उत्तरकाशी व रूद्रप्रयाग जनपद में संचालित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के भवन निर्माण के लिये नाबार्ड द्वारा 83 करोड़ की धनराशि को मंजूरी दे दी गई है। जिसके क्रम में शासन ने दोनों विद्यालय में निर्माण कार्यों के लिये रू0 22 करोड़ की पहली किस्त जारी कर दी है। इन विद्यालयों के भवनों के शीघ्र निर्माण के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तरकाशी एवं रूद्रप्रयाग जनपद में संचालित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय का अब अपना भवन होगा। इन दोनों विद्यालयों के भवन निर्माण एवं अन्य सुविधाओं के लिये नाबार्ड द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत कुल 83 करोड 95 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। जिसमें राजीव गांधी नवोदय विद्यालय रूद्रप्रयाग के लिये रू0 44 करोड़ 86 लाख तथा राजीव गांधी नवोदय विद्यालय उत्तरकाशी हेतु 39 करोड़ 8 लाख की धनराशि शामिल है। डॉ. रावत ने बताया कि नाबार्ड द्वारा वित्तीय स्वीकृत के उपरांत शासन स्तर से दोनों विद्यालयों के लिये कुल 22 करोड़ 66 लाख की धनराशि पहली किस्त के रूप में जारी कर दी गई है। जिसमें रू0 12 करोड़ 11 लाख रूद्रप्रयाग तथा रू0 10 करोड़ 55 लाख की धनराशि उत्तरकाशी राजीव नवोदय विद्यालय को अवमुक्त की गई है। जिसका शासनादेश जारी कर दिया गया है। विभागीय मंत्री ने बताया कि उत्तरकाशी में बनने वाले नवोदय विद्यालय की कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग जबकि रूद्रप्रयाग में ब्रिडकुल को कार्यदायी संस्था बनाया गया है, जिन्हें तय समय सीमा के भीतर निर्माण कार्य पूरा करने को कहा गया है। दोनों विद्यालयों को अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष किये जा रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का मूल्यांकन समय-समय पर किया जायेगा, जिसके निर्देश संबंधित जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी को दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि सरकार का फोकस प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करना है खासकर पर्वतीय व दूरस्थ क्षेत्रों के नौनिहालों को बेहतर शिक्षा मुहैया करा कर उनमें छुपी प्रतिभा को तराशना है।
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हर जनपद में आवासीय बालिका विद्यालयों की स्थापना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि अतिथि शिक्षकों के 2300 पद शीघ्र भरे जाएं। हर जनपद में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की तर्ज पर आवासीय बालिका विद्यालयों की स्थापना तथा विद्यालयों में आउटसोर्स के माध्यम से चतुर्थ श्रेणी के 3 हजार रिक्त पद भरने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों अविलंब मरम्मत की जाए। राज्य के सभी सरकारी एवं अशासकीय स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के सभी छात्र-छात्राओं को आने वाले शैक्षणिक सत्र में निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाए। कक्षा 1 से 8 वीं तक पहले से ही निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं में गुणात्मक सुधार के लिए आईएएस, आईपीएस एवं आईएफएस अधिकारी भी समय-समय पर स्कूलों की सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें। इसके लिए रोस्टर बनाया जाए। शिक्षा विभाग के अधिकारी भी नियमित स्कूलों में जाकर पठ्न-पाठन एवं अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जो पूर्ण हो चुकी है, उन्हें शीघ्र नियुक्ति दी जाए। अध्यापकों के मेडिकल एवं अध्यापिकाओं के मेडिकल, मैटरनिटी लीव एवं चाइल्ड केयर लीव के दौरान कक्षाएं बाधित न हो, इसके लिए स्कूलों में पढ़ाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था रखी जाए। प्रधानाचार्य, प्रवक्ता एवं सहायक अध्यापकों के जो पद रिक्त हैं, उनके जल्द ही आयोग को अधियाचन भेजे जाए। बीआरपी एवं सीआरपी के रिक्त पदों को भी जल्द भरा जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षकों का मेडिकल रिम्बर्समेंट एवं सेवानिवृत्त होने के बाद जीपीएफ भुगतान समय पर हो जाए। मुख्यमंत्री ने कहा की बीआरपी एवं सीआरपी के रिक्त 950 पद शीघ्र भरे जाएं। शिक्षा व्यवस्था की गतिविधियां एवं ट्रांसफर की व्यवस्था ऑनलाइन की जाय।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि विद्यालयों की परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) स्कोर से संबंधित यूडाइस पोर्टल में सभी डाटा अपडेट करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवक्ता एवं वरिष्ठ प्रवक्ताओं के पद रिक्त चल रहे हैं, इन्हें जल्द भरना होगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं, कि वे नियमित स्कूलों का निरीक्षण करें।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, रविनाथ रमन, एस.एन. पाण्डेय, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, अपर सचिव योगेन्द्र यादव एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।