सीएम ने चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी के लिए मोबाईल सांइस लैब को हरी झण्डी दिखा कर किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पढ रहे छात्र-छात्राओं को लैब ऑन व्हील्स के माध्यम से 9 मोबाईल सांइस लैब की सौगात दी गई। मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय परिसर में मोबाईल सांइस लैब के विज्ञान मॉडलों का अवलोकन किया और 09 मोबाईल सांइस लैब को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया। पिछले वर्ष भी मुख्यमंत्री ने राज्य के चार जिलों चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी के लिए मोबाईल सांइस लैब को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया था।

यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत ने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के 04 जिलों क्रमशः चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी में लैब ऑन व्हील्स का सफल संचालन रहा जिसके अभूतपूर्व परिणाम को देखते हुए राज्य के शेष जनपदों में आज लैब ऑन व्हील्स का शुभारंभ किया गया। प्रो. पंत ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के माध्यम से राज्य के ग्रामीण/दूरस्थ क्षेत्रों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और विज्ञान संचार गतिविधियों को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। परियोजना के अंतर्गत प्रयोगशाला, व्यवाहारिक प्रदर्शनों/मॉडलों, विज्ञान गतिविधियों और प्रदर्शनों के माध्यम से प्रदेश के कक्षा छः से दसवीं तक के छात्र-छात्राओं को जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित आदि विषय के पाठ्यक्रम को ओर अच्छे से सीखने एवं समझ पाने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। प्रो0 पंत ने कहा कि यह प्रदेश में परियोजना का द्वितीय चरण है जिसके अंतर्गत शेष नौ जनपद उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, उधम सिंह नगर, नैनीताल, बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ में किया जा रहा है।

इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव नितेश झा एवं साइंस सिटी सलाहकार जी एस रौतेला, यूकॉस्ट से संयुक्त निदेशक डॉ डी पी उनियाल, परियोजना समन्वयक ई0 जितेन्द्र कुमार, अमित पोखरियाल, विकास नौटियाल, पुनीत सिंह एवं सहयोगी संस्था अगस्त्या इंटरनेशनल से अमित कुमार, अशोक सिंह, योगेश के अलावा विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक राम आश्रय चौहान, निधि, शिवानी कोहली, सीमा भंडारी, अभय शर्मा, सुमन गुप्ता, अनीता नेगी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

सीएम ने किया जल संरक्षण अभियान 2025 के अंतर्गत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में जल संरक्षण अभियान 2025 के अंतर्गत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने जल संरक्षण अभियान 2025 की थीम ‘‘धारा मेरा, नौला मेरा, गांव मेरा, प्रयास मेरा’’ पर आधारित भागीरथ मोबाइल एप का शुभारंभ और ब्रोशर का विमोचन किया। इस एप के माध्यम से लोग अपने क्षेत्र के क्रिटिकल और संकटग्रस्त जल स्रोतों की जानकारी साझा कर सकेंगे। एप के माध्यम से चिन्हित स्रोतों का सरकार द्वारा पुनर्जीवीकरण की दिशा में कार्य किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के जल स्त्रोतों, नौलों, धारों तथा वर्षा आधारित नदियों का संरक्षण करने के उद्देश्य से स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा) का गठन किया है। सारा ने विगत वर्ष विभिन्न विभागों के मध्य सहयोग एवं समन्वय स्थापित कर प्रदेश के लगभग 6500 से अधिक जल स्रोतों के संरक्षण हेतु उपचार कार्य करने के साथ ही लगभग 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संचयन करने में भी सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि सारा द्वारा, जहां एक ओर, मैदानी क्षेत्रों में केन्द्रीय भू-जल बोर्ड के सहयोग से भू-जल रिचार्ज हेतु विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। वहीं, प्रदेश की नदियों को पुनर्जीवित करने के अपने प्रथम चरण में तकनीकी एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर नयार, सौंग, उत्तरवाहिनी शिप्रा एवं गौड़ी नदी के उपचार के लिए आई०आई०टी०, रूड़की एवं एन०आई०एच० रूड़की के सहयोग से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल उन्नति, प्रगति जीवन और विकास का मुख्य आधार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में जल संरक्षण की दिशा में निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। इसमें जन सहयोग भी लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि 10 सालों में उत्तराखण्ड के विकास को बुलंदियों पर ले जाने का यही समय है, जो सही समय है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के अभियान को ग्राम स्तर से राज्य स्तर तक व्यापक रूप से चलाया जायेगा।

इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य के जल स्रोतों के सुधारीकरण और पुनर्जीवित करने के लिए सारा का गठन किया गया है। जल संरक्षण अभियान 2025 में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भागीरथ मोबाइल एप का शुभारंभ भी हो गया है। इस एप के माध्यम से आम जन अपने क्षेत्रों के क्रिटिकल और सूख चुके जल स्त्रोतों की जानकारी साझा कर सकेंगे जिससे समय रहते उनका उपचार भी संभव होगा।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि जल संरक्षण अभियान 2025 एक अभियान मात्र नहीं है। राज्य की जल संपदाओं का संचयन, संरक्षण राज्यवासियों की सहभागिता से किया जा रहा। इस अभियान के तहत ग्राम स्तर पर धारा नौला संरक्षण समिति गठित है, जिससे प्रत्येक स्तर पर ग्राम वासियों की भागीदारी सुनिश्चित हो। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों की क्षमता विकास के लिए चरणवार कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

इस मौके पर विधायक खजान दास, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, जलागम प्रबंधन से नीना ग्रेवाल, पर्यावरणविद चंदन सिंह नयाल, कुंदन सिंह पंवार और पर्यावरण और जल संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे लोग मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने की समाज कल्याण, महिला सशक्तिकरण के साथ ही जनजाति कल्याण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में समाज कल्याण, महिला सशक्तिकरण के साथ ही जनजाति कल्याण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विभागीय समीक्षा बैठकों में लिए जाने वाले जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। ऐसी योजनाओं पर कैबिनेट में लाए जाने से पूर्व जन सुझावों पर तथा अच्छी सोच व नियत के साथ कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान देने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसेवा से जुड़े कार्यों का बेहतर रिजल्ट उपलब्ध कराना अधिकारियों का उद्देश्य होना चाहिए उन्होंने सभी लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने तथा विभागों के आउटपुट का भी परीक्षण करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य के विकास के प्रति समर्पित एवं प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी राज्य हित में बेहतर कार्य कर सकें इसके लिए उन्हें बेहतर वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है। यदि सभी एकजुट होकर मन से कार्य करेंगे तो हम राज्य का बेहतर विकास कर सकेंगे। उन्होंने भविष्य में अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति की व्यवस्था पर भी रोक लगाए जाने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा हमारे बुजुर्गों को प्रतिमाह समय पर पेंशन मिले इसके लिए अब प्रतिमाह मुख्यमंत्री के संदेश के साथ निर्धारित तिथि को वृद्धावस्था पेंशन वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में अकेले रह रहे बुजुर्गों की उचित देखभाल के लिए भी प्रभावी प्रयासों की जरुरत बताते हुए कहा कि इसमें आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी सहयोगी बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने नशा मुक्त उत्तराखण्ड योजना के तहत बनाए जा रहे केन्द्रों के रखरखाव तथा योजना के प्रभावी प्रचार प्रसार पर ध्यान देने को उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी निकट भविष्य में हल्द्वानी में स्थापित केन्द्र का निरीक्षण करेंगे।

मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की पेंशन के लिए लाभार्थियों को दिए जाने वाले सर्टिफिकेट आसानी से बनाए जाने, विभाग द्वारा संचालित आईटीआई से अधिक से अधिक प्लेसमेंट की व्यवस्था, वृद्ध और निराश्रित व्यक्तियों के लिए आश्रय गृह प्रदान करने के लिये प्रदेश में शेल्टर होम तथा उनके संचालन की भी कारगर व्यवस्था बनाए जाने को कहा उन्होंने सामान्य आईटीआई की भांति समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आईटीआई का भी औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ समन्वय बनाए जाने को कहा।

मुख्यमंत्री ने नियोजन विभाग द्वारा जारी अध्ययन रिपोर्ट में औसत प्रदर्शन वाली योजनाओं को और अधिक जन उपयोगी बनाए जाने को कहा। पूर्व माध्यमिक छात्रवृत्ति योजना, अटल आवास योजना तथा एससी वर्ग के लिए निर्मित योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार की भी मुख्यमंत्री ने जरूरत बताई।

बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अभी भी 46 प्रतिशत महिलाएं एनिमीक हैं। इसे कम करने के लिए विभाग ठोस कार्य योजना बनाए। मुख्यमंत्री महिला पोषक योजना के माध्यम से एनीमिया के केसों को कैसे कम किया जा सकता है इस पर ध्यान दिया जाए। दूरस्थ क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी से पहले नजदीकी सरकारी चिकित्सालयों में देख-रेख हेतु उचित व्यवस्था बनाए जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा महिलाओं के आजीविका संवर्धन हेतु चलाई जा रही महिला समेकित योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना, नंदा गौरा योजना, कार्यशील महिला छात्रावास योजना जैसी योजनाओं के बेहतर प्रदर्शन पर ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री जच्चा बच्चा शुभ जीवन प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार प्रोत्साहन योजना तथा कामकाजी महिला छात्रावासों के निर्माण पर भी समयबद्धता के साथ कार्य किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों तथा छात्रों के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं पर भी ध्यान देने के साथ नशा मुक्त भारत अभियान, शिल्पी ग्राम योजना, भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की भी समीक्षा की तथा कार्यों में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हो रहे डेमोग्राफिक चेंज की स्थिती पर भी ध्यान दिए जाने की जरुरत है, उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या वर्ष 2000 में 105.79 करोड़ थी, जो वर्ष 2023 में 143.81 करोड़ हो गई है जबकि उत्तराखण्ड की आबादी वर्ष 2000 में 84 लाख थी जो वर्ष 2023 में 1.275 करोड़ हो गई है। राष्ट्रीय स्तर पर यह बढ़ोतरी 35 प्रतिशत तो उत्तराखण्ड के परिदृश्य में 51 प्रतिशत है।

बैठक में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. नीरज खैरवाल, निदेशक बाल विकास प्रशांत आर्य, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए सीएम धामी ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सिंचाई, लघु सिंचाई और ग्रामीण निर्माण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण और संवंर्द्धन के लिए वृहद स्तर पर कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन और समृद्धि का आधार जल है, इसलिए जल संचय और जलधाराओं, गाड़-गदेरों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में निरंतर प्रयास किए जाएं।

शहरी क्षेत्रों में वर्षा जल संचय के लिए मिलकर कार्य करें

मुख्यमंत्री ने सिंचाई, लघु सिंचाई विभाग और नगर निगमों को शहरी क्षेत्र में वर्षा जल संचय के लिए मिलकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने ग्राउंड वाटर रिचार्ज पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कार्यों के लिए पुरानी पंरपराओं को छोड़कर नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए।

जमरानी और सौंग बांध परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश

सिंचाई और लघु सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने जमरानी और सौंग बांध परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ड्रेनेज की समस्याओं के समाधान के लिए तेजी से कार्य किए जाएं और चौक डेम के निर्माण की दिशा में भी कार्य किए जाएं।

सिंचाई नहरों के अधिकतम लाभ मिले

मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि सिंचाई की नहरों का अधिकतम फायदा लोगों को मिले। साथ ही राज्य के विभिन्न शहरों के ड्रेनेज प्लान के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग और खनन विभाग को नदियों और जलाशयों में जमा सिल्ट/गाद की निकासी के लिए बैठक आयोजित कर उचित समाधान निकालने के निर्देश दिए।

बैठक में यह जानकारी दी गई कि जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना को मार्च 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना में 3638 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत है, जिसमें से 678 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। सौंग बांध परियोजना पर भी कार्य गतिमान है, जिसका लक्ष्य मार्च 2030 तक पूरा करना है।

बैठक में यह भी बताया गया कि मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना के तहत 61 सड़कों पर कार्य चल रहा है।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव विनय शंकर पांडेय, सीपीपीजीजी के एसीईओ मनोज पंत, उप सचिव अजीत सिंह, प्रदीप मोहन नौटियाल तथा संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने दिए सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर जिलाधिकारियों को बहुउद्देशीय शिविर के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वर्तमान सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर कार्यक्रमों के आयोजन के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किये

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं कि 23 मार्च, 2025 को वर्तमान सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार राज्य के जनपद मुख्यालयों में आयोजित कार्यक्रम के अंतर्गत जन सेवा थीम पर बहुदेशीय शिविरों एवं चिकित्सा शिविरों का आयोजन किये जाएगे ।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश जारी किये हैं कि प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार जनपदों में चिकित्सा शिविरो एवं बहुदेशीय शिविरो का आयोजन 22 मार्च से 25 मार्च 2025 तक किया जायेगा। मुख्य कार्यकम 22 मार्च को जनपद अल्मोड़ा में तथा 23 मार्च 2025 को जनपद देहरादून में आयोजित किया जायेगा। समस्त जनपदों के जनपद मुख्यालयों में भी 23 मार्च 2025 को कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है. जिसमें सूचना विभाग द्वारा तैयार विकास पुस्तिका का विमोचन, बहुद्देशीय शिविर तथा चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जायेगा। जनपद मुख्यालयों में कार्यक्रम की अध्यक्षता सम्बन्धित जनपद के प्रभारी मंत्री के द्वारा की जायेगी। जिन जनपदों में कतिपय कारणों से प्रभारी मंत्री की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है, वहां कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसदगण द्वारा की जायेगी। सम्बन्धित जिलाधिकारी कार्यक्रम की अध्यक्षता हेतु प्रभारी मंत्री/मा० सांसदगण से निवेदन कर समन्वय स्थापित करेंगे। बहुद्देशीय शिविर में आम जन को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की उपलब्धता, विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली जनोपयोगी योजनाओं एवं सुविधाओं की जानकारी, निःशुल्क स्वास्थ्य जांच एवं दवाओं का वितरण आदि सुनिश्चित किया जाएगा, इसके साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेते हुए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लाभार्थियों की सक्सेस स्टोरीज का भी प्रचार-प्रसार किया जाय। जनपद स्तर पर कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रातः 11ः00 बजे किया जाना है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निर्देश जारी किए हैं कि प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार प्रभारी मंत्री/सांसद द्वारा पहले जनता को सम्बोधित किया जायेगा। जनपद देहरादून में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को मुख्यमंत्री द्वारा अपराह लगभग 12ः30 बजे सम्बोधित किया जायेगा, जिसका सजीव प्रसारण समस्त जनपद मुख्यालयों एवं तहसील/ ब्लॉक मुख्यालयों में आयोजित होने वाले कार्यक्रन में भी प्रसारित किया जायेगा। जनपद स्तर पर बहुद्देशीय शिविर / चिकित्सा शिविर एवं कार्यक्रम के आयोजन की व्यवस्था सम्बन्धित जिले के जिलाधिकारी द्वारा की जायेगी, इसमें टेंट, फर्नीचर, जलपान, भोजन आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। कार्यक्रम स्थल पर उत्तराखण्ड की लोक परम्पराओं, लोक नृत्य, लोक गायन, लोक कला जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही साथ जन सामान्य हेतु सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं से सम्बन्धित पठनीय सामग्री भी उपलब्ध कराई जायेगी। जनपद मुख्यालय पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में स्थानीय सम्मानित जन प्रतिनिधियों के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भी आमंत्रित किया जायेगा। 23 मार्च, 2025 को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के अतिरिक्त 24 मार्च से 30 मार्च, 2025 तक जन सेवा थीम पर प्रत्येक विधानसभा / ब्लॉक स्तर पर भी बहुदेशीय शिविर एवं चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा। विधानसभा क्षेत्र/ब्लॉक मुख्यालयों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तिथि निश्चित कर बहुउद्देशीय शिविरों के आयोजन का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा,ताकि अधिकतम जन सहभागिता सुनिश्चित हो सके तथा आमजन को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके। विधानसना/ब्लॉक मुख्यालयों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में मा० सांसदगण / मा० विधायक गण एवं सम्मानित जन प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जायेगा।

उक्त कार्यक्रमों को सफल बनाने हेतु जो भी कार्य आवश्यक होंगे, जिलाधिकारी अपने स्तर से निर्णय लेंगे।

फिट उत्तराखंड अभियान से स्वास्थ्य, स्वच्छता और फिटनेस को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में फिट उत्तराखंड अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जाए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन को निर्देशित किया कि सभी विभागों के साथ समन्वय कर इस अभियान के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगा अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिट उत्तराखंड अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के नागरिकों को स्वास्थ्य, स्वच्छता और फिटनेस के प्रति जागरूक करना है, जिससे वे स्वस्थ जीवनशैली अपना सकें। इस अभियान में शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को भी शामिल किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो सकें।

योग, व्यायाम और खेल गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि फिट उत्तराखंड अभियान के तहत योग, व्यायाम और स्वास्थ्य जागरूकता अभियानों को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही, स्कूल और कॉलेजों में खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाए ताकि युवा पीढ़ी शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय और स्वस्थ रह सके।

प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान को आगे बढ़ाएगा अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटापा कम करने के लिए जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए और खाने में तेल का उपयोग कम करने की आदत डालनी चाहिए। फिट उत्तराखंड अभियान के माध्यम से इस संदेश को प्रदेशभर में प्रसारित किया जाएगा।

जन-जन तक पहुंचेगा फिट उत्तराखंड का संदेश

सरकार का लक्ष्य है कि फिट उत्तराखंड अभियान का संदेश प्रदेश के हर नागरिक तक पहुंचे। इस अभियान के तहत विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाएगा, जिससे आमजन अपनी दिनचर्या में फिटनेस को शामिल करने के लिए प्रेरित हों।

विभिन्न साहित्यकारों एवं भाषाविदों को सीएम ने किया ‘उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024’ से सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आई.आर.डी.टी सभागार सर्वे चौक देहरादून में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित ‘उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024’ समारोह में प्रतिभाग कर विभिन्न साहित्यकारों एवं भाषाविदों को सम्मानित किया।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान समारोह हमारी साहित्यिक परंपरा, रचनात्मक चेतना और शब्द-साधकों के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रतीक है। यह मंच उन सभी महान विभूतियों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी लेखनी से समाज को दिशा देने और उत्तराखंड की संस्कृति को नई पहचान दी है। उन्होंने उत्तराखंड के सर्वाेच्च साहित्यिक सम्मान, उत्तराखंड साहित्य भूषण से सुभाष पंत को सम्मानित करते हुए कहा कि पंत समूचे हिंदी साहित्य जगत के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्मानित होने वाले साहित्यकारों ने अपनी सृजनशीलता के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को समृद्ध किया है। देवभूमि की धरा हमेशा से रचनात्मकता ज्ञान और संस्कृति का अद्भुत केंद्र रही है, जहाँ विचारों की ज्योति ने हर युग में समाज को प्रेरित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्यता से अनगिनत लेखकों, कवियों और विचारकों को प्रेरणा मिलती है। इसी राज्य से सुमित्रानंदन पंत जी ने देश-दुनिया को शब्दों के माध्यम से जोड़ा और शैलेश मटियानी जी को ‘पहाड़ का प्रेमचंद’ कहलाने का गौरव प्राप्त हुआ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि साहित्य ही समाज का वास्तविक दर्पण होता है, जो उसकी संस्कृति, मूल्यों और विचारों को उजागर करने का काम करता है। लेखक समाज के चिंतक, मार्गदर्शक और प्रेरक होते हैं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भी कवियों और रचनाकारों की सक्रिय भागीदारी रही थी। उत्तराखंड की स्थापना में भी लेखन और सृजन से जुड़े अनगिनत साहित्यकारों का योगदान रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार साहित्य और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत राज्य में उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य भूषण, लाइफ टाइम अचीवमेंट जैसे पुरस्कारों के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हिंदी सहित विभिन्न स्थानीय भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन हेतु साहित्यकारों को अनुदान भी दिया जा रहा है। सरकार ने वर्ष 2023 में 10 उत्कृष्ट साहित्यकारों को 01 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की है, इसे और विस्तार देते हुए वर्ष 2024 में उत्तराखंड साहित्य भूषण पुरस्कार सहित 21 नए साहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा की गई है। इसके साथ ही 45 लेखकों को भी आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को साहित्यिक पर्यटन के केंद्र रूप में विकसित करने हेतु भी प्रयासरत है। उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा दो साहित्य ग्रामों की स्थापना की जा रही है, जहाँ साहित्यकारों के लिए आवासीय सुविधा, आधुनिक पुस्तकालय, संगोष्ठी कक्ष और अध्ययन स्थल जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। भारत का साहित्य सदियों से अपनी वैचारिक संपन्नता के कारण विश्वभर में विशिष्ट स्थान रखता आया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य सरकार भाषा संस्थान के माध्यम से राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस योजनाएँ बना रही हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए सतत प्रयास कर रही है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान -2024 के अंतर्गत उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान से सुभाष पंत, सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार से डॉ. दिनेश पाठक, गुमानी पंत पुरस्कार से गोपाल दत्त भट्ट, भजन सिंह पुरस्कार से कुलानन्द घनशाला, गोविंद चातक पुरस्कार से सुनीता चौहान, प्रो. उन्वान चिश्ती पुरस्कार से सगीर उल्लाह, गौरा पंत ‘शिवानी’ पुरस्कार से शमा खान, मंगलेश डबराल पुरस्कार से सतीश डिमरी, महादेवी वर्मा पुरस्कार से शशिभूषण बड़ोनी, शैलेश मटियानी पुरस्कार से ललित मोहन रयाल को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने इसी क्रम में डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार से नीरज कुमार नैथानी, बहादुर बोरा, बंधु पुरस्कार से महेंद्र ठुकराठी, शेर सिंह बिष्ट ‘‘अनपढ़‘‘ पुरस्कार से मोहन चंद्र जोशी, भवानीदत्त थपलियाल सती पुरस्कार से वीरेंद्र पंवार, कन्हैयालाल डंडरियाल पुरस्कार से मदन मोहन डुकलाण, गिरीश तिवारी ‘‘गिर्दा‘‘ पुरस्कार से डॉ. पवनेश ठकुराठी, विद्यासागर नौटियाल पुरस्कार से अनूप सिंह रावत, एंव भैरत दत्त धूलिया पुरस्कार से एम.आर ध्यानी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आई.आर.डी.टी परिसर में पुस्तक मेले का भी उद्घाटन किया, तथा भाषा संस्थान के भवन निर्माण हेतु जिलाधिकारी देहरादून को आवश्यक निर्देश दिये जाने की भी बात की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, निदेशक स्वाति भदौरिया, पूर्व कुलपति प्रो. सुधारानी पाण्डे सहित साहित्य क्षेत्र से जुड़े लोग आदि उपस्थित थे।

पर्वतीय प्रवासी जन-कल्याण समिति गाजियाबाद में हुआ उत्तरैणी-मकरैंण महोत्सव, सीएम ने किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इंदिरापुरम, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश में पर्वतीय प्रवासी जन-कल्याण समिति गाजियाबाद द्वारा आयोजित उत्तरैणी-मकरैंण महोत्सव में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तरैंणी-मकरैंण महोत्सव में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यह महोत्सव उत्तराखंड की संस्कृति वेशभूषा खानपान और अपनेपन का संगम है। उन्होंने कहा आयोजकों द्वारा हमारी समृद्ध विरासत का संरक्षण कर उसे आगे बढ़ाने का कार्य किया जाना, सराहनीय है। इस प्रकार के महोत्सव हमारी सांस्कृतिक विरासत लोक कला लोक संगीत को बढ़ावा देने के साथ उत्तराखंडी प्रवासियों को प्रेम के एक सूत्र में पिरोने का भी कार्य करते हैं। महोत्सव में पारंपरिक हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद और उत्तराखंडी व्यंजनों को भी प्रदर्शित किया गया है। जो इन उत्पादों को नई पहचान देंगे।

मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासियों से उत्तराखंड स्थित उनके पुश्तैनी गांव, पहाड़ों के विकास में सहभागी बनने का आवाहन किया। उन्होंने कहा अपनी पैतृक भूमि में निवेश कर वहां स्वरोजगार, लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर अपनी जन्मभूमि को आगे बढ़ाना है। राज्य सरकार ने प्रवासी भाई बहनों के साथ सम्मेलन कर राज्य के विकास को लेकर भी चर्चा की। पूरे देशभर में रहने वाले हमारे प्रवासी भाई बहन उत्तराखंड आए थे, और उनसे कई विषयों पर मंथन हुआ। प्रवासी उत्तराखण्डियों ने अपने गांव को भी गोद लिया है। जिससे वो उत्तराखंड के विकास में सहभागी बनेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में विकास और विरासत को साथ में बढ़ाया जा रहा है। देश में बड़े धार्मिक स्थलों का विकास / पुनर्निर्माण किया जा रहा है। काशी विश्वनाथ, उज्जैन महाकाल लोक, अयोध्या में श्री राम मंदिर परिसर का भी भव्य दिव्य परिसर बना है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य सरकार ने विकास के साथ सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण का भी कार्य किया है। राज्य में सड़क, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी जैसे अनेकों क्षेत्रों में विकास कार्य जारी हैं। श्री केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य, भगवान बद्री विशाल के परिसर का मास्टर प्लान, चारों धामों में ऑल वेदर रोड, मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत मंदिरों का सर्किट जैसे अनेकों क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा 2027 में देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ का आयोजन होने जा रहा है, जिसके लिए हरिद्वार ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर का कार्य भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। टनकपुर में शारदा कॉरिडोर का कार्य किया जा रहा है। राज्य में विकास कार्यों के साथ रोजगार और स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। होमस्टे योजना, लखपति दीदी योजना, एक जनपद दो उत्पाद एवं हाउस आफ हिमालयाज के माध्यम से स्थानीय आजीविका को आगे बढ़ाने का कार्य जारी है। देवभूमि की मातृशक्ति कौशल और परिश्रम से भरी हैं, जिसके फलस्वरूप राज्य में 01 लाख लखपति दीदी बनीं हैं। देवभूमि के उत्पादों की मांग देश दुनिया में बढ़ती जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इकोलॉजी और इकनॉमी में समन्वय बनाकर विकास को आगे बढ़ाया जा रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की सूची में राज्य को प्रथम स्थान मिला है। राज्य से नकल माफियाओं को उखाड़ फेंकने का कार्य राज्य सरकार ने किया। अब प्रतिभावान छात्रों को रोजगार मिल रहा है। बीते 3 सालों में 20 हज़ार से ज्यादा लोगों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए हैं। राज्य के संकल्प अनुसार हमने अब तक 20 हजार सरकारी नौकरियां देने का कार्य किया है। उत्तराखंड की डेमोग्राफी बचाए रखने के लिए धर्मांतरण कानून लागू किया गया है। राज्य ने सख्त दंगारोधी कानून लागू हो गया है। देश की आजादी के बाद उत्तराखंड ने सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू किया। जिसका गौरव प्रत्येक उत्तराखंडवासी को प्राप्त है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट सत्र में राज्य में सशक्त भू कानून लागू किया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार, प्रदेश की जमीनों को बर्बाद नहीं होने देगी। उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा और विरासत को जीवंत रखने और इसे पूरा करने में सभी का सहयोग मिलता रहेगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री (उत्तर प्रदेश सरकार) सुनील शर्मा, सागर रावत, विजय रावत, दिनेश बड़ोला, पी.एन शर्मा, आशीष नेगी, मोहन नेगी, खीम सिंह नेगी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

खटीमा में न्यूजीलैंड से आए डेलिगेशन ने सीएम से की शिष्टाचार भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से खटीमा में न्यूजीलैंड से आए डेलिगेशन ने शिष्टाचार भेंट की।

ग़ौरतलब है कि प्राइमरी इंडस्ट्री मिनिस्ट्री, न्यूजीलैंड सरकार के सलाहकार प्रोफेसर गैरी तथा न्यूजीलैंड के पशुचिकित्सा वैज्ञानिक प्रोफेसर निकोलस द्वारा जनपद उधम सिंह नगर के तहसील किच्छा, गदरपुर, काशीपुर के अंतर्गत भारत सरकार की ब्रीड मल्टीप्लीकेशन फार्म योजना के लाभार्थियों के फार्माे का निरीक्षण व अध्ययन किया जा रहा है।

इस दौरान जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष जोशी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम धामी के खटीमा पहुँचने पर हुआ भव्य स्वागत, 337.17 लाख के कार्यों का हुआ शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने थारू इंटर कॉलेज खटीमा में आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹337.17 लाख के तीन कार्यों का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास की गई योजनाओं में ₹ 183.77 लाख कि लागत से ग्राम कल्याणपुर, रुद्रपुर के प्रशासनिक क्षेत्र में लगभग 1.5 किमी में सड़क के दोनों ओर पाथ-वे निर्माण कार्य। ₹ 67.50 लाख की लागत से ग्राम कल्याणपुर, रुद्रपुर के प्रशासनिक क्षेत्र में लगभग 1.5 किमी स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य एवं ₹84.90 लाख की लागत से कलेक्ट्रेट परिसर में पार्किंग निर्माण कार्य का शिलान्यास शामिल है।

मुख्यमंत्री ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि खटीमा मेरी कर्मभूमि रही है और यहां के लोग मेरे परिवार के ही सदस्य हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से राज्य सरकार अपने विकल्प रहित संकल्प के साथ उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जहां एक ओर शहरों से लेकर सुदूर सीमावर्ती पर्वतीय गांवों तक सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पेयजल सहित सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से दुग्ध उत्पादन, मधु उत्पादन, कृषि, बागवानी, सुगंधित पौधों एवं फूलों की खेती आदि को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। राज्य के होम स्टे योजना, लखपति दीदी योजना और सौर स्वरोजगार योजना जैसी अनेकों योजनाएं लागू कर स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा में वो कोई भाषण देने नहीं अपितु सभी परिवारजनों के बीच अपने हृदय की बात रखने आए हैं। उन्होंने कहा वर्ष 2012 में खटीमा के लोगों ने ही उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनकर पहली बार विधायक के रूप में विधानसभा भेजा था, तब से लेकर अब तक उन्होंने हमेशा खटीमा के विकास के बारे में सोचा है। उन्होंने कहा वो खटीमा के लोगों को कभी भूलेंगे नहीं, क्योंकि खटीमा के लोगों के उनके प्रति जो आपसी प्रेम और अपनत्व की भावना है, वो कभी बदल नहीं सकती है। उन्होंने कहा वो सदैव खटीमा के चहुंमुखी विकास और जन-जन के कल्याण हेतु प्रयासरत रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खटीमा में नए बस स्टैंड का निर्माण, नई सड़कों और पुलों का निर्माण, 100 बेड के अस्पताल के नए परिसर का संचालन, जनजातीय समुदाय के बच्चों के लिए आधुनिक एकलव्य विद्यालय का निर्माण जैसे अनेको कार्यों से क्षेत्र को को आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने अपनी यादों को साझा करते हुए कहा उन्हें अपनी युवावस्था में वो दिन याद है जब वो इसी खटीमा की धरती से पढ़ने के लिए लखनऊ जा रहे थे। उन्होंने कहा खटीमा में शिक्षा के क्षेत्र से संबंधित नए-नए कार्य भी प्रारंभ हुए हैं। आईटीआई और पॉलिटेक्निक कॉलेजों हेतु नए भवनों का निर्माण करने के साथ राजकीय महाविद्यालय खटीमा में एमकॉम और एमएससी की कक्षाएं भी प्रारंभ करवाई गई हैं। राज्य सरकार ने 16 करोड़ रुपए की लागत से चकरपुर में खेल स्टेडियम का निर्माण किया है। जहां हाल ही में 38वें राष्ट्रीय खेलों की कई प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा अब स्टेडियम में हमारे क्षेत्र के युवाओं को अभ्यास करने हेतु उच्च स्तरीय सुविधाएं मिलेगी एवं प्रतिभावान खिलाड़ियों को भी हॉस्टल में रहने की सुविधा भी मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज खटीमा के साथ ही, हम पूरे उधमसिंह नगर जनपद में कई ऐतिहासिक विकास परियोजनाएँ संचालित कर रहे हैं। जनपद के किच्छा में करोड़ों की लागत से एम्स ऋषिकेश के सैटेलाइट सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार द्वारा खुरपिया में एक स्मार्ट औद्योगिक नगर विकसित करने की प्रक्रिया भी गतिमान है। उन्होंने कहा इस औद्योगिक नगर के स्थापित होने से उधम सिंह नगर के साथ पूरे उत्तराखंड के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। पीएम आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत रुद्रपुर के बागवाला गांव में 1872 ई.डब्ल्यू.एस. आवासों का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत जनपद के टनकपुर और काशीपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कार्य भी प्रगति पर है।

नगर पालिका अध्यक्ष रमेश चंद्र जोशी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश का साथ ही खटीमा का चहुँमुखी विकास किया व निरंतर आगे भी विकास कि गंगा बहा रहे है। उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष खटीमा के विकास हेतु 13 मांगो का प्रस्ताव रखा।

इस दौरान कार्यक्रम में विधायक रुद्रपुर शिव अरोरा, मेयर विकास शर्मा, दीपक बाली, अध्यक्ष नगर पंचायत नानकमत्ता प्रेम सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिंदल, पूर्व विधायक प्रेम सिंह राणा, महामंत्री अमित नारंग,जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।