विद्या भारती के विद्यालय देश में कर्णधारों को बना रहे संस्कारवानः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर, सुमन नगर, धर्मपुर में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, उत्तराखण्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड बोर्ड परीक्षा 2024 की हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की परीक्षा में विद्या मंदिर के शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर, इण्टर कॉलेज सुमन नगर, धर्मपुर में भवन निर्माण के लिए 60 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ ही युवा पीढ़ी को भारतीय मूल्यों से परिचित कराने और भारतीय संस्कृति के अनुरूप उनको शिक्षित करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर, विद्या मंदिर आज देश के कोने-कोने में हमारे देश के कर्णधारों को संस्कारवान बनाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। बच्चों को किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि योग्य नागरिक बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। विद्यार्थियों को देशभक्ति, स्वदेशी चिंतन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और समसामयिक महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विद्या भारती द्वारा 500 से भी अधिक विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें प्रदेश में 01 लाख से भी अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके साथ ही विद्या भारती द्वारा आदिवासी बहुल क्षेत्रों और राज्य के सीमांत क्षेत्रों में भी सैकड़ों विद्यालय खोले गये हैं। भारत सरकार द्वारा विद्या भारती के सात स्कूलों को सैनिक स्कूल के रूप में स्थापित करने के लिए चयनित किये जाने पर मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों और युवाओं के उत्थान के लिए राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों में अनेक कार्य कर रही है। शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने त्वरित रूप से निर्णय लेते हुए देश में सर्वप्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को प्रदेश में लागू किया है। प्रदेश की शिक्षा व्यववस्था को और अधिक आधुनिक, व्यावहारिक और सुदृढ़ बनाने के लिए नीतिगत निर्णय लिये गये हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में स्मार्ट क्लासों की स्थापना की जा रही है। कक्षा 01 से लेकर 12 तक विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें और कक्षा 01 से 08 तक पाठ्य पुस्तकों के साथ ही बैग और जूते भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत हजारों मेधावी विद्यार्थियों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति देने का भी प्राविधान किया है। कक्षा 09 में प्रवेश लेने वाली बालिकाओं को साइकिल भी प्रदान की जा रही है। प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट के 05-05 टॉपर्स को भारत भ्रमण कराने का भी राज्य सरकार ने निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में भी राजकीय महाविद्यालयों की आधारभूत संरचना को मजबूत करने के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में 20 नये मॉडल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे 05 विद्यार्थियों को हर साल स्नात्तकोत्तर स्तर पर अध्ययन के लिए ब्रिटेन के किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पढ़ाई करवाने के लिए चिवनिंग उत्तराखण्ड छात्रवृत्ति के लिए समझौता किया गया है। स्प्रिंगबोर्ड इंफोसिस भी शिक्षकों के लिए आईटी आधारित निःशुल्क प्रशिक्षण मॉड्यूल और छात्रों के लिए निःशुल्क कोर्स उपलब्ध करायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार के बजट में राज्य सरकार ने युवा कल्याण, तकनीकि शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए 1700 करोड़ से भी अधिक धनराशि का प्राविधान किया है। उन्होंने कहा कि हमारी कैबिनेट ने दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की पढ़ाई करवाने का निर्णय लिया है।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक उमेश शर्मा काऊ, उत्तराखण्ड के प्रान्त प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र, भारतीय शिक्षा समिति के मंत्री डॉ. रजनीकांत शुक्ल, शिशु शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुरेन्द्र मित्तल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

ग्लोबल समिट 2024 में सीएम ने किया प्रतिभाग, विद्वानों का किया स्वागत व अभिनंदन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजस्थान के माउंट आबू स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्विद्यालय द्वारा आयोजित ’ग्लोबल समिट-2024’ में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने वैश्विक सम्मेलन में उपस्थित सभी विद्वान जनों का स्वागत और अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है, जहां कण-कण में शंकर का वास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य एक ओर जहां प्राकृतिक रूप से सुरम्य है वहीं आध्यात्मिक रूप से विशिष्ट भी है। विश्व के कोने-कोने से लोग देवभूमि उत्तराखंड में आकर स्वयं की खोज करते हैं। स्वयं को साधना में लगाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग उन्हें पूछते हैं कि देवभूमि में कितने देवस्थान हैं या कितने प्रसिद्ध स्थान हैं तो मेरा एक ही उत्तर होता है कि देवभूमि में जिधर भी आपकी नजर जाएगी वो हर स्थान देवों का है। हर स्थान हमारा पर्वतों, वनों से आच्छादित है, हर स्थान हिम ग्लेशियर, नदियों से आच्छादित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी देवभूमि से आकर आप सबके बीच आकर आप सबके कार्यक्रम से जुड़ना, आप सबके बीच आने का जो सुअवसर प्राप्त हुआ यह उनके लिए सौभाग्य की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे स्थान पर वही आ पाता है जिन पर बाबा की कृपा होगी। इसीलिए सब लोग यहां पर पहुँचे हैं। उन्होंने कहा कि आज मैं भी एक जिज्ञासु बनकर आया हूँ, मुझे अपने भीतर भी एक आत्मिक शांति का एहसास हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कई वर्षों से प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज के कार्यक्रमों में आते रहे हैं। बहुत बार संस्थान के लोग माउंट आबू आने के लिए कहते थे। मन में आने की बहुत इच्छा भी रही। इसके पीछे का कारण परमपिता परमात्मा का असीम आशीर्वाद भी है और इस स्थान की महत्ता भी है और राज योगिनी दीदी मां रतन मोहिनी से जो स्नेह यहां मिलता है वह भी इसका बड़ा कारण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबके लिए यह गर्व का विषय है कि संयुक्त राष्ट्र के साथ ही परामर्शदात्री दर्जा प्राप्त भारत की भूमि से उपजा हुआ यह स्थान विश्व के कोने-कोने में आज शांति, सद्भाव और मानवता का संदेश देने का कार्य कर रहा है। सच में लोगों को स्वयं को खोजने का एक बहुत बड़ा प्रकल्प चल रहा है। मैं आज यहां स्वच्छ और स्वस्थ समाज के निर्माण में आद्यात्मिक की महत्वपूर्ण भूमिका को ही समझने के लिए ही आया हूँ कि कैसे इन मूल्यों को हम अपने जीवन में उतार सकते हैं ताकि सभी के लिए एक बेहतर समाज का निर्माण हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम भारतीय जीवन दर्शन का सार है। परस्पर भाईचारे का संदेश आज भी प्रासंगिक है। जिस प्रकार से नई तकनीक हमें भौतिक सुख प्रदान करती है वैसे ही आध्यात्मिकता हमें आंतरिक सुख प्रदान करती है। हमारे शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य पूर्ण संतुलन बनाने का काम करती है। पूरे विश्व के अंदर यह संस्था करोड़ो लोगों के जीवन में बदलाव लाने का काम कर रहा है। ब्रह्कुमारीज संस्था से जुड़ी बहने और भाइयों द्वारा जीवन जीने की कल बहुत ही सरल शब्दों में लोगों को समझाया जाता है, उससे आमजनमानस में भी आसानी से इन विषयों को जानकर लोग अपने जीवन को सरल बना सकते हैं। इस प्रकार के जो बदलाव हैं, इनको मैंने अपने जीवन में महसूस किए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम आध्यात्मिकता को अस्तित्व के एक भागीदार के रूप में देखने लगते हैं तो हमारा मन स्वतः ही स्वच्छ होने लगता है। हमे अहसास होता है कि यह हमारे जीवन की आवश्यकता नहीं है बल्कि जीवन की अनिवार्यता है। आध्यात्मिकता की वह शक्ति है जो शरीर को बाहरी व अंदरूनी रूप से स्वच्छ रखने के साथ साथ मानसिक और शारीरिक दबावों को सहने के सामर्थ्य प्रदान करती है। स्वच्छ और स्वस्थ समाज का निर्माण केवल आधुनिक तरीके व कानूनों से भी संभव नहीं है कि केवल हम कानून व अन्य तरह से इसको कर पाएं बल्कि इस लक्ष्य को जीवन में आध्यात्मिक मूल्यों को शामिल करके ही हासिल किया जा सकता है।

इस अवसर पर भारत सरकार के रेल एवं फूड प्रोसेसिंग मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, गोरखपुर के सांसद रवि किशन आदि उपस्थित रहे।

धर्म संसद विकसित राष्ट्र के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पतंजलि ऑडिटोरियम में आयोजित युवा धर्म संसद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सेवा संस्थानम द्वारा आयोजित चतुर्थ युवा धर्म संसद में पहुँचे सभी महानुभावों तथा युवा शक्ति का देवभूमि उत्तराखण्ड आगमन पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए कहा कि 11 सितम्बर 1893 में स्वामी विवेकानन्द जी द्वारा अमेरीका के शिकागो शहर में दिए गए उद्बोधन को आधार मानकर आयोजित यह कार्यक्रम देश की युवा शक्ति को राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने के लिए अवश्य ही प्रेरित करेगा क्योंकि यह संसद निष्ठावान और जागरूक नागरिकों के निर्माण का कार्य करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का युवा देश के प्रति जिम्मेदार भी है और कर्तव्य परायण भी, यह धर्म संसद विकसित राष्ट्र के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक वहां की युवाशक्ति संगठित तथा आत्मनिर्भर व राष्ट्रवाद की भावना से प्रेरित न हो। उन्होंने कहा कि आज भारत एक युवा देश के रूप में जाना जाता है और अगर देश के युवा सही दिशा में कार्य करेंगे तो निश्चित ही हमारा देश पुनः विश्व गुरू के पद पर आसीन होगा। देश को विश्व गुरू बनाने तथा वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं को अपने कन्धों पर जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि युवा सकारात्मक सोच के साथ अपनी रूचि के अनुसार कार्य क्षेत्र का चुनाव करें और यह स्मरण रहे कि राष्ट्र प्रथम।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा विकल्प रहित संकल्प होना चाहिए क्योंकि संकल्प में विकल्प ले आते हैं तो संकल्प वहीं पर समाप्त हो जाता है, हमारे रास्ते बदल जाते हैं, मंजिल हमसे दूर हो जाती है और सपने हम से रूठ जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारतीय संस्कृति को संपूर्ण विश्व में पहचान मिल रही है और भारतीय सनातन संस्कृति की अनमोल धरोहर योग और प्राणायाम को पूरा विश्व अपना रहा है। आज विश्व के अनेक देशों में लोग, गीता के सार को सुन भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने के साथ ही देश को आगामी 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के मिशन पर कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड अध्यात्म की धरती रही है। सरकार उत्तराखंड के अंदर धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने दून विवि में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि विकसित राष्ट्र के निर्माण में उत्तराखंड के युवा भी आगे बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड के युवा आज स्टार्टअप के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं। देश के युवाओं में पर्याप्त सामर्थ्य और ऊर्जा है। आप सभी युवा भारतीय संस्कृति के संवर्धन के लिए संकल्पबद्ध हैं।

कार्यक्रम में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के महासचिव चम्पत राय, सिद्धपीठ श्री हनुमन्निवास अयोध्या आचार्य मिथिलेश नंनिदनी शरण जी महाराज, बाबा रामदेव ने भी अपने विचार प्रकट किए।

इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, पूर्व विधायक सुरेश राठौर, जिलाध्यक्ष भाजपा शोभाराम प्रजापति, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल उपस्थित थे।

पत्रकार कल्याण कोष के लिए कॉरपस फंड की धनराशि 05 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ की जायेगीः सीएम

सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक प्रभावी माध्यम से पंहुचाने के लिए सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। आधुनिक तकनीक के प्रयोग के साथ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के साथ ही सोशल मीडिया और यूट्यूब माध्यमों का भी अधिकाधिक प्रयोग सुनिश्चित किया जाए। कार्यों में तेजी लाने के लिए सूचना विभाग द्वारा ई-फाइलिंग प्रणाली का पूर्ण उपयोग किया जाए। जनपदों में सूचना तंत्र को मजबूत किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सूचना तंत्र राज्य के पर्वतीय जनपदों में भी मजबूत हो। इसके लिए विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को जनपदों का नोडल अधिकारी बनाया जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिंग रोड स्थित सूचना भवन में सूचना विभाग की लगभग 05 घण्टे की समीक्षा के दौरान दिये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सूचना विभाग के विभिन्न प्रभागों का निरीक्षण भी किया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि पत्रकार कल्याण कोष के लिए कॉरपस फंड की धनराशि 05 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ की जायेगी। पत्रकारों के लिए ग्रुप इंश्योरेंस लागू करने के सबंध में उन्होंने विभाग को परीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। तहसील स्तर तक पत्रकारों को मान्यता प्रदान करने के लिए भी व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने कहा कि सरकार और जनता के बीच समन्वय बनाने के लिए सरकार के चेहरे के रूप में सूचना विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि मीडिया और विभिन्न प्रचार माध्यमों से जनता को सरल भाषा में सरकार के कार्यों और योजनाओं की जानकारी दी जाए।

जनहित में सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यों की सक्सेस स्टोरी नियमित प्रकाशित की जाए। मुख्यमंत्री ने सचिव सूचना को निर्देश दिये कि विभाग के कार्यों में और तेजी लाने और विभिन्न व्यवस्थाओं में सुधार के लिए प्रत्येक 15 दिनों में विभाग की समीक्षा की जाए। सूचना विभाग द्वारा विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए सरकार के महत्वपूर्ण कार्यों को मीडिया के माध्यम से जन सामान्य तक पहुंचाया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि विकास पुस्तिका डिजिटल रूप में भी प्रस्तुत की जाए। फिल्म निर्माताओं को राज्य में फिल्म निर्माण के लिए निरंतर प्रोत्साहित किया जाए और उन्हें हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों की आजीविका में भी वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में हो रहे विभिन्न घटनाक्रमों की भी नियमित मॉनिटरिंग की जाए। जिला सूचना अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाए कि जनपदों में मीडिया के साथ बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें। जिलाधिकारी और अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाते हुए सरकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाए। उन्होंने निर्देश दिये कि जनपद स्तर पर सूचना तंत्र को और मजबूत बनाने के लिए मानव संसाधन के साथ आधुनिक तकनीक पर विशेष बल दिया जाए।
सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने मुख्यमंत्री को विभागीय क्रियाकलापों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में प्रिंट मीडिया में 1572 सूचना पत्र/पत्रिकाएं सूचीबद्ध हैं, जबकि 41 इलेक्ट्रॉनिक चौनल सूचीबद्ध हैं। सोशल मीडिया में 615 वेब पोर्टल व 13 कम्युनिटी रेडियो सूचीबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि विभाग में कार्मिकों के काफी पद रिक्त चल रहे हैं। सूचना अधिकारी और अन्य पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।

बैठक में विधायक उमेश शर्मा काऊ, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव सूचना शैलेश बगोली, अपर निदेशक सूचना आशिष त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक के.एस. चौहान, डॉ. नितिन उपाध्याय, वरिष्ठ वित्त अधिकारी शशि सिंह, उप निदेशक मनोज श्रीवास्तव और रवि बिजारनियां उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने पलायन रोकने के लिये बतायी प्रभावी चिंतन की जरूरत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पलायन रोकने के लिये प्रभावी चिंतन की जरूरत बतायी है। पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन के कारणों का गहराई से अध्ययन किये जाने, युवाओं में स्वरोजगार के प्रति जागरूकता के लिये ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशालाओं के आयोजन तथा जनपद स्तर पर जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा के निर्देश दिये हैं। इसमें जिला स्तरीय अधिकारियों का सहयोग लिये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही है। उन्होंने कहा कि आयोग के सुझावों पर शासन स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन की व्यवस्था सुनिश्चित हो। राज्य की रिवर्स माइग्रेशन की स्थिति का अध्ययन एवं राज्य में वापस आये लोगों के अनुभवों का लाभ लेने पर भी ध्यान देने को कहा। राज्य स्थापना दिवस के आसपास प्रदेश में आयोजित प्रवासी सम्मान समारोह के आयोजन तथा हाउस ऑफ हिमालयाज की सफलता के लिये राज्य के परम्पारागत उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देने की भी मुख्यमंत्री ने जरूरत बतायी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की 7 वीं बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका में तेजी से वृद्धि हो उसके लिए भी व्यापक स्तर पर कार्य योजनाएं बनानी होंगी। सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों की आजीविका वृद्धि के साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। उद्योग, पर्यटन, कृषि, बागवानी को बढ़ावा देने के लिए निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग रिवर्स पलायन कर राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार के साथ ही अन्य लोगों को भी स्वरोजगार से जोड़ रहे हैं, ऐसे लोगों को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में वन पंचायत नियमावली को मंजूरी दी गई है। इससे जड़ी-बूटी उत्पादन, वृक्षारोपण, जल संचय, वनाग्नि रोकथाम, इकोटूरिज्म के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य हो सकेंगे तथा इस क्षेत्र में स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने वन पंचायतों एवं सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर जंगली जानवरों से खेती के नुकसान को कम करने पर भी ध्यान देने को कहा इससे हाउस ऑफ हिमालयाज के लिये उत्पादों की उपलब्धता में भी मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड वेडिंग डेस्टिनेशन बने, इस दिशा में भी प्रयास होने चाहिए। यहां का सौंदर्य देश व दुनिया के लोगों को आकर्षित करता रहा है। राज्य सरकार वेडिंग डेस्टिनेशन के लिये राज्य में विस्तृत नीति तैयार करने जा रही है। शीघ्र ही इसके परिणाम सामने आयेंगे।

बैठक में ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस. एस. नेगी ने कहा कि आयोग द्वारा अब तक 21 रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत की जा चुकी हैं। जिनमें राज्य के विभिन्न जनपदों में सामाजिक, आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने तथा पलायन को कम करने से सम्बन्धित सिफारिसें प्रस्तुत की गई हैं। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा राज्य में पलायन की स्थिति पर द्वितीय सर्वेक्षण रिपोर्ट भी शासन को प्रस्तुत की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा दिए जाने हेतु विभिन्न स्थनों पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। जनपद पौड़ी, चमोली एवं रूद्रप्रयाग हेतु प्रथम ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला पौड़ी में, जनपद बागेश्वर, नैनीताल एवं अल्मोडा हेतु, द्वितीय ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला हल्द्वानी (नैनीताल में), जनपद पिथौरागढ़, चम्पावत एवं ऊधमसिंह नगर हेतु तृतीय ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला आयोजन रूद्रपुर, ऊधमसिंह नगर में एवं जनपद उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून एवं हरिद्वार हेतु चतुर्थ ग्रामीण स्वरोजगार कार्यशाला देहरादून में आयोजित किए गए।

बैठक में आयोग के सदस्यों ने बताया कि उनके द्वारा भारत-चीन अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से लगे जनपद उत्तरकाशी चमोली एवं पिथौरागढ़ के क्षेत्रों में स्थानीय निवासियों से संवाद किया गया एवं विभिन्न विभागों द्वारा संचालित स्वरोजगारपरक योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ चर्चा की गयी। पलायन पर विधान सभा समिति की उपस्थिति में सुझावों पर विचार के साथ शिक्षा विभाग के साथ बैठकें, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालयों के साथ बैठकें एवं समय-समय पर आयोग द्वारा आयोजित विभिन्न विभागों के साथ बैठकों में मांगे गए सुझावों पर आयोग द्वारा कार्य गतिमान है।

उनका मानना था कि राज्य में लोगों का रूझान रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में बढ़ रहा है। राज्य में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा देने के लिए फसलों को जंगली जानवरों से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने, पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं एवं महिलाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार से जोड़ने तथा त्रिजुगीनाराण के साथ ही अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर वेडिंग की सुविधायें विकसित करने पर ध्यान देने का सुझाव रखा। मुख्यमंत्री द्वारा अपने जनपदों के प्रवास में होम स्टे में रात्रि विश्राम की परम्परा को सभी ने होम स्टे योजना को बढ़ावा देने वाला बताया।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा, आयोग के सदस्य राम प्रकाश पैन्यूली, दिनेश रावत, सुरेश सुयाल, अनिल सिंह शाही, रंजना रावत, आयोग के सदस्य सचिव राजेन्द्र सिंह रावत, ग्राम्य विकास के उपायुक्त, ए०के० राजपूत एवं ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग के शोध अधिकारी, गजपाल चन्दानी आदि उपस्थित रहे।

देश में नवाचार के क्षेत्र में मॉडल बने उपनलः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि० (उपनल) के द्वारा 25000 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने तथा पिछले 20 वर्षों में पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिये उपनल ने एक संस्था के रूप में स्वयं को अपग्रेड करने का सराहनीय कार्य किया है। उपनल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मिशन मोड में काम करते हुए अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करने के लिये उन्होने शुभकामनाएं भी दी। मुख्यमंत्री ने उपनल को देश में नवाचार के क्षेत्र में मॉडल के रूप में पहचान बनने की सलाह दी। उन्होंने घोषणा की कि उपनल के मुख्यालय भवन के लिये देहरादून में निशुल्क भूमि उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने इस भवन को पर्वतीय शैली में आधुनिक सुविधा युक्त बनाये जाने को कहा।

डी.एस.ओ.आई. गढ़ी कैंट देहरादून में उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लि० के 20 वें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं भी एक सैनिक के बेटे हैं। एक सैनिक परिवार में पले-बढ़े हैं। पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवार की समस्याओं और चुनौतियों को उन्होंने नजदीक से देखा और समझा है। इसलिए जब हमारी सरकार आयी तो हमने पूर्व सैनिकों को दिया जाने वाला प्रोत्साहन भत्ता तीन महीने के स्थान पर हर महीने दिये जाने का निर्णय लिया, हमारे इस फैसले से 25000 पूर्व सैनिकों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 10 साल से कम अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को लगभग 5000 रूपए और 10 साल से अधिक अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को लगभग 6000 हजार रूपए प्रति महीने की प्रोत्साहन राशि दे रही है। इसके साथ ही हमने सेना में परमवीर चक्र से लेकर मेन्सन इन डिस्पैच से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त तथा वार्षिकी राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहीदों की स्मृति में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। सैनिकों का सम्मान हमारे लिये सर्वाेपरि है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न युद्धों व आंतरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों की वीर नारियों एवं आश्रितों को उत्तराखण्ड शहीद कोष से एकमुश्त दस लाख का अनुग्रह अनुदान अनुमन्य किया गया है। सरकार द्वारा युद्ध विधवा एवं युद्ध अपंग सैनिकों को दो लाख की आवासीय सहायता भी प्रदान की जाती है । इसी प्रकार स्टाम्प ड्यूटी में छूट सुविधा प्रदान करने वालों में उत्तराखण्ड चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहाँ सेवारत व पूर्व सैनिकों को 25 लाख मूल्य के स्थायी संपत्ति की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 25 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की गयी है। इस के साथ ही सैनिक विधवाओं की पुत्री एवं पूर्व सैनिकों की अनाथ पुत्रियों के विवाह हेतु एक लाख रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। सैनिक विधवाओं के पुनर्विवाह हेतु एक लाख रूपये का अनुदान दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व सैनिकों तथा सैनिक विधवाओं के बच्चों को कक्षा 01 से स्नातकोत्तर एवं व्यावसायिक शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। हमारी सरकार पूर्व सैनिकों के लिए पेट्रोल पंप और मेटेल चेन खोलने के प्रस्ताव पर भी काम कर रही है। इन सेंटरों को चलाने का पूरा काम पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों के द्वारा किया जाएगा। जिसमें एक सेंटर पर रोजगार के कम से कम 50 अवसर सृजित होने की उम्मीद है। हमारी सरकार शुरु से ही सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के उत्थान हेतु पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सैनिकों और पूर्व सैनिकों के उत्थान हेतु लगातार प्रयासरत हैं। देश में वन रैंक – वन पेंशन की शुरुआत मोदी जी ने ही की। जिससे पूर्व सैनिकों को ना सिर्फ आर्थिक मजबूती मिली बल्कि उनके आत्मसम्मान की भी रक्षा हुई। इसके लिये उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आने वाले समय में भी सेवारत सैनिकों के साथ ही पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के हितों के लिए निरन्तर प्रयास जारी रखेगी।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लेकर आयी। हमने प्रदेश में देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया, इसमें पेपरलीक जैसी घटनाओं पर लगाम लग चुकी है और सभी परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड में पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना सच होने जा रहा है। दुर्गम पहाड़ों के बीच से ऋषिकेश से आगे कर्णप्रयाग तक ट्रेन का संचालन होना किसी सपने का साकार होने जैसा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन पर तेज गति से कार्य चल रहा है। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर भी सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है और जल्दी ही इसमें भी काम शुरू हो जायेगा। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री जी द्वारा अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उत्तराखंड के छह स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। देहरादून से आनन्द विहार के बीच इसी वर्ष वन्दे भारत ट्रेन का संचालन होना हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। अब शीघ्र ही हमें देहरादून से लखनऊ-अयोध्या और वाराणसी के मध्य भी वंदे भारत ट्रेन के संचालन की सौगात मिलने वाली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आयोजित वैश्विक निवेश सम्मेलन में 3.50 लाख करोड़ के एम.ओ.यू. हुए हैं जिनमें से अब तक 71 हजार करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउण्डिग की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के सपने साकार हो रहे हैं। इससे रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सचिव दीपेन्द्र चौधरी, चेयरमैन उपनल मे.जनरल (से.नि.) समीर सब्रवाल, एमड़ी ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एनएस. बिष्ट, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं संस्थापक उपनल ले.ज. (से.नि.) टी.पी.एस रावत ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पूर्व सैन्य अधिकारी एवं सैनिक उपस्थित थे।

हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड से आमजन, स्वयं सहायता समूहों आदि को भी जोड़ा जायेः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन सभागार में हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किये जाने तथा उत्तराखंड के उत्पादों की अभिवृद्धि हेतु एक्टिव प्लान, इम्प्लीमेंटेशन तथा स्ट्रटेजी के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक आयोजित हुई।

मुख्यमंत्री को समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किये जाने तथा उत्तराखंड के उत्पादों की अभिवृद्धि हेतु किये जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत देवभूमि उत्तराखण्ड के लोकल उत्पादों-झिंगोरा, लाल चावल, राजमा, गहत दाल, हल्दी पावडर, बुरांश, शहद, तोर दाल, काले सोयाबीन, बासमती चावल, दालचीनी, सेव जाम, मशरूम व लहसून का अचार सहित प्रथम चरण में 21 उत्पादों को तथा द्वितीय चरण में 22 उत्पादों को ग्लोबल बनाने के लिये कार्य किया जायेगा, जिसमें ग्राम्य विकास, वन, कृषि, उद्योग, सहकारिता सहित नीदरलैण्ड बेस्ड कम्पनी वूमन ऑन विग्स का भी सहयोग प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कौन-कौन से प्रोडक्ट होंगे, उत्पादों की खरीददारी, कहां-कहां पर इनके स्टोर होंगे, इसमें कौन-कौन से पदाधिकारी होंगे आदि के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा करते हुये इनकी स्वीकृति प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत जो भी उत्पाद रखे जायें, उनकी गुणवत्ता, पैकेजिंग आदि पर विशेष ध्यान देते हुये इस ब्राण्ड से आमजन, स्वयं सहायता समूहों आदि को भी जोड़ा जाये तथा जल्द से जल्द इसकी शुरूआत की जाये। इस पर अधिकारियों ने बताया कि गुणवत्ता कण्ट्रोल के लिये एक टीम गठित की जायेगी, जो इस ब्राण्ड के अन्दर आने वाले उत्पादों की निरन्तर मॉनिटरिंग करेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत आने वाले उत्पादों का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर0के0 सुधांशु, सचिव राधिका झा, विनय शंकर पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन सहित संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने देहरादून में ’नारी शक्ति महोत्सव’ में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के बन्नू मैदान में आयोजित नारी शक्ति महोत्सव में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने 1055.57 करोड़ रुपये की कुल 600 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 617.05 करोड़ की 270 योजनाओं का लोकार्पण एवं 438.52 करोड़ की 330 योजनाओं का शिलान्यास किया गया।
कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री ने सिलाई-कड़ाई का प्रदर्शन कर रही महिलाओं के बीच जाकर उनका उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत में कन्या पूजन किया, जिसके बाद उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में स्थान बनाने वाली महिलाओं की भी हौसलाअफजाई की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में पहुँची माताओं-बहनो का वंदन करते हुए कहा कि आज इस कार्यक्रम के माध्यम से द्रोणनगरी के विकास के लिए एक हजार करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया गया है। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं देहरादून ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण से लेकर विकसित उत्तराखंड के स्वप्न को साकार करने में मातृशक्ति का महत्वपूर्ण योगदान है। उत्तराखंड में महिलाओं की वीरता, साहस, शौर्य और संघर्ष के रूप में तीलू रौतेली, राजमाता कर्णावती, विशनी देवी शाह आदि को याद किया जाता है और हमारी सरकार “सशक्त नारी – समृद्ध नारी“ की संकल्पना को आगे बढ़ाते हुए महिलाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार न केवल महिलाओं के कल्याण और विकास की योजनाएं संचालित कर रही है बल्कि प्रत्येक विभाग के स्तर से महिलाओं को केंद्रित करते हुए विकास की रूपरेखा तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखंड के हर जिले को “विकसित जिला“ बनाने के लिए दिन रात कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि महिलाएं यदि हाथ में लेखनी ले लें, तो वेदों की ऋचाएं तक रच दें और तलवार ले लें तो धरा का मानचित्र बदल दें। इसलिए हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि जिस स्थान पर नारी की पूजा की जाती है, वहां स्वयं भगवान का निवास होता है। यही कारण है कि हमारी भारतीय सनातन संस्कृति में नारी को देवी का दर्जा प्राप्त है और वेदों में भी महिलाओं से आह्वान करते हुए कहा गया है कि वे सक्षम हों, समर्थ हों और राष्ट्र को दिशा दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं, वह हर जगह पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। चाहे घर हो या युद्ध का मैदान, राजनीति हो या सिनेमा, वैज्ञानिक क्षेत्र हो या कृषि और शिक्षा का क्षेत्र महिलाओं ने हर जगह अपने आपको साबित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि आज प्रदेश के दुर्गम गांव-गांव में महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर कुटीर उद्योगों के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति प्रदान कर रही हैं। महिलाओं के पास कौशल की कभी कोई कमी नहीं रही और अब यही कौशल उनकी और उनके परिवारों की आर्थिकी को शक्ति प्रदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व काल में आज देशभर में करीब 23 करोड़ महिलाओं को जन धन खातों के जरिए बैंकों से जोड़ा जा चुका है।
आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने प्रत्येक क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। वित्तीय स्वावलंबन से लेकर सामाजिक सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से लेकर आवास, शिक्षा से लेकर उद्यमिता तक, हमारी नारी शक्ति को भारत की विकास यात्रा में सबसे आगे रखने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। ये प्रयास आने वाले समय में और भी अधिक उत्साह के साथ जारी रहेंगे। उज्ज्वला योजना, हर घर नल से जल, शौचालयों का निर्माण यह सभी कार्य इसके उदाहरण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण का संपूर्ण लाभ देने के लिए जिस तेज गति से काम किया, उससे हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को समझ सकते हैं।उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की समस्त माताओं और बहनों ने अपने अथक परिश्रम से जहां एक ओर आर्थिक रूप से अपने आपको आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया है वहीं देवभूमि की सभ्यता और संस्कृति को भी जीवंत रखा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 140 करोड़ देशवासियों को एक परिवार की तरह हर योजना का लाभ दिया। पूरा उत्तराखंड मोदी का परिवार है। देश की 140 करोड़ की जनता मोदी का परिवार है। इस देश का बच्चा-बच्चा मोदी का परिवार है। आप सभी माताएं-बहनें मोदी जी का परिवार है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक हर व्यक्ति मोदी का परिवार है।
अटक से कटक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर एक परिवार, मोदी का परिवार है। और यह परिवार यूं ही नहीं है मोदी जी का परिवार है, इसके लिए मोदी जी की गारंटी हमारे साथ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि मैं, कहूँ कि ’’जब सभी से उम्मीद खत्म हो जाती है, तब ’मोदी की गारंटी’ शुरू होती है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नही होगी। मोदी की गारंटी चुनाव जीतने के लिए तैयार कोई फार्मूला नहीं है, मोदी की गारंटी गरीबों का विश्वास है। आज देश का हर गरीब व्यक्ति जानता है कि मोदी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे। आज देश के हर गरीब व्यक्ति को पता है कि मोदी की गारंटी पर विश्वास किया जा सकता है। गरीबों के इस विश्वास से ही हमें और आप सभी को ऊर्जा मिलती है। क्योंकि मोदी जी की गारंटी यानी आत्मनिर्भर भारत की गारंटी। मोदी की गारंटी यानी विकसित भारत की गारंटी। मोदी की गारंटी यानी गरीबों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी। मोदी की गारंटी यानी महिलाओं को इज्जत घर की गारंटी। मोदी की गारंटी यानी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की गारंटी। मोदी की गारंटी यानी कश्मीर से धारा 370 के खत्म होने की गारंटी और मोदी की गारंटी यानी भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के संकल्प की गारंटी और मोदी की इसी गारंटी के बल पर हम भी उत्तराखंड को विकसित उत्तराखंड बनाने के लिए दिन रात कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें आपका आशीर्वाद और समर्थन चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महिला सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम हमारी सरकार के सशक्त मातृशक्ति सशक्त राज्य के संकल्प को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि माताओं-बहनों के उत्साह को देखकर मुझे पूर्ण विश्वास है कि जिस प्रकार आपने समय-समय पर अपनी क्षमताओं से प्रदेश का गौरव और सम्मान बढ़ाने का कार्य किया है, उसी प्रकार हमारी सरकार के सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड निर्माण के “विकल्प रहित संकल्प“ की सिद्धि के लिए भी आप अपना योगदान सुनिश्चित करेंगी।
इस अवसर पर टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने कहा कि केंद्र एवं राज्य की सरकार आज महिलाओं के हित में दिन रात काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से महिलाओं के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सहदेव सिंह पुंडीर, सविता कपूर, बृज भूषण गैरोला, भाजपा महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय आदि उपस्थित रहे।

उधमसिंह नगर में समस्याओं के निराकरण को सीएम ने लगाया जनता दरबार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद ऊधमसिंह नगर स्थित लोहियाहेड कैम्प कार्यालय में क्षेत्र की जनता से मुलाकात की तथा उनकी समस्याएं सुनी। मुख्यमंत्री ने समस्याओं के निस्तारण हेतु सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के आधार पर हल करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आमजन की परेशानियों को दूर कराने के प्रति गंभीर है और आमजन की समस्याओं का निराकरण करना उनकी सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि जनसमस्याओं के समयबद्ध तरीके से निराकरण करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि लोगों को अपने काम के लिये अनावश्यक रूप से यहां न आना पङे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों की समस्याओं का निदान ग्राम स्तर पर ही हो जाए, इसकी व्यवस्था की जा रही है और रात्रि चौपाल का आयोजन इसी दिशा में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं का समाधान तेजी से हो इसके लिए जिलाधिकारियों को नियमित रूप से जन समस्याओं को सुनने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं जनपदों के भ्रमण के दौरान सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लगातार फीडबैक ले रहे हैं। जिलाधिकारियों को जनपदों में जनता दरबार, तहसील दिवस आदि की नियमित बैठकें करने के भी निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता के हित में काम कर रही है और जनहित में जटिल से जटिल मुद्दों को भी सुलझाया जा रहा है।
इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों गोपाल सिंह बिष्ट, शिव शंकर भाटिया, भगवान जोशी, पार्वती, प्रकाश तिवारी, सर्वेश पाठक, जगदीश चंद्र, सुरेश चंद्र आदि का एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से मिला और सीएम द्वारा राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन वृद्धि, 10 प्रतिशत आरक्षण, राज्य आंदोलनकारी चिन्हीकरण की तिथि को विस्तारित किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और आंदोलनकारियों से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
इस दौरान जिलाधिकारी उदयराज सिंह, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, डीएफओ संदीप कुमार, पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर घोड़के, अपर जिलाधिकारी वित्त एवम राजस्व अशोक कुमार जोशी, एसडीएम रविंद्र बिष्ट, तुषार सैनी सहित पूर्व विधायक नानकमत्ता प्रेम सिंह राणा, पूर्व मेयर काशीपुर ऊषा चौधरी, दान सिंह राणा, संतोष अग्रवाल, अजय मौर्य, सतीश गोयल सहित बड़ी संख्या में जनता उपस्थित थी।

मुख्यमंत्री ने चंपावत के लिए दो वोल्वों को दून से दिखाई हरी झंडी

जनपद चम्पावत को आदर्श बनाए जाने की परिकल्पना के दृष्टिगत प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा नित नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा चंपावत की जनता को एक और सौगात दी गयी है।। अपने विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत टनकपुर में मुख्यमंत्री ने देहरादून को 42 सीटर वोल्वो बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जिससे उत्तराखंड परिवहन निगम टनकपुर, चंपावत के बेड़े में दो वोल्वो बस शामिल हो गयी है।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने बनबसा में जगबुड़ा पुल पर बस की विधिवत पूजा अर्चना की। ततपश्चात जगबुड़ा पुल से टनकपुर तक करीब आठ किमी वाल्वो में सफर किया। जनपद के सीमांत क्षेत्र टनकपुर और राजधानी देहरादून के बीच वोल्वो सेवा शुरू होने से लोगों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी। टनकपुर और नेपाल सीमा से लगे इलाकों के लोग अब वोल्वो बस से सीधे राजधानी देहरादून तक का सफर कर सकेंगे। इससे आवागमन सुगम होगा। टनकपुर में वोल्वो बस को हरी झंडी दिखाने के बाद मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि जनता को सहूलियत उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। लोगों को वोल्वो बस सेवा से आधुनिक और आरामदायक परिवहन की सुविधा मिलेगी। टनकपुर के लिए वोल्वो बस सेवा का उपलब्ध होना पर्यटन परिदृश्य के लिए भी नए आयाम लेकर आएगा। वोल्वो बस प्रतिदिन रात 8 बजे टनकपुर से देहरादून के लिए रवाना होकर दूसरे दिन प्रात 5 बजे देहरादून पहुंचेगी। दूसरी बस प्रतिदिन रात 9 बजे देहरादून से टनकपुर के लिए रवाना होगी और दूसरे दिन प्रातः 6 बजे टनकपुर पहुंचेगी।

उन्होंने कहा कि टनकपुर नगर में 5590.70 लाख की लागत से बनने वाले रोडवेज बस टर्मिनल, डिपो वर्कशॉप बिल्डिंग, रीजनल वर्कशॉप बिल्डिंग एवं टायर शॉप के निर्माण कार्य किया जा रहा हैं। इसके अंतर्गत जनपद के टनकपुर शहर में बनने वाले बस टर्मिनल को आधुनिक सुविधाओं से लैस बनाया जाएगा। जिसमें बस टर्मिनल, बस डिपो अंतर्गत 100 व्यक्तियों का क्षमता युक्त वातानुकूलित प्रतीक्षालय, 100 व्यक्तियों की बैठक क्षमता युक्त फूड कोर्ट, 170 वाहन क्षमता युक्त कार पार्किंग, 20 बेडेड पुरुष एवं महिला डॉरमेट्री, 12 बसों हेतु बोर्डिंग प्लेटफार्म, 24 बसों हेतु बस पार्किंग, 7 बसों हेतु इलेक्ट्रॉनिक चार्जिंग युक्त पार्किंग सुविधा, 20 बसों हेतु वर्कशॉप सुविधा, शॉपिंग स्टोर, रेस्टोरेंट्स, डिस्पेंसरी, एवं क्लॉथ रूम सुविधा, पुरुष एवं महिला सार्वजनिक शौचालय बनाया जाएगा। जनपद आदर्श तभी बनेगा जब जनपद प्रत्येक सुविधाओं से लैस रहेगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हमें आधुनिक सुसज्जित बस अड्डे के निर्माण को प्राथमिकता देनी होगी तभी बाहर से आने वाले पर्यटकों व यात्रियों को यात्रा करने में सुगमता होगी। आईएसबीटी बनने से रोजगार के साधन भी बढ़ने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल माहरा, प्रदेश मंत्री भाजपा हेमा जोशी,जिला प्रभारी व प्रदेश मंत्री भाजपा विकास शर्मा, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, एसपी देवेन्द्र पींचा, विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, दीपक रजवार, भाजपा जिला महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, सुभाष बगौली, गोविन्द सामंत, उत्तराखंड परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पवन माहरा, उपजिलाधिकारी आकाश जोशी, जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, अधिकारी व आम जनता मौजूद रही।उााााा

इससे पूर्व मुख्यमंत्री के जनपद आगमन पर जिलाधिकारी समेत पार्टी कार्यकर्ताओं सहित क्षेत्रीय जनता द्वारा उनका स्वागत किया। इस मौके पर छोलिया दल द्वारा उनका स्वागत किया।