मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को रेसकोर्स बन्नू चौक स्थित गुरूनानक बालिका इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित 10 दिवसीय अखिल गढ़वाल सभा देहरादून द्वारा आयोजित कोथिग उत्तराखण्ड महोत्सव में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अखिल गढ़वाल सभा जैसी संस्थाएं न केवल सामाजिक दायित्वों को पूरा कर रही है बल्कि उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। जो निश्चित रूप से सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि अखिल गढ़वाल सभा के लिये भूमि उपलब्ध कराये जाने के प्रयास किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव में पहाडों के लोक गीत, लोक नृत्य और संस्कृति के विविध रूप दर्शकों को देखने को मिलेंगे। इससे हमारी संस्कृति के साथ पारम्परिक परिधानों व उत्पादों को पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब हमारी युवा पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक विरासत के महत्व को पहचानेगी तभी इससे उनका जुड़ाव भी होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को देश और दुनिया का नम्बर वन पर्यटन प्रदेश बनने के साथ ही अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने के लिये भी हम प्रयासरत हैं। उत्तराखण्ड की संस्कृति, मेलों, उत्सवों के संरक्षण के लिए भी राज्य सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सम्पूर्ण देश में जो सांस्कृतिक पुनर्जागरण का महा अभियान चल रहा है, उसमें उत्तराखंड भी अपना योगदान दे रहा है। उत्तराखंड में भी केन्द्र सरकार के सहयोग से प्राचीन धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों के पुनर्द्धार और संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हमने अपना राज्य स्थापना दिवस मनाया, राज्य स्थापना के इन 22 वर्षों में राज्य ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य के सर्वांगीण विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सबको मिलकर कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने सभी से अपेक्षा की कि हम सब मिलकर देवभूमि को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का स्वप्न साकार करने में सहयोगी बने।
महोत्सव में लोक कलाकारों द्वारा राज्य की लोक संस्कृति के रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक खजान दास, प्रमोद नैनवाल, सुरेश गढ़िया, अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, महासचिव गजेन्द्र भण्डारी, सांस्कृतिक सचिव पं. उदय शंकर भट्ट एवं संस्कृति कर्मी उपस्थित रहे।