पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने जनपद पौड़ी में पर्यटन विभाग द्वारा 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन योजना के अन्तर्गत चयनीत योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होने गुमखाल के समीप कीर्तिखाल में कीर्तिखाल से भैरंवगढ़ी रोपवे योजना के साथ ही सतपुली में 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन के अन्तर्गत विभिन्न पर्यटन योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियां से कार्य प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाये जाने के भी निर्देश दिये।
सचिव पर्यटन ने सतपुली में पर्यटन विभाग की 40 शैय्या वाले आवास गृह एवं विवाह समारोह मल्टी परक हाल के निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण कर भवन के डिजाईन एवं सुविधा के बारे में मौके पर जानकारी ली। इसके बाद उन्होने सतपुली में चयनीत पार्किग स्थल एवं सतपुली में नयार नदी के उस पार निर्माणधीन एग्लिंग हट्स कम होमस्टे व नयार नदी में बनने वाले अन्य पर्यटन विकास परक कार्यों की संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। इसके उपरान्त सचिव जावलकर दिवा की डाडा रोपवे योजना के स्थलीय निरीक्षण किया।
सचिव जावलकर ने कहा कि इस क्षेत्र में एडवेंचर टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं है। नयार नदी में फिशिंग व एंगलिंग का अच्छा स्कोप है। विगत दिनों में पैराग्लाइडिंग व पैरासिलिंग के जो प्रयास किये गये थे, उसके भी अच्छे परिणाम आये है। कहा कि यहां पर राफ्टिंग, क्याकिंग, पैराग्लाइडिंग, पैरासिलिंग, एंगलिंग आदि की अपार सम्भावनाएं हैं, इसलिए इसे एक अच्छे डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज जीएमवीएन का टीआरएच 40 बैड कैपसिटी का उद्घाटन भी किया जा रहा है, जो थर्टीन डिस्ट्रिक्ट थर्टीन डेस्टिनेशन का पार्ट है। पैरासिलिंग के जो ट्रायल हुए थे, उसकी रिपोर्ट प्राप्त कर उसके लॉचिंग पार्ट डेवलप किया जा रहे है। कुछ रोपवे भी प्रस्तावित है, जिनका अध्ययन कर उन पर भी कार्य किया जाना प्रस्तावित है।
सचिव जावलकर ने कहा कि दीवा का डांडा से हिमालय का बहुत अच्छा दर्शन होता है और यहां पर रोपवे का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर कार्य चल रहा है कि किस तरह से बनाया जाय। कहा कि क्षेत्र का निरीक्षण किया जायेगा और तत्पश्चात टेण्डर प्रक्रिया की कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर जिला पर्यटन विकास अधिकारी/साहसिक खेल अधिकारी पौड़ी खुशाल सिह नेगी, उपजिलाधिकारी अपर्णा ढौंडियाल सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
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मुख्यमंत्री ने किया ल्वाली झील निर्माण का शिलान्यास
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकासखण्ड पौड़ी के अन्तर्गत रू0 692.77 लाख लागत की ल्वाली झील निर्माण का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों को झील निर्माण के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस झील के माध्यम से क्षेत्रवासियों को काफी लंबे समय तक पानी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे लगभग 34 हेक्टेयर भूमि भी सिंचित हो सकेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘मन की बात‘‘ कार्यक्रम को सुना। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में जल संरक्षण एवं योग को अपनाकर इसके प्रचार प्रसार के विषय पर बात की गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आने वाले 5 वर्षों के कार्यकाल के लिए जल संरक्षण को अपना महत्वपूर्ण लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि समय के साथ भूमि के जल स्तर में कमी हो रही है। हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए भी पानी की चिन्ता करनी है। इस झील के निर्माण से पानी के जल स्तर में भी सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे उत्तराखंड में हम विभिन्न स्थानों पर झीलों का निर्माण कर रहे हैं। जनपद पौड़ी के लिए भी हमने 3 झीलें ल्वाली, सतपुली एवं जयहरीखाल में स्वीकृत की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में झीलें है या बनायी गयी हैं, उन क्षेत्रों में सब्जियों की बहुत अच्छी खेती होती है। ल्वाली झील के निर्माण के बाद इस क्षेत्र में सब्जी उत्पादन की बहुत अधिक सम्भावनाएं बढ़ जाएंगी। इस क्षेत्र में फल उत्पादन की भी बहुत सम्भावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस झील का निर्माण 1 वर्ष के अंदर कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जो भी योजना शुरू की जाती है, उसके कार्य समापन की तिथि भी पहले से ही निश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन खेतों को बनाने में हमारी पीढ़ियां लगी हैं। हमें पहाड़ की खेती को आबाद करते हुए खेती की सम्भावनाएं तलाशनी हैं। इसके लिए हमें पेशेवर तरीके से सोचना शुरू करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में खेती और पर्यटन दोनों में विकास की असीम सम्भावनाएं हैं। सीतामाता मंदिर में पर्यटन सर्किट तैयार किया जाएगा। साथ ही दीपावली के बाद इस मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा, जो इस क्षेत्र को पर्यटन से जोड़ने में मददगार होगा।