सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज आवास विकास ऋषिकेश में राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद पांडेय तथा रजनी गर्ग ने दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन कर किया।
कार्यक्रम में छात्रा साक्षी बड़थ्वाल एवं सानिया पयाल ने उत्तराखंड के लोकगीत गाकर सबका मन मोहा। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा निबंध प्रतियोगिता एवं पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गयी। विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य बहुत संघर्ष के फलस्वरूप प्राप्त हुआ है। इसलिए इसके विकास में तथा क्रांतिकारियों के सपने को साकार करने के लिए हम सबको बढ़-चढ़कर भाग लेना होगा।
कार्यक्रम अधिकारी रामगोपाल रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवियों द्वारा निबंध एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के बलिदान के फलस्वरुप हमें प्राप्त हुआ है, यहां की वन संपदा और प्रकृति अनमोल है। इस राज्य की स्थापना 9 नवंबर 2000 को उत्तरांचल के रूप में हुई तत्पश्चात 1 जनवरी 2007 में इसका नाम उत्तराखंड के रूप में परिवर्तित हुआ। राज्य के विकास में हम सब मिलकर यदि प्रयास करेंगे तो यह राज्य भारतवर्ष के सभी राज्यों में सबसे आगे होगा।
कार्यक्रम में रजनी गर्ग, सतीश चौहान, नरेन्द्र खुराना, कर्णपाल बिष्ट, रामगोपाल रतूड़ी, अनिल भण्डारी, राजेश बडोला आदि उपस्थित रहे।
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सफलता का कोई शॉर्टकट नही होता-रोशन रतूड़ी
आवास विकास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश में आज नगर पालिका मुनीकीरेती-ढालवाला के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी और विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों को जो सम्मान पत्र प्रेषित किये गए थे, आज उनका वितरण रोशन रतूड़ी और प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद पाण्डेय ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम में समाज की प्रगति हेतु अनेको सफल अथक प्रयासो व नयी सोच के साथ कार्य करने हेतु विद्यालय के प्रधानाचार्य ने रतूड़ी को शुभकामना संदेश प्रेषित किया और शॉल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में रतूड़ी ने कहा कि संघर्ष एवं संस्कार ही जीवन में सफलता का मार्ग है एवं हमें हमेशा सकारात्मक ऊर्जा के साथ एवं नई सोच के साथ अपने आप को ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। ना कि दूसरों को नीचा दिखाने के लिए यही सफलता का मूल मंत्र है।
कार्यक्रम का संचालन रामगोपाल रतूड़ी ने किया। इस अवसर पर सतीश चौहान, कर्णपाल बिष्ट, वीरेंद्र कंसवाल, मनोज पन्त, रीना गुप्ता, नरेन्द्र खुराना, नागेंद्र पोखरियाल, चन्द्र प्रकाश डोभाल, आरती, वंदना एवं अन्य शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।