मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कनक चौक, देहरादून में देश के पहले सीडीएस जनरल पद्म विभूषण बिपिन रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल विपिन रावत की स्मृति को चिरस्थायी बनाये जाने के लिये प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना को नाम उनके नाम पर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि यह भव्य प्रतिमा तथा स्मारक स्थल जनरल बिपिन रावत के शौर्य, अदम्य साहस और वीरता का स्मरण कराने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का कार्य करेगा। सीडीएस जनरल रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का निर्माण एमडीडीए द्वारा लगभग 50 लाख की लागत से किया गया है।
मुख्यमंत्री ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी आकस्मिक मृत्यु से देश को जो अपूरणीय क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई कभी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है। उत्तराखण्ड के युवाओं का सेना में शामिल होना प्रमुख प्राथमिकता रही है। सैन्य सेवा हमारे लिये मात्र रोजगार का अवसर नहीं, वरन देश एवं समाज के लिये जीवन समर्पित करने का उत्कृष्ट अवसर भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व.जनरल बिपिन रावत की मातृभूमि के लिए चार दशकों की निस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी। जीवन के अंतिम दिन तक वे केवल और केवल देश के लिए ही जीए। उनका सेनाध्यक्ष तथा प्रथम सीडीएस बनना ,ये स्पष्ट दर्शाता है कि वे कितने योग्य जनरल थे। सेना के तीनों अंगों के आधुनिकीकरण तथा देश को रक्षा आवश्यकताओं के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाये जाने हेतु स्व. जनरल बिपिन रावत द्वारा विशेष प्रयास किये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान उनका मार्गदर्शन सैनिकों के बहुत काम आया। उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने वीरता के नए नए प्रतिमान स्थापित किए। देश के साथ-साथ उत्तराखंड से भी उनका बड़ा लगाव था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उनका भी सेना के प्रति जुड़ाव रहा है। बचपन में वे भी सेना का हिस्सा बनना चाहते थे। 2021 में जनरल बिपिन रावत को जब ज्ञात हुआ कि मेरे पिता महार रेजिमेंट में रहे हैं तो उन्होंने महार रेजिमेंट सेंटर सागर जाने का कार्यक्रम बनाने तथा स्वयं भी वहां जाने की इच्छा जतायी थी किन्तु इस दुखद घटना के कारण महार रेजिमेंट सागर के कार्यक्रम में उन्हें उनका सानिध्य नहीं मिल पाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में सैनिकों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए हम कृत संकल्पित हैं। देहरादून के गुनियाल गांव में प्रदेश के शहीदों की शहादत स्मृतियों को यादगार बनाने के लिये भव्य “शौर्य स्थल” (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है। इस साल के अंत तक इसे पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड राज्यधीन सेवाओं में शहीद सैनिक के आश्रितों को जिलाधिकारी कार्यालय में समूह ‘ग‘ अथवा ‘घ‘ में सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति प्रदान करने का कार्य भी कर रही है, अभी तक करीब 23 आश्रितों को नियुक्ति दी जा चुकी है। साथ ही विभिन्न युद्धों व सीमान्त झड़पों तथा आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों की विधवाओं व आश्रितों को एकमुश्त दस लाख का अनुग्रह अनुदान भी अनुमन्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युद्ध विधवा या युद्ध में अपंग सैनिकों को दो लाख रुपए तक की आवासीय सहायता भी प्रदान भी की जा रही है। जबकि सैनिक विधवाओं की पुत्री एवं पूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह हेतु एक लाख रूपये का अनुदान देने की भी व्यवस्था की गई है। सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के हितों के लिए हरसंभव मदद के साथ ही सैनिकों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाना हमारा लक्ष्य है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी एवं विधायक खजान दास ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, जे.ओ.सी संजीव खत्री, उपाध्यक्ष एम.डी.डी.ए. बंशीधर तिवारी, से.नि. मे.ज. जी.एस. रावत, मे.ज. आनन्द सिंह रावत,, जनरल विपिन रावत की दोनों पुत्रियां कृतिका एवं तारिणी, सेना के अधिकारी एवं जवानों के साथ बड़ी संध्या में लोग मौजूद रहे।
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मंत्री ने किया सैन्य धाम के निर्माण कार्यों को लेकर स्थलीय निरीक्षण
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को देहरादून के गुनियाल गांव पहुंचकर सैन्य धाम के निर्माण कार्यों को लेकर स्थलीय निरीक्षण किया। मौके पर पहुंचे मंत्री गणेश जोशी ने निर्माण कार्यों का मौका मुआयना कर सैन्य धाम के निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सम्बंधित कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य को तय समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। सैनिक कल्याण मंत्री जोशी ने कहा निर्माण कार्यों में इस्तामेल हो रही सामग्री में गुणवत्तता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के स्वरूप उत्तराखण्ड में सैन्य धाम निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा यह मेरा भी ड्रीम प्रोजेक्ट है, प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार सैन्य धाम की मॉनिटरिंग करते रहते है।
मंत्री जोशी ने कहा सैन्य धाम का निर्माण कार्य तेजी के साथ चल रहा है ओर जिस प्रकार निर्माण कार्य की रफ्तार है,निश्चित ही हम तय समय सीमा से पूर्व की सैन्य धाम का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। मंत्री जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड का सैन्य धाम यहां के चार धामों की तरह ही विकसित हो। इसके लिए सैन्य धाम को भव्य रूप दिया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि 2023 के अंत से पहले ही हम सैन्य धाम का निर्माण पूर्ण कर लेंगे।
2023 के अंत तक सैन्य धाम का निर्माण पूर्ण करने के निर्देश
मंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड वीरों की भूमि है, और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना है कि उत्तराखण्ड में सैन्य धाम निर्माण हो तथा एक सैनिक होने के नाते यह मेरा भी दृढ़ संकल्प है कि उत्तराखण्ड का सैन्य धाम यहां के चार धामों की तरह ही विकसित होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रोजेक्ट को लेकर विशेष रूचि ली है। मंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि 2023 के अंत तक हम सैन्य धाम का निर्माण पूर्ण कर लेंगे।
मंत्री ने कहा कि सैन्य धाम को भव्य रूप दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा देश के विभिन्न स्मारकों का अध्ययन करके सैन्य धाम के डिजाइन को अंतिम रूप दिया है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष में प्रदेश भर शहीद सम्मान यात्रा के दौरान प्रदेश के 1734 शहीद परिवारों के घर से मिट्टी एकत्र कर सैन्य धाम में बनाये जाने वाली अमर जवान ज्योति के नीचे रखा जायेगा।
मंत्री ने कहा कि सैन्य धाम का मुख्य द्वार पर और उत्तराखण्ड के गौरव और देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम पर बनाया जायेगा। उन्होंने कहा नवंबर 2022 के अंत तक 28ः निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया जायेगा।
इस अवसर पर बैठक में अपर सचिव सैनिक कल्याण चन्द्र सिंह धर्मसत्तू, उप जिलाधिकारी नरेश चन्द्र दुर्गापाल, संयुक्त सचिव सुनील सिंह तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
शहीद के घर पहुंचे सीएम, दी श्रद्धांजली
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 1984 में सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान शहीद हुए लांसनायक चन्द्रशेखर हर्बाेला के पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। शहीद चंद्रशेखर हर्बाेला का पार्थिव शरीर 38 वर्ष के पश्चात बुधवार को उनके आवास पहुँचने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी एवं महिला सशक्तिकरण मंत्री रेखा आर्या ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
बुधवार को जैसे ही शहीद चन्द्रशेखर हर्बाेला का पार्थिव शरीर डहरिया स्थित उनके आवास पर पहुँचा, पूरा क्षेत्र देश भक्ति नारों से गुंजायमान हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद चन्द्रशेखर के बलिदान को हमेशा याद रखा जायेगा। उन्होंने कहा देश के लिए बलिदान देने वाले उत्तराखण्ड के सैनिकों की स्मृति में सैन्य धाम की स्थापना की जा रही है। शहीद चन्द्रशेखर की स्मृतियों को भी सैन्य धाम में संजोया जायेगा।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार शहीद के परिवार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी है। सरकार द्वारा शोक संतृप्त परिवार की हर सम्भव सहायता की जाएगी।
पुष्प चक्र अर्पित करने के पश्चात शहीद चन्द्रशेखर का पार्थिव शरीर चित्रशिला घाट रानीबाग के लिए रवाना हुआ, जहां शहीद को पूरे राजकीय सम्मान व आर्मी बैण्ड की धुन के साथ भावभीनी विदाई दी गई। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में लोगों द्वारा नम आंखों से शहीद को श्रद्धांजलि दी गई।
सैन्य धाम का नाम जनरल रावत के नाम पर रखने की मांग
सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य सैन्य अधिकारियों के निधन पर कांग्रेस ने श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। कांग्रेस प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने सैन्यधाम का नाम जनरल रावत के नाम पर रखने की मांग राज्य सरकार से की।
गुरुवार को दून रोड पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कांग्रेसियों ने जनरल रावत के निधन पर शोक जताया। खरोला ने कहा जनरल रावत का निधन देश और विशेष रूप से उत्तराखंड के लिए अपूर्णीय क्षति है। कहा कि उत्तराखंड बोर्ड के पाठ्यक्रम में जनरल रावत के देश के प्रति योगदान को शामिल किया जाए। मौके पर सुधीर राय, मदन मोहन शर्मा, अरविन्द जैन, भगवान सिंह पंवार, मधु जोशी, राजेन्द्र गैरोला, उमा ओबराय, अशोक सडाना, जितेन्द्र पाल पाठी, जतिन जाटव, अभिषेक शर्मा, जयपाल सिंह, जीतेन्द्र यादव, सोनू पाण्डेय, एकांत गोयल, राहुल पाण्डेय आदि मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने सैन्यधाम के लिए शहीद चित्रेश बिष्ट के आंगन की पवित्र मिट्टी ली
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नेहरू कॉलोनी, देहरादून में शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के आवास पर उनके चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सैन्यधाम के लिए शहीद चित्रेश बिष्ट के आंगन की पवित्र मिट्टी ली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के पिता एस.एस.बिष्ट एवं माता रेखा बिष्ट को शक्ति प्रदान करने की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के लिए शहीद हुए मेजर चित्रेश बिष्ट एवं उत्तराखंड के सभी शहीदों पर गर्व है, जिन्होंने देश की रक्षा, एकता एवं अखंडता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। सभी शहीद सैनिकों के आंगन की पवित्र मिट्टी सैन्यधाम में लाई जा रही है। देश के लिए अपनी शहादत देने वाले वीर जवान हमेशा हमारे एवं आने वाली पीढ़ियों के स्मरण में रहेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की उत्तराखण्ड में पांचवे धाम के रूप में सैन्यधाम की जो कल्पना है, सबके सहयोग से यह सैन्यधाम भव्य बनाया जायेगा। सभी शहीदों का वहां पर स्मरण होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद चित्रेश बिष्ट के माता-पिता ने कठिन दौर देखा है, राज्य सरकार हमेशा उनके साथ है।
खटीमा में आयोजित शहीद सम्मान यात्रा में सीएम हुए शामिल
शहीदों के सम्मान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को खटीमा में शहीद सम्मान यात्रा में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के 13 जनपदों के शहीदों के ऑगन की मिट्टी से उत्तराखण्ड का पांचवा धाम सैन्य धाम देहरादून में बनाया जायेगा। सैनिक पुत्र होने के नाते मुझे इस सम्मान यात्रा में सम्मिलत होने पर गर्व महसूस हो रहा है।
वीर सैंनिकों की धरती को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस धरती के वीरों ने युद्धों में अपना कौशल दिखाकर दुश्मनों को नेस्तनाबूद किया है। हमारी सेना के जवान हमेशा भारत माता पर सर्वस्व अर्पित करने को तैयार रहते हैं। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड के सैनिकों ने हमेशा शौर्य व वीरता का प्रदर्शन किया है। इनके आंगन की पवित्र मिट्टी से सैन्य धाम इनके संघर्षाे की प्रेरणा देगा। इन शहीदों के परिवारों का सम्मान करना हम सभी देशवासियों का कर्तव्य है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश मजबूत हाथों मे है, उन्होने हमारी सेना को निर्णय लेने की छूट दी है। प्रधानमंत्री हमेशा अपना जन्म दिन, होली, दिवाली सैनिकों के साथ ही मनाते हैं। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत उसी दिशा मे बढ रहा है जिस भारत की हम कल्पना करते थे, उन्होने वन रैंक वन पेंशन लागू की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक उत्तराखण्ड शहीदों के सपनां का उत्तराखण्ड नही बन जाता हम चौन से नही बैठेंगे। वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। उन्होने कहा कि हमारी सरकार ने भारतीय सेना के शहीदों के आश्रितों को राज्याधीन सेवाओं में सेवायोजन, सैनिक विधवाओं को मिलने वाली अनुदान राशि को 8 हजार से बढाकर 10 हजार किया, भूवपूर्व सैनिकों को नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्रों में भवन कर में छूट दी गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहीदों के आश्रितों को शॉल उढाकर व ताम्र पत्र भेंटकर सम्मानित किया।
शहीदों का सम्मान, राष्ट्र का सम्मान का नारा लगाते हुए सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इन शहीदों की माताओं को मैं नमन करता हूं जिनके पुत्रों ने देश पर अपने आप को न्यौछावर कर दिया, अंग्रजों की धरती पर जनरल डायर को मारने वाले इस जनपद के शहीद उधमसिंह को मैं नमन करता हूं। उन्होने कहा कि देश का हर पांचवां सैनिक उत्तराखण्ड की धरती का है, प्रदेश की कमान भी सैनिक पुत्र के हाथों मे है। उन्होने कहा कि शहीदों का सम्मान करना हर देशवासी का कर्तव्य है। उन्होने बताया 1734 शहीदों के आंगन की मिट्टी से देहरादून में सैन्य धाम बनाया जा रहा है जिसमें अमर ज्योति तथा शहीदो के चित्र रखे जायेंगे। उन्होने कहा प्रदेश सरकार लगातार सैनिकों के कल्याण के लिये कार्य कर रही है।
जनपद के प्रभारी मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द महाराज ने बताया कि खटीमा के पवित्र प्रांगण में आज प्रदेश के शहीदो को सम्मान मिल रहा है, शहीदो का मान सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शहीदों के सम्मान को बढाया है। उन्होने कहा हमारी सेना की बदौलत आज हम चौन की नींद सोते हैं।
इस अवसर पर विधायक सौरभ बहुगुणा, डा. प्रेम सिंह राणा, आयुक्त कुमायूं सुशील कुमार, जिलाधिकारी रंजना राजगुरू, एसएसपी दलीप सिंह कुॅवर, अपर जिलाधिकारी ललित नारायण मिश्र, एसडीएम निर्मला बिष्ट, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी रंजीत सिंह, सूबेदार खडक सिंह कार्की, कैप्टन गम्भीर सिंह धामी आदि उपथित रहे।
सैन्य धाम में शहीद सैनिकों के आंगन की मिट्टी लाने के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में सैन्य धाम के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में भव्य सैन्यधाम बनाया जायेगा। इसमें सभी शहीद सैनिकों के आंगन की मिट्टी लाई जायेगी। इसका स्वरूप भव्य होगा। हमारे सैनिकों का शौर्य एवं पराक्रम की गाथा का यह जीता जागता उदाहरण होगा। सैन्यधाम के संबंध में उच्च स्तरीय समिति की अगली बैठक जल्द आयोजित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शहीद सम्मान यात्रा के लिए सभी तैयारियां जल्द पूर्ण की जाय। शहीद सम्मान यात्रा के दौरान शहीदों के आश्रितों को सम्मान पत्र भी दिया जायेगा।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, चंद्रा पंत, प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण एल. फैनई, सचिव वी. षणमुगम एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
देश व समाज में सकारात्मक परिवर्तन युवाओं से ही सम्भवः राजनाथ
राज्य स्थापना दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रदेश वासियों को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड से उनका हमेशा भावनात्मक लगाव रहा है। जब उत्तराखण्ड का निर्माण हुआ था वे ही संयुक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। बड़ी खुशी की बात है कि उत्तराखण्ड तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य ने राष्ट्रीय स्तर अपनी विशेष पहचान बनाई है। उत्तराखण्ड 20 वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। यह ऐसी अवस्था होती है जब सब कुछ कर गुजरने की ललक होती है, साथ ही जोखिम भी उठाने का भाव होता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भारत की देवभूमि है। पूरी दुनिया में इसे सम्मान प्राप्त है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि यहां का हर गांव सैन्यधाम है। उत्तराखण्ड की शिक्षण संस्थानों मं देश भर के छात्र-छात्राएं पढ़न आते हैं। इसे देश का विद्याधाम भी कहा जा सकता है। यहां के शिक्षण संस्थान लघु भारत का रूप हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जहां संस्कृति एक-दूसरे को जोड़ती है। सच्चे मायनों में राष्ट्र की संज्ञा, भारत को ही दी जा सकती है क्योंकि यही एक ऐसा देश है जिसने अपनी सांस्कृतिक पहचान सदियों से बनाए रखी है। यहां की विविधता में एकता अद्भुत है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य आंदोलन के शहीदों का स्मरण करते हुए कहा कि सरकार प्रदेश के संतुलित विकास के लिए लगातार प्रयासरत है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न घोषणाएं की।
1. आंगनवाडी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए सप्ताह में 4 दिन दूध, 2 दिन अंडा व केला उपलब्ध होगा।
2. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के समान ही मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास परियोजना लागू होगी।
3. वृद्धावस्था, विकलांगता, विधवा पेंशन में 200 रुपए की वृद्धि की जाएगी, 1 जनवरी 2020 से लागू होगी।
4. उपनल, पीआरडी कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिदिन किया जाएगा, यह भी 1 जनवरी 2020 से लागू होगा।
5. इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाई जाएगी।
6. सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए सीमांत तहसीलों में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना लाई जाएगी। इससे पहाड़ों और दूरस्थ क्षेत्रों से पलायन रुक सकेगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसका सुझाव सैनिक सम्मेलन में प्राप्त हुआ था।
7. कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल के लिए सेलाकुईं व रुद्रपुर में महिला हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा।
9. राज्य में पशुओं का बीमा कराये जाने हेतु बीमा धनराशि की गैप फंडिंग की भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
10. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना बनाई जाएगी।
11. राज्य में दीनदयाल उपाध्याय एकीकृत भूकंप सुरक्षा कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जाएगा।
12. प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को सप्ताह में एक दिन फोर्टिफाइट मीठा दूध उपलब्ध कराया जाएगा।
13. सभी जनपदों में आधुनिक विधि से सर्वेक्षण कर भू बंदोबस्त किया जाएगा। पहले पौड़ी गढ़वाल और अल्मोड़ा जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया जाएगा।
14. मिशन इन्द्रधनुष के तहत चिन्हित अति संवेदनशील क्लटरों में स्वास्थ्य से इतर अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराने के लिए सभी जनपदों में सर्व उत्थान सर्व समृद्धि अभियान चलाया जाएगा।
15. लोक कलाकारों के मानदेय को 400 रूपए से बढ़ाकर 600 रूपए और टीम लीडर का मानदेय 500 से बढ़ाकर 700 रूपए किया जाएगा।
कार्यक्रम में सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित विकास पुस्तिका और बीस सूत्री कार्यक्रम की प्रगति रिपोर्ट 2018-19 का विमोचन किया गया।