उपनिषदीय दर्शन बोध पुस्तक के विमोचन पर सीएम ने दी लेखक प्रकाश सुमन को शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रकाश सुमन ध्यानी द्वारा लिखित पुस्तक ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ का विमोचन किया। पुस्तक विमोचन के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी भूषण एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक के लेखक प्रकाश सुमन ध्यानी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे भारतीय वैदिक दर्शन और सनातन संस्कृति के संवाहक के रूप में एक नई पहचान स्थापित कर रहे हैं। इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने उपनिषद के जटिल और गूढ़ रहस्यों को साधारण तरीके से लिखा है। भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न आयामों को सबके समक्ष रखा है। उपनिषद भारतीय संस्कृति और दर्शन की अमूल्य निधि है, जिसने संपूर्ण विश्व को ज्ञान और चेतना का मार्ग दिखाया है। हमारी ज्ञान परंपरा संपूर्ण विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम के रूप में मानती है। उपनिषद आध्यात्मिक चिंतन के स्रोत के साथ ही मानवता को व्यावहारिक जीवन दृष्टि भी प्रदान करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से ज्ञान-विज्ञान आगे बढ़ रहा है, तब उपनिषदों और वेदों का ज्ञान हमारे लिए और भी प्रासांगिक हो जाता है। जीवन में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, भौतिकवाद की चकाचौंध के बीच में आत्मा और ब्रह्मा की खोज निश्चित रूप से हमें प्रेरणा देने का कार्य करेगी। यह पुस्तक सभी को आत्म विकास, आत्म चिंतन और स्वयं की खोज के लिए भी प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश देवभूमि होने के साथ ही आध्यात्मिक चिंतन का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। आदि शंकराचार्य, स्वामी विवेकानन्द और ऋषि-मुनियों ने इस पुण्य धरा को अपनी शरण स्थली बनाया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक हमारी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि श्री प्रकाश सुमन ध्यानी ने जीव विज्ञान की पढ़ाई कर आत्मज्ञान तक पहुंचकर ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक लिखी इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि उपनिषद जैसे विषय पर व्याख्यान करना बड़ी बात है। आज भारत की आस्था, निधि और गौरव ‘अध्यात्म’ की ओर आज पूरी दुनिया आ रही है। उन्होंने कहा कि भारत के मूल में आध्यात्मिक इंटेलिजेंस है। आध्यात्मिक इंटेलिजेंस हमारे देश की ख्याति है। भारत दुनिया को अध्यात्म और योग का ज्ञान देने वाला है।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी भूषण ने कहा कि ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक के माध्यम से लेखक ने आम जनमानस को उपनिषद और वेदों से जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया है। हमारे वेद उपनिषद और प्राचीन ग्रंथ 21वीं सदी की आवश्यकता बन रहे हैं। जीवन जीने की शैली हमारे ये ग्रंथ सिखाते हैं। भावी पीढ़ी को अपने नैतिक मूल्यों से जोड़ना जरूरी है। आसान भाषा में हमारे ग्रंथो को बच्चों और जनमानस के साथ जोड़ना जरूरी है। आत्मा का चिंतन और परमात्मा से जुड़ाव होना आवश्यक है। इस पुस्तक के माध्यम से इस दिशा में सराहनीय प्रयास किया गया है।

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, भाजपा के जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक के लेखक प्रकाश सुमन ध्यानी, गणेश खुगशाल एवं साहित्य से जुड़े लोग उपस्थित थे।

राज्य के सभी जनपदों में शीघ्र बनाये जाएं रूरल बिजनेस इंक्यूबेटर सेंटरः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ को वैश्विक स्तर पर ले जाने की योजना को सितम्बर तक पूर्ण रूप से धरातल पर लाया जाए। उत्पादों की गुणवत्ता, पैकेजिंग और मार्केटिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि हवालबाग और कोटद्वार में बनाये गये रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर की तरह ही राज्य के सभी जनपदों में जल्द रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर सेंटर बनाये जाएं। युवाओं और स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के क्षेत्र में बढ़ावा देने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, इसलिए विशेष ध्यान दिया जाए कि राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बनाई जा रही योजनाओं का नाम सरल और प्रभावी हो।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनता से जुड़ी 15 महत्वपूर्ण योजनाओं को चिन्हित किया जाए, योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए जनपदवार रैंकिंग की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने सचिव ग्राम्य विकास को निर्देश दिये कि योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों को समय-समय पर गांवों में भेजा जाए। सचिव भी स्वयं कुछ गांवों में जाएं। ग्राम सभाओं की बैठकों में ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को भेजा जाए। अमृत सरोवरों के निर्माण और मेंटेनेंस पर विशेष ध्यान दिया जाए। अमृत सरोवरों के किनारे वृक्षारोपण भी किया जाए।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए। कार्यों की गुणवत्ता में लापरवाही पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं निर्माण कार्यों का औचक निरीक्षण करेंगे। ग्रामीण निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ‘मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना’ के तहत गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। गांवों के विकास के लिए सड़क कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जाए।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत प्रशिक्षण संस्थाओं को लक्ष्यों की स्वीकृति, लक्ष्य के सापेक्ष कार्य आरंभ एवं लक्ष्य के सापेक्ष प्रशिक्षण में राज्य का प्रथम स्थान है। एन.आर.एल.एम योजना में उत्कृष्ट प्रदर्शन के फलस्वरूप विगत दो वर्षों में राज्य को लगातार बोनस प्राप्त हो रहा है। ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ माध्यम से आगामी 03 वर्षों में 25 करोड़ की बिक्री का लक्ष्य रखा गया है। लखपति दीदी योजना के तहत राज्य में अभी तक 93 हजार महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। 2026 तक 2.50 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत राज्य में 66,596 आवास बनाये गये हैं। एनआरएलएम के तहत राज्य में 66,459 समूहों का गठन किया गया है। जिसमें 5.06 लाख परिवारों को लाभ मिल रहा है। बैठक में जानकारी दी गई कि पीएमजीएसवाई के तहत अभी तक स्वीकृत 1864 बसावटों के सापेक्ष 1845 बसावटें संयोजित की जा चुकी हैं। इन बसावटों से लगभग 22 लाख की जनसंख्या लाभान्वित हुई हैं।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, राधिका झा, अपर सचिव सविन बंसल, मनुज गोयल, कर्मेन्द्र सिंह एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

रुद्रपुर में पीएम मोदी की पूर्व में हुई रैली जैसी ऐतिहासिक भीड़ उमड़ने से डबल इंजन सरकार पर जनता का भरोसा दिखा

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल सीट के रुद्रपुर में हुई जनसभा के साथ लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया है। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्व में हुई रैली जैसी भारी भीड़ उमड़ने से डबल इंजन सरकार पर जनता का भरोसा दिखा है। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जनता का आभार जताते हुए हर सीट पर कमल का फूल खिलाने की अपील की है। इधर, रुद्रपुर जनसभा के बाद मुख्यमंत्री धामी कल (आज) से कुमाऊं और गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र में हर दिन दो या उससे ज्यादा रैली और कार्यक्रमों में प्रतिभाग करेंगे।

देवभूमि में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि के साथ ही भाजपा ने नैनीताल सीट से प्रचार का श्री गणेश कर दिया है। रुद्रपुर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पार्टी प्रत्याशी अजय भट्ट के पक्ष में पहली चुनावी जनसभा को सम्बोधित किया। इस दौरान विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसी भीड़ जुटने पर मुख्यमंत्री धामी गदगद दिखे और कहा कि कार्यकर्ताओं का यह उत्साह बताता है कि जनता के आशीर्वाद से हम पांच लाख से ज्यादा वोटों से विजयी होंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार राज्य में विकास की नई इबारत लिख रही है। केदारखंड के साथ ही मानसखंड का विकास राज्य में तीर्थाटन, पर्यटन को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि देवभूमि की पांचों सीट पर रिकॉर्ड मतों से जीत होगी और देश के विकास की बागडोर तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगी। इससे जहां देश में बड़े बदलाव और विकास की नई गाथा लिखी जाएगी, वहीं 21वी शतबादी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बने इसकी परिकल्पना भी साकार होगी।

बगैर पूर्व सूचना और लावलश्कर मुख्यमंत्री को अपने घर पर देखकर चौंके अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष जीवन चंद्र आर्या

हल्द्वानी। लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मार्निंग वॉक के दौरान आम लोगों से मिलना, उनकी कुशल क्षेम पूछना और उनसे अपनी सरकार के कामकाज का फीडबैक लेना का सिलसिला नहीं छोड़ा। आज हल्द्वानी प्रवास के दौरान प्रातःकाल वह अचानक भाजपा नैनीताल जनपद के अनुसूचित जाति मोर्चा के उपाध्यक्ष जीवन चंद्र आर्या के घर पहुंच गए। उन्होंने आर्या के परिवारजनों से भेंट कर लम्बी बातचीत की और उनसे सुझाव भी लिये। मुख्यमंत्री को अचानक अपने घर में देखकर आर्या के परिजन और मोहल्ले के लोग अचंभित हो गए। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

मुख्यमंत्री बुधवार की सुबह लगभग 7 बजे हल्द्वानी में अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष जीवन चंद्र आर्या जी के घर पहुंच गए। बिना किसी पूर्व सुचना और तामझाम के मुख्यमंत्री ने आर्या के घर अचानक आमद दर्ज कराई। एक क्षण के लिए आर्या को भी विश्वास नहीं हुआ कि सूबे के मुखिया उनके घर पधारे हैं। आनन-फानन में उन्होंने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और अपने परिजनों को इसकी सूचना दी। मुख्यमंत्री ने आर्या को गले लगाकर उनसे किसी फार्मेलिटी न पड़ने का आग्रह किया और वह खुद आंगन में लगी कुर्सी पर बैठ गए। इसी बीच मोहल्ले के लोग भी बड़ी संख्या में वहां पहुंच गए। मुख्यमंत्री ने किसी को निराश नहीं किया। वह एक-एक कर सभी से मिले और उनकी कुशलक्षेम पूछी।

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून में हो या जिलों के दौरे पर, सुबह की सैर के दौरान वह राह चलते हुए आम लोगों से मुखातिब होते रहे हैं और उनसे सरकार के कामकाज का फीडबैक लेते हैं। उनकी यह आदत हमेशा से चर्चा में रही है। मुख्यमंत्री को बिना लावलश्कर के सड़क पर अकेले चलता देख लोग हैरान जरूर होते हैं लेकिन इस दौरान जिले में चल रहे कार्यों और सरकार की योजनाओं पर वह आसानी से अपनी प्रतिक्रया सीधे मुख्यमंत्री को दे पाते हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री भी लगे हाथ उनसे सुझाव ले लते हैं। जनता से मिलने वाले स़ुझावों को कई बार वह सरकार की योजनाओं और कार्य संस्कृति में शामिल भी कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विजन है कि वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रिम पायदान की श्रेणी में लाना है। इसके लिए वह साफ कह चुके हैं कि यह उनकी अकेले की यात्रा नहीं बल्कि प्रदेश के सवा करोड़ लोगों की सामूहिक यात्रा है। अपने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह लगातार प्रयास करते हैं कि ज्यादातर समय जनता के बीच बताएं और उनके फीडबैक व सुझाव लें।

स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलायें बन रही हैं आत्मनिर्भरः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रूद्रपुर में आयोजित नारीशक्ति वन्दन महोत्सव में उमड़े जनसैलाब में उपस्थित मातृशक्ति का आभार व्यक्त कर सभी को आगामी उत्तरायणी पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने विभिन्न महिला समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का भी निरीक्षण किया। अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को धरातल पर उतारने का कार्य हो रहा है, वहीं मातृ शक्ति की प्रतिभा और कौशल से देश व दुनिया को परिचित कराने का कार्य भी किया जा रहा है। उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृ शक्ति द्वारा दिए गए योगदान को कभी नहीं भुलाया नहीं जा सकता, मातृ शक्ति के सहयोग के बिना किसी भी समाज या किसी भी राष्ट्र का संपूर्ण विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में भी महिलाओं ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया था। आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर का उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने मातृ शक्ति का आवाह्न किया कि इस शुभ अवसर पर राम दीपोत्सव पर्व मनाने के लिए लोगों को जागरूक करने के प्रयास किये जाएं। 22 जनवरी को हर घर दीप जले, हर मंदिर में भगवान राम का गुणगान किया जाए। यह सम्पूर्ण देश के लिये गर्व की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो काम हो रहे हैं वे नए भारत की शानदार तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं को ’’सुविधा के साथ सुरक्षा भी’’ का सिद्धांत अपनाकर महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं। आज गांव-गांव में महिलाओं को घर, शौचालय, गैस, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और अन्य आवश्यक जरूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है। आज देशभर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं, उत्तराखंड में भी महिला स्वयं सहायता समूहों की बहनों ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। वर्तमान में देश में लगभग 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग 8 करोड़ बहनें जुड़ी है, पिछले 6-7 सालों के दौरान स्वयं सहायता समूहों में तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। उत्तराखंड में भी महिला स्वयं सहायता समूहों ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। महिलाओं में स्वरोजगार का दायरा बढ़ाने तथा आत्मनिर्भर भारत के संकल्प में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निरंतर प्रयासरत हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में हम भी अपने प्रदेश में महिलाओं को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रक्रिया के अंतर्गत राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही ’‘मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना‘’, ’’मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना’’, ’’लखपति दीदी योजना’’, ’’मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’, ’’नंदा गौरा मातृ वंदना योजना’’ और ’’महिला पोषण अभियान’’ जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं। उन्होंने कहा कि हमने एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया। प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की गई। वहीं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी पहली बार कार्रवाई करने से हम पीछे नहीं हटे।

कार्यक्रम को केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट, जनपद के प्रभारी मंत्री गणेश जोशी एवं क्षेत्रीय विधायक शिव अरोरा ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल, गुँजन सुखीजा, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, डीआईजी कुमाऊँ योगेंद्र रावत, जिलाधिकारी उदय राज सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

सीएम से मिल भू धंसाव के कारणों की जांच व आपदा राहत में केंद्रीय मदद का दिया भरोसा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) के अधिकारियों एवं सदस्यों ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से जोशीमठ भू धसांव से उत्पन्न स्थिति के बाद राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में चर्चा की। सभी ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा जोशीमठ भू धसांव क्षेत्र में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों के प्रयासों की सराहना की तथा मुख्यमंत्री को जोशीमठ क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति एवं भूधसांव के कारणों की जांच तथा आपदा राहत में केंद्रीय मदद का भरोसा दिया।

एनडीएमए सदस्यों का सुझाव था कि भूधसांव क्षेत्र में पानी कहां रूका हुआ है तथा भूधसांव के कारण क्या हैं, इसका पता लगाया जाना जरूरी है। इसके लिये सभी संबंधित संस्थानों के वैज्ञानिकों का सक्रिय सहयोग लिया जायेगा ताकि समस्या का समाधान हो। साथ ही आपदा पीड़ितों के पुनर्वास हेतु चयनित स्थलों का भी भूगर्भीय सर्वेक्षण पर ध्यान दिया जाय। इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में भी कार्य योजना बनाये जाने तथा इस संबंध में सभी संस्थानों द्वारा दी गई रिपोर्टों पर की जाने वाली कार्यवाही एक छत के नीचे हो ताकि अध्ययन रिपोर्टों का त्वरित लाभ प्राप्त हो।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एनडीएमए के अधिकारियों एवं सदस्यों से भू धसांव क्षेत्र की भूगर्भीय तथा अन्य आवश्यक जांच में सभी संबंधित संस्थाओं के समन्वय के साथ कार्य योजना में सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने उत्तराखण्ड के अन्य शहरों की धारण क्षमता के आकलन हेतु भी आवश्यक वैज्ञानिक शोध एवं परीक्षण आदि की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ का सांस्कृतिक, पौराणिक के साथ सामरिक महत्व भी है। यह बदरीनाथ का प्रवेश द्वार है।

उन्होंने कहा कि इस शहर को उसके पूर्व स्वरूप में लाने के लिये हमें समेकित प्रयासों की जरूरत रहेगी। राज्य सरकार युद्ध स्तर पर आपदा पीड़ितों की मदद की जा रही है। किसी भी पीड़ित को कोई कठिनाई न हो तथा उन्हें सभी अवश्यक सुविधायें मिले इसके निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर सचिव गृह मंत्रालय डी. एस. गंगवार, संयुक्त सचिव एस के जिंदल, एनडीएमए के सदस्य कमल किशोर, ले. ज. से.नि. सैयद अता हसनैन, कृष्ण वत्स, राजेन्द्र सिंह के साथ अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।