उत्त्राखंड के तराई क्षेत्र हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर में भाजपा के दो बड़े नेताओं का अच्छा खासा प्रभाव है। जिनमें मदन कौशिक और अरविन्द पाण्डेय का नाम शामिल है। अरविन्द पाण्डेय इस बार पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाये गये है। लेकिन अकसर चर्चाओं में रहने वाले अरविन्द पाण्डेय के पास जनसमुदाय की अच्छी पकड़ है। इसी के चलते वे राज्य गठन के बाद से ही लगातार जीत रहे है। एक बार तो वह अपनी सीट भी बदल चुके है। इसी के चलते राज्य सरकार भी अपने दंबग मंत्री के बचाव में रही है।
ताजा मामला है कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा एंव खेल मंत्री अरविंद पांडेय व अन्य पर वर्ष 2015 में नायब तहसीलदार से मारपीट के आरोप में दर्ज मुकदमा समेत चार मुकदमे वापस ले लिए हैं। शासन ने उनपर दर्ज इस मुकदमे के साथ ही सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने व शांति भंग आदि की धाराओं में दर्ज तीन अन्य और मुकदमे वापस लेने की संस्तुति की है। ये मुकदमे 2012 के बाद दर्ज किए गए थे।
इसी वर्ष कुंडेश्वरी थाने में दर्ज मुकदमे समेत पुराने अन्य मुकदमों पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है। कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय पर विभिन्न थानों में तकरीबन एक दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। आरोप था कि दिनेशपुर में नायाब तहसीलदार का वाहन रोक तत्कालीन गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय और उनके समर्थकों ने मारपीट की। इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।