सीएम बोले, 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देने का रखा लक्ष्य

सोलर स्वरोजगार योजना में 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में ऊर्जा उत्पादन के नवाचारी व हरित तरीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत उत्तरकाशी निवासी युवा उद्यमी आमोद पंवार ने अपने गांव इंद्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट को स्थापित किया है, इस प्लांट से सालाना औसतन 3 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा, यह बिजली अगले 25 सालों तक यूपीसीएल खरीदेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को जिला योजना धनराशि से 40 प्रतिशत धनराशि पशुपालन, कृषि, मत्स्य, मौन पालन आदि स्वरोजगार योजनाओं में खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। उद्यमियों को ऋण लेने में समस्या न आए इसके लिए बैंकों से लगातार समन्वय किया जा रहा है। ताकि स्वरोजगार की दिशा में अधिक से अधिक उद्यमी अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर सकें। पर्यटन के क्षेत्र में दस हजार मोटर बाइक की स्वीकृति दी गई है जिस पर 2 साल तक का ब्याज राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी व्यंजनों के उत्पाद हमारी विरासत हैं। इनके माध्यम से स्वरोजगार किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, दूरसंचार, बिजली, पानी,आदि उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार निरंतर काम कर रही है। जल्द ही हिमालयन मीट (बकरे का मीट) की ब्रांडिंग करने वाले हैं। प्रकृति ने जो संसाधन हमें उपलब्ध कराए हैं उनका सही तरीके से उपयोग करें तो रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कैम्पा के माध्यम से आग बुझाने, पेयजल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने आदि कामों में बड़े पैमाने पर रोजगार की व्यवस्था की गई है। स्वरोजगार की दिशा में ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में निवेश कर उद्यम स्थापित करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता कर रही है। कोई भी व्यक्ति सोलर प्लांट, व पिरूल प्लांट की स्थापना कर सकता है।

पूर्वाेत्तर राज्यों की भांति उत्तराखंड को भी मिले विशेष पैकेजः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भेंट कर उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को पूर्वोत्तर राज्यों की भांति विशेष पैकेज देने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए बजट आवंटन में निर्धनता अनुपात के साथ ही पलायन की समस्या को भी आधार के रूप में लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत योजना के प्रारम्भ से वर्तमान तक 13 जनपदों के 95 विकासखण्डों में कार्य किया जा रहा है। अपने उद्देश्य की पूर्ति हेतु यूएसआरएलएम द्वारा स्वयं सहायता समूहों तथा उनके उच्च स्तरीय संगठनों का गठन कर लिया गया है। 16422 समूहों की सूक्ष्म ऋण योजना तैयार करते हुये उन्हें आजीविका गतिविधियों से जोड़ने के लिए समूहों को सीआईएफ एवं बैंक लिकेंज कर ऋण उपलब्ध कराया गया है। सूक्ष्म ऋण योजना के आधार पर राज्य में गठित समूहों द्वारा 65 प्रकार की आजीविका सम्वर्धन गतिविधियों का चयन किया गया है। समूहों की क्षमता विकास करते हुए उन्हे सतत् आजीविका के साधन उपलब्ध कराये जाने हैं, जिसके लिए इन समूहों को निरन्तर प्रशिक्षण की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि निर्धनता अनुपात के साथ-साथ पलायन व अति संवेदनशील सीमांत जनपदों व दैवीय आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में आजीविका के माध्यम से पलायन रोकने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को पूर्वोत्तर राज्यों की भांति विशेष पैकेज दिया जाए।

इस पर केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सकारात्मक रूख रखते हुए प्रकरण का परीक्षण कराने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए।