सिंचाई विभाग में बंपर तबादले, नवनियुक्त 42 सहायक अभियंताओं की भी हुई तैनाती

उत्तराखंड सरकार ने सिंचाई विभाग में व्यापक स्तर पर प्रशासनिक बदलाव करते हुए अभियंताओं के बंपर तबादले किए हैं। सचिव सिंचाई डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि विभागीय कार्यप्रणाली को अधिक सुचारू, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से यह स्थानांतरण किए गए हैं।

सचिव सिंचाई ने बताया कि तबादलों का यह निर्णय राज्य में सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने, विकास परियोजनाओं में तेजी लाने और जल संसाधन प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए लिया गया है। सचिव ने बताया कि स्थानांतरण नीति के तहत निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई है, जिससे सभी क्षेत्रों में अभियंताओं की समान भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, स्थानांतरित अभियंताओं को जल्द से जल्द नई तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम राज्य के सिंचाई ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

प्रभारी सचिव ने रूद्रप्रयाग में अधिकारियों को कार्य में गति लाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री के निर्देशन पर जनपद प्रभारी चारधाम यात्रा सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने केदारघाटी में अतिवृष्टि के बाद चल रहे कार्यों का संबंधित अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग के किमी 72 से 75 तक पैदल भ्रमण करते हुए अधिकारियों को कार्य में तीव्रता लाने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान जनपद के प्रभारी सचिव ने लोनिवि के एनएच डिवीजन व सिंचाई विभाग के द्वारा किए जा रहे कार्यों का मौका मुआयना किया। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त मार्ग के सुदृढ़ीकरण करने के लिए लोक निर्माण विभाग की पूरी टीम राष्ट्रीय राजमार्ग के किमी 72 से क्षतिग्रस्त मार्ग को दुरुस्त करने हेतु तैनात है। इसके साथ ही अंतिम क्षतिग्रस्त मार्ग के किमी 75 तक भी उनके द्वारा निरीक्षण किया गया। जहां पर जेसीबी मशीन कार्य कर रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को त्वरित गति से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त अन्य ऐसे स्थानों को भी चिन्हित किया गया है जहां भविष्य में भूस्खलन की संभावना से मार्ग क्षतिग्रस्त होने की अधिक संभावनाएं हैं।

इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों द्वारा जनपद के प्रभारी सचिव को अवगत कराया गया कि ऐसे चिन्हित किए गए मार्गों के सुदृढ़ीकरण हेतु टीएचडीसी को प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है। इस पर जनपद के प्रभारी सचिव ने उपलब्ध कराए गए प्रस्ताव में अति संवेदनशील स्थानों को भी शामिल करने के निर्देश दिए।

सिंचाई खंड द्वारा किए जा रहे कार्यों में सोनप्रयाग में सोन नदी के दोनों ओर चल रहे कार्यों का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने बताया कि सोन नदी की बायीं ओर का कार्य एक से दो दिनों में प्रारंभ करवा दिया जाएगा। वहीं इस नदी की दायीं ओर का कार्य तत्काल शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ सीतापुर पार्किंग वाले क्षेत्र का भी निरीक्षण किया जा रहा है। इसके बाद जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के साथ भी विस्तार पूर्वक विचार-विमर्श किया जाएगा तथा शासन स्तर से जिला प्रशासन को दी जाने वाली हर आवश्यक मदद के लिए शासन को अवगत करा दिया जाएगा।

इस अवसर पर राष्ट्रीय राजमार्ग, लोनिवि, सिंचाई विभाग के अधिकारियों सहित उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला आदि मौजूद रहे।

हीमोफीलिया मरीजों को लेकर गंभीर सीएम धामी, बोले नहीं होने देंगे दवाईयों की कमी

राज्य में हीमोफीलिया मरीजों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री ने आज स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार से राज्य में हीमोफीलिया से ग्रसित मरीजों की संख्या व उनको मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर विस्तार से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिये हैं कि हीमोफीलिया से ग्रसित मरीजों को हीमोफीलिया फैक्टर व दवाईयों की कोई कमी नहीं होने दी जाये। प्रत्येक मरीज को सरकारी सुविधाओं का लाभ मिले इसका पूरा ध्यान रखा जाये।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में राज्य में 273 हीमोफीलिया से ग्रसित रोगी पंजीकृत है। जिनके उपचार हेतु राज्य सरकार द्वारा आवश्यक हीमोफीलिया फैक्टर (सात, आठ व नौ) निःशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा पूर्व में हीमोफीलिया से ग्रसित रोगियों को फैक्टर हेतु राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून, एस०एस० जे० बेस हल्द्वानी नैनीताल एवं संयुक्त चिकित्सालय कोटद्वार, पौडी जाना पडता है। परन्तु पिछले पाँच वर्षों से प्रदेश के सभी हीमोफीलिया के ग्रसित रोगियों को उपचार हेतु हीमोफीलिया फैक्टर उनकी निकटतम् चिकित्सा ईकाई पर उपलब्ध कराये जा रहे है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया वर्तमान में राज्य में फैक्टर-7 पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा शीघ्र ही सम्बन्धित चिकित्सा ईकाईयों को फैक्टर-8 और फैक्टर-9 भी उपलब्ध करा दिये जायेगें।

स्वास्थ्य सचिव ने अवगत कराया कि उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को निर्देशित किया है कि वह ब्यक्तिगत रूप में प्रत्येक माह हीमोफीलिया से ग्रसित मरीजों को मिल रही सुविधाओं की समीक्षा करे तथा सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने जिलों के जिला नोडल अधिकारियों को निर्देशित करें कि वह प्रत्येक माह हीमोफीलिया मरीजों को मिल रही सुविधाओं का संज्ञान ले व इस बीमारी को लेकर सरकार दुआरा निःशुल्क दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी आम जनता को उपलब्ध कराए।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि हीमोफीलिया एक वंशानुगत रक्त विकार है जिसमें पीडित व्यक्ति के खून का थक्का पूरी तरह नहीं बनता है। हीमोफीलिया पीडितों के खून में थक्का जमाने वाले आवश्यक प्रोटीन (फैक्टर) की कमी या अनुपस्थिति होती है और चोट लगने पर रक्तस्त्राव जारी रहता है। यह रोग आमतौर पर पुरुषों को प्रभावित करता है, महिलाओ में इस रोग के लक्षण अक्सर दृष्टिगोचर नहीं होते हैं पर वह रोग की वाहक होती है। कभी कभार यह रोग महिलाओ को प्रभावित करता है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा हीमोफीलिया युक्त व्यक्तियों के रक्तस्त्राव तेज नही होता अपितु लगातार व लम्बी अवधि तक होता रहता है। सामान्य व्यक्ति, बाह्य चोट जैसे कटने, छिलने चोट लगने से बचाने का ध्यान रखता हैं, किन्तु हीमोफीलिया में बाह्य चोट के अलावा अंदरूनी रक्तस्त्राव भी बहुत गम्भीर हो सकता हैं। जिससे कि हाथ व पैरों के जोडों व मांसपेशियों के अकडाहट, दर्द, जोडों का खराब होना, विकलांगता और कई बार मृत्यु का कारण भी बन जाता है।

नजरियाः टीबी मुक्त उत्तराखंड की दिशा में रोगियों के सहयोग में जुटे 10 हजार से अधिक निःक्षय मित्र

देहरादून। टीबी मुक्त उत्तराखंड के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास धरातल पर नजर आने लगे हैं। टी0बी0 रोगियों की सेवा के लिये प्रदेश में हजारों ने लोगों ने आगे आ कर सामुदायिक भागीदारी निभाई है। वहीं इन सबके बीच राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार सामाजिक सहभागिता की मिशाल बने हैं। निरूक्षय मित्र बन स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने दूसरी बार टीबी रोगियों को गोद लिया है। जिन रोगियों को उन्होंने गोद लिया था वह पूरी तरह स्वस्थ होकर सामन्य जीवन ब्यतीत कर रहे हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्य में अब तक 10014 लोगों ने निःक्षय मित्र के तौर पर अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2024 तक टी0बी0 मुक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री टी0बी0 मुक्त भारत अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। जिसमें नि-क्षय मित्र चिन्हित टीबी रोगियों को गोद लेकर टी0बी0 मुक्त अभियान में अहम भूमिक निभा रहे हैं।

जिसमें हरिद्वार जनपद में सर्वाधिक 2136 नि-क्षय मित्र पंजीकृत हैं जबकि ऊधमसिंह नगर में 2205, नैनीताल 1309, देहरादून 1709, अल्मोड़ा 593, पौड़ी गढ़वाल 468, टिहरी 392, पिथौरागढ़ 255, रूद्रप्रयाग 208, चमोली 206, उत्तरकाशी 192, चम्पावत 187 तथा बागेश्वर में 154 नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है।

आज प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा जिला क्षय रोग कार्यालय, देहरादून में नि-क्षय मित्र बनकर क्षय रोगी को मासिक पोशाहार दिया गया तथा उनके द्वारा आम जनमानस में अपील की गई की समाज के सभी वर्ग आगे आकर कार्यक्रम की सफलता मे सहयोग करें। सचिव महोदय द्वारा 01 साल पूर्व दो क्षय रोगियों को नि-क्षय मित्र बन पोशाहार दिया गया था जो कि वर्तमान के स्वस्थ्य हो गये है।

इस कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून, प्रभारी अधिकारी, एन.टी.ई.पी, उत्तराखण्ड, जिला क्षय रोग अधिकारी, देहरादून एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थें।

स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने जारी की गाइडलाइन, जानिए आप भी….

चीन में छोटे बच्चों में सांस से संबंधित बीमारी माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सभी देशों को अलर्ट जारी किया है। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ने भी देश के सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने के दिशानिर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार भी सतर्क हो गई है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने इसको लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं। गाइडलाईन में साफ निर्देश किया गया है कि बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के लक्षणों पर विशेष निगरानी रखी जाए।

सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि चीन में बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले बढ़ने पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य में सर्विलांस बढ़ाने के दिशानिर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक इस तरह का कोई मामला नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी जिलों को भी अस्पतालों में विशेष निगरानी रखने के लिए निर्देश दिए गये हैं। इसको लेकर विस्तृत गाईडलाइन जारी कर दी गई है। राज्य के सभी जिला अधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने जनपद में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू रोगियों के उपचार के लिए आईसोलेशन बेड/वार्ड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर की प्रयाप्त मात्रा में व्यवस्था की जाये।

एक नजर स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड द्वारा जारी की गई गाईडलाइन पर

सीजनल इन्फ्लुएंजा, मायकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS-CoV-2 आदि श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगों से बचाव एवं नियंत्रण विषयक।

वर्तमान में चीन देश में सीजनल इन्फ्लुएंजा, मायकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS- CoV-2 आदि श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगियों (विशेषकर बच्चों में) की संख्या में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है। आगामी माहों में शीत ऋतु के आगमन के साथ ही विभिन्न श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगों यथा कोविड-19, सीजनल इन्फ्लूएंजा (H1N1, H3N2) एवं Influenza like Illness (ILI) व Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के प्रसारण की संभावना भी बढ़ जाती है। इसी कम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति एवं स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा DO No. T- 18015/80/2023-IDSP (Pt.1) दिनांक 25.11.2013 प्रेषित किया गया है। अतः उपरोक्तानुसार इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का जनपद स्तर पर अनुपालन करना सुनिश्चित करें।

1 :- भारत सरकार द्वारा प्रदत दिशा निर्देश “Operational guidelines for revised surveillance strategy in context of COVID-19” (संलग्न) का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

2 :- सभी चिकित्सालयों में इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोगियो के उपचार हेतु पर्याप्त आईसोलेशन बेड/वार्ड, आक्सीजन बेड, आई०सी०यू० बेड, वेंटिलेटर, आक्सीजन सिलेण्डर इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।

3 :- समस्त चिकित्सालयों (मेडिकल कॉलेज/जिला/बेस/संयुक्त/ सी०एच०सी०/पी०एच०सी० स्तर तक) में आवश्यक औषधियों (Oseltamivir Cap./Syp., /antibiotics etc), सामग्री (PPE, N-95 Mask, VTM etc) की उपलब्धता एवं चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाये।

4 :- चिकित्सालय एवं समुदाय स्तर पर Influenza like Illness (ILI)/Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के लक्षणों वाले रोगियों की सघन निगरानी की जाये। उक्त सभी रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आई०डी०एस०पी० के अंतर्गत Integrated Health Information Platform (IHIP) पोर्टल में प्रविष्ट किया जाये।

5 :- SARI के लक्षणों से ग्रसित रोगियों के Nasal & Throat Swab samples जांच हेतु निकटवर्ती मेडिकल कॉलेज जांच केन्द्रों में संदर्भित किये जायें।

6 :- समुदाय स्तर पर यदि किसी जगह ILI/SARI केस की क्लस्टरिंग मिलती है तो वहां पर जांच सुविधा की उपलब्धता एवं त्वरित नियन्त्रण एवं रोकथाम कार्यवाही की जाये।

7 :-आई०डी०एस०पी० कार्यकम के अर्न्तगत गठित रैपिड रेस्पान्स टीम को इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोग से होने वाली किसी भी असामान्य स्थिति की निरन्तर मॉनिटरिंग तथा नियन्त्रण हेतु त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देश दिये जायें।

8 :- इन्फ्लुएंजा / निमोनिया सम्बंधित रोगों के संचरण से बचाव हेतु आम जनमानस में जागरूकता हेतु विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये

1 :- बच्चों एवं बुर्जुगों तथा किसी अन्य गम्भीर रोग से ग्रसित लोगों में विशेष सावधानी बरती जाये।

2 :- छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रुमाल / टिश्यू का इस्तेमाल करना।

3 :- साबुन पानी से हाथों को स्वच्छ रखना।

4 :- सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करना।

5 :- ILI/SARI के लक्षण होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना तथा चिकित्सकीय परामर्श पर ही औषधि का सेवन करना।

राज्य में जल्द शुरू होगा यूकोटवीपे का चौथा चरणः आर राजेश कुमार

कुमांउ मंडल के चार दिवसीय दौरे से लौटने के बाद राज्य सचिवालय में आज स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की 38वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक ली। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई कार्यकारिणी की बैठक में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगी। राज्य के कई अस्पतालों में अभी भी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है जिसको देखते हुए यू कोट वी पे का चौथा चरण जल्द शुरू होगा ताकि सभी जनपदों में प्राथमिकता के आधार पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती हो सके।

जल्द शुरू होगा यू कोट वी पे का चौथा चरण
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि प्रदेश के चिकित्सा इकाइयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति हेतु संचालित यू कोट वी पे मॉडल का चौथा चरण जल्द शुरु किया जाएगा। जिसमें सर्जन, गायनोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, ऑर्थाेपेडिक, एनेस्थेटिक, पैथोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशन, मनोवैज्ञानिक आदि पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्त कर सीमांत जनपदों में आमजन को स्वास्थ्य लाभ हेतु सेवाएं दी जाएगी।

एनएचएम के कर्मचारियों को तोहफा
स्वास्थ्य सचिव ने दीपावली से पहले एनएचएम कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में भ्रमण के दौरान एनएचएम कर्मियों ने स्वास्थ्य सचिव के सामने यह मांग रखी थी। जिस पर आज उन्होंने अपनी मुहर लगा दी। कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रेदश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत पात्र कार्मिकों को पितृत्व अवकाश, बाल्य देखभाल अवकाश व बाल दत्तक अवकाश का लाभ उत्तराखंड शासन नियमावली के अनुसार दिए जाने पर सहमति प्रदान की गई।

वहीं स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि निशुल्क जांच योजना के अंतर्गत सभी 266 जांचों की गुणवत्ता की जांच करने हेतु गढ़वाल क्लस्टर के देहरादून मेडिकल कॉलेज व कुमांऊ क्लस्टर के हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की जाएगी।

बैठक में स्वाति भदौरिया मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अमनदीप कौर अपर सचिव स्वास्थ्य, सुनीता टम्टा निदेशक स्वास्थ्य, प्रभारी अधिकारी डॉ अमित शुक्ला, डॉ राजन अरोड़ा, डॉ पकंज कुमार, डॉ फरीदुज़फ़र, डॉ मुकेश रॉय, महेंद्र मौर्य राज्य कार्यक्रम अधिकारी एन.एच.एम., कविता कौशल कंसल्टेंट मानव संसाधन सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।

जिलों सहित कई शासन के अधिकारियों में फेरबदल

चुनावी मोड में दिख रही धामी सरकार ने सूबे के आला अफसरों को कसना शुरु कर दिया है। शनिवार की देर रात चार जिलाधिकारियों समेत 34 वरिष्ठ आईएएस अफसरों को इधर से उधर कर दिया गया। बता दें कि कुछ अरसे पहले भी बड़े पैमाने पर सचिवालय के अफसरों के महकमे बदले गए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद जहां बीते दिन शासन के कार्यभार में बड़ा फेरबदल किया गया था तो वहीं अब जिलों के जिलाधिकारियों समेत अन्य आईएएस अधिकारियों के भी तबादले कर दिए गए हैं।
शनिवार देर रात जारी तबादले की लिस्ट में 34 आईएएस अधिकारियों के नाम शामिल हैं जिसमें मुख्य रुप से स्मार्ट सिटी के सीईओ आशीष श्रीवास्तव को अपर सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनसे स्मार्ट सिटी के सीईओ की जिम्मेदारी लेकर आर राजेश कुमार को दे दिया गया है। यही नहीं, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को उच्च शिक्षा की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
शासन से जारी सूची में राधा रतूड़ी, पंकज पांडेय, आर राजेश कुमार, हरिश्चंद सेमवाल, दीपक रावत, विजय कुमार यादव, विनोद सुमन, सविन बंसल. झरना कमठान, अतर सिंह और संजय टोलिया को अतिरिक्त महकमों का प्रभार देकर उनका कद बढ़ाया गया है।    
दिलीप जावलकर स्थानीय आयुक्त नई दिल्ली बनाया गया है जबकि उनसे सचिव धर्मस्व एवं संस्कृति। एसए मुरुगेशन को सचिव लघु सिंचाई की जिम्मेदारी से अवमुक्त कर दिया गया है। पंकज पांडे को सचिव गन्ना चीनी प्रबंधन निदेशक उत्तराखंड शुगर फेडरेशन की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। हरीश चंद्र सेमवाल को सचिव लघु सिंचाई तथा धर्मस्व एवं संस्कृति बनाया गया है।
चंद्रेश कुमार यादव को सचिव प्रभारी गन्ना चीनी तथा प्रबंध निदेशक उत्तराखंड शुगर फेडरेशन पद से अवमुक्त कर दिया गया है। भूपाल सिंह मनराल से सचिव प्रभारी सचिवालय प्रशासन का भार हटा लिया गया है। दीपक रावत को एक बार फिर कुंभ मेला अधिकारी हरिद्वार की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। विजय कुमार यादव को निदेशक कौशल विकास एवं प्रशिक्षण का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जबकि आशीष श्रीवास्तव से स्मार्ट सिटी के सीईओ का प्रभार लेकर उसे देहरादून के जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार को दे दिया गया है।
विनय शंकर पांडे को जिलाधिकारी हरिद्वार के साथ ही उपाध्यक्ष हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण। विनोद कुमार सुमन को सचिव प्रभारी सचिवालय प्रशासन, सी रविशंकर से जिलाधिकारी हरिद्वार का जिम्मा ले लिया गया है। अपर सचिव वित्त चिकित्सा चिकित्सा शिक्षा तथा महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा की जिम्मेदारी दी। आनंद स्वरूप से जिलाधिकारी पिथौरागढ़ का प्रभार लेकर अपर सचिव ग्राम्य विकास आयुक्त ग्राम विकास तथा निबंधक सहकारिता का जिम्मा सौंपा गया है। आशीष कुमार श्रीवास्तव को अपर सचिव सूचना प्रौद्योगिकी विज्ञान एवं तकनीकी निदेशक बनाया गया है। नितिन सिंह भदोरिया से जिलाधिकारी अल्मोड़ा का प्रभार ले लिया गया है। आशीष चैहान को जिलाधिकारी पिथौरागढ़ की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
स्वाति भदौरिया को चमोली जिलाधिकारी की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। वंदना सिंह को अल्मोड़ा और हिमांशु खुराना चमोली का जिलाधिकारी बनाया गया है। आशीष भटगाई को मुख्य विकास अधिकारी उधमसिंह नगर, सवीन बंसल को परियोजना प्रबंधक, यूपीएपीयूआरपी बनाया गया है। रामविलास यादव से अपर सचिव समाज कल्याण का प्रभार ले लिया गया है। झरना कमठान को अपर सचिव समाज कल्याण तथा प्रबंध निदेशक बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम बनाया गया है। प्रताप सिंह शाह को अपर सचिव राज्य संपत्ति राज्य संपत्ति अधिकारी और अरुणेंद्र सिंह चैहान को अपर सचिव वित्त बनाया गया है। अभिषेक रोहिल्ला बने आयुक्त नगर निगम देहरादून तथा परियोजना निदेशक उत्तराखंड शहरी विकास एजेंसी। योगेंद्र यादव को मिली अपर सचिव सैनिक कल्याण तथा सिंचाई की जिम्मेदारी।
देव कृष्ण तिवारी को अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड,  प्रदीप सिंह रावत को अपर सचिव समाज कल्याण महिला कल्याण आयुक्त निशक्तजन एवं निदेशक महिला कल्याण बनाया गया है। सुरेश जोशी को सचिव समाज कल्याण निदेशक जनजाति निदेशालय एवं अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तराखंड खादी ग्राम उद्योग बोर्ड से अवमुक्त कर दिया गया है। अतर सिंह को अपर सचिव लोक निर्माण विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। वेरी राम को अपर सचिव सचिवालय प्रशासन तथा तकनीकी शिक्षा, और संजय सिंह टोलिया को मिली निदेशक जनजाति निदेशालय की जिम्मेदारी दी गई है।