उत्तराखंड में प्रमोशन से रोक हटाने के प्रदेश सरकार के फैसले के बाद परेड मैदान में जुटे जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने एक दूसरे को रंग लगाकर होली मनाई। उन्होंने इसे आंदोलन की जीत करार दिया। लेकिन सरकार के इस फैसले से उत्तराखंड एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन भड़क गया है। फेडरेशन ने विरोध में आज सभी जिला मुख्यालयों पर सरकार का पुतला फूंकने का फैसला किया है। बुधवार को प्रमोशन से रोक हटने का आदेश जारी होने के बाद एससी-एसटी कर्मचारी जुट गए और उन्होंने एक सभा कर सरकार पर उनके हितों पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया।
इससे पूर्व सचिवालय में उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी, प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र सिंह गुसांई, बीपी नौटियाल, ठाकुर प्रहलाद सिंह, अरुण पांडेय, राकेश जोशी निगम अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुसांई, प्रदेश महामंत्री बीएस रावत समेत कई कर्मचारी नेताओं के साथ मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की वार्ता हुई। इस वार्ता में सहमति बनने के बाद कर्मचारी नेता परेड मैदान स्थित धरना स्थल पर पहुंचे जहां उन्होंने प्रमोशन से रोक हटने, पदोन्नति के आदेश जारी होने और कार्य बहिष्कार की अवधि अर्न लीव (उपार्जित अवकाश) में एडजस्ट होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बेमियादी हड़ताल को स्थगित किया जा रहा है। यदि कर्मचारियों पर दर्ज मुकदमे वापस न हुए और उनके खिलाफ कोई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई हुई फिर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी ने सभी हड़ताली कर्मचारियों का आभार जताया और इसे कर्मचारियों के एकजुट संघर्ष की जीत करार दिया। इस दौरान हड़ताली कर्मचारियों ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर खुशी का इजहार किया। उन्होंने जमकर होली खेली। एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र सिंह गुसांई ने बताया कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियो ंने होली नहीं मनाई थी। आज उन्होंने मांगें पूरी होने की खुशी में उन्होंने होली मनाई।
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सरकार की कार्रवाई, आम लोगों को राहत देने और हड़ताल रोकने के लिए एस्मा लागू
आम जनता को राहत देने के लिए सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल रोकने के लिए शासन ने एस्मा लागू कर दिया है। शासन ने इसकी अधिसूचना जारी कर छह माह के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद शासन ने उत्तर प्रदेश अति आवश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम 1966 के तहत स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों, पैरामेडिकल व अन्य कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है।
अपर सचिव युगल किशोर पंत की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में तैनात डॉक्टरों व कर्मचारियों की सभी सेवाओं को आवश्यक सेवाएं घोषित कर हड़ताल पर रोक लगाई गई है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जहां सरकार प्रदेश भर में हाई अलर्ट जारी कर चुकी है, वहीं प्रमोशन में आरक्षण के लिए खिलाफ चल रहे आंदोलन के समर्थन में डॉक्टर, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन, लैब टेक्नीशियन, नर्सिंग स्टाफ संघ की ओर से दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया जा रहा था।
स्वास्थ्य कर्मचारी संगठनों की ओर से पूर्ण कार्य बहिष्कार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाया जा रहा था। इसे देखते हुए शासन ने एस्मा लागू कर स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है।
पदोन्नति में आरक्षण पर कर्मचारी संगठन मुखर
जिला पंचायत सभागार में फेडरेशन की अन्य कर्मचारी संघों की प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में रोस्टर के पुर्ननिर्धारण में एक पक्ष का समर्थन करने पर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य की कड़ी निंदा की गई। वक्ताओं ने कहा कि रोस्टर पुर्ननिर्धारण की समस्त कार्रवाई परिवहन मंत्री आर्य की देखरेख में हुई। अब आर्य का जीओ का विरोध करना गलत है। गुस्साए कर्मियों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि 17 सितंबर को सभी जिलों में आर्य का पुतला फूंका जाएगा। वहीं रोस्टर के पुर्ननिर्धारण के जीओ में छेड़छाड़ हुई तो बिना पूर्व नोटिस के ही कर्मी हड़ताल पर चले जाएंगे। फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी और महामंत्री वीरेंद्र गुसाईं ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण किसी भी दशा में स्वीकार नहीं है।
पूर्ववर्ती राज्य उप्र की भांति लोकसेवा आयोग की परिधि में आने वाले और आयोग की परिधि के बाहर के पदों की सेवा नियमावली में नियम 5 (क) को तत्काल निरस्त किया जाए। पदोन्नति में रोक लगाकर सभी विभागों में डीपीसी शुरू कराई जाए। वहीं, दूसरे सत्र में फेडरेशन ने जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ वार्ता की। इसके बाद तय हुआ कि 16 सितंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात की जाएगी। बैठक में पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष प्रताप सिंह पंवार और महामंत्री पंचम सिंह बिष्ट, उत्तराखंड मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन के महामंत्री पूर्णानंद नौटियाल, कर्मचारी महासंघ अध्यक्ष सूर्य शंकर राणाकोटी, राजकीय वाहन चालक संघ के महामंत्री संदीप मौर्या, मिनिस्ट्रीयल बाल विकास विभाग के मोतीराम खंडूरी, उद्यान तकनीकी कर्मचारी संघ के महामंत्री दीपक पुरोहित, सुपरवाइजर यूनियन बाल विकास की प्रांतीय अध्यक्ष अंजू बडोला एवं महामंत्री रेनू लांबा, डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अनिल सिंह, वैयक्तिक कर्मचारी संगठन अध्यक्ष मंजू पुंडीर, अखिल भारतीय समानता मंच के डिप्टी सेकेट्री अजीत कुमार, राष्ट्रीय महासचिव विनोद प्रकाश नौटियाल, केंद्रीय सचिव एलपी रतूड़ी, प्रांतीय अध्यक्ष एसएल शर्मा, जेपी कुकरेती, कल्पना बिष्ट, सुभाष देवलियाल आदि मौजूद थे।
13 जिलों से पहुंचे प्रतिनिधि
टिहरी के जिलाध्यक्ष डीपी चमोली, देहरादून जिला संयोजक मुकेश बहुगुणा, नैनीताल जिलाध्यक्ष मनोज तिवारी, कुमाऊं संयोजक पीसी तिवारी, उत्तरकाशी जिलाध्यक्ष नत्थी सिंह रावत, अल्मोड़ा जिलाध्यक्ष धीरेंद्र पाठक, रुद्रप्रयाग जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह ङिांक्वाण, ऊधमसिंह नगर संयोजक मोहन सिंह राठौर, चमोली संयोजक महेश सिंह, सचिवालय के जीतराम पैन्यूली, मंडलीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह चैहान, सीएल असवाल, वीके धस्माना आदि मौजूद थे।