीकृति की तिथि के संबंध में छूट प्रदान किए जाने पर कैबिनेट की मंजूरी
ग्राम्य विकास विभाग- उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर की सूची में अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, ग्राम्य विकास एवं आयुक्त, ग्राम्य विकास को उत्तराखंड ग्राम विकास एवं पंचायतीराज संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस में सदस्य के रूप में शामिल किए जाने को मंजूरी
उत्तराखंड खनन (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण का निवारण) नियमावली 2024 के नियम-14 के उपनियम(5) में संशोधन किए जाने हेतु एकमुश्त योजना (वन टाइम सेटलमेंट) योजना को पुनः लागू किए जाने के संबंध में मंजूरी प्रदान की गई
उत्तराखंड भूतल एवं खनिकर्म खनिज पर्यवेक्षक सेवा नियमावली 2024 के प्रख्यापन को मंजूरी
उत्तराखंड भूतत्व एवं खनिकर्म अधीनस्थ प्राविधिक सेवा नियमावली 2024 के प्रख्यापन को मंजूरी
समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत देहरादून के रायवाला में 50 वृद्धजनों की क्षमता वाले नवनिर्मित वृद्ध एवं सशक्त आवास गृह के संचालन हेतु कुल 7 पदों के सृजन को मंजूरी. इसके अतिरिक्त राज्य के प्रत्येक जनपद में वृद्ध एवं अशक्त आवास गृह के निर्माण को मंजूरी
उत्तराखंड प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी अधीनस्थ अधिकारी सेवा(संशोधन) नियमावली 2024 के प्रख्यापन को मंजूरी
उत्तराखंड बंदी की मृत्यु पर प्रतिकर/मुआवजा राशि के भुगतान की नीति(2024) को मंजूरी. इसके अंतर्गत 2 लाख से 5 लाख तक की मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी
उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ की हड़ताल अवधि में वेतन का समायोजन संबंधित कार्मिकों के उपार्जित अवकाश किए जाने के संबंध में निर्णय
कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के अंतर्गत सगंध पौधा केंद्र, सेलाकुई में फील्ड सहायक/मास्टर ट्रेनर के 9 अस्थाई पद सृजित करने को मंजूरी
कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के अंतर्गत भगवानपुर मंडी को प्रधान मंडी बनाया जाएगा
शहरी विकास विभाग के अंतर्गत नगर पालिका परिषद रामनगर के सीमा विस्तार को मंजूरी
शहरी विकास विभाग के अंतर्गत नगर पालिका परिषद कर्णप्रयाग से सेमीग्वाड़ क्षेत्र को पृथक किए जाने के संबंध में मंजूरी
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी सुधार एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी अनुभाग-2 के अंतर्गत संचालित स्वायत्तशासी संस्था, उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (न्-ब्व्ैज्) में खाली पदों को अनफ्रीज कर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ किए जाने के संबंध में 6 पद फ्रीज को अनफ्रीज कर दिया गया

सरकार की योजनाओं से महिला समूहों को आगे बढ़ने में मिल रही मददः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना एवं मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत महिला समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इन स्टॉलो का अवलोकन करते हुए स्थानीय उत्पादों (घी एवं अन्य) की खरीदारी भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। राज्य की महिलाएं समूहों के माध्यम से बहुत बेहतर उत्पाद बना रही है। समूहों के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को नई पहचान मिल रही है एवं रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षा बंधन से पूर्व स्वयं सहायता समूह द्वारा राखियां बनाई जा रही हैं। सरकार द्वारा महिलाओं को अपने उत्पाद बेचने के लिए उन्हें सुविधा अनुसार मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने समस्त प्रदेशवासियों से आगामी रक्षा बंधन के लिए स्थानीय स्तर पर बनी राखियों एवं अन्य उत्पाद खरीदने का आग्रह किया।

सचिवालय में बड़ोवाला से देवभूमि स्वयं सहायता समूह, डाकपत्थर से वैभव लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह, रायपुर से मिलन स्वयं सहायता समूह, सहसपुर से आस्था क्लस्टर लेवल फेडरेशन, हवालबाग अल्मोड़ा से विकास क्लस्टर लेवल फेडरेशन, आस्था क्लस्टर लेवल फेडरेशन, विरांगना क्लस्टर लेवल फेडरेशन, एवं अन्य स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने उत्पाद बेचें जा रहे हैं।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद् विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव राधिका झा, अपर सचिव मनुज गोयल, सीडीओ देहरादून झरना कामठान एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

जिलाधिकारी अतिवृष्टि से प्रभावितों को राहत और बचाव में कोताही न बरतेंः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि शासन के वरिष्ठ अधिकारी अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों का निरंतर अनुश्रवण करें, जिलाधिकारियों द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जो भी सहायता की मांग की जा रही है, उस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए उन्हें सहयोग प्रदान किया जाए।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर केदारनाथ यात्रा मार्ग के प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के रेस्टोरेशन के लिए आयुक्त गढ़वाल मण्डल विनय शंकर पाण्डेय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सचिव आपदा प्रबंधन,सचिव लोक निर्माण विभाग तथा ऊर्जा विभाग के उच्च अधिकारी तत्काल जनपद रूद्रप्रयाग का दौरा करते हुए रेस्क्यू और रेस्टोरेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करायेंगे। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई अतिवृष्टि से हुए नुकसान का मुख्यमंत्री जिलाधिकारियों से हर पल का स्वयं अपडेट ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से वर्चुअल माध्यम से वार्ता करते हुए निर्देश दिये कि श्री केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवागमन को जल्द सुचारू किये जाने के प्रयास किये जाएं। पैदल यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया जाए और उनको भोजन की समुचित व्यवस्था रखी जाए। श्रद्धालुओं के परिजनों को उनकी कुशलक्षेम की नियमित अपडेट दी जाए। जारी किये गये हेल्पलाईन नम्बरों का भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। मौसम अनुकूल होने की स्थिति में श्रद्धालुओं को जल्द रेस्क्यू किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच के क्षतिग्रस्त 150 मीटर मोटर मार्ग के निर्माण की कार्यवाही जल्द की जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं के साथ पुलिस का व्यवहार अच्छा हो। प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत और पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था भी सुचारू रखने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग सौरभ गहरवार ने जानकारी दी कि श्री केदारनाथ पैदल मार्ग पर जिन स्थानों पर मलबा आया है,उन पर कार्य गतिमान है। मौसम अनुकूल होने की स्थिति में इन रास्तों को एक सप्ताह में ठीक करा लिया जायेगा। गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच क्षतिग्रस्त 150 मीटर मोटर मार्ग के निर्माण की कार्यवाही भी शुरू की जा रही है, अभी इसमें पैदल चलने की व्यवस्था की जा रही है। शेष मोटर मार्ग पूरा सही है।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी ए.पी. अंशुमन, आईजी कृष्ण कुमार वी.के, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

सहकारिता की योजनाओं के क्रियान्वयन में हो विज्ञान एवं तकनीकि का उपयोगः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि लंबे समय से संचालित योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए इस दिशा में सुधारात्मक प्रयास की दिशा में कार्य किये जाएं। इन योजनाओं से लाभार्थियों को कितना फायदा हुआ और योजनाओं को और प्रभावी बनाने के लिए और क्या विशेष नवाचार किये जा सकते हैं, इस दिशा में नियोजन विभाग के सहयोग से कार्य किया जाए। राज्य सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं को गेम चेंजर बनाने की दिशा में कार्य किये जाने पर भी उन्होंने बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूहों को प्रदान किये जा रहे ऋण की धनराशि की सीमा में वृद्धि की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रस्ताव लाया जाए। स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को बेहतर बाजार मिले, इसके लिए सप्लाई चेन को प्रभावी बनाया जाए। उन्होंने कहा सहकारिता विभाग संबधित विभागों से भी समन्वय स्थापित कर योजनाओं को आगे बढ़ाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बंजर भूमि चिन्हित कर विभिन्न क्लस्टरों के माध्यम से उसे खेती योग्य बनाने के प्रयास किये जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक और पारम्परिक पद्धतियों के माध्यम से कृषि उत्पादन में वृद्धि की जाए। मुख्यमंत्री ने क्लस्टरों में मिल्लेट्स, सब्जियां, दालें, फल, औषधीय और सुगंधित पौधों फसलों, चारा फसलों और कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा हमारा उद्देश्य स्थानीय समुदाय को आजीविका के अवसर प्रदान कर, रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देना है। सहकारिता से मिलेट्स उत्पादों को और अधिक बढ़ावा मिले, इसके भी पयास किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विभिन्न जनपदों में चयनित क्लस्टरों की संख्या में वृद्धि के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत मत्स्य पालन, मौन पालन, मशरूम उत्पादन के निर्धारित लक्ष्यों को बढ़ाया दिया जाए। विभिन्न परियोजनाओ में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नवीन तकनीकियो का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार द्वारा 85 करोड की ब्याज प्रतिपूर्ति का बजटीय प्राविधान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 1,90,000 सहकारी सदस्यों को 1300 करोड़ रूपये का ब्याज रहित ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। योजना के अन्तर्गत अभी तक कुल 960510 लाभार्थियों एवं 5339 स्वयं सहायता समूहों को कुल 5621.25 करोड रूपये़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना से 50 हजार से अधिक किसान प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके तहत जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पाण्डेय एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।