उत्तराखंड शासन का बड़ा फैसला, ध्वस्त होगा रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज का करोड़ों की लागत से बना एक हिस्सा

देहरादून। स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी संभालने के बाद से सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने निर्माण कार्यों को गुणवत्तापूर्वक करने पर फोकस किया है। जहां भी उनको निर्माणकार्यों में लापरवाही मिली उन्होंने चेतावनी देने के साथ जांच के बाद कार्यदायी संस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई की है। इसी कड़ी में निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप नहीं होने पर रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज का एक हिस्सा ध्वस्त करने के आदेश सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जारी किये। कार्यदायी संस्था द्वारा रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण नियमों के अनुरूप नहीं होने पर उत्तराखंड शासन द्वारा रूड़की आईआईटी की टीम से इसकी जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के एक हिस्से का निर्माण नियमों के अनुरूप नहीं होने की बात कही गई। जिसके बाद लगभग 32 करोड़ की लागत से हुए निर्माण कार्य को ध्वस्त करने के आदेश जारी कर दिये गये। सचिव चिकित्सा शिक्षा राजेश कुमार ने बताया कि निर्माणाधीन बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिये हैं। बिल्डिंग निर्माण में आए पूरा खर्च कार्यदाही संस्था से ब्याज समेत वसूला जायेगा। इसी के साथ कार्यदायी संस्था को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।

गौरतलब है कि निदेशक, चिकित्सा शिक्षा विभाग के पत्र संख्या-2972 दिनांक 14 अगस्त, 2023 के माध्यम से अवगत कराया गया है कि निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज, रूद्रपुर के निर्माण कार्यों हेतु नामित कार्यदायी संस्था उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन एवं निर्माण निगम द्वारा पूर्व कार्यदायी संस्था (EPIL) के द्वारा निर्मित कुल 14 नग निर्माणाधीन भवनों की गुणवत्ता जांच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूडकी से करायी गयी गुणवत्ता में प्रोफेसर सिविल अभियांत्रिकी विभाग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूडकी द्वारा निर्माण कार्यों को ध्वस्त करते हुए पुर्ननिर्माण का मंतव्य प्रदान किया गया है। उक्त के अतिरिक्त चिकित्सा शिक्षा निदेशालय स्तर से नियोजन विभाग द्वारा निर्माण कार्यों की तृतीय पक्ष गुणवत्ता जाँच हेतु नामित संस्था (Quality Austria Central Asia) से भी निर्माणाधीन भवनों की गुणवत्ता जांच करवायी गयी, उक्त संस्थान द्वारा भी जाँच आख्या पत्र दिनांक 14 अगस्त, 2023 के माध्यम से उपलब्ध करवायी गयी, जिसके अनुसार भी निर्माणाधीन भवनों को ध्वस्त करते हुए पुर्ननिर्माण किया जाना होगा। ई०पी०आई०एल० द्वारा किये गये निर्माण कार्यों की अत्यन्त न्यून गुणवत्ता होने के दृष्टिगत सम्पूर्ण निर्माणाधीन कार्य का ध्वस्तीकरण कर पुर्ननिर्माण किये जाने का निर्णय लिया गया है।

राजकीय मेडिकल कॉलेज, रूद्रपुर के निर्माण कार्यों की जांच रिपोर्टो के परिपेक्ष्य में निर्माण कार्य की गुणवत्ता खराब होने के दृष्टिगत राज्य में ऐसी कार्यदायी संस्था को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से इन्जीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इण्डिया लिO (EMI) एन0आर0ओ0, कोर 3. स्कोप कॉम्पलैक्स-7 लोधी रोड़, नई दिल्ली को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के अधीन समस्त निर्माण कार्यों हेतु काली सूची (Black List) में डाले जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं। अवशेष धनराशि र 31.78 करोड़ + अद्यतन ब्याज (वर्तमान में प्रचलित दरों पर) सहित निदेशक, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय, उत्तराखण्ड देहरादून को हस्तान्तरित करना सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में कार्यदायी संस्था के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जायेगी, जिसका उत्तरदायित्व कार्यदायी संस्था का होगा।

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्य को मिली कामयाबी, वार्षिक बजट बढ़कर मिलेगा

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तत्वाधान में वार्षिक बजट अनुमोदन हेतु नई दिल्ली में आयोजित बैठक में उत्तराखण्ड राज्य को गत वित्तीय वर्ष के कुल परिव्यय रूपये 510 करोड़ के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल रूपये 590 करोड़ की स्वीकृति प्राप्त हुई जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं के संवर्धन में बल मिलेगा। बैठक में रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज के लिये 325 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई जबकि नगरीय स्वास्थ्य के संवर्धन हेतु राज्य द्वारा प्रस्तावित, जनपद हरिद्वार के भूपतवाला में अर्बन सीएचसी (नगरीय चिकित्सालय), की अनुमति प्राप्त हुई जिससे क्षेत्र में नगरीय तथा निकटवर्ती आबादी में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त होगी। राज्य को 367 नई आशाओं के पद स्वीकृत कराये गए जिससे राज्य के दूरस्थ स्थानों पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य संवर्धन में सहायता प्राप्त होगी। हल्द्वानी, जनपद नैनीताल में पूर्व से संचालित 30 शैय्या युक्त महिला अस्पताल के विस्तारीकरण हेतु प्राप्त अनुमोदन से अब उक्त चिकित्सालय की क्षमता बढ़कर 100 शैय्याओं की हो जाएगी जिससे क्षेत्र में महिला एवं शिशु स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
हल्द्वानी, जनपद नैनीताल में 150 शैय्या युक्त नवीन मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, जिसमें हृदय, किडनी तथा न्यूरो आदि विशेषज्ञ सेवाएं प्राप्त हो जाएँगी। जनपद देहरादून में उच्च गुणवत्ता परक रक्त सुविधाओं हेतु एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस केंद्र रक्त कोष की स्थापना की अनुमति प्राप्त की गयी जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में रक्त एवं रक्त उत्पादों की सुलभता होगी। राज्य को 20 नई एम्बुलेंस की अनुमति प्राप्त हुई है, जिससे रोगियों के परिवहन में सुलभता प्राप्त होगी। राज्य के दूरस्थ, यात्रा मार्गों पर दो नई पी.एच.सी. जनपद पिथौरागढ़ में पीएच सी गूंजी तथा जनपद उत्तरकाशी में पी.एच.सी जानकी चट्टी की संस्तुती प्राप्त हुई जिससे इन दूरस्थ स्थानों में चिकित्सा सेवाएं स्थानीय जन के साथ-साथ यात्रियों को भी प्राप्त होंगी।
बैठक में राज्य में राजकीय सेवा में कार्यरत स्नातक चिकित्सकों को एम्स ऋषिकेश से चिन्हित छः परास्नातक विधाओं में कोर्स कराए जाने के प्रस्ताव की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त होने से न केवल क्षेत्र में विशेषज्ञों की सेवाएं प्राप्त होंगी अपितु चिकित्सकों में भी कौशल विकास होगा। आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य में 500 उपकेंद्रां को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा जिससे क्षेत्र में महिला एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ साथ समस्त आबादी को गैर संचारी रोगों की पहचान तथा निदान में सुलभता होगी जिससे न केवल स्वास्थ्य सुधार होगा बल्कि इन रोगों पे होने वाले व्यक्तिगत व्यय में भी कमी आयेगी। राज्य के पांच जनपदों में जन स्वास्थ्य जांच केंद्र का अनुमोदन प्राप्त हुआ, जिससे संक्रामक रोगों की जाँच सुलभ होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपन्न हुई उपरोक्त बैठक में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से स्वास्थ्य विभाग के दल का नेतृत्व सचिव स्वास्थ्य उत्तराखण्ड सरकार, नितेश कुमार झा द्वारा किया गया। उक्त दल में डॉ पंकज पाण्डेय प्रभारी सचिव स्वास्थ्य उत्तराखण्ड सरकार तथा युगल किशोर पन्त, मिशन निदेशक एन.एच.एम के साथ-साथ महानिदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग डॉ अमिता उप्रेती द्वारा प्रतिभाग किया गया। साथ इस अवसर पर चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।