केदारनाथः क्षतिपूर्ति के लिये सीएम ने 09 करोड़ 64 लाख की राहत राशि की हस्तांतरित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास देहरादून में मुख्यमंत्री राहत कोष के अंतर्गत केदारनाथ क्षेत्र में अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल तथा मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने से विभिन्न प्रभावित व्यवसायियों की क्षतिपूर्ति हेतु 9 करोड 64 लाख की राहत धनराशि को डीबीटी के माध्यम से प्रभावितों को हस्तांतरण की।

मुख्यमत्री ने पूर्व में मुख्यमंत्री राहत कोष से लिनचौली से सोनप्रयाग तक के अतिवृष्टि के प्रभावितों की क्षतिपूर्ति हेतु जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से प्राप्त प्रस्तावानुसार 09 करोड 08 लाख की धनराशि मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत की थी। इसके उपरांत मुख्यमंत्री द्वारा आपदा प्रभावितों के लिए 56 लाख की अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत की। इस प्रकार मुख्यमंत्री द्वारा कुल 9 करोड 64 लाख की राहत धनराशि को डीबीटी के माध्यम से प्रभावितों को भेजी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ क्षेत्र में आई आपदा एक दुखद घटना थी। स्थानीय लोगों की सहायता एवं प्रशासन की मदद से रेस्क्यू अभियान तेज़ी से पूर्ण किया गया। उन्होंने कहा आपदा के दौरान प्रभावित हुए लोगों एवं व्यापारियों की मदद के लिए राज्य सरकार हमेशा तत्पर रहेगी। केदारनाथ यात्रा मार्ग को और सुगम बनाए जाने पर निरंतर कार्य किया जा रहा है। चार धाम यात्रा ने पुनः रफ्तार पकड़ ली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भव्य एवं दिव्य केदारनाथ बनाने का कार्य गतिमान है। केदारनाथ क्षेत्र में करोड़ों की योजनाओं पर निरंतर कार्य चल रहा है इन योजनाओं से स्थानीय लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को सुगमता प्रदान हो रही है। उन्होंने कहा केदारनाथ क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है एवं स्थानीय लोगों की हर संभव मदद हेतु सरकार संकल्पित है।

गौरतलब है कि इस वर्ष 31 जुलाई को केदारनाथ क्षेत्र में अतिवृष्टि से लिनचौली से सोनप्रयाग तक पैदल तथा मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था। जिससे विभिन्न व्यवसायियों स्थानीय लोगों को काफी नुकसान हुआ था।

इस अवसर पर रुद्रप्रयाग के विधायक भरत चौधरी गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग डॉ. सौरव गहरवार एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

धामी सरकार ने अयोध्या में उत्तराखंड भवन के निर्माण को आवंटित भूमि की रजिस्ट्री अपने नाम कराई

राम जन्मभूमि अयोध्या में उत्तराखण्ड भवन (राज्य अतिथि गृह) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। भूखण्ड के आवंटन से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने अयोध्या में आवंटित भूखण्ड की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसने अयोध्या में राज्य अतिथिगृह के निर्माण के लिए भूखण्ड की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि सरकार अपने वायदे के अनुरूप जल्दी से जल्दी रामनगरी अयोध्या में अतिथि गृह का निर्माण करेगी ताकि रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आने वाले उत्तराखण्ड के श्रद्धालुओं को ठहरने के उचित सुविधा मिल सके। यह भूखण्ड राममंदिर से महज 7 किलोमीटर (हवाई दूरी 3 किमी) की दूरी पर स्थित है।

अयोध्या में दिव्य और भव्य राममंदिर के निर्माण के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि उत्त्राखण्ड सरकार अयोध्या में राजय अतिथि गृह का निर्माण करेगी। इस घोषणा के साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने भूमि खरीद के लिए फौरीतौर पर 32 करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखण्ड सरकार का आग्रह स्वीकार कर भूखण्ड आवंटन की स्वीकृति प्रदान की थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने अयोध्या में उत्तराखण्ड भवन के निर्माण के लिए 5253.30 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित किया था। अब धामी सरकार ने सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए आवंटित भूखण्ड अपने नाम दर्ज करवा लिया है। मंगलवार को ही भूखण्ड की रजिस्ट्री उत्तराखण्ड सरकार के नाम हुई है। भूखण्ड की रजिस्ट्री होने के साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड भवन की डीपीआर बनाने का काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

जगमोहन सकलानी संभालेंगे श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष पद की कमान

श्री गंगा सभा रजिस्टर्ड ऋषिकेश के द्विवार्षिक चुनाव में जगमोहन सकलानी अध्यक्ष व राहुल शर्मा सचिव सर्वसम्मति से चुने गए। श्री गंगा सभा रजिस्टर्ड की आम सभा हर्षवर्धन शर्मा की अध्यक्षता में चुनाव संपन्न हुये।

प्रबंध कार्यकारिणी में चुने जाने वाले पदाधिकारी में उपाध्यक्ष पद पर रामकृपाल गौतम, नरेश चौहान, प्रेम चंदानी, सुरेंद्र पंत, तथा मंत्री पद पर राजकुमार राजपाल, विनोद पाल, मदन शर्मा, कोषाध्यक्ष पद पर रमन शर्मा, सांस्कृतिक सचिव श्रीमती शोभा शर्मा, विधिक सलाहकार एडवोकेट राकेश सिंह चुने गए।

संरक्षण मंडल भरत मंदिर महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, महंत ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज, महंत रामेश्वर दास महाराज, महंत हरिगिरभाचार्य महाराज आदि प्रबंधन संरक्षक मंडल पूर्व की भांति यथावत रखे गए।

नव मनोनीत अध्यक्ष जगमोहन सकलानी ने सभी श्री गंगा सभा के सदस्यों का आभार व्यक्त किया और कहा कि मां गंगा की आरती त्रिवेणी घाट पर और भव्य बनाने के लिए व सौंदर्यकरण तथा अतिक्रमण मुक्त करने के लिए समस्त कार्यकारिणी के साथ मिलकर प्रयास किया जाएगा।
इस बैठक में चंद्रशेखर शर्मा, कमल शर्मा, राजेश नौटियाल, मनोज कुमार, सुभाष चंद्र बैरागी, बृजेश शर्मा, विनोद पाल, मदन शर्मा, यश अरोरा, सुरेंद्र राणा, विनोद नौटियाल, विजेंद्र शर्मा, गौरव कलरा, शिवेंद्र ध्यानी, सुदेश शर्मा, जतन भटनागर, बाबा ओमप्रकाश छाबड़ा, आदि अन्य गंगा सभा के सदस्य उपस्थित थे।

घंटाकर्ण मंदिर में सीएम ने लिया आशीर्वाद, प्रदेश की खुशहाली की कामना की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घण्टाकर्ण मंदिर गजा, टिहरी गढ़वाल पहुंचकर घण्टाकर्ण देवता के दर्शन एवं विधिवत् पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। साथ ही समस्त देश एवं प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत लागत धनराशि रुपए 60.90 लाख के विश्राम गृह निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 11वां श्री घंटाकर्ण महायज्ञ एवं धार्मिक सांस्कृतिक मेले में प्रतिभाग कर मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि घंटाकर्ण देवता की पवित्र भूमि पर दूसरी बार पहुंचने का मौका मिला है। कहा कि केदारखंड के 148वें अध्याय में इसकी पौराणिकता का वर्णन मिलता है। कहा कि सड़क से जुड़ने के बाद यह विश्व के प्रसिद्ध धामों में से एक धाम बनेगा। कहा कि आज सनातन संस्कृति का परचम चारों ओर लहरा रहा है। आयोध्या में भव्य राम मंदिर का पुर्नाेत्थान निर्माण कार्य हो रहा है। कहा कि गत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का विदेशी धरती पर जिस तरह से सम्मान हुआ है, इससे हर भारतवासी गौरवान्वित हो रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत गरीब परिवारों को एक वर्ष में तीन गैस सिलेंडर मुफ्त में देने का कार्य धरातल पर उतारने में उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। मातृशक्ति को सभी सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण दिये जाने का प्रावधान किया गया है। समान नागरिक संहिता कानून का ड्राफ्ट को पूरा करने का कार्य लगभग कर दिया है, ड्राफ्ट बनने के बाद इसे लागू किया जायेगा, जो पूरे हिंदुस्तान के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा। नई शिक्षा नीति लागू कर दी और खेल नीति भी बनाई गई है। नकल विरोधी कानून बनाया गया है। मानसखंड कॉरिडोर प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत कुमांउ के प्रमुख मंदिरों को बेहतर सड़कों से कनेक्ट किया जायेगा। कहा कि राज्य सरकार ने एक वर्ष के कालखण्ड कई पड़ाव पूरे किये हैं, जिसके तहत प्रदेश की समस्या और चुनौतियों का हल और समाधान करने का काम किया है। कहा कि सरकार का लक्ष्य स्पष्ट और नियत साफ है। प्रदेश और जनता का हित सर्वाेपरि है, किसी वर्ग का अहित न हो इसका संकल्प लिया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि डोगी से घण्टाकर्ण को सड़क से जोड़ने हेतु योजना बनायी जायेगी तथा घण्टाकर्ण मोटर मार्ग का डामरीकरण किया जायेगा। इसके साथ ही खांकर-खत्याड मोटर मार्ग का नवनिर्माण कार्य, (लम्बाई 5 कि.मी.), दावडा-अंगरियाना मोटर मार्ग नवनिर्माण कार्य (लम्बाई 2 कि.मी.), कोल कोडारना मोटर मार्ग का डामरीकरण (लम्बाई 1.25 कि.मी.), पुर्वाला-ससमण मोटर मार्ग का कौडियाला तक विस्तार, नैचोली में एएनएम सेन्टर, शिवपुरी में पार्किंग का निर्माण, कुंजापुरी-बड़कोट मोटर मार्ग का डामरीकरण (लम्बाई 1.25 कि.मी.) को योजनाओं में सम्मिलित किया जायेगा।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जी-20 कार्यक्रमों की मेजबानी की जिम्मेदारी नरेन्द्रनगर क्षेत्र को दिये जाने पर केन्द्र एवं राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया गया। कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जो घोषणाएं की जाती हैं, उन्हें धरातल पर उतारा जाता है। कहा कि नरेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र में की गई घोषणाओं में से अधिकतर घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं, शेष पर कार्य प्रगति पर है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, नगर पंचायत अध्यक्ष गजा मीना खाती, पूर्व विधायक उत्तरकाशी विजय पाल सजवाण, अध्यक्ष मंडी समिति वीर सिंह रावत, अध्यक्ष मंदिर समिति अशोक बिजल्वाण, सीडीओ मनीष कुमार, एएसपी वी.डी. डोभाल, एसडीएम देवेन्द्र नेगी सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं क्षेत्रीय जनता मौजूद रहे।

हिंदू नेशनल इंटर कॉलेज में आयोजित श्रीराम कथा में शामिल हुए सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को हिन्दू नेशनल इंटर कॉलेज लक्ष्मण चौक में आयोजित श्री राम कथा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने श्री राम कथा व्यास पद्म विभूषण जगत गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का अभिनन्दन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज जी के मुखारबिन्द से राम कथा का वर्णन दार्शनिक है, अतुलनीय है तथा साक्षात प्रभु राम के आशीर्वाद के समान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का पावन जीवन चरित्र समूची मानवता के लिए दिग्दर्शन है, प्रेरणा एवं प्रकाश है। उनके जीवन से हम सबको विषम परिस्थितियों में जूझने की प्रेरणा मिलती है। यह हम सबका सौभाग्य है कि स्वामी जी के मुखारबिन्द से हमें श्री राम कथा श्रवण का आनंद प्राप्त हो रहा है। तथा यह वर्तमान पीढ़ी का भी सौभाग्य है कि वह श्रीराम कथा श्रवण की परंपरा से जुड़ रही है। उन्होंने कहा कि स्वामी जी धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्थान के माध्यम से दीन दुखियों, दिव्यांगों एवं विद्यार्थियों की सेवा करने के साथ शिक्षा प्रदान करने कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, आज अभूतपूर्व रूप से भारत का सांस्कृतिक उत्थान हो रहा है। सनातन संस्कृति का परचम विश्व में लहरा रहा है और हमारी आस्था के केन्द्रों का इतिहास और महत्व उसी गौरव के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है, जिसके साथ इसे किया जाना चाहिए था। चाहे श्री राम मंदिर का निर्माण हो, बाबा विश्वनाथ मंदिर का अविस्मरणीय पुनरुद्धार हो, केदारपुरी व बद्रीनाथ पुरी का पुनर्निर्माण व सौन्दर्यीकरण हो।प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत की अस्मिता के प्रतीकों व सांस्कृतिक धार्मिक- धरोहरों को जिस प्रकार से संरक्षित व संवर्धित किया जा रहा है उसकी शब्दों में व्याख्या संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है। हमारा प्रदेश दो देशों की अन्तराष्ट्रीय सीमा से जुड़़ा है। गंगा, यमुना का उद्गम स्थल तथा धर्म, आध्यात्म तथा संस्कृति का केंद है। देवभूमि का मूल स्वरूप बना रहे इसके लिये राज्य में समान नागरिक संहिता हमारे राज्य की जरूरत थी। इसके लिये कमेटी का गठन किया गया, कमेटी द्वारा जून तक इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया जायेगा। इसके पश्चात राज्य में इसे लागू किया जायेगा। यह किसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में लैंड जेहाद के रूप में हो रहे धार्मिक अतिक्रमण को समाप्त करने का कार्य किया जा रहा है। राज्य में अवैध अतिक्रमण को किसी भी दशा में होने नहीं दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में धर्मांतरण पर अब हमने कड़ा कानून बनाया है। इसके अंतर्गत 10 साल तक की कैद का प्रावधान किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से हर नए कार्य की शुरुआत होती है और जो हमारे यहां शुरू होता है वो पूरे देश में जाता है। धर्मांतरण पर कानून समय की आवश्यकता थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि उत्तराखण्ड देश और दुनिया का नम्बर वन पर्यटन प्रदेश बनने के साथ ही हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की भी वैश्विक पटल पर पहचान बने। उन्होंने कहा कि इस बार कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड की झांकी मानसखण्ड को प्रथम पुरस्कार मिलना प्रदेश के साथ ही हमारी लोक संस्कृति का भी सम्मान है।
इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, मेयर सुनील उनियाल गामा आदि उपस्थित थे।

मां भगवती की कृपा से कथा आयोजन का सौभाग्य भक्तों को मिल रहाः आचार्य

श्यामपुर नंबरदार फार्म में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महा ज्ञान यज्ञ से पूर्व श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा निकाली। राष्ट्रीय कथा वाचक वैष्णवाचार्य शिव स्वरूप नौटियाल ने कहा कि इसे महज एक संयोग कहें या प्रभु कृपा कि एक कथा के विश्राम के साथ ही दूसरी कथा भी दुर्गा माता मंदिर के समीप आयोजित की गई है, जबकि स्थान अलग है लेकिन माँ भगवती की कृपा से हमें उनके स्थान पर कथा आयोजन का सौभाग्य निरन्तर मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि बिना आस्था के कोई भी धार्मिक कार्य करना व्यर्थ है। धार्मिक कार्यों में सहभागिता के साथ आस्थावान होना परम आवश्यक है। कथा आयोजक और श्रोतागण दोनों को कथा का पुण्य मिलता है। उन्होंने कलश यात्रा में भाग लेने से समस्त कलह दूर होते हैं। घट स्थापन से पूर्व कलश यात्रा में मुकेश सेमल्टी, अनिल, राजेश, पारेश्वर, मनोज कुमार, बुद्धि प्रकाश, दीपक, नीरज, अनुज, दिव्यांशु, रविन्द्र भट्ट, आचार्य गीता राम, सरस्वती देवी, लतादेवी, पूनम सेमल्टी, बशु पेटवाल, शीला देवी, प्रसन्नी देवी, भूमा देवी, लीला नेगी, प्रमिला देवी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

जोशीमठ प्रकरण पर नवीन जानकारी के साथ ही बचाव कार्यो में तेजी लाने पर जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में जोशीमठ भू-धंसाव के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी चमोली से क्षेत्र की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने के निर्देश दिए। कहा कि प्रभावित क्षेत्र को पूर्ण रूप से खाली करवाया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि भूस्खलन से किसी प्रकार का जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए सबसे पहले परिवारों को शिफ्ट किया जाए और उस बिल्डिंग को प्राथमिकता के आधार पर ध्वस्त किए जाए जो अधिक खतरनाक साबित हो सकती है। जिन स्थानों पर प्रभावित परिवारों को रखा गया है, उन स्थानों पर उनके रहने खाने की उचित व्यवस्था हो। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि प्रभावित नागरिकों एवं शासन प्रशासन के मध्य किसी प्रकार का कम्युनिकेशन गैप न हो। उच्चाधिकारी भी लगातार प्रभावित परिवारों के संपर्क रहें और परिस्थितियों पर नजर बनाए रखें।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भू-धंसाव के कारण मोबाइल नेटवर्क भी प्रभावित हो सकता है। मोबाइल टावर अन्यत्र सुरक्षित स्थान में शिफ्ट कर अथवा नए टावर लगा कर संचार व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को साथ लेकर एक असेसमेंट कमेटी बनाई जाए। प्रतिदिन पूरे क्षेत्र में टीम भेज कर निरीक्षण करवाया जाए कि पिछले 24 घंटे में क्षेत्र में किस प्रकार का और कितना परिवर्तन हुआ हुआ है, जो भवन अधिक प्रभावित हैं उन्हें प्राथमिकता पर ध्वस्त किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जोशीमठ के स्थिर क्षेत्र के लिए ड्रेनेज और सीवेज प्लान पर भी काम शुरू किया जाए। भवनों को ध्वस्त करने में विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाए ताकि ध्वस्तीकरण में कोई अन्य हानि न हो। साथ ही, कंट्रोल रूम को 24 घंटे एक्टिव मोड पर रखा जाए, और आमजन को किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में संपर्क करने हेतु प्रचार प्रसार किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ से सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश कुमार झा, अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत सिन्हा एवं बृजेश कुमार संत सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार एवं जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

श्री भरत मंदिर में आयोजित भागवत कथा का सप्तम, लीला पुरूषोत्तम का हुआ वर्णन

ब्रह्मलीन पूज्य महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज की पुण्य स्मृति मे आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के सप्तम दिवस गोपियों के वियोग की मार्मिक कथा का वर्णन किया।

कथा व्यास डा. राम कमल दास वेदांती ने कहा कि श्रीमद्भागवत में दशम स्कंध में गोपी गीत आता है। ये गोपी गीत भगवान कृष्ण को साक्षात् पाने का मन्त्र है। भगवान कृष्ण को पाने के जितने भी तरीके हैं या होंगे उनमे से एक गोपी गीत है। इस गोपी गीत में उन्नीस श्लोक हैं। जब भगवान शरद पूर्णिमा की रात में रास लीला का प्रारम्भ करते है तो कुछ समय बाद गोपियों को मान हो जाता है कि इस जगत में हमारा भाग्य ही सबसे श्रेष्ठ है भगवान उनके मन की बात समझकर बीच रास से अंतर्ध्यान हो जाते है,व्यक्ति केवल दो ही जगह जा सकता है, एक है संसार और दूसरा है आध्यात्म या भगवान।

उन्होंने कहा कि जैसे ही भगवान से हटकर गोपियों का मन अपने ही भाग्य पर चला गया यहाँ भगवान बता रहे है कि जैसे ही भक्त मुझसे मन हटाता है वैसे ही मै चला जाता हूँ।

सप्तम दिवस की पावन पवित्र कथा मे उत्तराखंड सरकार मे कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, पूज्य गुरु मां आनंदमई, श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, हर्ष वर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, ओंकारानंद आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी विशेश्वरनंद महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवान, मधुसूधन शर्मा, रवि शास्त्री आदि उपस्थित थे।

श्री भरत मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा के षष्ठ दिवस पर बाल लीलाओं का हुआ वर्णन

ब्रह्मलीन पूज्य महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज की पुण्य स्मृति मे आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पष्ठ दिवस श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन हुआ।

कथा व्यास डा. राम कमल दास वेदांती ने कहा कि भगवान कृष्ण ने सबसे पहले पूतना का उद्धार किया था। कृष्ण जन्म पर नंदबाबा के घर खुशी मे जब उत्सव मनाया जाने लगा और नंद बाबा को कंस राजा के पास कर देने जाने मे देरी हो गई। उन्होंने राजा के पास पहुंच कर निवेदन किया की महाराज मेरे घर पुत्र ने जन्म लिया है। इसलिए आने मे देरी हो गई। राजा कंस ने पुत्र जन्म की खबर पर पुत्र को चिरंजीव होने का वचन बोला। उसे पता नहीं था जिसे तू चिरंजीव बोल रहा है वो ही तेरा काल है। उधर भगवान मन ही मन मुस्करा रहे है और सोच रहे है की राम जन्म मे ताड़का कृष्ण जन्म मे पूतना से पाला पड़ा है। माता यशोदा का दुलारा अपनी बाल लीलाओं से आनन्द विभोर होते है और अपनी लीलाओं के माध्यम से ही पूतना का वध करते है। कृष्णजी की बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को हमेशा धर्म के मार्ग पर चलकर समाज सेवा में लोगों को आगे आना चाहिए। मानव जब इस संसार में पैदा लेता है तो चार व्याधि उत्पन्न होते हैं। रोग, शोक, वृद्धापन और मौत मानव इन्हीं चार व्याधियों से धीर कर इस मायारूपी संसार से विदा लेता है।

सांसारिक बंधन में जितना बंधोगे उतना ही पाप के नजदीक पहुंचेगा। इसलिए सांसारिक बंधन से मुक्त होकर परमात्मा की शरण में जाओ तभी जीवन रूपी नैय्या पार होगी। आज के दौर में परेशानी और अविश्वास बढ़ता जा रहा है। इससे समाज में खींचतान, स्वार्थ, लोभ, दुख. पतन, विकृतियों का अम्बार लगा हुआ है। ऐसे में समाज को युग के अनुरूप दिशा चिंतन, व्यवहार, परमार्थ के लिए हृदय में परिवर्तन के लिए श्रीमद भागवत कथा पुराण का आयोजन किया जा रहा है।

षष्ठ दिवस की पावन पवित्र कथा मे श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, हर्ष वर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, रोशन धस्माना, मधुसूधन शर्मा, रवि शास्त्री आदि उपस्थित रहे।

श्री भरत मंदिर में भागवत कथा का पंचम दिन

ब्रह्मलीन पूज्य महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज की पुण्य स्मृति मे आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस पर कथा व्यास डा. राम कमल दास वेदांती ने कृष्ण जन्म की कथा सुनाई।

श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस के प्रसंग का वृतांत सुनाते हुए बताया कि वामन अवतार में जहां भक्त के धैर्य का परिचय का संदेश है वहीं समर्पण भाव की पवित्रता भी है। कथा व्यास पूज्य वेदांती महाराज ने कथा का वाचन करते हुए कहा कि भगवान भक्तों के वश में हैं। भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि जब जब धरती पर पाप अनाचार बढ़ता है, तब.तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं। उन्होंने कहा कि जब कंस के पापों का घड़ा भर गया तब भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया और लोगों को पापी राजा से मुक्ति दिलाई। कथा के दौरान कथा व्यास ने अनेक भक्तिपूर्ण भजन प्रस्तुत किए। जिनमें नंद घर जन्में कन्हैया कान्हा अब तो ले लो अवतार बृज में में तो नंद भवन में जाऊंगी, यशोदा जायो ललना, श्याम तेरी वंशी पुकारे राधा राम भजनों को सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो हो गए। पूज्य महाराज ने कहा आज व्यक्ति मोह माया के चक्कर में फंसकर अनीति पूर्ण तरीके से पैसा कमाने में जुटा है। जिसका परिणाम अंतत उसे भोगना पड़ता है।

मानव मानव की तरह नहीं जी रहा है। श्रीमद् भागवत जीवन जीने और मरने की कलां सिखाती है। उन्होंने बताया कि कलयुग में दुख के तीन कारण हैं, समय, कर्म और स्वभाव। उन्होंने कहा कि स्वभाव से जो दुखी है वो कभी सुखी नहीं हो सकता। जिस घर में अनीति से धन कमाया जाता है उस परिवार में कभी एकता नहीं रहती। वहां हमेशा बैर बना रहता है।

पंचम दिवस की पावन पवित्र कथा मे श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, हर्ष वर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विनय उनियाल, कथा का मुख्य आकर्षण कृष्ण जन्म रहा जिसमें वासुदेव की भूमिका महंत रवि शास्त्री ने निभाई।