बलदेव, सुभद्रा और श्रीकृष्ण की झांकियों ने मोहा मन, मधुबन आश्रम से निकली झांकी

शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री मधुबन आश्रम द्वारा नगर में भव्य श्री जगन्नाथ यात्रा निकाली गई। आश्रम के परमाध्यक्ष परमानंद दास जी महाराज, कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल, श्री कृष्णाचार्य जी महाराज, महंत वत्सल शर्मा, पंडित रवि शास्त्री आदि ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना की।

मुनिकीरेती स्थित मंदिर परिसर से यात्रा की रवानगी से पूर्व मंत्री डॉ अग्रवाल ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना और छप्पन भोग चढ़ाया गया। मंत्री डॉ अग्रवाल जी ने भगवान बलदेव, सुभद्रा और श्रीकृष्ण जी की 25वीं झांकी निकालने पर मधुबन आश्रम को बधाई दी।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि रथ यात्रा का विशेष महत्व है ऐसी मान्यता है कि रथ के आगे झाड़ू लगाने तथा रथ को रस्सी के सहारे खींचने से इस सांसारिक जीवन में दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता। भगवान उन्हें इस जन्म के बाद मोक्ष प्रदान करते हैं।

इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने श्रद्धालुओं के साथ रथयात्रा के आगे झाड़ू लगाया और भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन कर देश और प्रदेश की उन्नति की कामना की। साथ ही रस्सी के सहारे रथ को खींचा।

मधुबन आश्रम से शुरू हुई 25वीं रथयात्रा का हरिद्वार व लक्ष्मण झूला मुख्य मार्ग पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा पुष्प वर्षा के साथ विधिवत पूजा की गई।

यात्रा में डांडिया सहित राधा माधव कीर्तन मंडली के भजनों की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र बनी रही। यात्रा में साधु-संत सहित नगर तथा आस-पास क्षेत्र जाए श्रद्धालु शामिल हुए।

हरिद्वार में कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर सीएम ने की समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीसीआर हरिद्वार में कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कांवड़ मेला शुरू होने से पहले सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्ण की जाएं। सकुशल कांवड़ मेला सम्पन्न कराने के लिए कांवड़ मेले से संबधित अन्य राज्यों के अधिकारियों से भी निरन्तर समन्वय बनाकर रखें। यह सुनिश्चित किया जाए कि 14 जुलाई से 26 जुलाई 2022 तक होने वाले कांवड़ मेले में स्वास्थ्य, विद्युत, पेयजल, पार्किंग, स्वच्छता एवं अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थाएं अच्छी हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा में 04 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। उन्होंने सभी शिवभक्तों से अपील की कि देवभूमि उत्तराखण्ड में कांवड यात्रा पर आने वाले शिवभक्त एक-एक पौधा लगाएं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार को निर्देश दिये कि कांवड़ यात्रा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिलास्तरीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत जो एडवाइजरी बनाई गई है, उसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान निर्देश दिये कि कांवड़ मेले में जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई, जिनकी कोविड की बूस्टर डोज नहीं लगी है, उनकी बूस्टर डोज लगवाई जाए। कांवड़ यात्रा सुव्यवस्थित हो इसके लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए, जिसमें शासन के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एवं कांवड़ मेले से संबंधित जिलों के अधिकारी शामिल किये जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ मेला अवधि में हरिद्वार में कांवड़ मेले से संबंधित सभी व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु करेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पार्किंग स्थलों में पेयजल की पूर्ण व्यवस्था रखी जाए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर शाइनेज की पूर्ण व्यवस्था हो। कांवड़ पटरी पर विद्युत की पर्याप्त व्यवस्था हो। वन क्षेत्र में जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु चेतावनी बोर्ड लगाये जाएं। कांवड़ मेला के दौरान यात्रा रूटों का पूरा चार्ट दिया जाए। भण्डारे एवं लंगर के लिए हाइवे से दूरी पर स्थान चिन्हित किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कांवड़ मेले के दौरान पर्वतीय जनपदों में आवश्यक सेवाओं एवं सामग्रियों को भेजने के लिए कोई परेशानी न हो। होटलों एवं दुकानों में रेट लिस्ट चस्पा की जाए। स्थानीय स्तर पर लोगों को आवागमन में अधिक परेशानी का सामना न करने पड़े।

जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय ने कांवड़ की तैयारियों को लेकर प्रस्तुतीकरण देते हुए कहा कि कांवड़ मेले के लिए 60 हजार वाहनों की क्षमता के लिए 13 पार्किंग स्थल बनाये गये हैं। इसके अलावा विशेष परिस्थितियों के लिए 03 अतिरिक्त पार्किंग स्थल आरक्षित हैं। कांवड़ यात्रा के सुचारू संचालन हेतु मेला क्षेत्र में 12 सुपर जोन, 32 जोन एवं 134 सेक्टर बनाये गये हैं। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में 17 अस्थाई स्वास्थ्य शिविरों की स्थापना की गई है। चिकित्सा केन्द्रों में एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। मेले से संबंधित सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।

बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, एडीजीपी डॉ. वी मुरूगेशन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, नितेश झा, राधिका झा, अरविन्द सिंह ह्यांकी, एच.सी. सेमवाल, आयुक्त परिवहन रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव सी. रविशंकर, गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार, डीआईजी गढ़वाल के. एस. नगन्याल, एस.एस.पी. हरिद्वार डॉ. वाई.एस. रावत एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

केदानाथ का स्थलीय निरीक्षण कर मंत्री सौरभ बहुगुणा ने दिए आवश्यक निर्देश

जनपद में एक दिवसीय भ्रमण पर पहुँचे पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगणा ने केदारनाथ यात्रा मार्ग सोनप्रयाग से गौरीकुण्ड तक स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों के संबंध में संबंधित अधिकारियों एवं घोडे़ खच्चर संचालको से घोड़े खच्चरों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। उन्होनें यात्रा मार्ग में घोड़े खच्चरों के पानी, रखरखाव की उचित व्यवस्था करने एवं जानवरों के साथ क्रूरता न करने के निर्देश घोड़े खच्चर संचालकों एवं हॉकरों को दिए। उन्होंने यात्रा मार्ग पर संचालित घोडा खच्चरों में से पचास फीसदी का संचालन ही एक दिन में करने के निर्देश दिए, उन्होंने हराहाल में घोड़े खच्चरों को एक दिन का आराम देने के निर्देश दिए। किसी भी दशा में घोड़े खच्चरों से डबल चक्कर न लगाये जाय, इसके लिये उन्होने पुलिस एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि यदि किसी के द्वारा ऐसा किया जाता है तो उसके विरुद्व नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

उन्होनें घोड़ा पड़ाव में घोडे खच्चरों के रहने के लिए शेड तैयार करने के हेतु उपजिलाधिकारी ऊखीमठ को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही चिकित्सकों के लिए सोनप्रयाग एंव गौरीकुण्ड में आवास व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये गये। मा0 मंत्री द्वारा घोड़े खच्चर यूनियन के अध्यक्ष से वार्ता करते हुए कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों का ध्यान रखने को कहा गया। उन्होनें यह भी कहा कि यदि किसी मालिक एवं हॉकर द्वारा घोड़े खच्चर की देख-भाल ठीक ढंग से नही की जाती है तो इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी जाये, इसके लिये उन्होनें सभी के सहयोग की अपेक्षा की। उन्होनें यह भी निर्देश दिये है कि यदि किसी घोड़े खच्चर की मृत्यु हो जाती है तो सुलभ द्वारा उसको दफनाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, सचिव पशुपालन, सहकारिता, डेयरी डॉ बी.बी.आर.सी. पुरुषोतम, अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर सिंह, उपजिलाधिकारी ऊखीमठ जितेन्द्र वर्मा, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ आशीष रावत, पुलिस उपाधीक्षक सोनप्रयाग योगेन्द्र गुसांई, गुप्तकाशी विमल रावत, घोडे खच्चर यूनियन के पदाधिकारी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

चारधाम यात्रा में अभी तक लगभग आठ लाख श्रद्धालु पहुंचे

अभी तक आठ लाख लोग चार धाम के दर्शन कर चुके है। लाखों लोगों ने दर्शन हेतु चारधामों के लिए ऑनलाइन ऑफलाइन अपना रजिस्ट्रेशन करा दिया है अभी तक मई माह तक रजिस्ट्रेशन के स्लॉट पूरे हो गये है। 22 मई से श्री हेमकुंट साहिब एवं लोकपाल तीर्थ के कपाट खुल रहे है। सभी तीर्थों में व्यवस्थायें अनुकूल रहे इसके लिए तीर्थयात्रियों की संख्या सरकार ने निर्धारित की हुई है।
विगत 19 मई को प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड) गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंचप्यारों के साथ श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को ऋषिकेश से श्री हेमकुंट साहिब के लिए रवाना कर दिया।
20 मई को पहला जत्था गुरूद्वारा गोविंद घाट पहुंचा। आज जत्था हेमकुंट के लिए प्रस्थान होकर घांघरिया पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी तीर्थ यात्री सकुशल तीर्थयात्रा करें यह उनकी प्राथमिकता में है। विगत दिनों कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत को श्री केदारनाथ यात्रा तथा कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को बदरीनाथ धाम यात्रा हेतु यात्रा पर्यवेकक्षण का प्रभार दिया गया ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी स्तर पर दिक्कत न हो।
पर्यटन-तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्रद्धालु बड़ी संख्या में देवभूमि उत्तराखंड पहुंच रहे है। सरकार का प्रयास है की श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मंदिर समिति द्वारा तीर्थयात्रियों को धामों में सरलता- सुगमता से दर्शन हो इसके लिए समिति ने अपने स्तर पर प्रयास किये है।
धर्मस्व- तीर्थाटन सचिव हरिचंद सेमवाल ने कहा कि सरकार द्वारा तीर्थयात्रियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण के आदेश दिये गये है।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के निर्देशन में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा निरंतर आन लाईन एवं आफ लाईन रजिस्ट्रेशन/ काउंटरों की मॉनिटरिंग की जा रही है।
गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार के निर्दैश पर चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन ने ऋषिकेश बस अड्डे पर यात्री हेल्प डेस्क यात्रियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
सभी जिला प्रशासन, स्थानीय निकायों, मंदिर समितियों द्वारा संबंधित धामों राज्य चिकित्सा विभाग सहित सभी विभागों के आपसी तालमेल से चारधाम यात्रा संचालित हो रही है। किसी भी आपात स्थिति में एनडीआरएफ सहित हेली एंबुलेंस की भी सुविधायें दी जा रही है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ द्वारा 20 मई रात्रि तक के चारधाम दर्शन हेतु पहुंचे यात्रियों के आंकड़े जारी किये हैं बताया कि अभी तक आठ लाख तीर्थयात्री चारधाम पहुंच गये है। विस्तृत विवरण निम्नानुसार है।
उत्तराखंड चारधाम यात्रा वर्ष 2022
दर्शनार्थियों /तीर्थयात्रियों की संख्या
1-श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 8 मई से 20 मई शाम तक 240064
2- श्री केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 6 मई से 20 मई शायं तक 269169
3-श्री गंगोत्री धाम
कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 20 मई तक 149856
4-श्री यमुनोत्री धाम
कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 20 मई तक 116753
20 मई तक श्री बदरीनाथ-केदारनाथ पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या का योग- 509233
मई तक श्री गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 266609
20 मई रात्रि तक उत्तराखंड चारधाम पहुंचे संपूर्ण तीर्थयात्रियों की संख्या 775842 ( सात लाख पिचहत्तर हजार आठ सौ बयालीस ) इस तरह आज शाम तक चारधाम पहुंचनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या आठ लाख से अधिक हो जायेगी।
बताया गया है कि चारधाम तीर्थयात्रियों के आंकड़े श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति/ पुलिस- प्रशासन/ आपदा प्रबंधन के सहयोग से जारी किये जा गये है।

पौराणिक भगवान भरत की शहरी विकास मंत्री ने की सपरिवार परिक्रमा

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर काबीना मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सपरिवार ऋषिकेश नारायण भगवान भरत जी के दर्शन कर परिक्रमा की।

ऋषिकेश नारायण भगवान भरत के दर्शन और परिक्रमा करने के बाद काबीना मंत्री ने कहा कि आज बहुत शुभ दिन है। आज के दिन पौराणिक भगवान भरत जी के मंदिर की 108 परिक्रमा करने से भगवान बदरीनाथ के दर्शनों का जितना पुण्य प्राप्त होता है। उन्होंने भगवान भरत से दो वर्ष बाद संचालित चारधाम यात्रा के सकुशल होने की कामना की। साथ ही देश-प्रदेश की खुशहाली, सुख, सृमद्धि की कामना की।

महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि भरत भगवान की मूर्ति भी उसी शालीग्राम पत्थर से बनी है, जिससे बद्रीनाथ भगवान की मूर्ति बनाई गई है। इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन ही भरत भगवान के चरणों के दर्शन करने का सौभाग्य श्रद्धालुओं को प्राप्त होता है। अक्षय तृतीया के दिन से ही चार धाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो जाता है। आज के दिन ही यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट भी खोले जाते हैं।

इस मौके पर शशिप्रभा अग्रवाल, पीयूष अग्रवाल, श्री भरत मंदिर के प्रबंधक हर्षवर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, मेजर गोविंद सिंह रावत, पार्षद लक्ष्मी रावत, राम कृपाल गौतम, रूपेश गुप्ता, राजपाल ठाकुर सहित कई श्रद्धालु आदि मौजूद रहे।

गंगा तट पर होली मिलन कार्यक्रम हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया

श्री गंगा सेवा एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति की ओर से होली मिलन समारोह धूमधाम से होली मिलन समारोह मनाया गया। नगर पालिका मुनी की रेती अध्यक्ष रोशन रतूड़ी जी ने कार्यक्रम में अहम भूमिका निभाई व संस्था के सचिव एवं महंत रवि प्रपन्नाचार्य महाराज ने संचालन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सभी ने सामूहिक दीप प्रज्वलन कर किया। अध्यक्ष श्री दिनेश डबराल ने ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट की महिलाओं का स्वागत माला पहनाकर किया।

संस्था के संरक्षक चंद्रवीर पोखरियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन दायिनी मां गंगा की निर्मलता व स्वच्छता बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। मां गंगा हमारी आस्था ही नहीं संस्कार व भारतीय संस्कृति की भी पहचान है। उन्होंने कहा कि गंगा की पवित्रता निर्मलता व अखंडता को बनाए रखना हम सबका कर्तव्य ही नहीं हमारी पूर्ण जिम्मेवारी भी है हमें गंगा के तटों के किनारे पौधारोपण के साथ-साथ सब को जागरूक करना है जिससे पर्यावरण भी शुद्ध हो सके।हम अपने जन्मदिन वह किसी भी प्रकार के आयोजन में पौधारोपण जरूर करें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कमल सिंह राणा ने कहा कि आज जहां महिला पुरुषों से आगे बढ़कर कार्य कर रही है वहीं आज महिलाएं गंगा की स्वच्छता के लिए भी निरंतर निस्वार्थ भाव से मां गंगा की सेवा कर रही है हम सदैव उनके ऋणी रहेंगे हमें मातृशक्ति से सीखना चाहिए हर संभव संस्था एवं महिलाओं द्वारा की जा रही गंगा आरती को सहयोग एवं स्वच्छता के लिए सदैव साथ मिलकर कार्य करने को विश्वास दिलाया।

श्री गंगा सेवा एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष दिनेश डबराल ने कहा कि आज समिति द्वारा महिलाओं एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्य पर्यावरण व नारी शक्ति को साथ लायेंगे एवं जन जागरण के माध्यम से गंगा आरती में आए हुए श्रद्धालुओं को गंगा की निर्मलता एवं स्वच्छता के लिए जागरूक भी फैलेगी। आज संस्था ने गंगा की स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी गंगा प्रेमियों को सम्मानित किया। सभी का आभार प्रकट करते हुए समय-समय पर गंगा को स्वच्छता अभियान, श्रमदान और निर्मल बनाने के लिए संकल्प भी लिया गया।
इस अवसर पर संस्था ने सर्वप्रथम पर्यावरण संरक्षक में पूरा जीवन समर्पित कर चुके पर्यावरणविद श्री एम एन मिश्रा को सम्मानित करते हुए पुष्प हार, स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

गंगा भक्त निर्देशक सोनल पांड्या ने लोगों से पौधरोपण कर उसका संरक्षण करने की अपील करते हुए कहा वृक्ष न सिर्फ हमारे पर्यावरण को शुद्ध करते हैं, बल्कि मानव जीवन के लिए भी उपयोगी है। उन्होंने कहा कि हम पेड़ पौधे, नदी को स्वच्छ रखकर वातावरण को बेहतर बना सकते हैं।

पांड्या ने कहा इस बात की तत्काल आवश्यकता है कि प्रदूषित पानी को स्वच्छ करने के सस्ते तरीके ढूंढ़े जाएं। कम लागत की तकनीक विकसित हो। पानी रिसाइकिल होकर पुनः उपयोग लायक बन सके। कचरे के उपयोग कम लागत की तकनीक से विकसित हो।
इस अवसर पर गंगा भक्त निर्देशक सोनल पांड्या, शांति सिंह, डॉक्टर ज्योति शर्मा, प्रमिला देवी, गायत्री देवी, सरोज देवी, वंदना देवी ,सुनीता देवी, रीता देवी, सुनीता आप जरा बताना हर्ष पाल मिश्रा आरती चौतन्य उमाया चौतन्य आदि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर संस्था के संरक्षक कमल सिंह राणा संस्था के अध्यक्ष दिनेश डबराल, संस्था के सचिव महंत रवि प्रपन्नाचार्य, संस्था के ललित पवार, अशोक क्रेजी, गंगा आरती ट्रस्ट के प्रवक्ता हरिओम शर्मा, ज्ञानी जी, सत्येंद्र चौहान, ललित पवार, मनोज मालासी आदि लोग उपस्थित थे।

चारधाम यात्रा शुरु, तीर्थयात्रियों के साथ ही कारेाबारियों के खिले चेहरे

केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चार धाम में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रदेश में यात्रा का श्रीगणेश हो गया। पहले दिन बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री धाम में 700 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। यात्रा शुरू होने से श्रद्धालुओं में उत्साह है तो दूसरी ओर, चारधाम रूट के पर्यटन और परिवहन कारोबारी भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए दोपहर 12 बजे तक 352 तीर्थयात्री प्रस्थान कर चुके थे। केदारधाम में प्रतिदिन 800 लोगों को ही जाने की अनुमति दी गई है।
देवस्थानम बोर्ड के अनुसार, केदारनाथ में गर्भ गृह में भी व्यवस्थाएं बहाल कर दी गई हैं। गर्भ गृह में किसी को प्रवेश की अनुमति नही हैं। सभी यात्रियों को सभा मंडप से ही दर्शन की अनुमति दी गई है। बदरीनाथ में ब्रह़्म मुर्हुत में भगवान बदरी विशाल का पूजन अभिषेक शुरू हुआ। मुख्य रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने नियमानुसार भगवान का स्नान, श्रृंगार, अभिषेक किया। धर्माधिकारी भुवन उनियाल अपर धर्माधिकारियों ने वेद ऋचाओं का वाचन किया। कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं ने जय बदरीविशाल के जयघोष के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश किया। दोपहर तक 250 श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर चुके थे। अभी सिलसिला जारी है। उधर, उत्तरकाशी में दोपहर तक गंगोत्री धाम में 73 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। यमुनोत्री में भी श्रद्धालुओं ने मां यमुना की पूजा अर्चना की। दोनों धामों में शाम तक 302 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पूजा अर्चना की।

कोविड जांच के लिए सख्त इंतजाम
भगवान बदरीनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य जांच के लिये जिले के प्रवेश द्वार गौचर, मोहन खाल, मेहलचौरी से ही बैरियर पर कोविड जांच की व्यवस्था की गई है। पांडुकेश्वर में भी कोविड जांच यात्रियों की जांच हो रही है । हेमकुंड जाने वाले यात्रियों की भी कोविड जांच की जा रही है। बदरीनाथ आने वाले यात्रियों कोविड प्रपत्रों की जांच देवदर्शनी में भी हो रही है। उधर,केदारनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले महाराष्ट्र, केरल और आंध्रप्रदेश के श्रद्धालुओं के लिए सोनप्रयाग में आरटीपीसीआर कोविड टेस्ट की अलग से व्यवस्था की है।

कल खुलने जा रहे बदरी विशाल के कपाट, मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनायें

आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी, उद्धव, कुबेर रावल ईश्वरीय प्रसाद नंबूदरी एवं श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधि तेल कलश गाडू घड़ा सहित श्री योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे।

कल ब्रह्म मुहुर्त 4 बजकर 15 मिनट में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। इस अवसर हेतु श्री बदरी-केदार पुष्प सेवा समिति ने श्री बदरीनाथ धाम को फूलों से सजाया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रद्धालुओं को शुभकामनायें देते हुए घर से ही पूजा अर्चना करने का आग्रह किया है।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट खुलने की तैयारिया पूर्ण कर दी गयी है। आदिगुरू शंकराचार्य की जयंती पर आज श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में सादगी पूर्वक आदि गुरू शंकराचार्य का स्मरण किया गया। रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने आदि गुरू शंकराचार्य महाराज की वैदिक परंपराओं को अक्षुण बनाये रखने का आवह्वान किया।
इस अवसर पर उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, डिम्मर उम्मटा डिमरी पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, डिमरी केंद्रीय पंचायत अध्यक्ष विनोद डिमरी आदि मौजूद रहे।

पीएम मोदी के मार्गदर्शन में आपदा के बाद पुनर्निमाण के कार्य अब अंतिम चरण मेंः तीरथ सिहं रावत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में श्री केदारनाथ उत्थान ट्रस्ट व तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की पब्लिक सेक्टर कंपनियों के मध्य श्री बद्रीनाथ धाम को स्मार्ट स्प्रीचवल टाउन के रूप में विकसित करने को लेकर लगभग 100 करोड़ के कार्यों के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। समझौता पत्र पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से सचिव तन्नू कपूर व उत्तराखंड की ओर से पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने हस्ताक्षर किए।

सचिवालय में वर्चुअल रूप से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन में वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद पुनर्निर्माण के कार्य शुरू हुए थे जो कि अब अपने अंतिम चरणों में हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री ने बदरीनाथ धाम के कायाकल्प का भी निर्णय लिया। यहां आगामी 100 वर्षों की आवश्यकताओं के मद्देनजर सुविधाओं का विकास कुल 85 हेक्टेयर भूमि में चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाने हैं। बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

इसी के साथ यहां पर व्यास गुफा, गणेश गुफा व चरण पादुका आदि का भी पुनर्विकास किया जाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ धाम के विकास में तेल कंपनियों का योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का फोकस क्षेत्र में होमस्टे को बढ़ावा देने पर है ताकि श्रद्धालुओं को यहां आने पर सस्ती सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी तीन वर्षों में बदरीनाथ धाम के कायाकल्प के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बदरीनाथ धाम में किये जा रहे कार्यों के लिए विशेष तौर पर प्रधानमंत्री जी व पेट्रोलियम मंत्री का विशेष आभार जताया।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उत्तराखण्ड के चार धामों का विशेष महत्त्व है। बदरीनाथ धाम के कायाकल्प को लेकर तेल कंपनियां प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बदरीनाथ व केदारनाथ धामों की भांति ही उत्तरकाशी में गंगोत्री व यमनोत्री धामों के लिए भी कुछ कार्य कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम को प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप स्मार्ट स्प्रीचवल टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पर अलकनंदा नदी के तटबंध कार्यों के अलावा प्लाजा, जल निकासी, सीवेज, लाइट, सीसीटीवी, पीए सिस्टम, शौचालय, पुल आदि के सौंदर्यीकरण व पुनर्निर्माण के कार्य होने प्रस्तावित हैं।

प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम का धार्मिक के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। यहां से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण कार्यो के दौरान हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि यहां पर पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे। प्रथम चरण में यहां पर अस्पताल के विस्तारीकरण का कार्य प्रस्तावित है। इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, तटबंधों में सुदृढ़ीकरण, लैंड सकेपिंग, भीड़ होने पर होल्डिंग एरिया, पुलों की रेट्रोफिटिंग आदि कार्य होने हैं। मौके पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से एक वीडियो भी दिखाया गया जिसमें यहां होने वाले विभिन्न कार्यों के बारे में बताया गया।

महंत रामकृपालु को श्रद्धांजलि देकर नए महंत बने श्याम चरण महाराज

श्री भरत मिलाप आश्रम में आज ब्रह्मलीन महंत रामकृपालु महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वहीं, श्याम चरण दास महाराज नए महंत बनाए गए।

मायाकुंड में श्री भरत मिलाप आश्रम में आयोजित पट्टाभिषेक कार्यक्रम के शुभारंभ में सभी आगन्तुकों ने ब्रह्मलीन महंत रामकृपालु महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री विरक्त वैष्णव षड्दर्शन संप्रदाय के महामंडलेश्वर रामानंद आश्रम के महंत स्वामी अभिराम दास महाराज की अध्यक्षता एवं महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज के संचालन में श्याम चरण दास महाराज का पट्टाभिषेक किया गया। उन्हें महंताई की चादर ओढ़ाकर श्री भरत मिलाप आश्रम के महंत की जिम्मेदारी सौंपी गई। ब्रह्मलीन राम कृपालु दास महाराज के शिष्य गोपाल बाबा ने बताया कि श्याम चरण दास महाराज उनके गुरु भाई हैं और उन्हें आश्रम की जिम्मेदारी मिली है।

मौके पर महामंडलेश्वर अभिराम दास महाराज, रामेश्वर दास महाराज, महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज, महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज, रामानुजाचार्य गोपाल आचार्य महाराज, डॉ. नारायण दास महाराज, महंत दुर्गादास, महंत विष्णु दास, महामंडलेश्वर राम नरेश आचार्य, लोकेश दास महाराज, पुजारी वृंदावन दास महाराज, सुरेश दास महाराज, केदारनाथ श्रीनिवास, विजयानंद महाराज, मां साध्वी वंदना मिश्रा, मेयर अनीता मंमगाईं, अरविंद पांडे, परमानंद दास महाराज, पंडित रवि शास्त्री, राम चैबे, अभिषेक शर्मा, गुरविंदर सलूजा, आईडी जोशी, रमाकांत भारद्वाज, धीरेंद्र जोशी, अमित गांधी, मनोज तिवारी आदि उपस्थित रहे।